नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन
ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों को उपलब्धता एवं उपयोग के आधार पर दो भागों में विभाजित किया जाता है-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन -
ये ऊर्जा के वे स्रोत हैं जो प्रकृति में सतत् रूप से उत्पन्न होते हैं तथा अक्षय और पुनः उपयोग में लाए जाने योग्य होते हैं।सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जाख् ज्वारीय ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा, बायोमास ऊर्जा, जैव ईंधन, भूतापीय ऊर्जा, तरंग ऊर्जा, समुद्रतापीय ऊर्जा, हाइड्रोजन आदि नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के विभिन्न स्वरूप हैं। इन्हें सामान्य तौर पर ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोत माना जाता है तथा इन्हें बार-बार और अनवरत रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन-
ये ऊर्जा के वे स्रोत हे जो प्रकृति में अत्यधिक दीर्घ अवधि में संचयित होते हैं तथा इनका क्षय होने पर उन्हें पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार के ऊर्जा संसाधनों के प्रमुख उदाहरण - कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और नाभिकीय ईंधन जैसे- यूरेनियम, थोरियम आदि।ये सामान्य तौर पर ऊर्जा के परम्परागत स्रोत माने जाते हैं इनका उपलब्ध भंडार सीमित है और इन्हें दोबारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता है।
नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन
इन ऊर्जा स्रोतों को ऊर्जा का अच्छा और बेहतर स्रोत माना जाता है जिसके दो प्रमुख कारण है। पहला यह कि ये ऊर्जा का अक्षय स्रोत हैं तथा ये लंबे समय तक सतत् उपयोग में लाए जा सकने के साथ पुनः उपयोग में लाए जा सकते हैं।दूसरा कारण यह है कि सामान्यतः ऊर्जा के ये स्रोत प्रदूषण रहित होते हैं, इसलिए इन्हें सुरक्षित एवं पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है।
0 Comments