History
कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन
"पूर्ण स्वराज्य की मांग" लाहौर अधिवेशन
- 1929 ई. दिसंबर
- अध्यक्ष प. जवाहर लाल नेहरू
- इस अधिवेशन में कांग्रेस ने पूर्ण स्वाधीनता का प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया था कि, ‘कांग्रेस विधान की धारा 1 में 'स्वराज' शब्द का अर्थ पूर्ण स्वाधीनता होगा।’
- इसमें घोषणा की गई कि ‘‘पूर्ण स्वराज्य ही कांग्रेस का ध्येय है और इसका अर्थ है पूर्ण स्वतंत्रता’’
- 31 दिसंबर की अर्धरात्रि के समय कांग्रेस के प्रधान पं. जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता का द्योतक ‘‘तिरंगा’’ फहराया।
करांची अधिवेशन 1931 ई.
- 29-31 मार्च
- अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल
- मौलिक अधिकारों तथा कर्त्तव्य
- भारत के प्रत्येक नागरिक को विचारों की अभिव्यक्ति सहचर्य तथा समाहरण की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
- उसे धर्म तथा अन्तरात्मा की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
- सभी अल्पसंख्यकों की अपनी संस्कृति, भाषा, लिपि की भी सुरक्षा होनी चाहिए।
- सरकार सभी धर्मो से समभाव से व्यवहार करें
- व्यस्क मताधिकार हो।
- गांधी-इरविन पैक्ट को मंजूरी दी गई थी।
- पुनः कांग्रेस ने ‘स्वराज‘ के लक्ष्य को पारित किया।
- राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों से संबद्ध प्रस्ताव पारित किया।
आर्थिक तथा सामाजिक कार्यक्रम
- जब अंग्रेजों ने 1851 ई. के महान विद्रोह का कारण सामाजिक सुधार को माना तो उन्होंने इससे किनारा कर लिया था। आर्थिक रूप से तो अंग्रेजी नीति पूर्ण रूप से शोषण की थी और भारतीय उद्योगों के प्रतिकूल थी।
- अतएव कांग्रेस ने सामाजिक दोषों जैसे बाल-विवाह, बहुविवाह, अस्पृश्यता के विरूद्ध प्रस्ताव पारित किए और स्त्रियों की दशा सुधारने को भी कहा गया।
- मादक पदार्थो पर रोक लगाने तथा नशाबन्दी लाने पर बल दिया गया।
- आर्थिक पक्ष में कांग्रेस ने स्वदेशी वस्त्र उद्योग को संरक्षण तथा विदेशी कपउे तथा धागे पर नियंत्रण के लिए प्रस्ताव पारित किया।
- विदेशी विनिमय की दरें देश के हित में निश्चित करने को कहा
- प्रमुख उद्योग, खानें, रेलवे, जलमार्गो, जलपोतों तथा अन्य सार्वजािनक वाहनों के राष्ट्रीयकरण के पक्ष में प्रस्ताव पारित किये।
फैजपुर कांग्रेस अधिवेशन
- दिसम्बर 1936 ई. पहली बार अधिवेशन किसी गांव में हुआ था।
- जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में
- राजनैतिक पक्ष में 1935 के भारत सरकार अधिनियम को पूर्णरूप से अस्वीकार कर दिया और मांग की, कि भारत का संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा बुलाई जाए जो व्यस्क मताधिकार द्वारा चुनी जाए।
- इसमें भारत के लिए एक कृषि संबंधी कार्यक्रम बनाया गया जिसमें अत्यंत दरिद्रता, बेकारी कृषकों का पिछडापन की ओर ध्यान आकर्षित किया। मांग की गई थी कि अंग्रेजों की शोषण करने की नीति का अंत होना चाहिए।
- इसके अन्तर्गत एक 13 बिन्दु का कार्यक्रम बनाया गया, जिसमें किराया तथा भूमिकर को कम करने की मांग, घाटे की जोतों को कर मुक्त करने, नहरों तथा सिंचाई की दरों में कमी करने, कृषि ऋणों में राहत,
- भूमि मजदूरों को पर्याप्त वेतन तथा कृषकों के संघों को मान्यता देने की मांग की गई थी।
अप्रैल 1936 ई.
- जवाहर लाल नेहरू, लखनऊ
- इस अधिवेशन में कांग्रेस ने मजदूरों से सम्बद्ध प्रस्ताव पारित किया।
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