History
पुरन्दर की संधि
- 11 जून, 1665 ई. को शिवाजी और जयसिंह के बीच संधि हुई जिसे पुरन्दर की संधि कहते हैं। इस संधि के अनुसार यह निश्चय हुआ कि-
- 35 किलों में से 23 किले मुगलों को सुपुर्द कर दिये जाये। इस तरह 40 लाख की आमदनी का भाग शिवाजी से ले लिया गया।
- 12 छोटे दुर्ग शिवाजी के लिए रखे जाये।
- शिवाजी के पुत्र शम्भाजी को 5 हजार का मनसबदार बनाया जाय और शिवाजी को दरबारी सेवा से मुक्त समझा जाय।
- जब कभी शिवाजी को मुगल सेवा के लिए निमन्त्रित किया जाय तो वह उपस्थिति हो।
शिवाजी के मंत्रिपरिषद को कहते थे?अ. अष्ट मार्गब. त्रिरत्नस. अष्ट प्रधानद. उपर्युक्त में से कोई नहींउत्तर— स
शिवाजी की मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री को क्या कहते थे?अ. पेशवाब. सचिवस. मंत्रीद. सामंतउत्तर— अ
शिवाजी के अष्ट प्रधान का जो सदस्य विदेशी मामलों की देखरेख करता था?— सुमंत
शिवाजी के समय 'सरनोबत' का पद संबंधित था?— सैन्य प्रशासन से
शिवाजी के मंत्रिपरिषद को कहते थे?
अ. अष्ट मार्ग
ब. त्रिरत्न
स. अष्ट प्रधान
द. उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर— स
शिवाजी की मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री को क्या कहते थे?
अ. पेशवा
ब. सचिव
स. मंत्री
द. सामंत
उत्तर— अ
शिवाजी के अष्ट प्रधान का जो सदस्य विदेशी मामलों की देखरेख करता था?
— सुमंत
शिवाजी के समय 'सरनोबत' का पद संबंधित था?
— सैन्य प्रशासन से
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