Posts

Showing posts from May, 2018

पुनर्जागरण कालीन चित्रकला की विशेषताएं

Image
पुनर्जागरण काल में सबसे अधिक विकास चित्रकला के क्षेत्र में हुआ। जियटो चित्रकला का जन्मदाता 14वीं शताब्दी, परम्परागत बाइजेन्टाइन शैली से हटकर मानव व प्रकृति पर चित्र बनाये। नई शैली के प्रारम्भिक चित्रकारों में इटली के फ्रान्जेलिको 14वीं-15वीं शताब्दी और मेशेशियों 15वीं शताब्दी है। लियोनार्दो द विन्ची 1452-1519  फ्लोरेंस निवासी, प्रतिभा बहुमुखी वह वैज्ञानिक, गणितज्ञ, इन्जीनियर, संगीतज्ञ, दार्शनिक व चित्रकार था उसने अपने चित्रों को यथार्थ बनाने के लिए मानव शरीर का गहन अध्ययन किया। सर्वश्रेष्ठ कृति मोनालिसा एवं द लास्ट सपर है । मोनालिसा विश्व कला जगत की एक अमूल्य निधि है। इस स्त्री के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान का जो अंकन किया गया है, वह रहस्यमयी दिखाई देती है। मोनालिसा के चित्र की विशेषता उसके रहस्यमयी आकर्षण के अतिरिक्त भंगिमा की सुन्दरता या लावण्य, परिधान की शोभा एवं जल धाराओं कुण्डों तथा पथरीली चट्टानों से युक्त उसकी पृष्ठभूमि है। नारी मुख पर रहस्यमयी मुस्कान, भाव भंगिमा, परिधान का सौन्दर्य एवं प्राकृतिक पृष्ठभूमि ‘मोनालिसा’ की पुमुख विशेषताएं है। ‘द लास्ट ...

भारत में नदी घाटी परियोजनाएं

Image
बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं को स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ‘आधुनिक भारत के मंदिर’ की उपमा दी थी।  भारत में नदी घाटी क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नदियों पर बहुद्देश्यीय योजनाएं स्थापित करने का निश्चय किया गया।  इन परियोजनाओं द्वारा सिंचाई, विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, मिट्टी के कटाव की रोकथाम, घेरलू एवं औद्योगिक उपयोग हेतु जल प्राप्ति, कृत्रिम जलाशयों में मत्स्य पालन, वनों में वृद्धि, जल परिवहन का विकास तथा पर्यटकों के आकर्षण केन्द्र का निर्माण आदि उद्देश्यों की पूर्ति होती है।  देश के विभिन्न नदी घाटी परियोजनाएं इस प्रकार हैः- दामोदर घाटी परियोजना - अमेरिका की टेनेसी घाटी परियोजना के आधार पर 1948 में दामोदर घाटी निगम की स्थापना की गयी। दामोदर की सहायक प्रमुख नदियां बराकर, बोकारो व कोनार है। इस परियोजना के अन्तर्गत दामोदर व उसकी सहायक नदियों पर कुल आठ बांध बनाये गये हैं, जिसमें तिलैया, कोनार, मैथान व पंचेत पहाड़ी पर बनाये गये बांध मुख्य है।  बोकारो, दुर्गापुर तथा चन्द्रपुरा में विद्युत गृहों का निर्माण किया गया...

साइबर अपराधः आधुनिक प्रौद्योगिकी का बढ़ता दुरुपयोग

Image
साइबर स्पेस वह काल्पनिक स्पेस (स्थान) है जहां देश-विदेश के कम्प्यूटरों के मध्य आंकड़ों अथवा सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है।  साइबर अपराध -  साइबर स्पेस में सेंधमारी कर, वहां मौजूद आंकड़ों अथवा सूचनाओं की चोरी अथवा उनमें फेरबदल करना साइबर अपराध कहलाता है।

बड़े लोगों का दान करने का स्टाइल जिसे जानकर आप भी चौंक जायेंगे

Image
दोस्तों, लघु संसद का सच एक ऐसा मंच है जिसमें भारतीय संसद या किसी राज्य की विधानसभा में होने वाली चर्चाओं की जानकारी नहीं दी जाती है, बल्कि इस मंच पर है देश की राजनीति पर उठने वाले प्रश्न जो कभी-कभी आमजन में बड़े मुद्दे के प्रश्न बन कर उठते हैं। ये प्रश्न काम के होते हैं किन्तु वे आमजन के बीच ही दम तोड़ देते हैं, और निरर्थक होते हैं। ये मुद्दे देश में घटित घटनाओं को लेकर आमजन में होते हैं। जो अक्सर किसी चौराहे पर बनी चौपाल पर या सर्दियों में गांवों में कऊ पर लोगों आलाप (आग जलाकर) के समय की जाने वाले वाद-विवाद को आप तक पहुंचाना है। जो उग्र व शांत तरीके से उठती है। लोगों में पार्टी विशेष को लेकर कई बार झगड़े हो जाते हैं। तो दोस्तों हम लड़ना नहीं है। बल्कि हमें अपनी मांगों को एकजुटता से सरकार या बड़े लोगों के सामने रखना है। यही मकसद है इस लघु संसद का। दोस्तों, आज लघु संसद का सच में, मैं आपके लिये लेकर आया हूं एक ऐसा सच जो कभी लोगों के सामने आने से कतरायेगा क्योंकि ये दुनिया की बड़ी हस्तियों का सच है जो कमाते तो हैं पर दान देने के तरीके अजीबोगरीब है। इस सच्चाई को लोग स्वीकार नहीं करेंगे बल्...

ध्वनि प्रदूषण

Image
मानव के कानों में ध्वनि को सुगमतापूर्वक ग्रहण करने की एक सीमा होती है। इस निर्धारित सीमा से अधिक की ध्वनि सुनने से जब मानव के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है, तब उसे ध्वनि प्रदूषण या शोर कहा जाता है।

1857 के विद्रोह के राजनैतिक कारणों पर प्रकाश डालिये?

Image
1857 के विद्रोह कोई अचानक उभरा हुआ विद्रोह नहीं था। यह तो उस समय के राजनैतिक, आर्थिक तथा सामाजिक घटनाक्रम का एक स्वाभाविक परिणाम था। इस विद्रोह के राजनैतिक कारणों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण डलहौजी की ‘गोद निषेध प्रथा’ या ‘हड़प नीति’ को माना जाता है।इस नीति के अन्तर्गत सतारा, नागपुर, सम्भलपुर, झांसी, बरार आदि राज्यों पर अधिकार कर लिया गया। जिसके परिणामस्वरूप इन राजवंशों में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ असन्तोष व्याप्त हो गया।  डलहौजी ने हैदराबाद तथा अवध को कुशासन के आधार पर अंग्रेजी साम्राज्य के अधीन कर लिया, जबकि इन स्थानों पर कुशासन फैलाने के जिम्मेदार स्वयं अंग्रेज थे। पंजाब और सिंध का विलय भी अंग्रेजी हुकूमत ने कूटनीति द्वारा अंग्रेजी साम्राज्य में कर लिया जो आगे चलकर विद्रोह का एक कारण बना। पेंशनों एवं पदों की समाप्ति से भी अनेक राजाओं में असन्तोष व्याप्त था। उदाहरणार्थ, नाना साहब को मिलने वाली पेंशन को डलहौजी ने बन्द करवा दिया। मुगल सम्राट बहादुरशाह के साथ अंग्रेजों ने अपमानजनक व्यवहार करना प्रारम्भ कर दिया, जिससे जनता क्षुब्ध हो गयी।  कुलीन वर्गीय भारतीयों तथा जमींदार...

दक्ष निष्क्रिय नीति क्या थी? इसका क्यों त्याग किया गया?

Image
दक्ष निष्क्रिय नीति का सम्बन्ध आंग्ल-अफगान विदेश नीति से है। यह नीति लॉर्ड एलेनबरो के काल से प्रारंभ होकर लॉर्ड नार्थब्रुक के समय तक चलती रही, परन्तु लॉरेंस के समय में इस नीति की रूपरेखा स्पष्ट रूप से निश्चित कर दी गयी।  प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध से अंग्रेजों को कोई लाभ न हुआ। अंग्रेजों के न चाहते हुए भी दोस्त मोहम्मद अफगानिस्तान की गद्दी पर पुनः बैठा। इसके पश्चात् अंग्रेज अफगानिस्तान की तरफ से निराश हो उठे। उन्होंने अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति अपनायी।  यह निर्णय लिया गया कि ब्रिटिश अफगानिस्तान के आंतरिक झगड़ों और उत्तराधिकार के युद्धों में नहीं उलझेंगे, परन्तु जो भी शासक अपनी स्थिति सुदृढ़ करने के लिए उनकी सहायता मांगेंगे उसे वे मदद देंगे। वायसराय लॉरेंस के समय बिना रूस से उलझे हुए अफगानिस्तान के मध्यवर्ती राज्य बनाकर भारत में ब्रिटिश राज को सुदृढ़ बनाने की रणनीति बनायी गयी थी।  लॉरेंस के पश्चात् मेयो एवं नार्थब्रुक के समय में भी दक्ष निष्क्रिय नीति का पालन किया गया था। परन्तु 1876 में लिटन के भारत का वायसराय बनकर आने के बाद यह नीति ...

‘धार्मिक-सामाजिक सुधार आन्दोलन के क्षेत्र में राजा राममोहन राय का नाम सर्वोपरि है।’ स्पष्ट कीजिए।

Image
19वीं शताब्दी का भारतीय समाज रूढ़िवादी, विभाजित तथा पिछड़ा हुआ था। धार्मिक कट्टरता, आडंबर, जात-पांत तथा छुआछुत भारतीयों पर हावी थी। राजा राममोहन राय उन व्यक्तियों में थे, जिन्होंने सबसे पहले कहा कि जब तक आधुनिक ज्ञान, वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा सामाजिक एकता एवं मानव गरिमा के सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया जाएगा, तब तक भारत का विकास नहीं होगा।  उन्होंने न केवल भारत की सामाजिक एवं धार्मिक समस्याओं को पहचाना, बल्कि उन समस्याओं के निदान का प्रयास भी किया।  1829 ई. में सती प्रथा के विरुद्ध कानून पारित करवाने में उनकी महती भूमिका थी। उन्होंने बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन तथा स्त्री शिक्षा पर विशेष बल दिया।  उन्होंने धार्मिक क्षेत्र में मूर्तिपूजा का विरोध कर एक ब्रह्म की उपासना के द्वारा भारतीय समाज की एकता पर बल दिया, साथ ही जातिवाद, छुआछुत तथा सामाजिक असमानता का विरोध किया।  वे आधुनिक शिक्षा के प्रबल समर्थक थे, इस उद्देश्य के लिए उन्होंने 1825 में वेदांत कॉलेज की स्थापना की। उन्होंने अपने विचारों को प्रचारित करने के लिए संवाद कौमुदी तथा मिरातुल अखबार जैसे...

फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है जन्मदिवस

Image
दिवांशुः एक सभ्यता निर्माता ब्लॉग आज इस अंतर्राष्ट्रीय महिला को नमन करता है जिसने विश्व में मानव सेवा कर विशिष्ट पहचान बनाई है। 

कांग्रेस की स्थापना पर टिप्पणी लिखिए?

Image
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म भारत के राजनीतिक इतिहास की एक महत्त्वपूर्ण घटना है। इसके लिए कई तत्त्वों ने योगदान दिया, जैसे विश्वविद्यालयों की स्थापना, अंग्रेजी के सामान्य भाषा के रूप में प्रयोग में भारतीयों का एक-दूसरे के निकट आना, सरकार की दमनकारी नीति, देशी भाषा प्रेस अधिनियम, सरकार की अफगान नीति, इल्बर्ट बिल इत्यादि। दिसम्बर, 1885 में ए.ओ. ह्यूम ने उदारवादी बुद्धिजीवी वर्ग के सहयोग से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि बंबई में ब्रिटिश उपनिवेशवादियों को भारत सरकार के भूतपूर्व सचिव और रिपन तथा डफरिन के गैर-सरकारी सलाहकार ए.ओ. ह्यूम के नेतृत्व में इंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना की क्या आवश्यकता आ पड़ी। इस तथ्य में यह संदर्भ प्रासंगिक है कि लार्ड लिटन के शासनकाल में देश में बड़े गंभीर विद्रोह की संभावना के मद्देनजर ह्यूम ने भारत के तत्कालीन वाइसराय से भेंट करने की आवश्यकता महसूस की और इसके  तुरंत बाद कुछ उदारवादी भारतीयों के सहयोग से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की। यह कहा गया है कि कांग्रेस की स्थापना को प्रोत्साहन देने के पीछ...

आरएएस मुख्य परीक्षा के लिए उपयोगी विषय-वस्तु, पढ़ें?

Image
निम्नलिखित का संक्षिप्त परिचय दीजियेः- डॉ. कोटनीस यह एक भारतीय डॉक्टर थे जिन्होंने 5 वर्ष तक द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान चेयरमैन माओ की गुरिल्ला सेना में रहकर चीनी सैनिकों की सेवा की थी। 

खेजड़लीः प्रकृति के प्रति जीवन का बलिदान की कहानी

Image
आज हम पर्यावरण के प्रति समर्पित ऐसे सम्प्रदाय व उसके अनुयायियों की स्टोरी शेयर कर रहें हैं, जिन्होंने अपने संस्थापक गुरु के नियमों को कठोरता से अपनाते हुए अपने प्राणों की आहुतियां पेड़ों की रक्षार्थ बलिदान कर दिया। बात तब कि है जब पर्यावरण बचाने के प्रति शायद ही कोई सोचता होगा और न ही तब पर्यावरण संरक्षण के लिए इतनी जागरूकता थी। हमारे राजस्थान में रियासत कालीन समय से ही पेड़ों की रक्षा के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए विभिन्न धर्म सम्प्रदायों द्वारा होता रहा है।  संत जम्भेश्वर जी ने बिश्नोई सम्प्रदाय की स्थापना कर अपने अनुयायियों को जीवों के रक्षार्थ प्रेरित किया था। यह सम्प्रदाय बिश्नोई इसलिए कहलाया क्योंकि वे जम्भेश्वर जी द्वारा बनाये गए 29 नियमों (बीस + नौ) का पालन करते थे।  जम्भेश्वर जी ने बिश्नोई समाज के लिए प्रकृति के जीवों को बचाने के लिए अधिक जोर दिया। उन्होंने अपने अनुयायियों को पेड़ों व जीवों को बचाने के लिए अपने प्राणोत्सर्ग करने तक के लिए कहा है। जो उनकी वाणी में स्पष्ट देखने को मिलती है - ‘जीव दया पालणी, रूंख लीलो न घावें’ (जीव मात्र के लिए दया ...

1857 की क्रांति पर आधारित प्रमुख पुस्तक

Image
पुस्तक                                   लेखक फर्स्ट वार ऑफ इन्डिपेन्डेन्स                       विनायक दामोदर सावरकर द ग्रेट रिबेलियन                               अशोक मेहता

मौद्रिक नीति क्या है ?

Image
देश में मौद्रिक नीति का निर्धारण केन्द्रीय बैंक अथवा रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के द्वारा किया जाता है। आरबीआई मौद्रिक नीति के निर्धारण में एक स्वायत्त संस्था है। देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति का निर्धारण किया जाता है। संवृद्धि बहुत हद तक मौद्रिक नीति पर निर्भर करती है। यदि केन्द्रीय बैंक के द्वारा बैंक दर, सीआरआर, एसएलआर आदि के माध्यम से संवृद्धि को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए बैंक दर कम होने पर वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिया जाने वाला लोन अधिक सस्ता हो जायेगा, जिसके परिणामस्वरूप् अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ेगा और संवृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। इसके विपरीत यदि बैंक दर को बढ़ा दिया जाये तो निवेश में कमी आयेगी और संवृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मौद्रिक नीति के उद्देश्य में कीमत स्थिरता अथवा मुद्रास्फीति का प्रबंधन भी आता है। केन्द्रीय बैंक द्वारा विभिन्न उपायों के माध्यम से मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया जाता है। मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य संवृद्धि एवं मुद्रास्फीति में संतुलन बनाये रखना होता है। संवृद्धि के लिए वित्त अथवा निवेश शर्त होता है। म...

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस)

Image
South Asian Association for Regional Cooperation (SAARC) सदस्य देशः दक्षिण एशिया के आठ देश - बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और अफगानिस्तान (अप्रैल, 2007 में 8वां सदस्य बना)। मुख्यालयः काठमांडू (नेपाल) स्थापनाः 8 दिसम्बर, 1985 को पर्यवेक्षक राष्ट्रः ऑस्ट्रेलिया, चीन, यूरोपीय संघ, ईरान, जापान, मॉरीशस, म्यांमार, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका। सबसे पहले इस संघटन का विचार बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जिया-उर-रहमान ने 1977-80 में प्रस्तुत किया। नवंबर 1980 में बांग्लादेश ने दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग विषय पर एक दस्तावेज तैयार किया और उसे दक्षिण एशियाई देशों में वितरित किया। 1981 और 1988 के मध्य सामूहिक लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु परिचालन एवं संस्थागत संपर्क गठित करने के लिये विदेश सचिव स्तर पर कई बहुपक्षीय बैठकें हुई। 1983 में नई दिल्ली (भारत) में एक मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन के फलस्वरूप दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग समिति का गठन हुआ और एकीकृत कार्यक्रम योजना की शुरूआत हुई। एकीकृत कार्यक्रम योजना के अंतर्गत सदस्य देशों ...

प्रकाश वर्ष है

Image
खगोलीय इकाई - Astronomical Unit (A.U.) यह दूरी का मात्रक है। सूर्य और पृथ्वी के बीच की मध्य दूरी खगोलीय इकाई कहलाती है। 1 A.U.= 1.495 x 1011 प्रकाश वर्ष -  दूरी का मात्रक

राजस्थान में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का विकल्प देती भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना

Image
राजस्थान के इतिहास के महान दानवीर भामाशाह के नाम पर शुरू भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारम्भ 13 दिसंबर 2015 राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा किया गया। इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध