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Showing posts from August, 2017

आईटी एवं ई-गवर्नेन्स के लिए मुख्यमंत्री को 'चीफ मिनिस्टर ऑफ द ईयर' का स्कोच अवॉर्ड

          मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे को राजस्थान में आईटी एवं ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय कार्याें के लिए 'चीफ मिनिस्टर ऑफ द ईयर' का स्कोच 2017 से सम्मानित किया जायेगा। साथ ही प्रदेश को 'स्मार्ट गवर्नेन्स स्टेट ऑफ द इयर' पुरस्कार के लिए भी चुना गया है।

राजस्थान की लोक देवियां

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राजस्थान की प्रमुख लोक देवियां निम्नलिखित हैं- करणीमाता मूलनाम - रिद्धीबाई करणी माता बीकानेर के राठौड़ों की कुलदेवी है। इनका मुख्य मंदिर देशनोक (बीकानेर) में है। करणी माता ‘चूहों की देवी’ के नाम से भी जानी जाती है। सफेद चूहों को काबा कहते हैं। करणीजी की ईष्ट देवी ‘तेमड़ामाता’ थी। चारण जाति के लोग इनकी पूजा करते हैं। जन्म स्थान - सुआप गाँव, चारण जाति में।  इनका एक रूप ‘सफेद चील’ भी है। पिता - मेहाजी चारण  उपनाम - राठौड़ों व चारणों की कुलदेवी। राठौड़ों की कुलदेवी मानी जाने वाली करणी माता के आशीर्वाद से ही, राव बीका ने बीकानेर राज्य की स्थापना की। - राव जोधाजी के राजा बनने के बाद जोधपुर के किले मेहरानगढ़ दुर्ग की नींव करणी माता जी द्वारा रखी गई थी। - करणीजी का मंदिर मठ कहलाता है।  कैलादेवी - करौली यदुवंश की कुल देवी, जो दुर्गा के रूप में पूजी जाती है। - मुख्य मंदिर त्रिकुट पर्वत पर। - प्रतिवर्ष चैत्र मास की शुक्ल अष्टमी नवरात्रों में लक्खी मेला लगता है। - कैलादेवी के मन्दिर के सामने बोहरा की छतरी बनी हुई है। - कैलादेवी की आराधना में ...

नेपोलियन बोनापार्ट

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नेपोलियन बोनापार्ट 'सत्ता मेरी रखैल है! इसे वश में करने के लिए मुझे इतनी दिक्कत उठानी पड़ती है कि मैं न तो उसे किसी को छीनने दूंगा और न अपने साथ भोगने दूंगा।' जन्मः  15 अगस्त 1769 ई. को कोर्सिका द्वीप के अजासियों नामक नगर में कार्लो बोनापार्ट और लेटीजिया रमोलिनों के घर हुआ। सैन्य शिक्षा में दक्ष होने से 16 वर्ष की उम्र में ही वह फ्रांस की तोपची सेना में 1785 में सेकिन्ड लेफ्टिनेन्ट बन गया। इतिहास को उसने ‘शील विज्ञानों की आधारशिला, सच्चाई की ज्योति और पक्षपात का शत्रु’ कहा। 1793 ई. में अंग्रेजो ने तूलों के बन्दरगाह पर अधिकार कर लिया था परन्तु नेपोलियन ने तीन महीने के अंदर अंग्रेजों को तूलों से निकाल दिया। इस सफलता के कारण उसे ब्रिगेडियर जनरल का पद दिया गया, जो उसकी पहली विजय थी। फ्रांस और आस्टिृया के बीच कैम्पोफोर्मियों की संधि 17 अक्टूबर 1797 ई. में सम्पन्न हुई। इस संधि के अनुसार आस्टिृया ने बेल्जियम पर जिसे फ्रांस पहले से जीत चुका था फ्रांस का अधिकार स्वीकार कर लिया। आस्टिृया ने फ्रांस को राईन नदी के दक्षिण तट का दो-तिहाई भाग, जो पवित्र रोमन साम्राज्य का क्षेत...

Sarojini Naidu

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सरोजनी नायडू 1879-1949 ई. जन्मः 13 फरवरी, 1879 ई., हैदराबाद में प्रारम्भिक शिक्षा मद्रास में उच्चशिक्षा लंदन के किंग एस. कॉलेज से ग्रहण की। विवाह डॉ. गोविन्द राजूलू नायडू से सरोजनी नायडू भारत की बुलबुल (नाइटिंगेल ऑफ इण्डिया) के नाम से प्रसिद्ध थी। 1916 ई. में कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में पहली बार भाग लिया। उन्होंने 1925 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कानपुर अधिवेशन की अध्यक्षता की। पहली भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष थी वैसे दूसरी महिला अध्यक्ष (पहली श्रीमति एनी बेसेंट)। उन्होंने 1931 ई. में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया। राज्यपाल बनने वाली ये भारत की पहली महिला थी। इनकी प्रमुख रचनाएं- द ब्रोकेन विंग, द गोल्डेन थ्रेशोल्ड, द वर्ल्ड ऑफ टाइम, द फायर ऑफ डान आदि

इस्लाम का उदय

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600-1200 ई. तक के इस्लामी इतिहास के मुख्य स्रोत तवारीख, सिरा, हदीथ और तफसीर है। तवारीखः इसे इतिवृत भी कहा जाता है। इसमें कालक्रमानुसार घटनाओं का विवरण मिलता है। मुहम्मद साहब और अन्य धर्मगुरूओं, खलीफाओं के जीवन-चरित को सिरा कहा जाता है। हदीथ में हजरत मुहम्मद के कार्यो और उनके कथनों का उल्लेख मिलता है। कुरान, जो इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है, पर समय-समय पर टीकाऐं या तफसीर लिखी गई जिनसे मुहम्मद साहब की शिक्षाओं और इस्लाम धर्म के मूल तत्वों के विषय में ज्ञान प्राप्त होता है। कुरान शब्द की व्यत्पत्ति ‘इकरा’ से मानी गई है। कुरान की रचना अरबी भाषा में की गई है। संपूर्ण ग्रंथ में 114 अध्यायों ‘सुराओं’ में विभक्त है। इसमें हजरत मुहम्मद द्वारा 612-632 ई. के बीच मक्का और मदीना में दिए गए संदेशों शताब्दी में संभवतः इन्हें संकलित किया गया। सभी स्रोतों का आधार अखबार ‘आंखों देखा विवरण’ मुकदसी का भूगोल पर लिखित अहसानल तकसीम, अलबेरूनी की तहकीक मा लिल हिंद या तहकीके हिंद, फिरदौसी की शाहनामा। उमर ख्याम की रूबाइयात तथा एक हजार एक राते। दस्तावेजी साक्ष्य में सर्वाधिक महत्वपूर्ण गेलिज...

कालीबंगा

यह हड़प्पा कालीन प्रमुख स्थलों में से एक है। यहां से प्राक् हड़प्पा और हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष मिलें हैं। यह स्थल राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है। यह घग्घर नदी (सरस्वती) के किनारे स्थित थी। सन 1953 में अमलानन्द घोष ने खोज की। खुदाई - 1962 में बी.बी. लाल और बी. के. थापर ने बी.के. थापर ने रेडियो कार्बन विधि से इस सभ्यता का समय 2300 ई.पू. निर्धारित किया है। विशेषताएं- हल से जुते हुआ खेत, जिसमें एक साथ दो फसलें उगाने के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। अलंकृत ईंटों से बना फर्श लोथल के साथ-साथ यहां भी अग्नि वेदिकाएं/हवन कुंड मिले हैं। लकड़ी की नालियां या परनाले का साक्ष्य-कालीबंगा से नाली व्यवस्था प्राप्त नहीं कच्ची व पक्की ईंटों के साक्ष्य मिले

Nervous System_तंत्रिका तंत्र

मनुष्य के तंत्रिका तंत्र में तंत्रिकाएं एवं मस्तिष्क आते हैं। तंत्रिका तंत्र शरीर के विभिन्न अंगों पर नियंत्रण का कार्य करता है तथा यह समस्त मानसिक कार्यों का भी नियंत्रण करता है। कशेरुकियों में तंत्रिका तंत्र निम्नलिखित तीन भागों का बना होता है- 1. केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र- इस भाग में मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु आते हैं। 2. परिधीय तंत्रिका तंत्र- इस भाग में केनियल तथा स्पाइनल तंत्रिकाएं आती है। 3. स्वायत्त तंत्रिका तंत्र- यह मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु से ही सम्बंधित रहता है, परंतु स्वतंत्र रूप से कार्य करता है। यह शरीर की अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है, जैसे- हृदय की धड़कन। मस्तिष्क -  मस्तिष्क अत्यधिक संवेदनशील एवं मुलायम होता है, जो कि तंत्रिका ऊतक का बना होता है। मनुष्य में इसका वनज 1400 ग्राम होता है। यह अस्थियों के खोल क्रेनियम में बंद रहता है जो कि इसे बाहरी आघातों से बचाता है। क्रेनियम के नीचे मस्तिष्क तीन झिल्लियों से ढका रहता है, जिन्हें मस्तिष्कावरण कहते है। मेनिनजाइटिस मानव में होने वाला एक घातक रोग है, जिसमें मस्तिष्क झिल्ली में सूजन आ जाती है। मनुष्य के म...

मनोविज्ञान

Psychology का अर्थ मनोविज्ञान जिसका अंग्रेजी शब्द Psychology की उत्पत्ति यूनानी (ग्रीक) भाषा के दो शब्द Psyche और Logos  से मानी गई हैं। Psyche से तात्पर्य- आत्मा Logos से तात्पर्य- विज्ञान अथवा विवेचना से लिया जाता है। इस प्रकार मनोविज्ञान अपनी प्रारम्भिक स्थिति में आत्मा का अध्ययन करने वाले विज्ञान के रूप में स्थापित हुआ। 1. आत्मा के विज्ञान के रूप में 16वीं सदी में मनोविज्ञान को आत्मा का अध्ययन करने वाला विज्ञान माना गया है। इस विचारधारा के प्रतिपादक- प्लेटो, अरस्तु, डेकार्टे यहां पर मनोविज्ञान एक विज्ञान के रूप में स्थापित हो रहा था, अतः यह आवश्यक था कि आत्मा के सम्बन्ध में नियन्त्रित वातावरण (सुसज्जित प्रयोगशाला) में परीक्षण किये जाये। प्रयोगात्मक परीक्षण किये जाये। यह कार्य सम्भव नहीं होने के कारण मनोवैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र को छोड़ दिया। 2. मन/मस्तिष्क के विज्ञान के रूप में आत्मा के अध्ययन क्रम से निकलकर के मनोविज्ञान ने मन अथवा मस्तिष्क के अध्ययन को अपना विषय चुना। प्रमुख प्रतिपादक- इटली के दार्शनिक पाम्पोनॉजी व थामस रीड़ मन अथवा मस्तिष्क पर प्रयोग...

पर्यायवाची शब्द

अग्नि- अनल, आग, पावक, दहन, कृशानु अलंकार- आभूषण, विभूषण, जेवर अमृत- अमिय, पीयूष, सोम, सुधा, अमी असुर- दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर, दैत्य, रात्रिचर अतिथि- आगन्तुक, पाहून, मेहमान अजेय- अजित, अपराजित, अपराजेय अनुपम- अपूर्व, अनोखा, अतुल, अनूठा अश्व- तुरंग, घोड़ा, घोटक, हरि, बाजि, सैन्धव, हय अंधकार- तम, तिमिर, अंधेरा, तमस अनुचर- नौकर, दास, सेवक, आम- रसाल, आम्र, सौरभ, अमृतफल, सहुकार आंख- लोचन, चक्षु, नयन, नेत्र, दृग, दृष्टि आकाश- अम्बर, गगन, नभ, व्योम, अनन्त, आसमान आनंद- उल्लास, हर्ष, आमोद, मोद आत्मा- जीव, चैतन्य, अंतःकरण, देव इंद्र- देवराज, सुरेश, सुरपति, अमरेश, देवेन्द्र इन्द्राणी- शची, पुलोमजा, इंद्रवधु कमल- पंकज, नीरज, सरोज, जलज कपड़ा- पट, वसन, अम्बर, वस्त्र कनक- सोना, स्वर्ण, धतूरा कान- श्रवण, कर्ण, श्रुति, श्रवणेंद्रिय कामदेव- मनोज, मन्मथ, मार, कंदर्प, अनंग, मनसिज, रतिनाथ काजल- कज्जल, अंजन, सुरमा, काज़र कोयल- कोकिला, काक्पाली, वसंतदूत, पिक किरण- ज्योति, प्रभा, मरीचि, कर, अंशु, रश्मि, मयूख किनारा- कूल, तट, कगार, तीर किसान- कृषक, हलधर, भूमिपुत्र, खेतिहर, अन्नदा...

राजस्थान में कृषि

होहोबा (जोजोबा) . यह मैक्सिको, कैलिफोर्निया और एरिजोना के रेगिस्तान में उगता है। . इसे ‘पीला सोना’ भी कहते है। . जोजोबा की कृषि से सम्बन्धित निजी क्षेत्र की राज्य की सबसे बड़ी परियोजना झज्जर, बीकानेर में है। . इसकी खेती राज्य में जोधपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, चूरू जिलों में होती है। . राज्य में इस फसल की खेती को विकसित करने के लिए इजरायली वैज्ञानिकों की सहायता से दो कृषि फार्म स्थापित किये गये हैं -1 फतेहपुर, सीकर, 2. ढण्ढ, जयपुर . इसका पौध सर्वप्रथम काजरी द्वारा 1965 में इजराइल से लाया गया। अफीम . राजस्थान में अफीम का सर्वाधिक उत्पादन चित्तौड़गढ़ में होता है। . यह फसल रबी की है इसे ‘काला सोना‘ भी कहते है। . यह एक नारकोटिक्स फसल है। . उत्पादन सरकार के नियत्रांण में रहता है। . कच्चा फल पकने पर डोड़ा कहलाता है। . बीजों को खस-खस (PoPPy seed) कहते है, जिनका उपयोग तिजारा बनाने में किया जाता है।

जयपुर व टाेंक जिले के उम्मीदवारों का ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन एक सितम्बर, 2017 से

जयपुर। जयपुर एवं टोंक जिले के युवा अभ्यर्थियों के लिए सेना भर्ती रैली का आयोजन 3 दिसम्बर से 14 दिसम्बर, 2017 तक सीआईएसएफ ग्राउंड कुण्डा आमेर में किया जाएगा। जयपुर व टाेंक जिले के उम्मीदवारों का ऑनलाईन रजिस्टे्रशन 1 सितम्बर, 2017 से 15 अक्टूबर, 2017 तक होगा। यह रजिस्टे्रशन भारतीय सेना की वेबसाईट www.joinindianarmy.nic.in पर करवाया जा सकता है। उम्मीदवारों को उनके प्रवेश-पत्र संबंधित ई-मेल आईडी पर 17 अक्टूबर, 2017 को भेज दिए जाएंगे। उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे अपने प्रवेश-पत्र को लेजर प्रिन्टर द्वारा ही प्रिन्ट करें, साथ ही इसे मोड़े नहीं क्योंकि इन पर अंकित बार कोड नम्बर का मशीन द्वारा रैली में प्रवेश के समय सत्यापन किया जाएगा। 

रणथम्भौर दुर्ग

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राजस्थान के सवाई माधेपुर जिले के निकट स्थित यह दुर्ग अरावली पर्वत की दुर्गम आकृति वाली सात पहाडि़यों से घिरा हुआ है। यह दुर्ग चारों और से घने जंगलों (रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान) से घिरा हुआ है तथा इसकी किलेबन्दी काफी सुदृढ़ है। इसलिए अबुल फ़ज़़ल ने इसे बख्तरबंद किला कहा है।  हम्मीर देव चौहान की आन-बान का प्रतीक रणथम्भौर दुर्ग पर अलाउद्दीन खिलजी ने 1301 में आक्रमण किया था। हम्मीर विश्वासघात के परिणामस्वरूप लड़ता हुआ वीरगति से प्राप्त हुआ तथा उसकी पत्नी रंगादेवी ने जौहर कर लिया। यह जौहर राजस्थान के इतिहास का प्रथम जौहर माना जाता है। रणथम्भौर किले में बने हम्मीर महल, हम्मीर की कचहरी, सुंपारी महल, बादल महल, बत्तीस खंभों की छतरी, जैन मंदिर तथा त्रिनेत्रा गणेश मंदिर उल्लेखनीय है। गणेश मंदिर की विशेष मान्यता है। महत्त्वपूर्ण बिन्दुः . निर्माण - इस दुर्ग का निर्माण 8वीं शताब्दी के लगभग, अजमेर के चौहान शासकों ने करवाया। . हम्मीर की आन, बान व शान का प्रतीक। . यह एरण दुर्ग, गिरि दुर्ग हैै। . अबुल फजल-‘‘बाकी सब दुर्ग नगें केवल यही दुर्ग है जो बख्तर बन्द है।’’ . दर्शनीय स्थल-...

डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम की पुस्तकें

इग्नाइटेड माइंड्सः अनलीजिंग दि पॉवर विद इन इंडिया, 2002 दि लूमिनस स्पार्क्स मिशन इंडिया इंस्पायरिंग थॉट्स फॉर्ज योर फ्यूचरः कैंडिड, फोर्थराइट, इंस्पायरिंग टर्निंग प्वाइंट्सः ए जर्नी थ्रू चैलेंजेज इनडॉमिटेबल स्पिरिट माई जर्नीः ट्रांसफार्मिंग ड्रीम्स इन टू एक्शन, 2013 एडवांटेज इंडियाः फ्रॉम चैलेंजेज टू अपॉर्च्युनिटीज (सह लेखक सृजन पाल सिंह) रीइग्नाइटेडः साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर, 2015 (सह लेखक सृजन पाल सिंह) डेवलपमेंट इन फ्लूड मेकैनिक्स एंड स्पेस टेक्नोलॉजी- इस पुस्तक के लेखन में सहलेखक रोद्दाम नरसिम्हा थे। इंडिया 2020ः ए विजन फॉर दि न्यू मिलेनियम (सह लेखक- वाई.एस. राजन) इन विजनिंग एन एंपावर्ड नेशन (सह लेखक शिवतनु पिल्लई) यू आर बॉर्न टू ब्लॉसम (सह लेखक अरूम तिवारी) टारगेट 3 बिलियन, 2011 (सह लेखक सृजन पाल सिंह) ए मैनीफेस्टा फॉर चेंजः ए सिक्वेल टू इंडिया 2020 (सह लेखक वीपोन राज) ट्रांसडेंस माई स्पीरिचुअल एक्सपीरियंसेज विद प्रमुख स्वामीजी

प्रथम राष्ट्रीय आयुर्वेद युवा महोत्सव का आयोजन 14 से 16 सितम्बर तक

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जयपुर, 20 अगस्त। प्रथम राष्ट्रीय आयुर्वेद युवा महोत्सव का आयोजन 14 से 16 सितंबर को जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में किया जाएगा। इस महोत्सव में 21 राज्यों से 3000 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। इस महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर एवं विज्ञान भारती की इकाई नेशनल आयुर्वेद स्टुडेंट्स एवं यूथ एसोसिएशन (नस्या) द्वारा केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। इस संबंध में रविवार को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में महोत्सव की स्वागत समिति की बैठक आयोजित की गई। बैैठक में सांसद श्री रामचरण बोहरा ने कहा कि वर्र्तमान युग में आयुर्वेद को आधुनिक रूप देने के लिए ऊर्जावान छात्रों व वैद्यों की आवश्यकता है तथा यह राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाला युवा महोत्सव छात्रों के बहुआयामी व्यक्तित्व के विकास के लिए योगदान करेगा। इस अवसर पर विधायक, श्री सुरेन्द्र पारीक ने कहा कि प्राचीन भारतीय चिकित्सकीय पद्धति बहुत अमूल्य है जिसे कम प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने कहा कि इस तरह के महोत्सव से न केवल आमजन को आयुर्वेदिक इलाज के बारे में विस्तृत जानकारी मिल पाएगी...

टोंक में ‘वसुन्धरा सखी महिला वाहन‘ में फ्री और सुरक्षित सफर करेंगी महिलाएं

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जयपुर 19 अगस्त। टोंक नगर परिषद ने महिलाओं को अपने गंतव्य तक फ्री एवं सुरक्षित पहुंचाने के लिए एक नई पहल की है। परिषद की ओर से ‘वसुन्धरा सखी महिला वाहन‘ के नाम से ई-रिक्शा चलाए जा रहे हैं, जिसकी शुरूआत मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से हरी झंड़ी दिखाकर की। वसुन्धरा सखी महिला वाहन की पहली सवारी भी श्रीमती राजे बनीं और टोंक नगर परिषद सभापति श्रीमती लक्ष्मी जैन के आग्रह पर वे उसमें बैठीं। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को फ्री और सुरक्षित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाने की इस अभिनव पहल के लिए टोंक नगर परिषद् सभापति की सराहना की और कहा कि अन्य निकायों को भी इस तरह के नवाचार अपनाने चाहिएं, जिसका फायदा लोगों को मिले। इन ई-रिक्शा में केन्द्र और राज्य सरकार की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी भी फ्लैक्स तथा एलसीडी पर डिस्प्ले होगी। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए इनमें सीसीटीवी और जीपीएस लगाए गए हैं। इसके अलावा वसुन्धरा सखी हैल्पलाइन, पुलिस कंट्रोल रूम तथा महिला हैल्पलाइन के टेलिफोन नंबर भी प्रदर्शित किए गए हैं। टोंक नगर परिषद् सभापति ने बताया कि प्रथम चरण मे...

राजस्थान डिजिफेस्ट का समापन समारोह

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जयपुर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि हमारी ‘जनरेशन वाय’ में वह हुनर, काबिलियत और ऊर्जा है कि वे चाहें तो देश और प्रदेश को दुनिया में बुलंदियों पर पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें युवाओं के कौशल और हौसले पर पूरा भरोसा है, जरूरत है तो बस पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी को साथ मिलकर प्रदेश की समृद्धि और विकास के लिए काम करने की। श्रीमती राजे कोटा में शुक्रवार को राजस्थान डिजिफेस्ट के समापन समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और स्टार्ट अप कम्पनियां एक-दूसरे की सहभागी बनकर प्रदेश में विकास के सफर को आगे बढ़ायेंगे। इसके लिए स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करने और इंक्यूबेटर्स की स्थापना के साथ-साथ टेक्नो हब विकसित किए जाएंगे। जयपुर में प्रदेश का पहला भामाशाह टेक्नो हब बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा चुका है। अब हम डिजिटल राजस्थान की परिकल्पना को जमीन पर साकार करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ई-मित्र और राजनेट की सुविधाओं के बाद अब विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ देने के लिए भामाशाह, राजस्थान ...

कोटा में स्मार्ट पुलिसिंग तकनीक से लैस अत्याधुनिक पुलिस कंट्रोल रूम ‘अभय कमाण्ड सेंटर’ का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कोटा में स्मार्ट पुलिसिंग व्यवस्था लागू करने के लिए उच्च तकनीक से लैस अत्याधुनिक पुलिस कंट्रोल रूम ‘अभय कमाण्ड सेंटर’ का शुभारम्भ किया। जयपुर के बाद कोटा में राज्य का दूसरा कमाण्ड सेंटर शुरू किया गया है। श्रीमती राजे ने शुक्रवार को कोटा के हेमू कालानी भवन में इस सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि राज्य पुलिस के आधुनिकीकरण और आमजन को सुरक्षित वातावरण देने के लिए प्रदेश में कई नवाचार किए हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से राजस्थान में स्मार्ट पुलिसिंग अपनायी जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस अभय कमाण्ड सेंटर एक ऎसा प्रयोग है जो पुलिस विभाग की कार्य क्षमता तथा कार्य कुशलता बढ़ायेगा और अपराध नियंत्रण तथा जांच के लिए  महत्वपूर्ण साबित होगा। राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से संचालित इस कमाण्ड सेंटर के माध्यम से पुलिस हाई क्वालिटी वीडियो कैप्चरिंग, वीडियो सर्विलांस, कॉल रिकॉर्डिंग, वाहन ट्रेकिंग, भीड़ प्रबन्धन, अपराध स्थल की मॉनिटरिंग आदि कर सकेगी। इस सेंटर में उपलब्ध वीडियो, कॉल रिकॉर्ड तथा अन्य डाटा के एनालेसिस से पुलि...

राजस्थान के हर नागरिक के लिए मुफ्त ई-वॉल्ट और ई-मेल की सुविधा शुरू

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने शुक्रवार को डिजिफेस्ट के दौरान प्रदेश के हर नागरिक के लिए ई-मेल और ई-वॉल्ट की फ्री सुविधा का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने दो महिला लाभार्थियों रेहाना बानो और राजेश गौड़ को राज-साइन, ई-वॉल्ट, ई-मेल और एसएसओ सुविधायुक्त भामाशाह डिजिकिट सौंपे। श्रीमती राजे ने कहा कि अब आमजन भी अपने दस्तावेज डिजिटल रूप से सुरक्षित रख सकेंगे क्योंकि सरकार की ओर से निःशुल्क ई-मेल और ई-वॉल्ट की सुविधा प्रदान की जा रही है।   इसके साथ ही राजस्थान देश का पहला ऎसा राज्य बन गया है जहां हर नागरिक के लिए सरकार की ओर से ई-मेल की निःशुल्क सुविधा शुरू की गई है। कोई भी नागरिक mail.rajasthan.in पर जाकर अपना ई-मेल एड्रेस बना सकेगा।  

DSSSB Recruitment 2017 : PGT, TGT & Other Posts

डीएसएसएसबी भर्ती 2017- 15058 , पीजीटी , टीजीटी और अन्य पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन करें: दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) ने 15058 जूनियर इंजीनियर , प्राथमिक शिक्षक , कानूनी सहायक , पटवारी की भर्ती के लिए एक अधिसूचना जारी की है। , सरकार के विभिन्न विभागों के अंतर्गत विशेष शिक्षा शिक्षक , पीजीटी , टीजीटी और अन्य रिक्तियों दिल्ली के एनसीटी की योग्य उम्मीदवार 25-08-2017 से 15-09-2017 तक सुबह 05:00 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अन्य विवरण जैसे आयु , शैक्षणिक योग्यता , चयन प्रक्रिया और आवेदन कैसे करें नीचे दी गई हैं ... डीएसएसएसबी रिक्ति विवरण: पदों की कुल संख्या: 15058 पद का नाम: 1. जूनियर इंजीनियर (सिविल): 70 पद 2. जूनियर इंजीनियर (मैकेनिकल): 15 पद 3. पटवारी: 140 डाक 4. कानूनी सहायक: 13 पद 5. विशेष शिक्षक: 1540 डाक 6. प्राथमिक शिक्षक: 4366 डाक 7. विशेष शिक्षा शिक्षक: 496 पद 8. सहायक शिक्षक (नर्सरी): 320 पद 9. सहायक शिक्षक (प्राथमिक): 1394 पद 10. शारीरिक शिक्षा शिक्षक: 9 1 9 पद 11. ड्राइंग टीचर: 295 पोस्ट 12. घरेलू विज्ञान श...