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Showing posts from July, 2017

शब्द शक्तियां

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शब्द शक्तियां शब्द शक्ति का अर्थ है- शब्द की अभिव्यंज शक्ति। शब्द का कार्य किसी अर्थ की अभिव्यक्ति तथा उसका बोध कराना होता है। शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ- व्यापार को शब्द शक्ति कहते हैं। शब्द शक्ति के भेदः- शब्द में अन्तर्निहित अर्थ को प्रकट करने वाले व्यापार को शब्द शक्ति कहते है। शक्ति के अनुसार शब्द तीन प्रकार के होते हैं- अ. वाचक ब. लक्षक और स. व्यंजक वाचक शब्द द्वारा व्यंजित अर्थ वाच्यार्थ या अभिधेयार्थ कहलाता है। लक्षक के द्वारा आरोपित अर्थ लक्ष्यार्थ कहलाता हैं तथा व्यंजक शब्द के द्वारा प्रकट अर्थ या व्यंजित भाव व्यंग्यार्थ कहलाता है। शब्द एवं अर्थ के सम्बन्ध के अनुसार शब्द शक्ति 3 प्रकार की होती हैं - अ. अभिधा ब. लक्षणा स. व्यंजना अ. अभिधा- शब्द की जिस शक्ति के कारण किसी शब्द का साधारण तथा प्रचलित या मुख्य अर्थ समझा जाता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। अभिधा वह शब्द शक्ति है, जिसका सीधा सरल अर्थ पाठक को समझ में आ जाता है। उसके हार के मोती कीमती हैं गाय दूध देती है। ब. लक्षणा शब्द शक्ति- जब किसी वक्ता द्वारा कहे गये शब्द के मुख...

गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती पर विशेष

तुलसीदास साधारणतः गोस्वामी तुलसीदास के नाम से भी जाने जाते है। वे भारतीय जनमानस में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते है, उनके द्वारा लिखित रामचरितमानस लोगों को सुंदर लय में कंठस्थ याद रहते हैं। इसके माध्यम से वे सभी सम्प्रदायों में समन्वय कर सकें। एक हिन्दू कवी-संत, संशोधक और जगद्गुरु रामानंदाचार्य के कुल के रामानंदी सम्प्रदाय के दर्शनशास्त्री और भगवान श्री राम के भक्त थे। तुलसीदास जी अपने प्रसिद्ध दोहों और कविताओ के लिये जाने जाते है और साथ ही अपने द्वारा लिखित महाकाव्य रामचरितमानस के लिये वे पुरे भारत में लोकप्रिय है। रामचरितमानस संस्कृत में रचित रामायण में राम के जीवन की देशी भाषा में की गयी अवधि है। तुलसीदास जी का जीवन परिचय – पूरा नाम – गोस्वामी तुलसीदास जन्म – सवंत 1589 जन्मस्थान – राजापुर ( उत्तर प्रदेश ) पिता – आत्माराम माता – हुलसी शिक्षा – बचपन से ही वेद, पुराण एवं उपनिषदों की शिक्षा मिली थी। विवाह – रत्नावली  जन्म के समय इनके मुह में पुरे दांत थे, अंत: अशुभ मानकर माता पिता द्वारा त्याग दिये जाने के कारण संत नरहरिदास ने काशी में उनका पालन पोषण किया थ...

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व  के सभी बाघों के निवास के संरक्षण, विस्तार तथा उनकी स्थिति के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। वर्ष 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में 29 जुलाई को प्रतिवर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया था। बाघ की आबादी वाले 13 देषों ने संकल्प लिया था कि वर्ष 2022 तक बाघों की आबादी दुगुनी कर देंगे। इन देशों में 3,948 बाघ है। जिसमें से भारत में बाघों की संख्या कुल 1,706 है। भारत में बाघ संरक्षण कार्यक्रम- भारत का राष्ट्रीय पशु बंगाल टाइगर (पैंथेरा टाइग्रिस) है। वन्य जीवों को संरक्षित करने के उद्देष्य से वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 लाया गया, जिसके तहत बाघ संरक्षण हेतु परियोजना गठित की।

कमलांग वन्यजीव अभयारण्य अरुणाचल प्रदेश का 50वां और राज्य का तीसरा बाघ अभयारण्य

कमलांग वन्यजीव अभयारण्य अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित है, जिसे वर्ष 1989 में स्थापित किया था। इस अभयारण्य का नामकरण इसमें होकर प्रवाहित होने वाली कमलांग नदी के नाम पर रखा गया। भारत सरकार की प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अंतर्गत 6 सितंबर, 2016 को अरुणाचल प्रदेष सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कमलांग वन्यजीव अभयारण्य को ‘बाघ अभयारण्य’ का दर्जा प्रदान कर दिया। यह भारत का 50वां और राज्य का तीसरा बाघ अभयारण्य है। अरुणाचल प्रदेष में नमदाफा और पक्के बाघ अभयारण्य पहले से स्थित है। इस अभयारण्य मे बाघ, हाथी, तेंदुआ, होलॉक गिबन, हिरन, हॉर्नबिल तथा उड़न गिलहरी ¼ Flying Squirrels ½ आदि पशुओं की प्रजातियां पाई जाती है। क्षेत्रफलः 783 वर्ग किमी जिसमें से कोर क्षेत्र 671 वर्ग किमी., बफर क्षेत्र 112 वर्ग किमी. है।

भारत में वन्य जीवन

वन्य जीवों के संरक्षण के लिए 1972 में ‘वन्यजीव संरक्षण अधिनियम’ बनाया गया था। देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 4.75 प्रतिशत भाग राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य एवं जीवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आता है। सरकार ने विभिन्न वन्य जीवों एवं विलुप्त हो रही प्रजातियों के लिए कई परियोजनाएं प्रारम्भ की हैं, जैसे- गिर शेर परियोजना, 1972 बाघ परियोजना, 1973 मगरमच्छ प्रजनन परियोजना, 1975 गैंडा संरक्षण परियोजना, 1987 हाथी परियोजना, 1992 राष्ट्रीय बाघ संरक्षण परियोजनाः- राष्ट्रीय पशु बाघ की सुरक्षा के उद्देश्य से 1973 में बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) आरम्भ की गई। इस परियोजना की शुरुआत उत्तराखंड के कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान से की गई थी। 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है।

प्रायश्चित - एक सीख

एक सुबह ऐसी आयेगी, कभी सोचा न था। जीवन के अध्याय में, कल्पनाओं से परे। जीवन दर्शन में, इक नया बदलाव लायेगी, ऐसा सोचा न था। हीन होकर मैं रह गया, जीव-जगत का दुःख सह गया। गुरू न सीखा सका, वो सीख एक जीव दे गया। प्रत्यक्ष अनुभूत हुआ मन से, कोई विकार था जो, भ्रम से आच्छादित हो, ले गया उस पथ पर। अवबोध मन पे माया का पाश, फैला था कुछ धुंधलापन ले, चंद मयूरपंख पाने को, लालायित से थे मेरे नैन। संग चचेरा भाई था, आशाओं से भरे दृगों में, स्वप्न बस एक यही था। भोर काल की बेला में, खगकुल के कलरव गान सुन, मन उमंग से भरा था, कही कोई पहले न पहुंचे। जहां रात्रि विश्राम किया, मयूर ने, उस वृक्ष के नीचे, चंद मयूर पंखों के खातिर, पहुंच जाते थे वहां, प्रतिवर्ष यही दोहराव था बचपन का। एक वर्ष, एक दिन दोपहर का समय, मैं भ्राता संग, हवेली की छत पर, प्रतीक्षा की मयूर के आने की, समय विद्यालय में लंच का, थोड़ी जल्दी में, हमने देखा एक मयूर, मात्र दो चंदू थे उसके। बाकी सब त्याग दिये, मानों वृक्षों का पतझड़ हो, देख उसको, मन में जिज्ञा...

प्रतापगढ़ जिले के कल्पेश राज सोनी को मिला ग्लोबल बिजनेस लीडरशिप अवार्ड

जयपुर। प्रतापगढ़ जिले के कल्पेश राज सोनी को सूचना प्रौद्योयोगिकी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए ग्लोबल बिजनेस लीडरशिप अवार्ड प्राप्त हुआ है। पद्मश्री महेश राज सोनी परिवार के कल्पेश को पश्चिम भारत के ग्रामीण क्षेत्र में डिजिटल भारत कार्यक्रम के अंर्तगत युवा युवतियों को एम्पावर्ड करने के महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह अवार्ड वल्र्ड पीस एण्ड डिप्लोमेट आर्गेनाईजेशन द्वारा प्रदान किया गया है। राज सोनी ने बताया कि यह अवार्ड प्रतिवर्ष उन प्रतिभाशाली व्यक्तियों को दिया जाता है जो कि अपने देश के लिए उत्कृष्ट सेवाएं देते है तथा युवा उद्यमियों और युवकों को सूचना प्रोद्योगिकी को फस्ट हैंड सहयोग और पहचान दिलवाने के कार्य में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते है।

भारत के राज्यों के वर्तमान राज्यपाल व मुख्यमंत्रियों की नवीनतम सूची

भारत के राज्यों के वर्तमान राज्यपाल व मुख्यमंत्रियों की नवीनतम सूची इस प्रकार है  – राज्य मुख्‍यमंत्री राज्यपाल आंध्र प्रदेश नारा चंद्रबाबू नायडू ई.एस लक्ष्मी नरसिम्हन अरूणाचल प्रदेश तकाम पारियो ज्योति प्रसाद रखोवा असम सर्बानंद सोनोवाल बनवारी लाल पुरोहित बिहार नीतीश कुमार केशरी नाथ त्रिपाठी (अतिरिक्त प्रभार) छत्‍तीसगढ़ डॉ. रमन सिंह बलरामजी दास टंडन दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) अरविंद केजरीवाल अनिल बैजल (उपराज्यपाल) गोवा मनोहर परिकर श्रीमती मृदुला सिन्हा गुजरात विजय रूपानी ओम प्रकाश कोहली हरियाणा मनोहर लाल खट्टर प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी हिमाचल प्रदेश वीरभद्र सिंह आचार्य देवव्रत जम्‍मू और कश्‍मीर महबूबा मुफ़्ती एन. एन. वोहरा झारखंड रघुबर दास द्रौपदी मुर्मु कर्नाटक सिद्धारमैया वाजूभाई रूदाभाई वाला केरल पिनराई विजयन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पलनिस्वामी सदाशिवम मध्‍य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान ओम प्रकाश कोहली (अतिरिक्त प्रभार) महाराष्‍ट्र देवेंद्र फडणवीस चेन्नमनेनी विद्यासागर राव मणिपुर बीरेन सिंह नजमा हेपतुल्ला मेघालय डॉ. मुकुल संगमा बनवारी लाल पुरोहि...

लाइवलीहुड बिजनेस इनक्यूबेटर’(एलबीआई) स्थापना में राजस्थान देश में अग्रणी

केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में 8 लाईवलीहुड बिजनेस इंक्यूबेटर स्थापित किए जा रहे हैं। प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई श्री सुबोध अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह इंक्यूबेटर जयपुर, उदयपुर, अलवर, कोटा, अजमेर बीकानेर और जोधपुर, झालवाड़ में स्थापित किए जा रहे हैं। ‘उद्यम एवं कौशल विकास’ के तहत ‘लाइवलीहुड बिजनेस इनक्यूबेटर’(एलबीआई) की शुरुआत की गई।  देश में अब तक 55 एलबीआई स्वीकृत हुए हैं जिनमें से सर्वाधिक 8 एलबीआई राजस्थान के हैं। इस तरह आजीविका आधारित इनक्यूबेटर स्थापित करने में राजस्थान देश में अग्रणी प्रदेश हो गया है। राज्य में युवाओं को स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी जिलों में ‘लाइवलीहुड बिजनेस इनक्यूबेटर’ स्थापित किए जाएंगे। इन आजीविका आधारित इनक्यूबेटर की स्थापना से स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देने के साथ ही केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। राज्य में प्रोड्क्शन सेन्टर उदयपुर, आई.टी.आई. जयपुर, आई.टी.आई. रामगढ़ (अलवर), राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज झालावाड़, अजमेर एवं बीकानेर, फुटवियर डिजाईन एण्ड डवलपमेन्...

राजस्थान सम्पर्क जन सामान्य की शिकायतों के निराकरण की अभिनव पहल

राजस्थान सम्पर्क पोर्टल सरकार व प्रदेश के आमजनों के बीच एक ऐसा सरल व सुगम माध्यम है जिसके द्वारा आमजन सरकार से संबंधित अपनी किसी भी परेशानी या समस्या के बारे में बेझिझक सरकार को बता सकते हैं। इससे न सिर्फ आमजन को उनकी परेशानियों का समाधान मिलता है साथ ही इससे सरकार की आमजन के प्रति संवेदनशीलता का भी परिचय मिलता है। शिकायत दर्ज करवाने के तरीके राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर आमजन घर बैठे ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों एवं ज़िला स्तर पर राजस्थान सम्पर्क केन्द्रों की स्थापना भी की गई है। ई-मित्र कियोस्क पर भी आमजन अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं। टेलीफोन के ज़रिए शिकायत दर्ज कराने और समस्या के निराकरण की निःशुल्क सूचना प्राप्त करने के लिए सिटीजन कॉल सेंटर स्थापित किए गए हैं जहां 18001806127 नम्बर पर अपनी शिकायत दर्ज करवा कर कार्यवाही की प्रगति जानी जा सकती है। दर्ज शिकायतों के निस्तारण की जानकारी फोन कॉल पर देने के साथ ही पोर्टल पर भी फीडबैक की व्यवस्था की गई है। इस पर आप पायेंगे: -      1.  ...

राजस्थान को पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दो राष्ट्रीय अवार्ड मिले

जयपुर। राजस्थान को पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दो राष्ट्रीय अवार्ड मिले है। राजस्थान पर्यटन सूचना केन्द्र नई दिल्ली के सहायक निदेशक श्री आर.के. सैनी ने ये अवार्ड श्रीलंका के पर्यटन मंत्री श्री जॉन अमेरत्तनास और होटल उद्यमी श्री पुनीत पूरी से ग्रहण किये। ये अवार्ड बेंगलुरु में आयोजित तीन दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल ट्रैवेल मार्ट में दिये गए। राजस्थान को यह अवार्ड ’हेरिटेज डेस्टिनेशन ऑफ ईयर’ और ’बेस्ट डेस्टिनेशन प्रमोशन’ श्रेणियों में मिले है। ट्रैवेल मार्ट में राजस्थान का स्टॉल आकर्षण का केन्द्र रहा। प्रतिभागियों ने विश्व पर्यटन नक्शे पर राजस्थान की जबर्दस्त उपस्थिति को सराहा और कहा कि देश विदेश का हर पर्यटक अपने जीवन मे बार बार राजस्थान की सैर पर आना चाहता है। मार्ट में राजस्थानी साहित्य का भी वितरण किया गया।

सांप के काटने पर इलाज के लिए अपनायें ये सावधानी

WHO के मुताबिक हर वर्ष 83,000 लोग सांप के काटने सेे षिकार होते हैं और उनमें से 11,000 की मौत हो जाती है। भारत में सांप की लगभग 500 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से मात्र 10 ऐसी प्रजातियां हैं जो जहरीली होती हैं, जिनमें प्रमुख रस्सेल वाइपर, कोबरा (नाग) स्केल्ड वाइपर और करैत आदि है। लक्षण- जहरीले सांपों के काटने पर दांतों के दो निषान अलग ही दिखाई देते हैं। बिना जहरीले सांप के काटने पर दो से ज्यादा निषान होते है। क्या करें ? ऽ    काटी गई जगह को साबुन से धोए ऽ    दांत के निषान की जांच करें, यदि दो दांत के निषान है तो सांप जहरीला है ऽ    काटे हुए अंग को हिलाए-डुलाए नहीं ऽ    यदि हाथ में सांप ने काटा है तो उसे नीचे की ओर लटकाकर रखें ताकि जहर को हृदय तक पहुंचने में देर लग सके। ऽ    यदि पैर में काटा है तो पलंग पर इस तरह लिटाये कि मरीज के पैर नीचे लटके रहें। ऽ    मरीज व्यक्ति को धीरज बंधाएं, क्योंकि घबराहट से हृदयगति (धड़कन) तेज होने से खून की गति भी तेज होती है जिससे जहर पूरे शरीर में तेजी से फैल...

राजस्थान का एकीकरण

राजस्थान का एकीकरण राजस्थान के एकीकरण के समय कुल 19 रियासतें 3 ठिकाने- लावा (जयपुर), कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) व नीमराना (अलवर) तथा एक चीफशिफ अजमेर-मेरवाड़ा थे। प्रथम चरण - मत्स्य संघ 18 मार्च, 1948 अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली और नीमराणा (अलवर) ठिकाना को मिलाकर मत्स्य संघ का निर्माण  उद्धघाटन - केंद्रीय मंत्री एन. वी. गाडगिल (नरहरि विष्णु गाॅडविल) द्वारा  राजप्रमुख - धौलपुर महाराजा उदयभान सिंह  उपराजप्रमुख - गणेशपाल करौली  प्रधानमंत्री - श्री शोभाराम कुमावत  राजधानी - अलवर  मत्स्य संघ नाम श्री के.एम्.मुंशी ने सुझाया  25 मार्च, 1948 को कोटा, बूंदी, झालावाड़, टोंक, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, किशनगढ़ व शाहपुरा का विलय होकर राजस्थान संघ बना। दूसरा चरण राजस्थान संघ (25 मार्च 1948) डुंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंक, बूंदी, कोटा, झालावाड़ आदि 9 रियासत और एक कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) ठिकाना को मिलाकर  उद्घाटन कर्ता - एन. वी. गाॅडविल  राजधानी- कोटा राजप्रमुख- भीमसिंह (कोटा) उ...

राजस्थान की वन सम्पदा

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राजस्थान वनों की दृष्टि से निर्धन राज्य है। राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार राज्य के कुल क्षेत्रफल के लगभग 33% भाग में कुल क्षेत्रफल के 9.51% भाग पर वन है। वर्तमान में राजस्थान में सर्वाधिक वन क्षेत्र उदयपुर जिले में है। जिले के क्षेत्रफल में प्रतिशत सर्वाधिक वन बांसवाड़ा जिले में है। राजस्थान में सबसे कम वन चुरू जिले में है। राजस्थान में वनों का कुल क्षेत्रफल 32,638.74 वर्ग किलोमीटर है जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 9.54% है। राजस्थान की कुल कार्यशील जनसंख्या का 0.4% रोजगार की दृष्टि से वनों पर निर्भर है। राजस्थान के कुल वनों में सर्वाधिक संख्या धोकड़ा वृक्ष की है। खेजड़ी को रेगिस्तान का कल्पवृक्ष कहा जाता है। खेजड़ी को प्राचीन धर्म ग्रन्थों में इसे शमी वृक्ष के नाम से पुकारा जाता है। राजस्थान में सर्वप्रथम वन संरक्षण की नीति जोधपुर रियासत के द्वारा घोषित की गई। पंचवर्षीय योजना में सामाजिक वानिकी कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया जिसे सातवीं पंचवर्षीय योजना में विस्तृत रूप से पूरे राज्य में लागू किया गया। सामाजिक वानिकी- वृक्षों को संरक्षण देने के लिए सातवीं पंचवर्षीय योजना...

Current GK

जयपुर मेट्रो के कार्यकारी निदेशक के रूप में भारतीय रेल अभियांत्रिकी सेवा के अधिकारी अखिलेश कुमार सक्सेना को नियुक्त किया गया है| वर्तमान में अखिलेश जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत है| अखिलेश भारतीय रेल सेवा और दिल्ली मेट्रो रेल सेवा के विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके है| डॉ. कलाम स्मृति इंटरनेशनल साइंस एंड स्पेस म्यूजियम केरल के तिरुवंतपुरम में खोला गया है| यह म्यूजियम पूर्व प्रेसिडेंट एपीजे अब्दुल कलाम को समर्पित है| इस म्यूजियम में कलाम के दुर्लभ फोटो, रॉकेट, सैटेलाइट के मॉडल उनके लोकप्रिय विचारों का संग्रह प्रदर्शित किया जाएगा। पुस्तक नरेंद्र दामोदरदास मोदी: द मेकिंग ऑफ अ लीजेंड - लेखक बिन्देश्वर पाठक इस पुस्तक में मोदी द्वारा भारत के विकास के लिए किये कार्य तथा उनकी यात्राओं का वर्णन किया गया है| ‘प्रेसिडेंट्स लेडी’ पुस्तक की लेखिका सुश्री संगीता घोष है| इस पुस्तक में श्रीमती सुबरा मुखर्जी के जीवनी पर आधारित है| इस पुस्तक में उनके व्यक्तित्व, संगीत और चित्रकारी के बारें में वर्णन किया गया है| इन्होनें रविन्द्र संगीत को गैर बांग्ला दर्शकों त...