राजस्थान में किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र किराये पर उपलब्ध कराने के लिए खुले ‘कस्टम हायरिंग केन्द्र’ Custom Hiring Center


राजस्थान में पहले कस्टम हायरिंग सेंटर कोटा के कैथून में खोजा गया है। लघु एवं सीमान्त कृषकों तक कृषि मशीनरी का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाईज़ेशन के अन्तर्गत एक अभिनव योजना ’कस्टम हायरिंग केन्द्र’ शुरू की। इन केन्द्रों के माध्यम से राज्य के कृषक विशेष रूप से लघु एवं सीमान्त कृषक अपनी आवश्यकता के अनुसार कृषि यंत्र/उपकरण किराये पर प्राप्त कर सकते हैं। 
इन केन्द्रों में खेती से जुडे विभिन्न काम जैसे खेत की जुताई, बीज की बुवाई, पौध संरक्षण एवं फसल कटाई से सम्बन्धित उन्नत कृषि यंत्रों को स्थानीय मांग के आधार पर रखा जा सकता है तथा केन्द्र के आसपास के गांवों में कृषि यंत्रों की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। आदर्श स्थिति में एक कस्टम हायरिंग केन्द्र के द्वारा 10 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में उन्नत कृषि यंत्रों की सेवाएँ उपलब्ध करायी जा सकती हैं।

योजना के मुख्य उद्देश्य

- कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना।
- अत्याधुनिक तथा मंहगे कृषि यंत्र किराये पर उपलब्ध कराना।
- लघु एवं सीमान्त कृषकों को कृषि यंत्रीकरण के लिए प्रोत्साहित करना।
- उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाना।

अनुदान

भारत सरकार की सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजे़शन (SMAM) योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेन्टर्स (फार्म मशीनरी बैंक फॉर कस्टम हायरिंग, कस्टम हायरिंग हेतु उच्च प्रौद्योगिकी उच्च उत्पादक उपकरण केन्द्र) की स्थापना के लिए लागत का 40 प्रतिशत तक अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। 
पच्चीस लाख से ज़्यादा लागत के कस्टम हायरिंग सेन्टर (फार्म मशीनरी बैंक फॉर कस्टम हायरिंग/कस्टम हायरिंग हेतु उच्च प्रौद्योगिकी उच्च उत्पादक उपकरण केन्द्र) स्थापित करने हेतु बैंक से ऋण लेना अनिवार्य है। 
यह क्रेडिट लिंक्ड बैक एन्डेड सब्सिडी (Credit Linked Back Ended Subsidy) योजना है जिसमें बैक एन्डेड सब्सिडी अनुदान का भुगतान ऋण स्वीकृत करने वाले बैंक को किया जायेगा। योजनान्तर्गत प्रकरणों को बैंकों द्वारा एम.एस.ई. अंतर्गत स्वीकृत किया जायेगा।

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