नालन्दा विश्वविद्यालय

नालन्दा 
  • बिहार प्रान्त में स्थित विश्वविद्यालय।
  • सर्वप्रथम यहां एक बौद्ध-विहार की स्थापना गुप्तकाल में करवाई गई।
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग लिखता है कि इसका संस्थापक ‘शक्रादित्य’ था जिसने बौद्ध धर्म के त्रिरत्नों के प्रति महती श्रद्धा के कारण इसकी स्थापना करवाई थी।
  • ‘शक्रादित्य’ की पहचान कुमारगुप्त प्रथम (415-455 ई.) से की जाती है जिसकी सुप्रसिद्ध उपाधि ‘मेहन्द्रादित्य’ की थी।
  • तीन भवनों में स्थित ‘धर्मगंज’ नामक विशाल पुस्तकालय था।
  • महायान बौद्धधर्म की शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था।
  • ह्वेनसांग के समय शीलभद्र विश्वविद्यालय के कुलपति थे।
  • जावा एवं सुमात्रा के शासक बालपुत्रदेव ने नालन्दा में एक मठ बनवाया तथा उसके निर्वाह के लिये अपने बंगाल के मित्र देवपाल से पांच गांव दान में दिलवाया।
  • तिब्बत में बौद्धधर्म के प्रचारकों में सर्वप्रथम चन्द्रगोमिन का नाम उल्लेखनीय हैं।

वलभी

  • गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में आधुनिक ‘वल’।
  • स्थापना मैत्रकवंशी शासक भट्टार्क ने की।
  • हीनयान बौद्धधर्म की शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था।

विक्रमशिला

  • बिहार के भागलपुर ज़िलों में।
  • विक्रमशिला के महाविहार की स्थापना पाल नरेश धर्मपाल (775-800) ने करवायी थी।
  • केन्द्रीय कक्ष को ‘विज्ञान भवन’ कहा जाता था।
  • दीपंकर श्री ज्ञान कुलपति।
  • पाल नरेश रामपाल के समय में ओदन्तपुरी तथा जगदल्ल में भी शिक्षण केन्द्र स्थापित करवाये गये

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