नील नदी इथोपिया के नूबिया स्थान से निकलती है। मिस्रवासी नील नदी को हापी नाम से पुकारते थे।
पिरामिड शब्द
मिस्री भाषा के पि-रे-मस शब्द से बना है जिसका अर्थ उंचा होता है।
मिस्र के फराओं ‘राजा’ ने मरणोत्तर जीवन का सुख भोगने के लिए मृत्त शरीर को जीवित रखने के लिए उंचे-उंचे मकबरों का निर्माण करवाया जो पिरामिड कहलाते। इन शवों को ममी कहा जाता है।
पिरामिड को गणित की जन्मकुण्डली कहा जाता हैं। जिससे भविष्य की गणना की जा सकती है।
गीजा का पिरामिड खूफ्रू अथवा खीओप्स ‘चिआटस’ द्वारा काहिरा के उपनगर गीजा में
करीब 2560 ई.पू.: निर्माण
समय 23 वर्ष लगा
प्राचीन विश्व के 7 आश्चर्यो में
सबसे उंचा पिरामिड:
मिस्र के राजा तुतन खामुन की कब्र है
450 फुट उंचा
मनुष्य ने दैत्य का आकार पृथ्वी पर उतार दिया है: नेपोलियन बोनापार्ट
स्फिंक्स की प्रतिमा: मिस्र में
मिस्र के राजा खुफ्रू ने नृसिंह रूप में अपना स्मारक स्फिंक्स ‘ यूनानी शब्दः जीवन्त प्रतिमा’ बनवाया।
यूनानी लोगों का माना था कि इसका सिर एक स्त्री का और धड पंखों सहित शेर का था।
स्फिंक्स एक मिथकीय दैत्य था। पिरामिड युग का अंतिम राजा ‘फराओं’ कौन थाः पेपी द्वितीय
फराओं ;बडा घरद्ध को पृथ्वी पर ईष्वर का प्रतिनिधि सूर्यदेवता ‘रे’ का पुत्र था।
प्राचीन मिस्र की शासन व्यवस्था को ‘थियोक्रेसी’ धर्म तंत्र कहा जाता है।
फराओं के प्रशासनिक कार्यो में सहायता देने वाले अधिकारियों की परिषद को सरू कहा जाता था।
मिस्र की राजनीतिक एकता का जनक तथा प्रथम राजवंश का संस्थापक: मेने
मेने के समय से मिस्र का इतिहास क्रमबद्ध रूप से प्राप्त होता है।
मेने ने तेनी ‘यूनानी में थिस अथवा थिनिस’ को अपनी राजधानी बनाया।
हिक्सस ‘विदेशी शासक’: मिस्र भाषा
विश्व की पहली महिला साम्राज्ञी 1501-1479 ई.पू. हातशेपसुत
तुतमोस तृतीयः
प्रथम सेना नायक, प्रथम विजेता और संसार का प्रथम साम्राज्य निर्माता माना जाता है।
विलड्यूरेन्अ ने तुतमोस तृतीय को प्राचीन मिस्र के नेपोलियन की संज्ञा दी।
अनहोतेप तृतीय ‘1411-1375 ई.पू. को मिस्र का शाहजहां
मिस्र की सभ्यता में किसे ‘मानव जाति के इतिहास में प्रथम मानव’ कहाः अमनहोतेप चतुर्थ 1375-58 ई.पू. को। इसने नाम बदल कर ‘अखनाटक’ रख लिया।
अखनाटक का अर्थ ‘एटान जिस पर प्रसन्न है।
मिस्र वासियों ने बहुदेव वाद के स्थान पर एकेश्वरवाद की उपासना का सिद्धांत प्रचलित किया। अमनहोतेप ने ‘एटन’ नामक सूर्य देवता की पूजा प्रचलित की।
अखनाटक ने थीब्स ‘थिबिज’ के स्थान पर अखनाटक ‘अलअमर्ना’ नाम से नई राजधानी बनाई।
अकबर के ‘दीन-ए-इलाही’ धर्म की तरह अखनाटक का धर्म भी उसकी मृत्यु के साथ समाप्त हो गया।
घर को पर कहते है।
मिस्र का समाजः वर्ग- राजपरिवार, पुरोहित, सामन्त, सैनिक अधिकारी, मध्यम वर्ग, मजदूर, दास।
मैक्समूलरः ‘‘ किसी भी प्राचनी समाज में नारी को इतना उंचा स्तर प्रदान नही किया गया जितना मिस्र में।
धार्मिक जीवनः
नूत- आकाश देवता
सिन- चन्द्रमा
टाः - मिस्र में कलाओं और कलाकारों का संरक्षक देवता
आइसिस- मिस्र की मातृदेवी
मेम्फिस - धर्मशास्त्र ‘नाटक’ की रचना की प्राचीनतम दार्शनिक रचना है।
आसाइरिस ‘ओसिरिस’ - नीलनदी, पृथ्वी और हरियाली तीनों की मिली-जुली शक्तियों का प्रतीक, नीलनदी का पिता।
3000 देवी- देवताः मिस्र में
अबू सिममबल से- उगते हुए सूर्य का मंदिर।
मिस्र का राज चिह्न- पक्षयुक्त सूर्यचक्र
मिस्र सभ्यता की विश्व को देनः
जमीन की पैमाइश
नहरों तथा पिरामिडों के निर्माण के सिलसिलें में मिस्री लोगों में रेखागणित का विकास किया।
मिस्रवासियों ने रसायन के कई ऐसे लेप तैयार किए थे, जिनसे लाखों को कई शताब्दियों तक यथावत सुरक्षित रखा जा सकता था।
मिस्रवासियों को चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के बारे में ज्ञान था।
इस सभ्यता ने जोडना, घटाना और भाग की पद्धति की खोज की।
1-9 तक की गिनती, 365 दिन का एक वर्ष कैलेण्डर प्रदान।
पिरामिड का क्षेत्रफल निकालने के लिए मैनसुरेषन के सिद्धांतों का आविष्कार किया।
मिस्र में सोथिक ‘लुब्धक’ तारे के उदय पर आधारित ‘सोथिक पंचाग’ का प्रचलन
साहित्य में कथा व काव्य का प्रयोग
मिस्र की कला की विशेषताएंः शक्तिशाली, विशाल, गौरवमय है।
विश्व सभ्यता को मिस्र की सर्वाधिक महत्वपूर्ण देन: कला क्षेत्र में
भारत का तानसेन- मिस्र अमेनहोटेप
हार्प मिस्र का वाद्ययंत्र था।
लिपिः हाइरोग्लिफिक, हिराटिक
सबसे प्राचीन लिपि, यह यूनानी शब्द हाइरो ‘पवित्र’ और ग्लिफिक ‘अंकन’ से बना है।
मिस्र में शिक्षाः
सेसे और हैलियोपोलिस उस समय के प्रसिद्ध शिक्षा केन्द्र थे। उद्देश्य: राजकीय कार्य चलाने के लिए लिपिक तैयार करना।
थीब्स नगर मिस्र के साहित्य का प्रसिद्ध केंद्र था।
मृत्तकों की पुस्तक में मिस्र के शासकों की जानकारी।
इयुवेर की भविष्यवाणी: साहित्यक
मिस्र की लेखन कलाः
लेख कला मिस्र में विकसित
वर्ण माला 2800 सांकेतिक चिह्न
मिस्र के लोग पेपिरस घास से कागज बनाते थे और सरकंडे की कलम बनाकर लिखते थे।
प्राचीन मिस्र ने यह सिद्ध कर दिया कि मनुष्य क्या कुछ नही कर सकताः प्लेटो
मिस्र वर्णमाला में 22 अक्षर
विश्व की पहली औषधि संहिता का निर्माण मिस्र सभ्यता ने किया।
राजनीति के क्षेत्र में मिस्र की पुमुख देन मिस्र ने एक केंद्रीय सत्ता को जन्म देकर साम्राज्य की स्थापना की।
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