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Showing posts from June, 2017

प्रशान्त चन्द्र महालनोबिसः भारतीय सांख्यिकी के पथप्रदर्शक

जीवन जन्म 29 जून, 1893 को, कोलकाता में पिताः प्रबोधचन्द्र पी.सी. महालनोबिस ने अपनी स्कूली शिक्षा ब्रह्म बॉयज स्कूल कोलकाता से प्राप्त की एवं प्रेसीडेन्सी कॉलेज कोलकाता में बी.एस.सी. फिजिक्स ऑनर्स डिग्री हासिल करने के पश्चात् 1913 में कैम्ब्रिज कॉलेज ज्वाइन करने के लिए लंदन चले गये। वहां उनकी मुलाकात प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजम से हुई। इंग्लैण्ड प्रवास के दौरान श्री महालनोबिस ‘बायोमैट्रिका’ पुस्तक से काफी प्रभावित हुए। 27 फरवरी 1923 को श्री महालनोबिस का विवाह शिक्षाविद् श्री हीरामबचन्द्र मैत्रे की सुपुत्री निर्मल कुमारी के साथ हुआ। भारतीय सांख्यिकीय संस्थानः- भारत में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) की स्थापना करने का निर्णय लिया गया और 28 अप्रैल 1932 को अलाभकारी संस्था के तौर पर सांख्यिकी में शोध कार्य और उच्च स्तरीय  शिक्षण कार्य सम्पन्न करने के उद्देश्य से भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (ISI) की स्थापना की गई। सन् 1950 में केन्द्रीय सरकार ने पूरे देश में समंक संकलन व विश्लेषण के लिये राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण परियोजना प्रा...

जसवंत थड़ा, जोधपुर

जसवंत थड़ा, जोधपुर राजस्थान के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सफ़ेद संगमरमर से बना हुआ एक स्मारक जोधपुर के राजपरिवार के सदस्यों के दाह संस्कार किये जाते हैं जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय (1888-95) की याद में सन् 1899 में उनके उत्तराधिकारी महाराजा सरदार सिंह ने इसे बनवाया था। इस स्मारक में संगमरमर की कुछ ऐसी षिलाएं है जिनमें सूर्य की किरणें आर-पार जाती हैं। इसके पास एक झील है जो स्मारक की सुन्दरता को बढ़ती है जिसका निर्माण महाराजा अभय सिंह (1724-1749) ने करवाया था।

नक्की झील, माउंट आबू (सिरोही)

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नक्की झील, सिरोही नक्की झील, माउंट आबू (सिरोही) यह समुद्र तल से 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है राजस्थान की सबसे ऊंची झील है जिसमें पर्यटक नौका विहार के लिए आते है। इस झील के किनारे बगीचा और चारों ओर चट्टानों की अजीब सी आकृतियां विशेष दिलचस्पी का केन्द्र है। टॉड रॉक चट्टान जो मेंढ़क की तरह लगती है, जो झील में अभी कूद पडे़गा, इसके अतिरिक्त नन रॉक और नन्दी रॉक महत्त्वपूर्ण है। एक कथा के अनुसार इसका निर्माण देवताओं ने अपने नाखूनों से खोद कर किया इसलिए इसे नक्की नाम दिया। उसके दक्षिण-पश्चिम में स्थित सूर्यास्त बिंदू से डूबते हुए सूर्य की सुन्दरता को देखने लोग आते है सनसेट का दृश्य

प्रकृति की गोद में

मानव  है अवसरवादी, प्रकृति का दोहनकर्त्ता, पर भूल जाता क्यूं, पतित-हीन करता क्यूं? जिसने जन्मा, पाला-पोषा नर को, आज अस्तित्व उसका, नर के कृत्यों से खतरे में, आक्षेप नहीं नर पर, पर भोक्ता है प्रकृति का, उस पर बहते जल स्रोतों का, हरित खाद्यान्न, सूखे मेवों का, भूगर्भ में छिपे खनिज और मैदानों पर उगती हरियाली का, दुधारू पशु और सभ्यता वाहक बैल, घोड़ा, ऊंट और गधे का, हर उस वस्तु का उपयोगकर्त्ता, जो नर जीवन का वाहक, ऐसे में क्यूं उपेक्षित कर एक भौतिकता का साम्राज्य बना नर - नर को ही उपेक्षित कर, सत है तकनीक के वशीभूत होने पर नर रहा है सतत् विकास के भ्रम में, नर के अस्तित्व की चिंता, अस्तित्व प्रकृति का क्यूं चिंतनीय नहीं,

मारवाड़ के राठौड

दयालदास री ख्यातः सूर्यवंशी- कर्नल टॉड मूल पुरूष - राव सीहा बीठू आहड पाली के देवल अभिलेख के अनुसार राव सीहा कुवंर सेतराम का पुत्र था। पुत्र आसनाथ राव चूंडाः- राठौडों का प्रथम बडा शासक वीरमदेव का पुत्र मण्डौर किला जीता, नागौर आदि राज्यों को जीतकर मारवाड की बेटी हंसाबाई का विवाह राणा लाखा से किया। राव रणमाल 1427-38ः राव जोधा 1453-89 ई. रणमल का पुत्र राव जोधा, पुत्री का विवाह राणा कुंभा से किया। नयी राजधानी जोधपुर में 1459 में स्थापित की तथा इस सुरक्षित रखने के लिए चिड़िया टूंक पहाडी पर नया दुर्ग मेहरानगढ़ बनवाया। दो उत्तराधिकारी 1. राव सातल 1489-92 2. राव सूजा 1492- 1515 राव सातल ने सातलमेर को बसाया 1490 में अजमेर हाकिम मल्लू खां से युद्ध बीका राव जोधा का पांचवां पुत्र ने उतरी भाग को विजय कर बीकानेर शहर बसाया। राव गागा 1515-1532 ई. राव सूजा का पौत्र राणा सांगा के साथ मित्रता कर नागौर शासक दौलत खां का हराया। जब खानवां का युद्ध 1527 में राव गागा ने अपने पुत्र राव मालदेव के नेतृत्व में 4000 सैनिक भेजकर राणा सांगा की मदद की। जोधपुर में गांग...

भारत के प्रमुख वित्तीय संस्थान, बैंक एवं स्थापना वर्ष

भारतीय रिर्जव बैंक - 1 अप्रैल, 1935 रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण - 1 जनवरी, 1949 भारतीय औद्योगिक वित्त निगम - 1948 भारतीय औद्योगिक ऋण व निवेश निगम (आईसीआईसीआई) - जनवरी 1955 भारतीय स्टेट बैंक 1 जुलाई 1955 भारतीय यूनिट ट्रस्ट 1 फरवरी 1964 भारतीय औद्योगिक विकास बैंक 1964 नाबार्ड (NABARD) 12 जुलाई, 1982 भारतीय औद्योगिक पुनर्निर्माण बैंक 20 मार्च, 1985 भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) 1990 भारतीय निर्यात-आयात बैंक 1 जनवरी 1982 राष्ट्रीय आवास बैंक 1988 भारतीय जीवन बीमा निगम 1956 1881 ई. में स्थापित कौन-सा बैंक भारतीयों द्वारा संचालित पहला बैंक था? अवध कॉमर्शियल बैंक पूर्ण रूप से देश का पहला बैंक कौन-सा है? पंजाब नेशनल बैंक 1934 ई. में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट पारित किया गया, किंतु इसकी स्थापना कब की गयी? 1 अप्रैल, 1935 ई. को देश के 14 बड़े व्यावसायिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण कब किया गया? 19 जुलाई, 1969 ई. को पुनः 6 बैंकों का राष्ट्रीकरण कब किया गया? 15 अप्रैल, 1980 को 4 सितम्बर, 1993 को सरकार ने न्यू बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में व...

ग्रामीण विकास में प्रभावशाली पहल के लिए राजस्थान को मिले छह राष्ट्रीय अवार्ड

जयपुर। ग्रामीण विकास में प्रभावशाली पहल के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राजस्थान को छह राष्ट्रीय अवार्ड प्रदान किए गए हैं। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री राम कृपाल यादव ने राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज श्री सुदर्शन सेठी और ग्रामीण विकास सचिव श्री रोहित कुमार के साथ ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री समित शर्मा, कोटा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जुगल किशोर मीना और टोंक जिले के बगड़वा ग्राम पंचायत के सरपंच श्री बन्ना लाल गुर्जर को ट्रॉफी और प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। राष्ट्रीय रूरल लाईवली हुड्स मिशन (एन.आर.एल.एम.) के अंतर्गत नरेगा कन्र्वजन के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए राजस्थान मिशन के निदेशक और ग्रामीण विकास सचिव श्री रोहित कुमार को सम्मानित किया गया। मनरेगा के अंतर्...

राजस्थान में 11 और नए पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केन्द्र खुलेंगे

जयपुर। विदेश मंत्रालय ने प्रदेश में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोलने की योजना के दूसरे चरण में 11 नये केन्द्र खोलने का निर्णय किया है। केन्द्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। द्वितीय चरण में अजमेर, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, करौली-धौलपुर, नागौर, श्रीगंगानगर, अलवर, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा तथा पाली में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोले जाएंगे। डाक विभाग के साथ मिलकर पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोलने के लिए शुरू की गई इस योजना के पहले चरण में कोटा, जैसलमेर, झुंझुनूं, बीकानेर तथा झालावाड़ जिलों का चयन किया गया था। यह योजना इतनी प्रभावी रही है कि पहले चरण में खोले गए केन्द्रों से बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं। इससे पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती थी। अब स्थानीय स्तर पर ही लोग इन केन्द्रों में पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं।

राजस्थान मूल के पत्रकार ओपी यादव को योग और यौगिक खेती पर किए कार्यो के लिए मिला “इंडियन मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड”

जयपुर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अतंर्राष्ट्रीय योग दिवस सप्ताह के उपलक्ष्य पर आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में राजस्थान मूल के पत्रकार और डीडी न्यूज में संपादक श्री ओ.पी. यादव को “इंडियन मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड” से सम्मानित किया गया। श्री ओ.पी. यादव को यह पुरस्कार मीडिया के जरिए देश में योग एवं योगिक खेती के साथ कृषि में महिलाओं की स्थिति पर बेहतरीन कवरेज के लिए दिया गया है। श्री यादव को इंडियन मीडिया वेलफेयर एसोसियेशन द्वारा नई दिल्ली के एनडीएमसी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सुश्री कृष्णा राज, नेपाल सरकार के भारत में कार्यरत राजदूत डॉ. दीप कुमार उपाध्याय एवं नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के वाइस चेयरमैन श्री करण सिंह तंवर ने शॉल, श्रीफल, प्रमाण पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर केन्द्रीय राज्य मंत्री सुश्री कृष्णा राज ने कहा कि श्री यादव ने राष्ट्रीय और अतंर्राष्ट्रीय स्तर विशेषज्ञों के साक्षात्कार कर योग एवं यौगिक खेती को मीडिया के जरिए जन-जन तक पंहुचाने का उत्कृष्ट काम किया है जिससे आज लाख...

किताब ‘जीएसटी-लॉ, प्रेक्टिस एण्ड प्रोसिजर’ - श्री आशीष कूलवाल

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे को कनिष्ठ वाणिज्यिक कर अधिकारी श्री आशीष कूलवाल ने अपनी किताब ‘जीएसटी-लॉ, प्रेक्टिस एण्ड प्रोसिजर’ की पहली प्रति भेंट की। इस किताब में जीएसटी को सरल तरीके से समझाया गया है ताकि व्यापारियों को जीएसटी के प्रावधानों को समझने में किसी तरह की मुश्किलें न हो सके। उन्होंने बताया कि किताब में जीएसटी कानून के तहत विभिन्न प्रावधानों को विश्लेषणात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है।

नगर निगम जयपुर के अभियान को मिल रहा है जन समर्थन

नगर निगम जयपुर के अभियान को मिल रहा है जन समर्थन जयपुर, 19 जून। नगर निगम जयपुर का दुकान के अंदर व बाहर एक-एक डस्टबिन रखने और प्लास्टिक कैरी बैग इस्तेमाल न करने का अभियान परवान पर है। इस अभियान को जबर्दस्त जन समर्थन मिल रहा है। पूरे जयपुर में दुकानों के अंदर व बाहर एक-एक डस्टबिन नजर आ रहे हैं। दुकानदारों ने प्रण लिया है कि न तो प्लास्टिक कैरी बैग लेंगे और न ही देंगे। अभियान के अंतर्गत नगर निगम जयपुर के विभिन्न जोनों में सोमवार को भी प्लास्टिक कैरी बैग जब्ती का सिलसिला जारी रहा। विद्याधर नगर जोन में जहां 6 किलोग्राम प्लास्टिक कैरी बैग जब्त किया गया, वहीं 106100 रुपए का कैरिंग चार्ज वसूला गया। वहीं मानसरोवर जोन में 33 हजार रुपए कैरिंग चार्ज वसूला गया। हवामहल जोन पश्चिम में 10 किलोग्राम प्लास्टिक कैरी बैग जब्त किया गया और 40600 रुपए कैरिंग चार्ज वसूला गया। मोतीडूंगरी जोन में 22500 रुपए कैरिंग चार्ज वसूला गया। सिविल लाइन जोन में 50 हजार रुपए कैरिंग चार्ज वसूला गया। आमेर जोन में 48 हजार रुपए कैरिंग चार्ज वसूला गया। सांगानेर जोन में 13800 रुपए कैरिंग चार्ज वसूला गया। 

पेंशन योजनाओ को ऑनलाइन करने में अग्रणी रहने पर राजस्थान को मिला राष्ट्रीय अवॉर्ड

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पेंशन योजनाओ को ऑनलाइन करने में अग्रणी रहने पर राजस्थान को मिला राष्ट्रीय अवॉर्ड जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा पेंशन योजनाओ को ऑनलाइन करने में अग्रणी रहने पर राजस्थान को सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अवार्ड मिला। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित पेंशन योजनाओं को ऑनलाइन सिस्टम डवलप कर डाटा अपग्रेडेशन कर लाखो पेंशनर्स को लाभ पहुंचानेे के लिए राजस्थान राज्य को राष्ट्रीय अवार्ड दिया गया। राजस्थान में संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं को ऑनलाइन करने, भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने, आधार एव भामाशाह योजना से लिंक कर अपग्रेडेशन करने पर 19 जून 2017 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को राष्ट्रीय पुरस्कार से केन्द्रीय ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री रामकृपाल यादव द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। विभाग की ओर से राष्ट्रीय अवार्ड को सामाजिक न्याय अधिकारिता...

जैव प्रौद्योगिकी व इसके विविध उपयोग

जीवाणुओं, छोटे जंतुओं तथा पादपों की सहायता से वस्तुओं के उत्पादन की प्रक्रिया जैव प्रौद्योगिकी अथवा जैव तकनीक कहलाती है। इसके अंतर्गत मुख्य रूप से डीएनए तकनीक, कोशिका एवं ऊतक तंत्र, रोग प्रतिरक्षण, एंजाइम विज्ञान, जैव अभियांत्रिकी, टीका उत्पादन, जैव उर्वरक, जैविक गैस, परखनली शिशु अंग प्रत्यारोपण, क्लोनिंग तथा कुछ अन्य क्षेत्र एवं विधाएं आती है। जैव प्रौद्योगिकी के दो रूप है- आनुवंशिक जैव प्रौद्योगिकी एवं गैर आनुवंशिक जैव प्रौद्योगिकी। आनुवंशिक जैव प्रौद्योगिकी में जीनों का स्थानांतरण एक जीव से दूसरे जीव में कर दिया जाता है जबकि गैर आनुवंशिक जैव प्रौद्योगिकी में संपूर्ण कोशिकाओं, ऊतक या एकरूप जैविक के साथ संपादन होता है। वर्तमान में गैर आनुवंशिक प्रौद्योगिकी का उपयोग अधिक प्रचलन में है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने चार जैव प्रौद्योगिकी मिशन चलाये है- संक्रामक रोगों के लिए नयी पीढी के वैक्सीन का विकास जिसका उद्देश्य नयी पीढ़ी के वैक्सीन विकसित करना है, जैसे- रीकम्बीनेंट हैजा तथा रेबीज वैक्सीन, टिषू कल्चर पर आधारित जेईवी वैक्सीन, पेप्टाइड आधारित मलेरि...

जिला स्तर पर प्रथम रहने वाली बालिकाओं को मिलेगा पद्माक्षी पुरस्कार

जिला स्तर पर प्रथम रहने वाली बालिकाओं को मिलेगा पद्माक्षी पुरस्कार जयपुर। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 8, 10 एवं 12 की परीक्षाओं में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को सत्र 2017-18 से ज्ञान, साहित्य, कला और स्वर की देवी के नाम पर पद्माक्षी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि सामान्य, अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, बीपीएल एवं निशक्त वर्ग की प्रत्येक जिले में ऎसी बालिकाएं जिन्हाेंने बोर्ड परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, उन्हें राज्य सरकार द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुरस्कार स्वरूप कक्षा 8 की बोर्ड परीक्षा में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिका को 40 हजार रुपये, कक्षा 10 में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिका को 75 हजार रुपये तथा 12वीं में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को एक लाख रुपये राशि एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कक्षा 8 (सं...

Securities and Exchange Board of India- SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड  Securities and Exchange Board of India- SEBI सेबी एक ‘गैर-संवैधानिक संस्था’ थी जिसकी स्थापना केन्द्र सरकार द्वारा संसद में एक कानून पास करके 12 अप्रैल, 1988 को की गई थी। बाद में 30 जनवरी 1992 को एक अध्यादेश द्वारा इस संस्था को वैधानिक दर्जा भी प्रदान कर दिया गया। सेबी का मुख्यालय मुम्बई में है। इसके क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, दिल्ली तथा चेन्नई में स्थापित किये गये है। सेबी शेयर बाजार में चलने वाले वृहद कारोबार को नियंत्रित और विनियमित करता है। सेबी के प्रमुख कार्य निम्नलिखित है- प्रतिभूति बाजार में निवेशकों के हितों का संरक्षण तथा प्रतिभूति बाजार को उचित उपायों के माध्यम से विनियमित एवं विकसित करना। स्टॉक एक्सचेंजों तथा किसी भी अन्य प्रतिभूति बाजार के व्यवसाय का नियमन करना। स्टॉक ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, शेयर ट्रान्सफर एजेन्ट्स, ट्रस्टीज, मर्चेंट ब्रैंकर्स, अण्डर-राइटर्स, पोर्टफोलियों मैनेजर आदि के कार्यों का नियमन करना एवं उन्हें पंजीकृत करना। म्यूचुअल फण्ड की सामूहिक निवेश योजनाओं को पंजीकृत करना तथा उनका नियमन कर...
राज्य विधानमण्डल संविधान का भाग -6  - अनुच्छेद 168-212 में राज्यों के विधानमण्डल के बारे में - अनु. 168 - प्रत्येक राज्य के लिए एक विधानमण्डल होगा जो राज्यपाल तथा कुछ राज्यों में दो सदनों से व अन्य राज्यों में एक सदन से मिलकर बनेगा। - दो सदन - विधानसभा (निम्न सदन/प्रतिनिधि सदन) और विधानपरिषद (उच्च सदन या स्थायी सदन) जो वर्तमान में 6 राज्यों में: उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक तथा जम्मू-कश्मीर। - अनु. 169- राज्यों में विधान परिषद् की स्थापना या उन्मूलन का अधिकार संसद को है। यदि सम्बन्धित राज्य की विधानसभा अपनी कुल सदस्य संख्या के बहुमत तथा उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से इस आषय का प्रस्ताव पारित कर देती है तो संसद साधारण कानून बनाने की प्रक्रिया से ही उक्त आशय का कानून बनाकर विधान-परिषद की स्थापना या उन्मूलन कर सकती है। विधानसभा (निम्न सदन/प्रतिनिधि सदन) - प्रत्येक राज्य में विधायी कार्यों के संपादन के लिए विधानसभा का प्रावधान - केन्द्र शासित प्रदेशों में केवल दिल्ली और पुदुचेरी में विधानसभा स्थापित है। - इसके सदस्यों...

राजस्थान के त्रिवेणी संगम

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राजस्थान में तीन त्रिवेणी संगम हैं- सोम-माही-जाखम नदियों के संगम पर बना है बेणेश्वर  धाम बेणेश्वर धाम को राजस्थान का कुंभ /आदिवासियों का महाकुंभ कहलाता है बेणेश्वर धाम (डूंगरपुर) चम्बल, बनास और सीप नदियों का संगम रामेश्वरम घाट (मानपुर, सवाई माधोपुर) बनास, बेड़च और मेनाल नदियों के त्रिवेणी संगम स्थल मांडलगढ़ (बींगोद, भीलवाड़ा) में है। बनास,  डाई, खारी तीनों नदियां राजमहल (देवली, टोंक) में त्रिवेणी संगम बनाती है।

इस मासूम की भी क्या ज़िन्दगी है ?

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                                                                         नंदनी                                                      असहाय पिता देवीसिंह जयपुर। कभी अपने पिता की दुलारी हुआ करती थी, पर काल के चक्र ने उस पिता को इतना असहाय बना दिया कि अब वह कभी वह अपनी इस मनोविकार से पीड़ित बेटी को कभी दुलार न कर पायेगा। इस लड़की का नाम नंदनी है इसके पिता एयरटेल कम्पनी में सुपरवाइजर की पोस्ट पर राजस्थान के दौसा जिले में कार्यरत थे, सब कुछ अच्छा चल रहा था किन्तु एक दिन ऐसा आया कि वह अपने पिता को हमेषा के लिए बिस्तरों में लेटा देखती है। यह मनोरोगी लड़की उस असहाय पिता के अकेली नहीं बल्कि उससे तीन और बड़ी बहनें है साथ ही एक भाई जो सबसे छोटा है। परिवार में अपने बड़े भाई सुरे...

द राजस्थान स्टेट को-आपरेटिव बैंक लि0, जयपुर

द राजस्थान स्टेट को-आपरेटिव बैंक लि0, जयपुर स्थापना 14 अक्टूबर, 1953 को हुई। राज्य सहकारी बैंक की कुल 16 शाखाएं कार्यरत है, जिनमें से 5 क्षेत्रीय शाखाएं जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा व बीकानेर में कार्यरत है तथा शेष 11 शाखाएं जयपुर शहर में संचालित है। दिनांक 31.3.2015 को केन्द्रीय सहकारी बैंकों की कुल 429 शाखाएं संबंधित बैंकों के कार्यक्षेत्र में बैंकिंग व्यवसाय कर रही है। अल्पकालीन सहकारी साख संरचना राज्य में त्रिस्तरीय अल्पकालीन सहकारी साख संरचना विद्यमान है। शीर्ष स्तर पर राज्य सहकारी बैंक व जिला स्तर पर 29 केन्द्रीय सहकारी बैंक कार्यरत है। प्रतापगढ, राजसमंद, करौली व धोैलपुर जिलों में वर्तमान में पृथक केन्द्रीय सहकारी बैंक कार्यरत नहीं है तथा इन जिलों में पैतृक जिले में स्थित केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा सहकारी साख उपलब्ध करवाई जा रही है। वर्ष 2008 में 5255 समितियों कार्यरत थी जो 31 मार्च, 2015 को बढकर 6231 हो गई। राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक इन सभी संस्थाओं की राज्य स्तरीय शीर्ष संस्था है। राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (अपेक्स बैंक) द्वारा सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों को उनके द्वा...

राजस्थान ज्ञान सागर योजना

राजस्थान स्टेट कोऑपरेटिव बैंक की केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से संचालित होने वाली ज्ञान सागर योजना में दूर ढ़ाणी में बैठे काश्तकार के बेटे-बेटियों से लेकर शहरों में निवास करने वाले उच्च अध्ययन के इच्छुक युवा ऋण सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।देश व प्रदेश में उच्च एवं तकनीकी अध्ययन के लिए तीन लाख रुपये और विदेश में अध्ययन के लिए पांच लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सकेगा। ज्ञान सागर योजना में छात्र-छात्राओं के साथ ही वेतन भोगी एवं व्यवसायी भी उच्च शिक्षा के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं। ज्ञान सागर योजना में तकनीकी (व्यावसायिक) इन्जीनियरिंग आई टी आई , मेडिकल होटल मैनेजमेन्ट एम बी ए कम्प्यूटर आदि विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए ऋण प्राप्त किया जा सकता है। महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आधा प्रतिशत कम ब्याज लेने का निर्णय किया गया है। दो लाख रुपये तक के ऋण पर साढ़े ग्यारह प्रतिशत और अधिक के ऋण पर बारह प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जायेगा। योजना का उद्धेश्य आर्थिक अभाव से शिक्षा से वंचित लोगों को शिक्षा के पूरे अवसर उपलब्ध कराना है।

सहकारी किसान क्रेडिट कार्ड

सहकारी किसान क्रेडिट कार्ड किसानों को आसानी से सहकारी कर्जें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से समूचे देश में सबसे पहले सहकारी क्षेत्र में राजस्थान में 29.1.1999 को सहकारी किसान कार्ड योजना लागू की गई । इसी क्रम में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के समस्त ऋणी सदस्यों को 'सहकारी किसान कार्ड' सुविधा से जोडा जा चुका है। राज्य सरकार के इस निर्णय से अब ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्य किसान सीधे बैंक से चैक प्रस्तुत कर अपनी कृषि संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु इच्छानुसार ऋण प्राप्त कर सकते हैं । इसी तरह से समिति में खाद बीज, डीजल आदि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में क्षेत्र की क्रय विक्रय सहकारी समिति से खाद बीज आदि भी प्राप्त कर सकते हैं । राज्य सरकार की बजट घोषणा के क्रम में वर्ष 2010-11 में पांच लाख नए सदस्यों को सहकारी ऋण वितरण व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। इसमें नए काश्तकारों को सहकारी किसान क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध कराए जा रहे है।

राजस्थान में सहकारिता आन्दोलन

सहकारिता आन्दोलन का जन्म सर्वप्रथम जर्मनी में हुआ। राजस्थान में सहकारिता का कार्य 1904 में भरतपुर व डीग में कृषि बैंकों की स्थापना के साथ प्रारम्भ हुआ। 1904 में ही अजमेर में सहकारिता का शुभारम्भ हुआ। राज्य में प्रथम सहकारी समिति 1905 में भिनाय में स्थापित की गई। राजस्थान में सहकारिता का ढांचा राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (राज्य की सर्वोच्च सहकारी संस्था) - केन्द्रीय सहकारी बैंक (जिला स्तर पर) राज्य में जिला स्तर पर स्थापित सहकारी बैंक का नाम केन्द्रीय सहकारी बैंक है। प्रारम्भिक सहकारी साख समितियां 1.    ग्रामीण प्राथमिक सहकारी साख समिति 2.    शहरी प्राथमिक सहकारी साख समिति 21 दिसम्बर 1957 को राजस्थान राज्य सहकारी संघ की स्थापना की गई तथा राज्य में 2 अक्टूबर 1965 को नवीनतम सहकारिता अधिनियम लागू किया गया। राजस्थान राज्य सहकारी बैंक राज्य में सहकारी संस्थाओं को ऋण उपलब्ध कराने वाली शीर्ष संस्था है, इसका मुख्यालय जयपुर में है। किसानों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराने के उद्देष्य से राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक की स्थापना 26 मार्च 1957 को की गई। इसका मुख्या...

जिस कम्पनी का सालाना मुनाफ़ा तीन सौ करोड़ का और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा भगवान भरोसे

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जिस कम्पनी का सालाना मुनाफ़ा तीन सौ करोड़ का और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा भगवान भरोसे   कब वक्त बदल जाता है कोई नही जानता ऐसा ही हुआ है इस शक्स के साथ। कभी नही सोचा होगा लेकिन विधाता को न जाने क्या मंजूर था कि जिन्दगी उस दिन के बाद नरक में बदल गई, जी हां ऐसा ही घटित हुआ श्रीमान देवीसिंह राजपूत के साथ, जो सवाई माधोपुर ज़िले की गंगापुर सिटी के गांव खूंटला के निवासी है। पहले तो बेरोजगारी ने दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर किया और जब सरकारी नौकरी न मिली तो जैसे-तैसे भारत की टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल में टेक्नीशियन की प्राइवेट नौकरी मिली और  सोचा शायद जीवन सुखपूर्वक व्यतीत हो जायेगा, उसके बाद उनकी इस सेवा के बाद उन्हें सुपरवाइजर की पोस्ट पर दौसा जिले में पदस्थापित किया। दौसा में  नौकरी करते समय 12 जून 2013 को जब वे नौकरी से घर लौट रहे थे कि उनका एक मोटरसाइकिल सवार ने ओवरटेक के दौरान टक्कर मार दी। इस दौरान उनके बांये पैर में फैक्चर हो गया जिसके ईलाज के लिए जयपुर के खण्डाका अस्पताल में भर्ती कर दिया, जिसके दौरान दूसरे दिन ऑपरेशन के पूर्व बेहोशी के इ...

तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम- कोटपा अधिनियम के तहत कार्यवाही राजस्थान अव्वल

तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम- कोटपा अधिनियम के तहत कार्यवाही राजस्थान अव्वल जयपुर। राजस्थान में तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में कोटपा अधिनियम के क्रियान्वयन में राजस्थान देशभर में अग्रणी है। वर्ष 2016-17 के दौरान देशभर में कोटपा अधिनियम के तहत की गयी चालान कार्यवाही में सर्वाधिक चालान की कार्यवाही राजस्थान में की गयी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ के निर्देश पर प्रदेश में तम्बाकू नियंत्रण गतिविधियों को व्यापक रूप से संचालित करने के साथ ही कोटपा अधिनियम के सभी प्रावधानों का गंभरीता से पालन किया जा रहा है। प्रदेश में वर्ष 2016-17 के दौरान देशभर में 3 लाख 69 हजार चालान की कार्यवाही की गयी। इसमें अकेले राजस्थान में ही लगभग 2 लाख चालान की कार्यवाही शामिल है। प्रदेश में कोटपा अधिनियम के तहत सचित्र चेतावनी के प्रावधान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को पत्र लिखकर कोटपा अधिनियम की अनुपालना करने एवं तम्बाकू नियंत्रण के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। 

सरिता सिंह ने स्वर्ण के साथ बनाया हैमर थ्रो में राष्ट्रीय रिकॉर्ड

जयपुर। उत्तर प्रदेश की सरिता सिंह ने गुरुवार को 21वीं फेडरेशन कप नेशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की हैमर थ्रो स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता। सरिता ने 65.25 मीटर तक तार गोला फेंका। इस स्पर्धा का पिछला राष्ट्रीय रिकॉर्ड मंजू बाला (62.74 मी.) के नाम दर्ज था, जो उन्होंने 2014 में बनाया था। सरिता का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 61.81 मी. का था जो उन्होंने 2016 में किया था। इस प्रतिस्पर्धा में गुंजन सिंह (61.95 मी.) दूसरे, जबकि निधि कुमार (57.99 मी.) तीसरे स्थान पर रहीं। प्रतियोगिता के पहले दिन महिलाओं की शॉटपुट स्पर्धा में भी रिकॉर्ड बना। राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी पंजाब की मनप्रीत कौर ने 17.04 मीटर तक गोला फेंककर हरबंस कौर का 1997 में चेन्नई में बनाया 16.94 मीटर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मनप्रीत ने अपना दबदबा बनाए रखा और दूसरे स्थान पर रहीं पंजाब की ही रमनप्रीत (14.67 मी.) से दो मीटर आगे रहीं। केरल की आर अनु ने महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ का मीट रिकॉर्ड तोड़ा। अनु ने 57.39 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता। दूसरे स्थान पर रही ओडिशा की जौना मुर्मू...

राजस्थान सरकार का नवीनतम मंत्रिमंडल

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे वित्त विभाग कार्मिक विभाग मुख्यमंत्री ने किया मंत्रिमंडल का विस्तार, इन 8 मंत्रियों ने ली शपथ गुलाबचंद कटारिया : गृह एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री, कारागार, न्याय, आपदा एवं सहायता नंदलाल मीणा : जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग राजेंद्र राठौड़ : संसदीय कार्य, ग्रामीण विकास मंत्री, निर्वाचन विभाग कालीचरण सराफ : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, ईएसआई, चिकित्सा शिक्षा, आयुर्वेद प्रभुलाल सैनी : कृषि एवं पशुपालन, उद्यानिकी, मत्स्य गजेंद्र सिंह खींवसर : खेल व युवा मामले, वन एवं पर्यावरण यूनुस खान : परिवहन, पीडब्लूडी सुरेंद्र गोयल : पीएचईडी, भू-जल राजपाल सिंह शेखावत : उद्योग, अप्रवासी भारतीय, राजकीय उपक्रमए डीएमआईसी विभाग डॉ. रामप्रताप : जलसंसाधन, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, कृषि सिंचित क्षेत्र व जल उपयोगिता किरण माहेश्वरी : उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संस्कृत शिक्षा हेम सिंह भडाऩा : जीएडी मंत्री, मोटर गैराज, संपदा, मुद्रण एवं लेखन अजय सिंह किलक : सहकारिता विभाग, गोपालन बाबूलाल वर्मा: खाद्य एवं नागरिक आपूतिज़्, उपभोक...

Swami Keshvanand Rajasthan Agricultural University, Bikaner Chopra Dr. Chhipa honored with President's award

स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलप​ति डॉ. छीपा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित जयपुर। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति डॉ. बी.आर. छीपा को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया है। केन्द्रीय हिंदी सेवा संस्थान की ओर से राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कुलपति डॉ. छीपा को सरदार वल्लभ भाई पटेल पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार के रूप में इन्हें पांच लाख रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। डॉ. छीपा को यह सम्मान कृषि शिक्षा, शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में वैज्ञानिक शब्दावली से युक्त अंग्रेजी शब्दों की जगह हिन्दी शब्दों के चलन को बढ़ावा देने और हिन्दी के जन-जन तक प्रचार-प्रसार के लिए दिया गया है। कृषि क्षेत्र में सम्मानित होने वाले ये राजस्थान के पहले कृषि वैज्ञानिक हैं जिनको यह सम्मान मिला है। डॉ. छीपा हिन्दी प्रेमी है और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए काम करते रहते हैं। डॉ. बी.आर. छीपा देश के ऎसे अकेले ऎसे कृषि वैज्ञानिक हैं जिन्होंने किसान...