क्रिया


  • क्रिया शब्द का शाब्दिक अर्थ- करना या होना अर्थात् जिन शब्दों से किसी कार्य के करने या होने का बोध होता हैं उन्हें हम क्रिया कहते हैं।
  • क्रिया के दो भेद हैं- (1) अकर्मक और (2) सकर्मक

(1) अकर्मक क्रिया -

  • जब वाक्य में कर्म नहीं होता तो वहां अकर्मक क्रिया होती है।
  • जैसे- रोना, सोना, जागना, उठना, उड़ना, नाचना, दौड़ना, कूदना, मुस्कराना, हंसना....
  • उपर्युक्त क्रियाएं सदैव अकर्मक होती है।
  • नोटः क्या - प्रधान कर्म (निर्जीव) हमेशा
  • किसे/किसको - गौण कर्म (सजीव)
  • अकर्मक क्रिया के दो भेद हैंः पूर्ण और अपूर्ण

(अ) पूर्ण अकर्मक क्रिया- 

  • इस प्रकार के वाक्यों में कर्म होता भी नहीं है और कर्म के होने का कोई भ्रम भी नहीं होता।
  • जैसे- कुत्ता भौंक रहा है।
  •       वह हंसती है। 
  •       वह नाचती है।
  •       मोर नाचते हैं।
  •       पक्षी उड़ते हैं।

(ब) अपूर्ण अकर्मक क्रिया-

  • इस प्रकार के वाक्यों में कर्म तो नहीं होता लेकिन कर्म होने के जैसा भ्रम होता है।
  • बंदर पेड़ पर बैठा है।
  • रानी तालाब में तैर रही है। यहां क्या नहीं 
  • बालक गेंद से खेलता है।
  • शेर जंगल में रहता है।

(2) सकर्मक क्रिया 

  • जब वाक्य में क्रिया के साथ कर्म होता है, तो वहां क्रिया सकर्मक होती हैं।
  • सकर्मक क्रिया के दो भेद हैः (अ) एक कर्मक और (2) द्विकर्मक 
  • नोट- जब वाक्य में एक कर्म होता है तो वह क्रिया एक कर्मक होती है, जहां वाक्य में द्विकर्म होते हैं तो क्रिया द्विकर्मक क्रिया कहलाती है।
  • राखी राबडी खाती है। यहां क्या? राबडी
  • रमा पत्र लिखती है।
  • राधा गाय को चारा खिलाती है। 
  • इस वाक्य में क्या खिलाती है- चारा (निर्जीव) औ किसकों - गाय को (गौण कर्म) है
  • बच्चे गाना गाते है।
  • सरिता साइकिल चलाती है।
  • 2. कन्हैया बीमार दादाजी को दवा खिलाता है।
  •  राजा गरीबों को वस्त्र देता है।
  •  वह गांव को जाते हुए तृण स्पर्श करता है।

पूर्वकालिक क्रिया 

  • जब मुख्य क्रिया से पूर्व एक ओर क्रिया समाप्त होती है, तो वहां पहले समाप्त होने वाली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है।
  • पूर्वकालिक क्रिया के अन्त में कर या करके जुड़ा रहता है।
  • जैसे- वह खाना खाकर विद्यालय जाता है।
  •  मैं आकर पढ़ाने लग गया।
  •  कृष्ण को देखकर (पूर्व क्रिया) राधा मुस्कराने लगी (मुख्य क्रिया)

प्रेरणार्थक क्रिया

  • जब कर्त्ता किसी कार्य को स्वयं न करके किसी अन्य से करवाता है तो क्रिया प्रेरणार्थक क्रिया है।
  • अध्यापक छात्रों से वाक्य लिखवाता है।
  • माता बेटी से खाना पकवाती है।
  • मोहन नाई से बाल कटवाता है।

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