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राजस्थान में सहकारिता आन्दोलन
सहकारिता आन्दोलन का जन्म सर्वप्रथम जर्मनी में हुआ।
राजस्थान में सहकारिता का कार्य 1904 में भरतपुर व डीग में कृषि बैंकों की स्थापना के साथ प्रारम्भ हुआ। 1904 में ही अजमेर में सहकारिता का शुभारम्भ हुआ।
राज्य में प्रथम सहकारी समिति 1905 में भिनाय में स्थापित की गई।
राजस्थान में सहकारिता का ढांचा
राजस्थान राज्य सहकारी बैंक
(राज्य की सर्वोच्च सहकारी संस्था) - केन्द्रीय सहकारी बैंक (जिला स्तर पर)
राज्य में जिला स्तर पर स्थापित सहकारी बैंक का नाम केन्द्रीय सहकारी बैंक है।
प्रारम्भिक सहकारी साख समितियां
1. ग्रामीण प्राथमिक सहकारी साख समिति
2. शहरी प्राथमिक सहकारी साख समिति
21 दिसम्बर 1957 को राजस्थान राज्य सहकारी संघ की स्थापना की गई तथा राज्य में 2 अक्टूबर 1965 को नवीनतम सहकारिता अधिनियम लागू किया गया।
राजस्थान राज्य सहकारी बैंक राज्य में सहकारी संस्थाओं को ऋण उपलब्ध कराने वाली शीर्ष संस्था है, इसका मुख्यालय जयपुर में है।
किसानों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराने के उद्देष्य से राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक की स्थापना 26 मार्च 1957 को की गई। इसका मुख्यालय जयुपर में हैं।
राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लि. सहकारी उपभोक्ता भंडारों की शीर्ष संस्था है। इसका मुख्यालय जयपुर में
सहकारी संस्थाएं एवं योजनाएं
राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव एज्युकेशन एण्ड मैनेजमेंट (RICEM)
विभिन्न प्रकार की सहकारी संस्थाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समन्वित कर राजस्थान सहकारी शिक्षा एवं प्रबन्ध संस्थान (राइसेम) का पंजीकरण किया गया है।
राइसेम का मुख्यालय झालाना डूंगरी, जयपुर में
संस्थान की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य सहकार कर्मियों को आर्थिक एवं सामाजिक परिदृश्य में हो रहे परिवर्तनों के अनुरूप शिक्षण एवं प्रशिक्षण उपलब्ध करवाना ताकि सहकारी क्षेत्र के लिए अनुसंधान, अध्ययन एवं सलाहकार सेवाएं उपलब्ध हो सके।
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