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Showing posts from September, 2018

बायोस्फीयर रिजर्व एवं कन्वेंशन ऑन बायोडायवर्सिटी

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जीवमंडल प्रारक्षण एवं कन्वेंशन ऑन बायोडायवर्सिटी वर्तमान में वैज्ञानिक और असंतुलित विकास के युग में तीव्र गति से जैव विविधता का क्षरण हो रहा है। अतः इसके संरक्षण की बड़ी आवश्यकता है।  सर्वप्रथम 1971 में यूनेस्को के मनुष्य तथा जीव मण्डल कार्यक्रम के अन्तर्गत जीवमंडल प्रारक्षण की संकल्पना का उद्भव हुआ तथा प्रथम जीवमंडल प्रारक्षण की स्थापना 1976 में की गई। 1976 के बाद से ( Man and Biosphere Programe )  MAB  द्वारा अभिनिर्धारित जीवमंडल प्रारक्षियों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती गई तथा मई 2002 तक 94 देशों में कुल 408 बायोस्फीयर रिजर्व की पहचान की गई थी।  जीवमंडल प्रारक्षण की भूमिकाओं तथा प्रमुख उद्देश्यों को यूनेस्को एवं  UNEP (United Nations Environmental Programe)  द्वारा गठित टास्क फोर्स द्वारा तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित किया गया है। जैसे संरक्षणात्मक भूमिका, लाजिस्टिक भूमिका तथा विकासीय भूमिका।  इस प्रकार जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र स्थापित करने का प्रमुख उद्देश्य जैव विविधता व पारिस्थितिकीय तंत्र को दीर्घकालीन संरक्षण प्रदान करना, जैव संस...

प्रमुख घास के मैदान

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घास मैदान विश्व की उष्णकटिबंधीय घासभूमि का स्थानीय नाम एवं अविस्थिति स्थानीय नाम अवस्थिति सवाना       सूडान (अफ्रीका) कैम्पोस      ब्राजील सेराडो ब्राजील लानोज       कोलम्बिया एवं वेनेजुएला                 साहेल (अकेसिया सवाना) लाल सागर से लेकर अटलांटिक महासागर तक एक पट्टी के रूप में अफ्रीका महाद्वीप में विस्तारित। विश्व की प्रमुख शीतोष्ण कटिबंधीय घासभूमि का स्थानीय नाम एवं अवस्थिति स्थानीय नाम अवस्थिति पम्पाज       अर्जेंटीना , उरुग्वे एवं ब्राजील वेल्ड         दक्षिण अफ्रीका कैण्टरबरी     न्यूजीलैण्ड डाउंस        ऑस्ट्रेलिया स्टेपी ...

आम्र वृष्टि या आम्र बौछारें क्या है?

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ट्रक-कृषि से क्या तात्पर्य है? व्यापार के उद्देश्य से की जाने वाली साग-सब्जी तथा फलों की खेती ट्रक-कृषि के नाम से जानी जाती है। इस कृषि का नगरीकरण से घनिष्ठ सम्बन्ध है। नगरों में अधिक जनसंख्या के कारण साग-सब्जी तथा फलों की मांग अधिक होने के कारण नगर आंचल में इनकी गहन कृषि होती है। इनको बाजार तक पहुंचाने में यातायात के साधनों का बड़ा महत्त्व है। अतः ट्रक-कृषि का नाम दिया जाता है। जेट वायु धाराएं क्या हैं तथा भारतीय मानसून के लिए इसका विशेष महत्त्व क्यों है? ऊपरी वायुमंडल में बहुत तेज गति से चलने वाली पवनों को जेट धाराएं कहते हैं। जून माह में उत्तरी भारत (खासकर हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों) में अचानक मानसून के ‘फटने’ के लिए यही जिम्मेदार है। साथ ही, इसका शीतलकारी प्रभाव इस भाग में पहले से ही उमड़ते बादलों को वर्षण के लिए बाध्य करता है। एलनिनो क्या है? इसकी भारत में क्या प्रासंगिकता है? एलनिनो एक अजीबोगरीब समुद्री तथा जलवायु घटना है जो गर्म समुद्री जल धारा के रूप में दक्षिण प्रशांत महासागर में, पेरू तट से दूर कुछ वर्षों के अंतराल पर क्रिसमस के आसपास उभरता है। जलवायु वैज्ञ...

तमिल ग्रंथ (संगम साहित्य)

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शिलप्पदिकारम् - लेखक: इलांगोआदिलगल (चेर राजा सेनगुट्टुवन का भाई) इसमें ‘कोवलन’ एवं ‘कण्णगी’ की कहानी है। ‘शिलप्पदिकारम्’ का अर्थ है नूपुर की कहानी। इसमें चोल, चेर एवं पाण्ड्य शासकों का वर्णन है। इसमें तमिल सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था की झलक मिलती है। इसमें श्रृंगार, करुण और वीर रस का प्रयोग किया गया है। यह ग्रंथ वर्णनात्मक काव्य है। मणिमेखलै - सीतलै सत्तनार (मदुरै का एक बौद्ध व्यापारी) इसमें ‘शिलप्पदिकारम्’ ग्रंथ के नायक कोवलन एवं उसकी दूसरी पत्नी माधवी (वेश्या) से उत्पन्न पुत्री ‘मणिमेखलै’ की कहानी है। इसमें मानवता को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यह धार्मिक ग्रंथ अधिक हे और साहित्यिक कम। जीवक चिन्तामणि - लेखक - तिरुतक्कदेवर (जैन संत) इसमें ‘जीवक’ नामक राजकुमार की कहानी है। इसमें गृहस्थ जीवन का वर्णन हे। इसमें मुख्य रूप से श्रृंगार रस का प्रयोग है। तिरुकुराल या कुराल - लेखक - संत तिरुवल्लुवर। यह लौकिक साहित्य हे। इसमें धार्मिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों का वर्णन है। मणिमेखलै वेण्बा -  लेखक - भारती दासन्। इसमें मणिमेखलै और माधवी नामक नायि...

नीति आयोग

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नीति आयोग की स्थापना niti aayog 1 जनवरी, 2015 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल के प्रस्ताव के माध्यम से योजना आयोग के स्थान पर ‘नीति आयोग’ (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान  National Institution for Transforming India ) की स्थापना किए जाने की घोषणा की गई।  ज्ञातव्य है कि योजना आयोग का गठन भी 15 मार्च, 1950 को मंत्रिमंडलीय प्रस्ताव के माध्यम से ही किया गया था। नीति आयोग का संघटन इस प्रकार निर्धारित किया गया है- अध्यक्ष: प्रधानमंत्री शासी परिषद: यह सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और संघीय क्षेत्रों के उप राज्यपालों से मिलकर बनेगी। क्षेत्रीय परिषदें: ऐसे विशिष्ट मुद्दों और आकस्मिक मामलों जो एक से अधिक राज्यों या एक क्षेत्र को प्रभावित करते हों, के संदर्भ में ये परिषदें आवश्यकता-आधार और विशिष्ट कार्यकाल हेतु गठित की जाएंगी। इसमें सम्बन्धित क्षेत्र के राज्यों के मुख्यमंत्री एवं संघीय क्षेत्रों के राज्यपाल शामिल होंगे। विशेष आमंत्रित: नीति आयोग में संबद्ध कार्यक्षेत्र का ज्ञान रखने वाले विशेषज्ञ, विशेष जानकार और पेशेवर विशेष आमंत्रित के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा नामित किए ...

आसियान

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‘एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशिसन नेशंस’ (ASEAN - Association of Southeast Asian Nations) की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को बैंकॉक में हुई थी। इसके पांच संस्थापक सदस्य थे - इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस व थाईलैंड। वर्ष 1984 में ब्रुनेई दारूस्सलाम, 1995 में वियतनाम, 1997 में म्यांमार एवं लाओस तथा 1999 में कंबोडिया के सदस्य बनने पर आसियान के सदस्य राष्ट्रों की संख्या बढ़कर 10 हो गई। आसियान का उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है।  आसियान का मुख्यालय जकार्ता (इंडोनेशिया) में है। इसके वर्तमान महासचिव  ‘आसियान दिवस’ 8 अगस्त को मनाया जाता है। आसियान के 11 वार्ताकार देश व संगठन हैं - ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस, अमेरिका एवं संयुक्त राष्ट्र  आसियान रीजनल फोरम की स्थापना वर्ष 1994 में हुई थी। इसके सदस्य हैं - 10 आसियान राष्ट्र+ 11 वार्ताकार राष्ट्र।  आसियान चार्टर पर 20 नवंबर, 2007 को सिंगापुर में हस्ताक्षर हुए थे। यह चार्टर 15 दिसंबर, ...

महासागरीय नितल के उच्चावच

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महासागर प्रथम श्रेणी के उच्चावच है। यह पृथ्वी के गहरे क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत है तथा इसमें पृथ्वी की विशाल जलराशि संचित है। महाद्वीपों के विपरीत महासागर एक-दूसरे से स्वाभाविक रूप में इतने करीब हैं कि उनका सीमांकन करना कठिन हो जाता है। फिर भी भूगोलविदों ने पृथ्वी के महासागरीय भाग को पांच महासागरों में विभाजित किया है। जिनके नाम हैं - प्रशांत, अटलांटिक, हिन्द, दक्षिणी एवं आर्कटिका। जिस प्रकार स्थलीय भाग पर पर्वत, पठार व मैदान आदि पाए जाते हैं, उसी प्रकार महासागरीय नितल पर भी विभिन्न प्रकार की आकृतियां पाई जाती है। महासागरीय नितल अथवा अधस्तल को चार प्रमुख भागों में बांटा जा सकता है -  महाद्वीपीय मग्नतल महाद्वीपीय मग्नढाल गहरे समुद्री मैदान महासागरीय गर्त महाद्वीपीय मग्नतट  यह महासागर का सबसे उथला भाग होता है जिसकी औसत प्रवणता 1 डिग्री या उससे भी कम होती है। महाद्वीपीय मग्नतटों की चौड़ाई में एक महासागर से दूसरे महासागर के बीच भिन्नता पाई जाती है। यहां पर अवसादों की मोटाई भी अलग-अलग होती है। यहां लम्बे समय तक प्राप्त स्थूल तलछट अवसाद जीवाश्मी ईंधनों के स्रो...

स्थानीय पवन

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धरातल पर तापमान का असमान वितरण पाया जाता है। वायु गर्म होने पर फैलती है और ठंडी होने पर सिकुड़ती है। इससे वायुमंडलीय दाब में भिन्नता उत्पन्न होती है। इसी के परिणामस्वरूप वायु गतिमान होकर अधिक दाब वाले क्षेत्रों से न्यून दाब वाले क्षेत्रों में प्रवाहित होती है।  क्षैतिज रूप से अभिगमन करने वाली वायु को ही ‘ पवन ’ कहते हैं। सामान्यतया लघु क्षेत्र में सीमित तथा स्थानीय दशाओं से उत्पन्न हवाओं को ‘ स्थानीय पवन ’ कहते है। स्थानीय पवनें लघु क्षेत्रों तक सीमित होती हैं परन्तु कभी-कभी ये हज़ारों किमी की तथा स्थानीय दूरी तय कर लेती है। उदाहरण - कनाडा के आर्कटिक क्षेत्र से उत्पन्न होकर ध्रुवीय इंडी हवाएं संयुक्त राज्य अमेरिका के सुदूर दक्षिणी भाग में मैक्सिको की खाड़ी के तटीय भागों में पहुंच जाती है, जिससे इन क्षेत्रों का तापमान हिमांक से भी नीचे चला जाता है। स्थानीय पवनों को दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है - क. दैनिक स्थानीय पवन एवं ख. क्षेत्रीय अथवा प्रादेशिक स्थानीय पवन । प्रादेशिक स्थानीय पवन को पुनः शीत एवं गर्म स्थानीय पवनों में विभाजित किया जा सकता ह...

समाज के प्रकार

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समाज के प्रमुख 3 प्रकार माने जाते हैं - जनजातीय  कृषक औद्योगिक समाज जनजातीय समाज - एक जनजाति वह क्षेत्रीय मानव समूह है जो भू-भाग भाषा, सामाजिक नियम और आर्थिक कार्य आदि विषयों में एक सामान्यता के सूत्र में बंधा होता है। डॉ. रिवर्स ने जनजाति को ऐसे सरल प्रकार का सामाजिक समूह बताया है जिसके सदस्य एक सामान्य भाषा का प्रयोग करते हो तथा युद्ध आदि सामान्य उद्देश्यों के लिए सम्मिलित रूप से कार्य करते हो। रिवर्स के अनुसार - ‘जनजातियां प्रायः घुमन्तु या खानाबदोश होती है।’ गिलिन और गिलिन के अनुसार: स्थानीय आदिम समूहों के किसी भी संग्रह को, जो एक सामान्य क्षेत्र में रहता हो, एक सामान्य भाषा बोलता हो और एक सामान्य संस्कृति का अनुसरण करता हो, एक जनजाति कहते हैं। डॉ. डी.एन. मजूमदार - ‘रेसेज एण्ड कल्चर ऑफ इण्डिया’ में  ‘एक जनजाति परिवारों या परिवारों के समूह का संकलन होता है जिसका एक सामान्य नाम होता है, जिसके सदस्य एक निश्चित भू-भाग में रहते हैं, सामान्य भाषा बोलते हैं और विवाह, व्यवसाय या उद्योग के विषय में निश्चित निषेधात्मक नियमों का पालन करते हैं और पारस्परिक कर्त्तव्यों...