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Showing posts from May, 2017

राजस्थान के क्रांतिकारी- विजयसिंह पथिक

विजयसिंह पथिक:- • मूल नाम भूपसिंह था। इनका जन्म 27 फ़रवरी 1882 को हुआ था। • उनका जन्म उत्तरप्रदेश के बुलन्दशहर जिले के ग्राम गुठावली में हुआ था • विजय सिंह पथिक अपनी युवावस्था में ही रासबिहारी बोस और शचीन्द्रनाथ सान्याल जैसे क्रान्तिकारियों के सम्पर्क में आ थे। 'लाहौर षड़यंत्र' के बाद उन्होंने अपना नाम बदल कर विजय सिंह पथिक रख लिया। •  1917 में पथिक जी ने ऊपरमाल पंचायत की स्थापना की। • साधु सीताराम के आग्रह पर इन्होंने बिजौलिया किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था। • पथिक जी ने बम्बई यात्रा के समय गाँधीजी की पहल पर यह निश्चय किया गया कि वर्धा से 'राजस्थान केसरी' नामक समाचार पत्र निकाला जाये। पत्र सारे देश में लोकप्रिय हो गया, परन्तु पथिक जी और जमनालाल बजाज की विचारधाराओं ने मेल नहीं खाया और वे वर्धा छोड़कर अजमेर चले गए। 1920 में पथिक जी के प्रयत्नों से अजमेर में 'राजस्थान सेवा संघ' की स्थापना हुई। • ‘‘वीर भारत समाज’’ की स्थापना इन्ही की देन हैं। विजय सिंह पथिक का निधन 28 मई, 1954 में हुआ।

राजस्थान के प्रमुख साहित्यकार

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डॉ. सीताराम लालसः बाडमेर जिले के सिरवाड़ी ग्राम में 25 नवम्बर, 1912 को जन्म हुआ। राजस्थानी भाषा का शब्दकोष नामक ग्रंथ के रचयिता अमरसेवी श्री लालस मूलतः जोधपुर के नरेवा ग्राम के निवासी थे। इसमें दस जिल्दों में दो लाख से अधिक शब्दों का यह राजस्थानी शब्दकोष अमर ग्रन्थ तैयार किया होगा। इस महान् उपलब्धि के कारण ही एनसाइक्लोपिडिया ब्रिटेनिका ने ‘श्री लालस’ को ‘ राजस्थानी जुबां की मशाल ’ कहकर संबोधित किया। राजस्थानी साहित्य अकादमी ने 1973 ई. में उन्हें साहित्य मनीषी, 1976 ई. में जोधपुर विश्वविद्यालय ने डी. लिट् की मानद उपाधि तथा भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1977 को पद्मश्री के अलंकरण से विभूषित किया।  29 दिसंबर 1986 को उनका जोधपुर में स्वर्गवास हो गया। नागरीदास ‘सावंतसिंह’ किशनगढ के राजा राजसिंह के पुत्र सावंतसिंह ने नागरीदास के नाम से 77 ग्रंथों की रचना की। इनका जन्म वि.सं. 1726 में हुआ। ये वल्लभ सम्प्रदाय के प्रसिद्ध कवि माने जाते हैं। ये प्रेम एवं श्रृंगार के कवि थे। इन्होंने सरल भाषा में राधा और कृष्ण की प्रेम लीलाओं का वर्णन किया हैं। इनकी रचनाओं में...

राजस्थान के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी अर्जुन लाल सेठी

अर्जुन लाल सेठी जन्मः 9 सितंबर, 1880 ई. को - राजस्थान में स्वतंत्रता आंदोलन के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी अर्जुन लाल सेठी की जन्मभूमि जयपुर थी। - राजस्थान में सशस्त्र क्रांति के कर्णधार सेठी जी ने 1905 में ‘जैन शिक्षा प्रचारक समिति’ की स्थापना की, जिसके तत्वाधान में क्रांतिकारियों का प्रशिक्षण केन्द्र ‘जैन वर्धमान पाठशाला’ शुरू की गई। - 1907 ई. में सूरत कांग्रेस में भाग लिया। 12 दिसंबर, 1912 ई. को दिल्ली में गवर्नर जनरल लॉर्ड हार्डिंग्स के जुलूस पर बम फेंकने की घटना की रूपरेखा सेठीजी की थी। - क्रांतिकारी माणकचन्द और मोतीचंद भी इस विद्यालय में ही पढ़ने आए थे। उनमें मोतीचंद को नीमेज के महंत हत्याकांड में फांसी की सजा दी गई। - सन् 1914 में सेठीजी को भी उक्त हत्याकांड के सिलसिले में नजरबंद कर दिया गया। इस नजरबंदी का विरोध होने पर सेठीजी को मद्रास प्रेसीडेन्सी के अधीन वैलूर जेल में भेज दिया गया। - सन् 1920 में जेल से मुक्त होने के बाद सेठीजी ने अजमेर को अपना कार्य क्षेत्र बनाया। - सन् 1921 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया और अजमेर में हिंदू-मुस्लिम एकता और शराब ...

Distribution of State Level Award 2014-15 by State Productivity Council, Jaipur

राज्य उत्पादकता परिषद्, जयपुर द्वारा राज्य स्तरीय पुरस्कार 2014-15 के वितरण  जयपुर। उत्पादकता के माध्यम से अंतिम व्यक्ति की खुशहाली के लिए सबको मिलकर काम करना चाहिए और इसके लिए कॉर्पोरेट को सोशल रेसपॉन्सबिलिटी (सीएसआर) में अहम भूमिका निभाने की आवश्यकता है। सीएसआर कोई दान नहीं है बल्कि यह एक कर्त्तव्य हैै। यह कहना है उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत का। श्री शेखावत रविवार को जयपुर स्थित राजस्थान चैम्बर में राजस्थान राज्य उत्पादकता परिषद्, जयपुर द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार 2014-15 के वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। श्री शेखावत ने इस अवसर पर कहा कि उत्पादकता एक विस्तृत संकल्पना है। उत्पादकता के माध्यम से आप समाज को क्या देते है, वह महत्वपूर्ण है। जब तक आप अपनी उत्पादकता को समाज के कल्याण के लिए प्रयोग नहीं करते तब तक वह चमक नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि जो समाज को देने की प्रवृत्ति रखता है, उसको सदियों तक याद किया जाता है। उन्होंने इस अवसर पर रानी पद्मावती और दानी भामाशाह का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अपार प्राकृतिक संसाधन ...

Rajasthan Chief Minister Smt Vasundhara Raje got the "Digital Leader of the Year" award

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राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे को मिला "डिजिटल लीडर ऑफ द ईयर" अवार्ड जयपुर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे को डिजिटल इंडिया समिट 2017 में ’डिजिटल लीडर ऑफ द ईयर’ अवार्ड से सम्मानित किया गया है। केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद से शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने ट्रॉफी ग्रहण की। मुख्यमंत्री श्रीमती राजे को प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अखिल अरोरा ने यह ट्रॉफी शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में भेंट की। डिजिटल इंडिया समिट के दौरान राजस्थान को तीन अन्य अवार्ड भी मिले। इसमें महिला सशक्तीकरण एवं वित्तीय समावेशन की भामाशाह योजना को ई-गवर्नेंस इनिशिएटिव ऑफ द ईयर अवार्ड, राजस्थान पुलिस के क्राइम कंट्रोल और डाटा एनालिसिस केन्द्र अभय कमाण्ड सेंटर को इफेक्टिव यूज ऑफ टेक्नोलॉजी फोर सिक्योरिटी एण्ड सेफ्टी अवार्ड तथा भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को हैल्थ इंश्योरेंस इनिशिएटिव ऑफ द ईयर पुरस्कार मिला। तीनों पुरस्कार सूचना प्रौद्योगिकी एवं आयोजना विभाग के अधिकारियों ने प्राप्त ...

Sachin A Billion Dreams first day earning master stroke! Made record ...

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Sachin A Billion Dreams ने पहले दिन लगाया कमाई का मास्‍टर स्‍ट्रोक! बनाया रिकॉर्ड... नई दिल्‍ली। सचिन तेंदुलकर के एक गली के क्रिकेट बॉय से 'क्रिकेट के भगवान' बनने तक के सफर को दिखाने वाली फिल्‍म 'सचिन ए बिलियन ड्रीम्‍स' ने अपनी रिलीज के पहले दिन रिकॉर्ड बना लिया है. पहले दिन इस फिल्‍म ने 8.40 करोड़ की कमाई कर ली है. दरअसल सचिन पर बनी यह फिल्‍म कोई फीचर फिल्‍म नहीं बल्कि एक डॉक्‍यू-ड्रामा है और यही कारण है कि इस श्रेणी में यह अब तक की सबसे बड़ी ऑपनिंग करने वाली फिल्‍म बन गई है. इतना ही नहीं, बल्कि इस साल रिलीज हुई फिल्‍मों में सबसे ज्‍यादा ऑपनिंग वाली टॉप 10 फिल्‍मों में भी सचिन की यह फिल्‍म शामिल हो गई है. सचिन तेंदुलकर की इस फिल्‍म का लोगों को बेसब्री से इंतजार था और क्रिकेट के इस महानायक को बड़े पर्दे पर देखने का एक्‍साइटमेंट जोरों पर था. ट्रेड एनलिस्‍ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर जानकारी दी, ' डॉक्‍यू-ड्रामा होते हुए भी सचिन ए बिलियन ड्रीम्‍स ने शानदार ऑपनिंग की है. शुक्रवार को इस फिल्‍म ने सभी भाषाओं में 8.40 करोड़ की कमाई की है.' बॉक्‍स ऑफिर ऑफ इंडि...

India's foreign exchange reserves reached record high

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकार्ड उंचाई पर पहुंचा मुंबई। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार गत 19 मई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 4.03 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 379.31 अरब डॉलर की रिकॉर्ड उंचाई पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है। इससे पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 44.36 करोड़ डॉलर घटकर 375.27 अरब डॉलर रह गया था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा एफसीए, 3.99 अरब डॉलर बढ़कर 355.097 अरब डॉलर पर पहुंच गया। डॉलर में दिखाया गया एफसीए देश के भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्य में कमी और बढ़ोत्तरी को दर्शाता है। इस दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.438 अरब डॉलर पर स्थिर रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस सप्ताह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार 1.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.469 अरब डॉलर हो गया जबकि आईएमएफ में देश के आरक्षित मुद्राभंडार की स्थिति 2.52 करोड़ डॉलर बढ़कर 2.305 अरब डॉलर हो गई।

राजस्थान के राज्य चिह्न

 राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजडी (Khejri (1983 में इसे राज्य वृक्ष घोषित किया गया ) इसका वैज्ञानिक नाम- प्रोसोपिस सिनेरेरिया है तथा इसका उपनाम- कल्पवृक्ष है, जिसे स्थानीय भाषा में  जांटी, शमी, थार का कल्पवृक्ष, रेगिस्तान का गौरव भी कहते है। राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण (1981 में इसे राज्य पक्षी घोषित किया गया ) इसका वैज्ञानिक नाम- एर्डियोटीस निग्रिसेप्स (Ardeotis nigriceps)है, तथा इसे Great Indian Bustard (शमिला पक्षी) भी कहते है और सोहन चिडिया के उपनाम से प्रसिद्ध है। सोंकलिया (अजमेर), सोरसण (बारां) और राष्ट्रीय मरु उधान में इस पक्षी का संरक्षण किया जाता है और यह वहां पर बहुतायत में पाया जाता है। राजस्थान का राज्य पशु चिंकारा (1981 में राज्य पशु घोषित किया गया ) इसका वैज्ञानिक नाम गजेला-गजेला है, यह हिरण प्रजाति का छोटा हिरण (antelope) है। ऊंट को भी राज्य पशु घोषित किया राज्य पुष्प रोहिडा (Rohida) को 1983 में राज्य पुष्प घोषित किया गया। इसका वैज्ञानिक नाम- टिकोमेला अंडूळेटाहै तथा इसका  उपनाम मरुशोभा या रेगिस्तान का साग़वान है । राजस्थान का र...

सूती वस्त्र उद्योग

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सूती वस्त्र उद्योग राजस्थान का सबसे प्राचीन तथा संगठित उद्योग है। राज्य में सबसे पहले 1889 ऐसा ब्यावर में निजी क्षेत्र की दी कृष्णा मिल्स लिमिटेड सेठ दामोदर दास व्यास ने स्थापित की। - 1906 में ब्यावर में ही एडवर्ड मिल्स लिमिटेड की स्थापना की। - 1925 में महालक्ष्मी मिल्स लिमिटेड की स्थापना - 1 अप्रैल, 1993 को गुलाबपुरा, गंगापुर और हनुमानगढ़ की तीनों सहकारी कताई मिलों एवं गुलाबपुरा की जिनिंग मिल्स संघ को मिलाकर राजस्थान राज्य सहकारी व जिनिंग मिल्स संघ लिमिटेड (स्पिनफेड), जयपुर स्थापित किया गया।  - राज्य में सबसे बड़ी सूती वस्त्र मिल उम्मेद मिल, पाली है, किन्तु कार्यषील करघों की दृष्टि से सबसे बड़ी कृष्णा मिल, ब्यावर है। - राजस्थान में श्रेष्ठ किस्म की कपास श्रीगंगानगर जि़ले में बोई जाती है और यहां सर्वाधिक उत्पादन होता है। - राज्य में पावरलूम उद्योग में कम्प्यूटर एडेड डिजायन सेंटर भीलवाड़ा में स्थापित किया गया है। राजस्थान में सहकारी सूती मिल - 3 1. गंगापुर - भीलवाड़ा में 2. गुलाबपुरा - भीलवाडा में 3. श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ सार्वजनिक क्षेत्र में तीन मिल 1....

Current GK

  मुंबई, कोटा दुनिया के सबसे भीड़ भरे शहरों में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने संयुक्त राष्ट्र-आवास डेटा का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया के सबसे भीड़-भाड़ वाले शहरों में ढाका शीर्ष स्थान पर है जबकि दो भारतीय शहरों - मुंबई और कोटा का नाम भी इसमें रखा गया है। 44,500 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या घनत्व के साथ बांग्लादेश की राजधानी ढाका धरती पर सबसे भीड़ भराशहर है, इसके बाद भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई 31,700 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर के साथ दूसरे स्थान पर है। राजस्थान का कोटा 12,100 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर के साथ सातवें स्थान पर रहा। पहला महिला टीवी चैनल अफगानिस्तान में शुरू किया गया है| यह अफ़ग़ानिस्तान का पहला महिला टीवी चैनल है| इस चैनल में प्रेजेंटर से लेकर प्रोड्यूसर तक पूरा स्टाफ महिलाओं का ही है। चैनल का नाम “वूमन्स टीवी” रखा गया है। इस चैनल पर देश में रोजाना होनी वाली हिंसक घटनाओं के पीछे के फैक्ट्स और हाईलाइट्स को दिखाया जायेगा। इसके अलावा इस पर हेल्थ और म्यूजिक प्रोग्राम भी दिखाए जायेंगे। हुगली नदी के नीचे चल रही भारत की पहली अंडरवाटर रेल सुरंग की बोरिंग जुलाई की ...

राजस्थान वित्त निगम

राज्य में सार्वजनिक उपक्रम एवं वित्तीय संस्थान राज्य में उद्योगों की स्थापना, विस्तार व आधुनिकीकरण कार्यो हेतु राष्ट्रीयकृत बैंकों, अखिल भारतीय राजस्थान वित्त निगमः  Rajasthan Finance Corporation इस वैधानिक निगम की स्थापना राज्य वित्त निगम अधिनियम 1951 के अन्तर्गत 17 जनवरी, 1955 को की गई तथा निगम ने 8 अप्रैल 1955 को कार्यारम्भ किया। निगम का प्रधान कार्यालय जयपुर में है। इसके 10 क्षेत्रीय कार्यालय तथा 41 शाखाऐं है एवं जोधपुर में एक अंचल कार्यालय कार्यरत है। इस संस्था की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य राज्य में तीव्र औद्योगिक विकास हेतु, लघु एवं मध्यम पैमाने के उद्योगों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। निगम की अधिकृत पूंजी 100 करोड रूपये तथा संचालक मंडल में 13 सदस्य होते है। निगम के प्रमुख कार्य औद्योगिक इकाइयों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराना, ऋणों की गारन्टी देना, अंशों व ऋण पत्रों का अभिगोपन तथा केन्द्र व राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना है। निगम कम्पोजिट टर्म लोन स्कीम के अन्तर्गत ग्रामीण व अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में दस्तकारों, कुटीर...

राजस्थान की खनिज सम्पदा

राजस्थान के प्रमुख खनिज संपदा देश में खनिजों की उपलब्धता और विविधता के मामले में राजस्थान समृद्ध राज्य है। यहां विभिन्न प्रकार के 81 खनिजों के भण्डार हैं। इनमें से वर्तमान में 57 खनिजों का उत्खनन किया जा रहा है। राजस्थान सीसा एवं जस्ता अयस्क, सेलेनाइट और वॉलेस्टोनाइट का एकमात्र उत्पादक राज्य है। देश में चांदी, केल्साइट और जिप्सम का लगभग पूरा उत्पादन राजस्थान में होता है। राजस्थान देश में बॉल क्ले, फास्फोराइट, ओकर, स्टीएटाइट, फेल्सफार एवं फायर क्ले का भी प्रमुख उत्पादक है। इसका आयामी और सजावटी पत्थरों यथा- संगमरमर, सेण्डस्टोन, ग्रेनाइट आदि के उत्पादन में भी देश में प्रमुख स्थान है। राज्य, भारत में सीमेंट ग्रेड व स्टील ग्रेड लाइम स्टोन के उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में खनन पट्टों का आवंटन ई-नीलामी बोली प्रक्रिया द्वारा किया जा रहा है। राज्य में प्रधान खनिजों के 176 खनन पट्टे तथा अप्रधान खनिजों के 14,982 खनन पट्टे एवं 17,481 खदान लाइसेंस जारी है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान खान एवं भू-विज्ञान विभाग द्वारा 7 हजार करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा, जिसकी तुलना में दिस...

स्व सृष्टि निर्मात्री

देखो श्रवणेन्द्री ऐसी, अभिमन्यु की मति ऐसी, स्व जननी की निन्द्रा से, चिरायु न पा सका । श्रवण किया चक्रव्यूह भेदन का, मातृगर्भ में ही अरिमर्दन का, जननी अनभिज्ञ रह गई, गर्भस्थ शिशु की जिज्ञासा बिन सुनी रह गई। जाग्रत न हुआ जननी को चक्रव्यूह भेदन श्रवण है अधूरा गर्भस्थ शिशु श्रवण न रहा अधूरा तभी अभिमन्यु चिरायु न पा सका लगा यह सर्वथा सत्य है जननी श्रवण मन्थन सत्य है प्रथम पाठशाला बाकी सब मिथ्या भ्रम है प्रथम स्वाध्याय गर्भस्थ शिशु का आत्ममन्थन स्व जननी का हो फलित होगा तब मात् प्रकट सृष्टि मे जन्मेगा तब तात् । कवि-  राकेश सिंह राजपूत

अग्नि नृत्य

अग्नि नृत्य का उद्गम बीकानेर जिले के कतरियासर से माना जाता है। अग्नि नृत्य राजस्थान के लोक नृत्यों में से एक है। यह नृत्य 'अग्नि' अर्थात् धधकते हुए अंगारों के बीच किया जाता है। इस नृत्य में केवल पुरुष भाग लेते हैं। राजस्थान में अग्नि नृत्य का आरम्भ 'जसनाथी सम्प्रदाय' के जाट सिद्धों द्वारा किया गया था। जसनाथी सिद्ध रतजगे के समय आग के अंगारों पर यह नृत्य करते हैं। ढेर सारी लकड़ियाँ जलाकर 'धूणा' किया जाता है। उसके चारों ओर पानी छिड़का जाता है। नृत्य करने वाले नर्तक पहले तेजी के साथ धूणा की परिक्रमा करते हैं ओर फिर गुरु की आज्ञा लेकर 'फतह! फ़तह!' (अर्थात् विजय हो! विजय हो!) कहते हुए अंगारों पर प्रवेश करते हैं। वे सिर पर पगड़ी, धोती-कुर्ता और पाँव में कड़ा पहनते हैं।

राजा राममोहन राय

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राजा राममोहन राय जन्म 22 मई 1772 ईस्वी को राधा नगर नामक बंगाल के एक गाँव में बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है। हिन्दू समाज की कुरीतियों के घोर विरोधी होने के कारण 1828 में उन्होंने 'ब्रह्म समाज' नामक एक नये प्रकार के समाज की स्थापना की। 1805 में राजा राममोहन राय बंगाल में अंग्रेज़ी ईस्ट इंडिया कम्पनी की सेवा में सम्मलित हुए और 1814 तक वे इसी कार्य में लगे रहे। 17 वर्ष की अल्पायु में ही वे मूर्ति पूजा विरोधी हो गये थे। वे अंग्रेज़ी भाषा और सभ्यता से काफ़ी प्रभावित थे। उन्होंने इंग्लैंड की यात्रा की। धर्म और समाज सुधार उनका मुख्य लक्ष्य था। वे ईश्वर की एकता में विश्वास करते थे और सभी प्रकार के धार्मिक अंधविश्वास और कर्मकांडों के विरोधी थे। अपने विचारों को उन्होंने लेखों और पुस्तकों में प्रकाशित करवाया। उन्हें बंगाली, संस्कृत, अरबी तथा फ़ारसी का ज्ञान हो गया था। उन्होंने 1803-1814 तक ईस्ट इंडिया कम्पनी के लिए भी काम किया। उन्होने ब्रह्म समाज की स्थापना की तथा विदेश (इंग्लैण्ड तथा फ़्रांस) भ्रमण भी कि...

Current Gk

उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता राघवेंद्र सिंह को नियुक्त किया गया है| राघवेंद्र सिंह शाहाबाद से बीजेपी के सांसद तथा पार्टी के लीगल सेल के राष्ट्रीय संयोजक भी रह चुके है|  ‘आदरना योजना’ आंध्र प्रदेश में शुरू की गई है| यह योजना पिछड़ा वर्ग से संबंधित लोगों के उत्थान और समस्त विकास के लिए शुरू की गई है| यह योजना आधुनिक उपकरण, प्रौधोगिकी, विपणन और वित्तीय सहायता का निर्माण कारीगरों और पारंपरिक व्यवसायों के लिए शुरू की गई है| ताकि उनकी आय स्तर बढे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मिले| हिमाचल प्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड 2015-16 पुरस्कार दिया गया है| यह पुरस्कार हिमाचल प्रदेश को अनाज उत्पादन में वृद्धि के लिए दिया गया है| हिमाचल प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में कुल अनाज उत्पादन 14.94 लाख से बढ़कर 16.34 लाख टन हो गया है| मातोश्री पुस्तक की लेखिका लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन है| इस पुस्तक में रानी अहिल्या बाई होल्कर के जीवन की 15 महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया गया है| हिल्याबाई होल्कर ने 1767 से 1795 तक चले अपने शासन काल में अपने साम्राज्य को मालवा क्षेत्र ...

Shivaji- Maratha Samrajya

शिवाजी 1627-80 ई. शिवाजी का जन्म पूना के उत्तर में स्थित जुन्नार नगर के समीप ‘शिवनेर’ नामक स्थान पर भोंसले वंश के शाहजी भोंसले की प्रथम पत्नी जीजाबाई के गर्भ से 20 अप्रैल 1627 को हुआ था। गुरू रामदास धारकरी सम्प्रदाय के थे। उन्होंने ‘दासबोध’ नामक ग्रंथ की रचना की। - शिवाजी ने ‘हिन्दूपदपादशाही’ अंगीकार किया और ‘हिन्दुत्व धर्मोद्धारक’ की उपाधि धारण की। - 1640 ई. में 12 वर्श की आयु में शिवाजी का विवाह साईबाई निम्बालकर से कर दिया। शाहजी ने शिवाजी को पूना की जागीर प्रदान कर ‘बीजापुर’ रियासत में नौकरी कर ली। शिवाजी ने ‘मावल प्रदेश’ को अपने जीवन की प्रारम्भिक कार्यस्थली बनाया। - सर्वप्रथम 1643 ई. में शिवाजी ने बीजापुर के सिंहगढ के किले पर अधिकार किया। रायगढ नाम के नवीन किले का निर्माण किया। - 1648 ई. में शिवाजी ने ‘पुरन्दर के किले’ को छल द्वारा नीलोजी नीलकण्ठ से छीन लिया। 25 जनवरी 1656 ई. को शिवाजी ने ‘जावली के किले’ को मराठा सरदार ‘चन्द्रराव मोरे’ के कब्जे से ले लिया। 1656 ई. तक चाकन, पुरन्दर, बारामती, सूपा, तिकोना तथा लोहगढ आदि किलों पर शिवाजी...

राजस्थान में लोक देवता

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मारवाड़ के पंच पीर पाबू हड़बू राम दे, मांगलिया मेहा। पांच्यू पीर पधार ज्यों, गोगा जी जेहा।। रामदेव जी, गोगा जी, पाबू जी, हरभू जी, मेहा जी 1. रामदेव जी रामदेव जी हिन्दू (कृष्ण के अवतार) तथा मुसलमान (रामसापीर) दोनों में ही समान रूप से लोकप्रिय है। वे साम्प्रदायिक सद्भावना के प्रतीक माने जाते हैं।  इनका जन्म भाद्रपद शुक्ल दूज (बाबेरी बीज) को (1405 ई.) उडूकाश्मेर, शिव तहसील (बाड़मेर) में हुआ था।  उनके पिता अजमल जी तंवर एवं माता का नाम मैणादे था। इनका विवाह अमरकोट के सोढ़ा राजपूत दलैसिंह की पुत्री नेतल-दे से हुआ। रामदेवजी एकमात्र लोक देवता थे, जो एक कवि भी थे।  इनकी प्रमुख रचना "चौबीस बाणियां" कहलाती है। रामदेव जी का प्रतीक चिन्ह "पगल्ये" है।  इनके भक्तों द्वारा गाए जाने वाले गीत ब्यावले कहलाते हैं।  रामदेव जी का गीत सबसे लम्बा लोक गीत है।  इनके मेघवाल भक्त "रिखिया" कहलाते हैं।  प्रमुख स्थल- रामदेवरा (रूणीचा), पोकरण तहसील (जैसलमेर) रामदेवजी का मेला भाद्रपद शुक्ल दूज से एकादशी तक भरता है।  मेले का प्रमुख आकर्षण "तरहताली नृत्य" है।  तेरहताली नृत्य...

Indian M-777 Howitzer Cannon

भारतीय को मिली एम-777 होवित्जर तोप 30 साल का इंतजार करने के बाद, भारतीय सेना को 145 लॉंग रेंज की बंदूकों के ऑर्डर एक के भाग के रूप में अमेरिका से दो अल्ट्रा लाइट हावित्जर प्राप्त हुए हैं, जिन्हें चीन सीमा पर तैनात किए जाएंगे। एम 777 ए-2 तोप बीएई सिस्टम ने तैयार की हैं। इन तोपों से 30 किमी दूर तक हमला किया जा सकता है। इन्हें जल्दी ही राजस्थान के पोखरण टेस्ट फायरिंग के लिए ले जाया जाएगा। भारत ने पिछले साल नवंबर में करीब 5,000 करोड़ रुपये की लागत से 145 हॉवित्जर की आपूर्ति के लिए अमेरिका सरकार से करार किया था।  संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय सहायता मामलों के प्रमुख के प्रमुख के रूप में ब्रिटिश नागरिक मार्क लोकॉक को प्रमुख के रूप म नियुक्त किया गया है। राजस्थान के पश्चिम क्षेत्र की अन्तराष्ट्रीय सीमा पर ‘गर्म हवा’ अभियान शुरू किया गया है। जिसके तहत पाकिस्तान के साथ अन्तराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी रखी जायेगी। इसका मुख्य उद्देश्य गर्मियों के दौरान सीमा पर बीएसएफ की सतर्कता को सुदृढ़ और मजबूत करना है। भारतीय हैंडबॉल महासंघ संघ के कोषाध्यक्ष के रूप में पूर्व अंतराष्ट्रीय हैंडबॉल खिला...

Readers will make a mental walk between science and philosophy. Novel 'Confession of a Living Mind'

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पाठकों को विज्ञान और दर्शन के बीच मानसिक सैर करायेगा नॉवेल ‘कन्फेशन ऑफ ए डाईंग माईंड’ जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण के सचिव श्री हाउलियान लाल गुइटे द्वारा लिखित अपने दार्शनिक अंदाज से समृद्ध पहले नॉवेल ‘कन्फेशन ऑफ ए डाईंग माईंड’ दि ब्लाईंड फेथ ऑफ एथिज्म का विमोचन नई दिल्ली के सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री किरण रिजुजू द्वारा किया गया। इस अवसर पर यू.पी.एस.सी. के चेयरमैन श्री डेविड आर. स्मिलिह भी उपस्थित थे। विमोचन के बाद केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री रिजुजू ने कहा कि यह नॉवेल पाठकों को विज्ञान और दर्शन के बीच मानसिक सैर कराएगा। अपनी तरह के दुनिया के पहले इस दार्शनिक नॉवेल से व्यक्ति भगवान एवं विज्ञान के बीच अनसुलझे पहलुओं से रूबरू होगा। नॉवेल के बारे में जानकारी देते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण के सचिव एवं इस उपन्यास के लेखक श्री गुईटे ने कहा कि यह नॉवेल दुनिया का पहला ऎसा नॉवेल है जिसमें तार्किक रूप से भगवान और विज्ञान की गुत्थियों को समझाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि इस किताब में विज्ञान की प्रकृति, धर्म, प्रमाण के साथ-साथ ...

Banking Regulation Act, 1949

बैंकिंग नियमन कानून, 1949 (Banking Regulation Act, 1949) में संशोधन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 5 मई 2017 को  बैंकिंग नियमन कानून, 1949 (Banking Regulation Act, 1949) में संशोधन  किया  इससे देश के बैंकिंग क्षेत्र में व्याप्त गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों (NPAs) की समस्या को हल करने में आरबीआई (RBI) को अधिक शक्तियाँ मिल सकेंगी देश में बैंकिंग क्षेत्र में व्याप्त गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों की समस्या के हल के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की शक्तियों में वृद्धि के लिए बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन करने हेतु एक अध्यादेश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान की थी। उस अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 5 मई 2017 को अपनी स्वीकृत कर उसे वैधानिकता प्रदान कर दी। इन संशोधनों के द्वारा RBI को ऋण की अदायगी न कर पाने वाले कर्जदारों व कर्जदार कम्पनियों के खिलाफ दीवालिया संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code 2016) के तहत कार्रवाई करने की शक्ति हासिल हो जायेगी। इससे आरबीआई गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों (non-performing ass...

Current GK India, World

रिलायंस इण्डस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) के अध्यक्ष मुकेश अम्बानी (Mukesh Ambani) को फोर्ब्स पत्रिका की वार्षिक ग्लोबल गेम चेंजर्स सूची (Forbes Annual Global Game Changers 25 List) के 17 मई 2017 को जारी दूसरे संस्करण में सर्वोच्च स्थान पर रखा गया है। व्यवसाय के नियमों को बिल्कुल बदल देने वाली 25 हस्तियों की इस सूची में मुकेश अम्बानी को पहला स्थान देते हुए कहा गया है कि उन्होंने इंटरनेट सेवा को भारत के जन-जन तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 60-वर्षीय अम्बानी की टेलीकॉम कम्पनी जियो (Jio) ने पिछले साल अपनी सेवाओं की शुरूआत करते हुए बेहद कम मूल्य पर 4G सेवाएं उपलब्ध कराईं जिससे कम्पनी ने मात्र 6 माह में 10 करोड़ ग्राहक जुटा लिए तथा देश के दूरसंचार उद्योग में विलय और अधिग्रहण के नए युग का सूत्रपात किया। “कॉमेक सी919” (Comac C919) चीन में निर्मित पहले यात्री जेट विमान का नाम है। इस विमान का निर्माण कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (Commercial Aircraft Corporation of China) ने किया है तथा इस कम्पनी का संक्षिप्त नाम “कॉमेक” (Comac) है। इस विमान की पहली सार्वजनिक उड़ान का आयोज...

Launch of GSAT-9 , Uddesh

भारत ने दक्षिण एशियाई देशों को अंतरिक्ष सम्बन्धी जानकारी साझा करने की अपनी महात्वाकांक्षी परियोजना दक्षिण एशियाई संचार उपग्रह (South Asia Communication Satellite) जीसैट-9 (GSAT-9) को 5 मई 2017 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। इस परियोजना में 6 पड़ोसी देश शामिल हैं – अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका जीसैट-9 का प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा 5 मई 2017 को आन्ध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र से किया गया। इसके प्रक्षेपण के किए क्रायोजेनिक इंजन से लैस भारी-भरकम रॉकेट जीएसएलवी-एफ9 (GSLV-F9) का इस्तेमाल किया गया। यह GSLV श्रृंखला की 11वीं उड़ान थी। उल्लेखनीय है कि जीसैट-9 का इस्तेमाल दक्षिण एशिया क्षेत्र में दूरसंचार, आपदा प्रबन्धन, प्रसारण, डीटूएच सेवाओं, इंटरनेट, टेली-शिक्षा तथा टेली-मेडिसिन जैसे उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जायेगा। समस्त देश इन सुविधाओं का इस्तेमाल नि:शुल्क कर सकेंगे। इस उपग्रह के विकास तथा उसके प्रक्षेपण का पूरा खर्च भारत ने वहन किया है।

भारत की जनगणना - 2011

भारत का क्षेत्रफल पूरी दुनिया के क्षेत्रफल का 2.4 फीसदी है लेकिन विश्व की कुल आबादी की तुलना में 17.5 फीसदी लोग भारत में रहते हैं. पिछली जनगणना में ये आंकड़ा 16.8 प्रतिशत था। जनसंख्या भारतीय संविधान की संघ सूची का विषय है। संविधान की धारा 246 के अनुसार जनगणना का कार्य संघ सरकार द्वारा किया जायेगा। वर्ष 2011 की जनगणना के जनगणना आयुक्त सी चन्द्रमौली थे। भारत में पहली बार आंशिक जनगणना तात्कालीन गवर्नर लार्ड मेयो के काल में 1972 में हुई थी। 1881 में पहली बार लार्ड रिपिन द्वारा नियमित प्राधिकृत रूप से जनगणना करवाई गई। भारत के पहले जनगणना आयुक्त हेनरी प्लाउडेन थे। भारत में जनगणना का कार्य गृह मंत्रालय के आधीन महापंजीयक या जनगणना आयुक्त के निर्देश अनुसार होता है। भारत में 1911 - 1921 के दशक में जन्म वृद्धि दर न्यूनतम रही थी, यह वर्ष 'महविभाजक वर्ष ' ( Great Divide Year ) कहलाता है। वर्ष 1951 में जन्म वृद्धि दर अधिकतम रही थी इस वर्ष को 'लघु विभाजक वर्ष' ( Micro Divide Year ) कहा जाता है। आजाद भारत की पहली जनगणना 1951 में करायी गई थी, इसमें 14 सवाल शामिल थे। वर्ष 2...