फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है जन्मदिवस


  • दिवांशुः एक सभ्यता निर्माता ब्लॉग आज इस अंतर्राष्ट्रीय महिला को नमन करता है जिसने विश्व में मानव सेवा कर विशिष्ट पहचान बनाई है। 
  • आज समस्त विश्व एक छोटी सी घटना से बहुत तेजी से प्रभावित हो जाता है। जब हमने संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी बड़ी संस्था से मानव कल्याण की ठानी है। तो फिर आज फ्लोरेंस नाइटिंगेल को हमारा श्रद्धांजलि भरा नमन।
  • सच्चे अर्थों में मानव सेवा का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई, 1820 को इटली में हुआ था। मृत्यु 13 अगस्त, 1910 को 90 वर्ष की उम्र में हुई।
मां ही दुनिया की पहली नर्स - फ्लोरेंस नाइटिंगेल
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है जन्मदिवस

  • हर वर्ष 12 मई को ‘द लेडी विद द लैंप’ फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

अदम्य साहस और संघर्ष की कहानी 

  • 1840 ई. में इंग्लैण्ड में अकाल पड़ा तो इस विभिषिका को देख वे परिवार की मर्जी के खिलाफ गई और नर्स बनने की ठानी।
  • 1854 ई. में क्रीमियाई युद्ध में घायलों की सेवा की, उस दौरान उन्हें द लेडी विद लैंप का नाम दिया गया। 
  • फ्लोरेंस का सबसे महत्वपूर्ण योगदान क्रीमिया के युद्ध में रहा। अक्टूबर 1854 में उन्होंने 38 स्त्रियों का एक दल घायलों की सेवा के लिए तुर्की भेजा। इस समय किए गए उनके सेवा कार्यो के लिए ही उन्होंने लेडी विद द लैंप की उपाधि से सम्मानित किया गया। जब चिकित्सक चले जाते तब वह रात के गहन अंधेरे में मोमबत्ती जलाकर घायलों की सेवा के लिए उपस्थित हो जाती। लेकिन युद्ध में घायलों की सेवा सुश्रूषा के दौरान मिले गंभीर संक्रमण ने उन्हें जकड़ लिया था। 
  • 1860 में नाइटिंगेल ने लन्दन में सेंट थॉमस हॉस्पिटल की स्थापना कर प्रोफेशनल नर्सिंग की नीव रखी थी। दुनिया का यह पहला धर्मनिरपेक्ष नर्सिंग स्कूल था, जो आज लन्दन के किंग्स कॉलेज का ही एक भाग है। 
  • नर्सिंग में उनके पायनियर (अद्वितीय) कार्य के लिए उन्हें सम्मान देते हुए उनके नाम का एक मैडल भी जारी किया गया, जिसे नर्सिंग की दुनिया का सबसे बड़ा अवार्ड भी माना जाता है। 
  • उन्होंने 'नोट्स ऑन नर्सिंग' पुस्तक लिखी। 
  • 1913 में फ्रांसिस विलियम सार्जंट द्वारा कार्रारा मार्बल में नाइटिंगेल की याद में एक स्मारक भी बनवाया गया और उसे फ्लोरेंस में सेंटा क्रोस के बेसिललिका मठ में रखा गया था।
  • नर्सिंग क्षेत्र से जुड़ने वाली नई सिस्टर सबसे पहले मरीज़ों की सेवा से जुड़ी ‘द नाइटिंगेल प्लेज़’ लेती हैं जो उनके नाम पर है।
  • हर साल भारत में राष्ट्रपति बेहतर काम करने वाली नर्सों को नेशनल फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवॉर्ड से सम्मानित करते हैं।
  • भारतीय सैनिकों में स्वच्छता को लेकर उन्होंने काफी काम किया, इससे 1873 ई. के दौरान सैनिकों की मृत्यु दर 69 से घटकर 18 प्रति हज़ार पर आ गई।



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