Psychology
व्यक्तित्व
- एक व्यक्ति के आंतरिक गुणों और बाह्य स्वरूप के मिश्रित रूप को व्यक्तित्व कहते है।
- एक व्यक्ति के व्यक्तित्व पर जन्मजात गुणों और वातावरण दोनों का प्रभाव पड़ता है।
- एक व्यक्ति के व्यक्तित्व को आनुवंशिकी कारक की अपेक्षा वातावरणीय कारक अधिक प्रभावित करते हैं।
- एक व्यक्ति के व्यक्तित्व को बाह्य गुणों की अपेक्षा आंतरिक गुण अधिक प्रभावित करते हैं।
परिभाषाएं-
- वुडवर्थ - ‘व्यक्ति के व्यवहार के समूचा गुण (समग्र विशेषता) उसका व्यक्तित्व है।’
- आलपोर्ट - व्यक्तित्व व्यक्ति मे उन मनोशारीरिक गुणों का गत्यात्मक संगठन हैं जो उसके वातावरण के साथ अद्वितीय समायोजन को निश्चित करता है।
- मन - व्यक्तित्व की परिभाषा उस अतिविशेषतापूर्ण संगठन के रूप में की जा सकती हैं, जिसमें व्यक्ति की संरचना, व्यवहार के ढंग, रूचियां, अभिवृत्तियां, क्षमताएं, योग्यताएं और रूझान सम्मिलित है।
- गिलफोर्ड - व्यक्तित्व गुणों का समन्वित रूप है।
- वैलेनटीन - व्यक्तित्व जन्मजात और अर्जित प्रवृत्तियों का योग है।
- बिग एवं हण्ट - व्यक्तित्व व्यवहार प्रवृत्तियों का एक समग्र रूप हैं, जो व्यक्ति के सामाजिक समायोजन में अभिव्यक्त होता है।
- ड्रेवर - व्यक्तित्व शब्द का प्रयोग, व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और सामाजिक गुणों के सुसंगठित और गत्यात्मक संगठन के लिए किया जाता है, जिसे वह अन्य व्यक्तियों के साथ अपने सामाजिक जीवन के आदान-प्रदान में व्यक्त करता है।
- बेरिंग - वातावरण के साथ सामान्य व स्थायी समायोजन ही व्यक्तित्व है।
व्यक्तित्व की प्रकृति/ विशेषताएं -
- व्यक्तित्व एक आत्म चेतना है।
- व्यक्तित्व गत्यात्मक है।
- व्यक्तित्व मनोदैहिक, सुसंगत संरचना है।
- व्यक्तित्व एक प्रकार का समायोजन है।
- व्यक्तित्व परस्पर क्रिया का फल है।
व्यक्तित्व के प्रकार
- भारतीय आयुर्वेद के अनुसार -
- अ. वातप्रधान (सतोगुणी) चंचल होते है। स्फूर्तिमान, सामाजिक, उदारवादी होते हैं।
- ब. पित् प्राधान्य (रजोगुणी)
- आलसी, सुस्त
- संवेगात्मक रूप से मजबूत एवं आनंदयुक्त होते हैं।
- स. कफ प्राधान्य (तमोगुणी)
- दुबले-पतले, कमजोर एवं चिड़चिड़े स्वभाव वाले होते है।
युंग/जुंग के अनुसार
- जुंग ने 3 प्रकार बताये हैं।
अ. अन्तर्मुखी -
- लक्षण, स्वभाव, आदतें, अभिवृत्तियां और अन्य चालक बाह्य रूप में पकट नहीं होते हैं।
- अपने आप में अधिक रूचि रखते हैं।
- उनमें आन्तरिक विश्लेषण की मात्रा बहुत अधिक होती है।
- मानसिक शक्ति का विशेष रूप से विकास
- संकोची होने के कारण अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में कठिनाई का अनुभव
- दार्शनिक और विचारक होते हैं।
ब. बहिर्मुखी
- इनका झुकाव बाह्य तत्वों की ओर होता है।
- विचारों और भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकते है।
- वे संसार के भौतिक और सामाजिक लक्ष्यों में विशेष रूचि रखते हैं।
- सामाजिक, राजनैतिक या व्यापारिक, गणितज्ञ
स. उभयमुखी
- ऐसा व्यक्तित्व जिसमें अन्तर्मुखी एवं बहिर्मुखी दोनों के गुणों का मिश्रण है।
क्रेशमर (क्रेचमर)
- जर्मनी का। पुस्तक ‘Physique & Character’
- शरीर रचना के आधार पर 3 प्रकार का -
- शक्तिहीन या लेल्टोसोमिक ष्
- खिलाड़ी
- नाटा
- डिसप्लास्टिक
शैल्डन का श्रेणी विभाजन
- शारीरिक संरचना के आधार पर 3 प्रकार
- एण्डोमोरफिक/ गोलाकार
- मिजोमोरफिक/आयताकार
- एक्डोमोरफिक/लम्बाकार
कैटल के अनुसार 2 प्रकार का व्यक्तित्व 1. वेगवान 2. वेगहीन
- स्प्रेंगर के अनुसार -
- इन्होंने Types of Man में व्यक्ति को समाज शास्त्रीय आधार पर 6 प्रकार बताएं -
व्यक्तित्व मापन की विधियां -
- आत्मनिष्ठ - ये विधियां व्यक्ति के अनुभव तथा धारणा पर निर्भर है। जीवन इतिहास, प्रश्नावली साक्षात्कार तथा आत्मकथा लेखन।
- वस्तुनिष्ठ - बाह्य व्यवहार का अध्ययन करने में वस्तुनिष्ठ विधियों का प्रयोग किया जाता है। नियंत्रित निरीक्षण मापन समाजमिति तथा शारीरिक परीक्षण
- प्रक्षेपण - इन विधियों में उत्तेजक प्रस्तुत किये जाते हैं। व्यक्ति अपने अचेतन व्यवहार की अभिव्यक्ति करता है।
- प्रासंगिक, अन्तर्बोध, बाल सम्प्रत्यय, वाक्यपूर्ति, कहानी रचना आदि।
प्रक्षेपण विधियां Projective Method-
अ. स्याही धब्बा परीक्षण Ink-Blot Test -
- प्रवर्तक - हरमन रोर्शा ने 1921 ई. में स्विट्जरलैण्ड में
- परीक्षण सामग्री - कुल 10 कार्ड, जिसमें 5 काले रंग, 2 काले व लाल रंग, और 3 कार्ड पर अनके रंग की स्याही के धब्बे।
उपयोगिताः-
- इस परीक्षण के माध्यम से परीक्षार्थी के ज्ञानात्मक, क्रियात्मक एवं भावात्मक पक्षों को मापा जाता है।
- इसका प्रयोग मानसिक रोगों के निदान, उपचार तथा बाल निर्देशन में भी होता है।
- क्रो एवं क्रो के अनुसार धब्कों की व्याख्या करके परीक्षार्थी अपने व्यक्तित्व का सम्पूर्ण चित्र प्रस्तुत कर देता है।
ब. प्रसंगात्मक अंतर्बोध Thematic Apperception Test -
- प्रवर्तकः मुर्रे एवं मॉर्गन, 1935
- कुल 30 कार्ड
- 10 कार्ड पुरुषों के , 10 कार्ड महिलाओं के
- 10 कार्ड दोनों के
- 14 वर्ष से अधिक आयु के बालकों के लिए
- इस परीक्षण के माध्यम से व्यक्ति की निराशा, आवश्यकता, काम-सम्बन्धी समस्या, रूचि, अभिरूचि आदि समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। इसी आधार पर उसे उचित निर्देशन और मार्गदर्शन दिया जाता है।
स. बाल प्रसंगात्मक परीक्षण Children Apperception Test C.A.T.-
- लियोपोल्ड बैलक ने 1948 ई. में
- 3-11 वर्ष की आयु के मध्य के बालकों के व्यक्तित्व का माप करने हेतु
- 10 चित्र, सभी चित्र जानवरों के
- भारत में कोलकाता में (उमा चौधरी)
- इस परीक्षण में योगदान अर्नेस्ट क्रिस ने दिया।
- बच्चों को चित्र दिखाकर कहानी लिखने को कहा जाता है।
वाक्य या कहानी पूर्ति परीक्षण Sentence or Story Completion Test (SCT) -
- प्रवर्तकः एबिंघास पाइने व टेण्डलर
- यह विधि लिखित होने के कारण शिक्षित व्यक्तियों के लिए ही उपयोगी है।
खेल व नाटक विधि Play and Drama Method -
- प्रवर्तकः जे.एल. मेरिनो
स्वतंत्र शब्द साहचय्र परीक्षण -
- गाल्टन ने 1879 में
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