अशोक ने कौनसे लेख में अपने समकालीन यूनानी शासकों का उल्लेख किया है, जहां उसके धर्ममहापात्र भेजे गए थे?



अशोक के 13वें एवं दूसरे शिलालेख के अनुसार उसका निम्न विदेशी शासकों से सम्बन्ध बताया गया है-
मिस्र का तुरमय
सीरियाई शासक अन्तियोक
मेसीडोनियन राजा अन्तिकिन
एपिरस का मग तथा
सीरिन  का अलिकसुन्दर 


दक्षिणी सीमा पर स्थित राज्य चोल, पांड्य, सतियपुत्त, केरलपुत्त एवं ताम्रपर्णि (लंका) बताये गये हैं।
सिंहली अनुश्रुतियों में दीपवंश एवं महावंश के अनुसार अशोक के राज्यकाल में पाटलिपुत्र में बौद्ध धर्म की तृतीय संगीति हुई।
इसकी अध्यक्षता मोग्गलिपुत्ततिस्स नामक प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु ने की थी।
बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भेजे गये भिक्षु जिनके नाम महावंश में इस प्रकार है-

धर्म प्रचारक देश

मज्झन्तिक कश्मीर तथा कन्धार
महारक्षित         यवन देश
मज्झिम हिमालय देश
धर्मरक्षित         अपरान्तक
महाधर्म रक्षित महाराष्ट्र
महादेव         महिषमण्डल (मैसूर)
रक्षित बनवासी (उत्तरी कन्नड़)
सोन तथा उत्तर         सुवर्णभूमि
महेन्द्र तथा संघमित्रा लंका
लंका में बौद्धधर्म प्रचारकों को विशेष सफलता मिली जहां अशोक के पुत्र महेन्द्र ने वहां के शासक तिस्स को बौद्ध धर्म में दीक्षित कर लिया तथा तिस्स ने सम्भवतः इसे राजधर्म बना लिया तथा स्वयं अशोक के अनुकरण पर उसने ‘देवानाम्पिय’ की उपाधि ग्रहण कर ली।

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