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Showing posts from September, 2017

मनोविज्ञान चेतना के विकास के रूप में

मनोविज्ञान चेतना के विकास के रूप में   अनेक अनुसंधानों के द्वारा जब मनोवैज्ञानिकों को यह बात स्पष्ट हो गई कि मस्तिष्क एक सम्पूर्ण है और इसे खण्ड़ों में विभाजित नहीं किया जा सकता, तब मनोवैज्ञानिकों ने माना कि चेतना नामक तत्व के द्वारा मस्तिष्क क्रियाशील होता है और व्यक्ति के व्यवहार को संचालित करता है। मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान मानने वाले प्रमुख दार्शनिक- विलियम वुण्ट, विलियम जेम्स, जेम्स सल्ली थे। इस प्रकार 19वीं शताब्दी में मनोविज्ञान चेतना के रूप में विकसित हुआ। (18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध भी) 1879 ई. में विलियम वुण्ट ने जर्मनी के लिपजिंग विश्वविद्यालय के अन्तर्गत प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना की। इसी कारण विलियम वुण्ट को प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का जनक कहा जाता है। लिपजिंग विश्वविद्यालय का वर्तमान नाम कार्लमार्क्स विश्वविद्यालय है। वुण्ट के द्वारा स्थापित प्रथम प्रयोगशाला का नाम साइकोलॉजिकल इन्स्टीट्यूट था। विलियम मैक्सीमिलयन वुण्ट प्रथम प्रयोगशाला जो वुण्ट द्वारा स्थापित की गई थी, उसमें अध्ययन का विषय मन था। विलियम वुण्ट ने अपने अध्ययनों के आधार पर ब...

रोमन साम्राज्य की राजनीतिक संरचना

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राजनीतिक संरचना रोमन साम्राज्य की राजनीतिक संरचना में सम्राट, सीनेट 'जिसमें अभिजात्य वर्ग का प्रभाव रहता था' तथा सेना प्रमुख तत्व थे। ये "साम्राज्य के राजनीतिक इतिहास में तीन मुख्य खिलाडी" थे। सम्राट राजतंत्रात्मक व्यवस्था 6ठी शताब्दी ई.पू. गणतंत्र की स्थापना, पुनः ई.पू. प्रथम शताब्दी के अंतिम चरण तथा ई. की ऑक्टेवियस ऑगस्टस ने जिस राज्य की स्थापना की उसे प्रिंसिपेट कहा जाता है। प्राचीन परम्परा को बनाए रखते हुए उसने अपने आपको  प्रिंसेप्स अथवा 'प्रमुख नागरिक' कहलाना पसंद किया। सम्राट का पद सामान्यतः पारिवारिक वंशक्रम पर आधृत था। उत्तराधिकारी को सीनेट और सेना भी मान्यता प्रदान करती थी। प्रजा का सम्राट, सिक्कों पर चित्र-पूजा देवता समान मूर्तियां बनाई जाती थी। रोमन कानूनों का विकास होने पर सम्राटों की तानाशाही पर अंकुश लग गया। नागरिकों अधिकारों की अवहेलना नही की जा सकती थी। चौथी शताब्दी के अंतिम दशक में एम्ब्रोस जैसे शक्तिशाली बिशपों के लिए यह संभव हो पाया कि यदि सम्राट आम जनता के प्रति अत्यधिक कठोर या दमनकारी हो जाए, तो ये बिशप भी उतनी ही अधि...

जुलियस सीजर

  जुलियस सीजर 44 ई.पू. में उसे रोम की सीनेट ने स्थायी डिक्टेटर नियुक्त किया। उसे सेंसर, कॉन्सल और ट्रिब्यून के सम्मिलित अधिकार दिए गए। उसने रोम की सैािनक शक्ति एवं साम्राज्य का व्यापक विस्तार किया। उसने स्पेन और फ्रांस पर अपना आधिपत्य स्थापित किया। उसने दो बार इंगलैण्ड पर भी आक्रमण किया तथापि वह इस पर पूर्ण विजय प्राप्त नही कर सका। स्पेन से इंगलिश चैनल तथा राइन नदी तक के समस्त इलाकों पर विजय प्राप्त कर ली। सिकंदरिया में हुए विद्रोह को उसने कुचल दिया तथा अफ्रीका में पांपे के समर्थकों को पराजित किया। सीजर ने मिस्र की रानी किलयोपेट्रा से अपने व्यक्तिगत संबंध स्थापित किए। अपने विजयों के संदर्भ में वह कहता था- 'मैं आया, मैंने देखा और मैंने विजय प्राप्त कर ली।' उसे रोम का राजमुकुट भी सौंपा गया, परंतु जनभावना को देखते हुए उसने सम्राट का पद स्वीकार नही किया यद्यपि वह रोम का बेताज बादशाह बन गया। सीनेट के गठन में परिवर्तन कर इसमें विदेशियों को भी स्थान दिया। प्रांतीय गवर्नरों पर केंद्र का अधिक प्रभावशाली नियंत्रण स्थापित किया गया। कर वसूलने की प्रणाली में सुधार किए गए तथा गर...

रोमन साम्राज्य

   रोम ने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की। इसके अंतर्गत यूरोप के अतिरिक्त पश्चिम एशिया तथा उत्तरी अफ्रीका का एक बड़ा भूभाग शामिल था। रोम के साम्राज्य को ‘तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य‘ कहा जाता है। तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य कौनसा था? 1. रोम साम्राज्य 2. ब्रिटिश साम्राज्य 3. भारतीय साम्राज्य 4. रूसी साम्राज्य उत्तर- 1 रोम का इतिहास, यूनान के इतिहास से भिन्न है। यूनान में सभ्यता के अनेक केन्द्र थे, जैसे- स्पार्टा, एथेंस, मैसीडोनिया इत्यादि परंतु इटली में रोम जैसा दूसरा नगर नहीं था। रोम के इतिहास की सबसे बडी विशेषता यह थी कि यह किसी एक देश या राज्य का इतिहास न होकर एक नगर राज्य का इतिहास है। टाइबर नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित रोम आरंभ में एक छोटा-सा गांव था, बाद में वह नगर, फिर राज्य, देश और अंततः साम्राज्य में परिणत हो गया। इटली यूरोप के दक्षिणी भाग में भूमध्यसागर से सटा हुआ एक लंबा प्रायद्वीप है। इसके उत्तर में आल्प्स पर्वत तथा दक्षिण में सिसली का द्वीप है। आल्प्स इटली को यूरोप के अन्य देशों से अलग करता है। उत्तर में साम्राज्य की सीमा ...

राष्ट्रीय वयोश्री योजना

पुस्त कें     ‘द जीन’ पुस्तक ‘द जीन’ पुस्तक के लेखक सिद्धार्थ मुखर्जी है। यह पुस्तक अनुवांशिक और मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित है। हाल ही में सिद्धार्थ मुखर्जी को वेलकम बुक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। “यूपी द ग्रोथ फैक्ट्री” पुस्तक “यूपी द ग्रोथ फैक्ट्री पुस्तक के लेखक चन्दन मित्रा है। इस पुस्तक के माध्यम से लोगों को प्रदेश में निवेश के इच्छुक उद्योगपतियों को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के विषय में विस्तृत जानकारी की दी गई है।   “माई स्टोरी” आत्मकथा है माई स्टोरी” नामक पुस्तक ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क की आत्मकथा है।  इस पुस्तक में क्लार्क ने प्रसिद्ध मंकीगेट मामले तथा अपने टीम साथी फिल हूयजेस की मौत के बारे में बताया गया है। ‘रेजिंग ट्रंप’ पुस्तक ‘रेजिंग ट्रंप’ पुस्तक की लेखिका डोनाल्ड ट्रंप की पहली पत्नी इवाना है। इस पुस्तक में डोनाल्ड ट्रंप के तीन बड़े बच्चों की परवरिश के बारे में अपने अनुभव का वर्णन किया गया है। यह पुस्तक मातृत्व और शक्ति एवं एक गैर-पक्षपातपूर्ण, गैर राजनीतिक पर आधारित है। ...