भारत के बंदरगाह


  • उभरती वैश्विक अर्थव्यवस्था ने सभी क्षेत्रों में और विशेष रूप से समुद्रवर्ती क्षेत्र में नए अवसर खोले हैं। आर्थिक विकास में बंदरगाहों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • भारत की लगभग 75,517 कि.मी. लंबी तटीय रेखा के निकट 12 बड़े और लगभग 200 छोटे बंदरगाह हैं।
  • 6 बड़े बंदरगाह - कोलकाता, पारादीप, विशाखापत्तनम, हल्दिया, चेन्‍नई, एन्‍नोर (कामराजार) और तूतीकोरिन बंदरगाह भारत के पूर्वी तट पर स्‍िथत हैं, जबकि कोचीन, न्यू मंगलौर, मोर्मूगांव, मुंबई, न्हावाशेवा पर जवाहरलाल नेहरू और कांडला (दीनदयाल) बंदरगाह पश्‍िचमी तट पर स्‍िथत हैं।
  • बड़े बंदरगाह केन्द्र सरकार के प्रत्यक्ष प्रशासनिक नियंत्रण में हैं और संविधान की 7वीं अनुसूची में आते हैं।
  • भारत के सभी बंदरगाहों से होने वाले कुल परिवहन यातायात का 75 प्रतिशत बड़े और 43 प्रतिशत छोटे बंदरगाहों के जरिए होता है।
कोलकाता बंदरगाह
  • कोलकाता बंदरगाह देश का एकमात्र तटीय प्रमुख बंदरगाह है।
  • इसमें दो गोदी (बंदरगाह) प्रणालियां - हुगली नदी के पश्चिमी किनारे पर हल्दिया गोदी परिसर और पूर्वी किनारे पर कोलकाता गोदी प्रणाली है।
पारादीप बंदरगाह
  • देश के प्रमुख बंदरगाहों में से एक है। उड़ीसा में महानदी और बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्थित है।
  • भारत सरकार ने 1996 में इसका प्रबंधन राज्य सरकार से अपने हाथ में ले लिया। यह स्वतंत्र भारत में गठित पूर्व तट का पहला प्रमुख बंदरगारह बना दिया।
  • इसकी अपनी रेलवे प्रणाली है।
वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह
  • सामरिक दृष्टि से भारत के दक्षिण-पूर्व तट पर पूर्व-पश्चिम अंतरराष्ट्रीय समुद्र मार्ग के निकट
विशाखापत्तनम बंदरगाह
  • एक प्राकृतिक बंदरगाह है। इसे 1933 में वाणिज्यि नौवहन के लिए खोला गया।
  • यह एक मात्र बंदरगारह है जिसे तीन अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन -आईएसओ 14001;2004 (ईएमएस) ओएचएसएएस 18001 और आईएसओ 90001ः2000 (क्यूएमएस) प्राप्त है।
  • इसमें लौह अयस्क, लौह पट्टिकाओं, उर्वरक, कच्चा माल, कच्चा तेल तथा पीओएल उत्पाद तरल अमोनिया
कमराज बंदरगाह लिमिटेड,
  • स्थापना 2001 में मुख्य रूप से कोयला बंदरगाह के रूप में तमिलनाडु विद्युत बोर्ड की थर्मल कोल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए की गई।
  • केन्द्र सरकार द्वारा प्रशासित एकमात्र कॉरपोरेटर बंदरगाह है।
न्यू मंगलोर बंदरगाह
  • 1974 में नौवा प्रमुख बंदरगाह घोषित किया।
  • 1975 में इसका उद्घाटन किया गया। यह एकल बिंदु लंगर है।
  • इसकी कुल क्षमता 87.63 एमटीपीए है।
कोच्ची बन्दरगाह
  • 1920-40 के दौरान सर रॉबर्ट ब्रिस्टो के अथक प्रयासों से इसका विकास किया गया।
  • इसे 1936 में प्रमुख बंदरगाह का दर्जा दिया गया।
  • यह भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर स्थित है और पूर्व-पश्चिम समुद्री व्यापार के चौराहे पर नियन्ता की स्थिति में है।
  • बंदरगाह के परिक्षेत्र में समूचा केरल और तमिलनाडु तथा कर्नाटक के कुछ इलाके हैं।
न्हावा शेवा बंदरगाह (जवाहर लाल नेहरू पोर्ट)
  • मुंबई, महाराष्ट्र में 1989 में इसे चालू किया गया था।
  • यह देश का सबसे आधुनिक सभी सुविधाओं वाला बंदरगाह है। यह बंदरगाह सभी मौसमों में काम कर सकता है।
मोरमुगाओ बंदरगाह
  • गोवा में अरब सागर के तट पर स्थित
  • सर्वोत्तम बुनियादी ढांचे वाला बंदरगाह
  • यह एक प्राकृतिक बंदरगाह है, जो ब्रेकवाटर और मोल से घिरा है।
दीनदयाल बंदरगाह (पूर्व नाम कांडला बंदरगाह)
  • स्थापना - 1950 में
  • गुजरात में कच्छ की खाड़ी में स्थित ज्वारीय बंदरगाह है।

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