मुंशी प्रेमचंद
कलम का सिपाही मुंशी प्रेमचंद का जन्म: 31 जुलाई, 1880 को व मृत्यु 8 अक्टूबर, 1936 को। आधुनिक हिन्दी और उर्दू साहित्य के प्रख्यात लेखक थे। उन्हें विशेष तौर पर 20वीं शताब्दी के आरम्भिक हिन्दी-उर्दू साहित्य से संबद्ध किया जाता है। उनका जन्म वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के निकट लमही ग्राम में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता मुंशी अजायब लाल एक पोस्टल क्लर्क थे और माता एक गृहणी थीं। उनका वास्तविक नाम धनपतराय श्रीवास्तव था। उन्होंने अपना लेखन काय्र ‘नवाब’ नाम से आरम्भ किया था। जब वह सात वर्ष के थे तब उनकी माता का देहावसान हो गया तथा जब वह 16 वर्ष के हुए तो पिता भी गुजर गये। उनकी आरम्भिक शिक्षा एक मौलवी के अन्तर्गत मदरसा में हुई, जहां उन्होंने उर्दू का अध्ययन किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई बी.ए. तक की। वह 1899-1921 तक वाराणसी के निकट चुनार में एक स्कूल टीचर के रूप में कार्यरत रहे। जब महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की तो वे गोरखपुर में स्कूल टीचर थे। गांधीजी के आह्वान पर उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उनके समय भारत की जो राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्म...