तृतीय पंचवर्षीय योजना काल (1961-66) में झारखण्ड के बोकारो नामक स्थान पर एक नये कारखाने की आधारशिला रखी जिसमें चतुर्थ पंचवर्षीय योजना में उत्पादन प्रारम्भ हुआ।
आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम इस्पात संयंत्र देश का पहला ऐसा समन्वित इस्पात कारखाना है, जिसने ISO प्रमाण-पत्र प्राप्त किया है।
कर्नाटक के बेलारी- विजयनगर इस्पात परियोजना
तमिलनाडु के सलेम - सलेम
देश में टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी
वायुयान उद्योगः-
देश में वायुयान निर्माण का प्रथम कारखाना 1940 में बंगलुरू में ‘हिन्दुस्तान एयर क्राफ्ट कम्पनी के नाम से स्थापित किया गया। इस समय इसे ‘हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (HAL)के नाम से जाना जाता है।
HAL की प्रमुख इकाइयांः
नासिक शाखा जहां विमान बनते है।
कोरापुट शाखा, जहां मिग का इंजन बनता है।
हैदराबाद में मिग के इलेक्ट्रोनिक उपकरण बनते है।
कानपुर जहां एचएस- 748 हवाईयान बनता है।
लखनउ, वायुयान के उपकरण एवं औजार बनते है।
रेलवे उपकरणः-
पहली कम्पनी झारखण्ड के सिंहभूम जिले में पेनिन्सुलर लोकोमोटिव कम्पनी के नाम से 1921 में स्थापित की गयी थी। इसको 1945 में टाटा समूह ने खरीद कर ‘‘टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव कंपनी’ (टेल्को) नाम दिया।
1950 में प. बंगाल के मिहीजाम नामक स्थान पर चितरंजन लोको. वर्क्स की स्थापना की गयी। यहां 1961 से बिजली के इंजन बनाये जाने लगे।
1961 में डीजल लो. वर्क्स, मडुआडीह (वाराणसी) की स्थापना हुई। यहां रेल के डीजल इंजन बनाये जाते है।
वर्तमान में रेल की पटरियों का निर्माण स्टील अथारिटी ऑफ इण्डिया IAS कंपनी तथा टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
रेल के वैगनों का निर्माण बर्न स्टैण्डर्ड कंपनी लि. भारत वैगन एण्ड इंजी. कंपनी लि., जेस्सप एण्ड कंपनी तथा ब्राथवैट एण्ड कं. भरतपुर में सिमकों।
रेलवे की सवारी डिब्बों का निर्माणः
इण्टीग्रल कोच फैक्टरी, पेराम्बूर ‘चेन्नई’1955
भारत अर्थ मूवर्स लि. बंगलुरू, जेस्सप एण्ड कंपनी लि. कोलकाता तथा रेलवे कोच फैक्टरी, कपूरथला, पंजाब
जलयान निर्माणः
पहला कारखाना 1941 में मै. सिन्धिया स्टीम नेवीगेशन कं. द्वारा विशाखापत्तनम में स्थापित किया गया था। 1952 में सरकार द्वारा इसका अधिग्रहण करके ‘हिन्दुस्तान शिपयार्ड, विशाखापत्तनम’ नाम दिया गया।
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