देश का 40 फीसदी सिंथेटिक यार्न का उत्पादन राजस्थान में
देश का 40 फीसदी सिंथेटिक धागा (पीवी यार्न) राजस्थान में तैयार होता है वहीं टैक्सटाइल के क्षेत्र में राजस्थानी प्रिंट की विशिष्ठ पहचान रही है। कौशल विकास, मूल्य संवर्द्धन और आधारभूत सुविधाओें के विस्तार से टैक्सटाइल उद्योग को और अधिक बढ़ावा दिया जा सकता है।
उद्योग विभाग के अतिरिक्त आयुक्त श्री डी.सी. गुप्ता ने कहा कि राजस्थान की सांगानेरी, बगरु, बालोतरा प्रिन्ट व कोटा डोरिया और भीलवाड़ा की सूटिंग रेंज की दुनिया भर में पहचान व मांग है। उन्होंने कहा कि राज्य में जयपुर, बगरु, पाली और किशनगढ़ सहित 6 टैक्सटाइल पार्क हैं।
राजस्थान के टैक्सटाईल और गारमेंट उद्योग को और अधिक बढावा देने के लिए कुशल कारीगर, प्रदेश में ही कच्चे माल की उपलब्धता, प्रोसेसिंग की सुविधा और पर्यावरण नीति के अनुकूल सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। वक्ताओं ने सस्ता पानी और बिजली, जयपुर में प्रोसेसिंग हाउस और वेयरहाउस की आवश्यकता प्रतिपादित की।
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