GK
भारत में विवाह के प्रकार
- ‘मनुस्मृति’ में विवाह के आठ प्रकारों का उल्लेख किया गया है, जिसमें प्रथम चार विवाह प्रशंसनीय तथा शेष चार निंदनीय माने जाते हैं-
- ब्रह्म विवाह: कन्या के वयस्क होने पर उसके माता-पिता द्वारा योग्य वर खोजकर, उससे अपनी कन्या का विवाह करना।
- देव विवाह: यज्ञ करने वाले पुरोहित के साथ कन्या का विवाह।
- आर्ष विवाह: कन्या के पिता द्वारा यज्ञ कार्य हेतु एक अथवा दो गाय के बदले में अपनी कन्या का विवाह करना।
- प्रजापत्य विवाह: वर स्वयं कन्या के पिता से कन्या मांगकर विवाह करता था। निंदनीय विवाह
- आसुर विवाह: कन्या के पिता द्वारा धन के बदले में कन्या का विक्रय।
- गंधर्व विवाह: कन्या तथा पुरुष प्रेम अथवा कामुकता के वशीभूत होकर करते थे।
- पैशाच विवाह: सोई हुई अथवा विक्षिप्त कन्या के साथ सहवास कर विवाह करना।
- राक्षस विवाह: बलपूर्वक कन्या का छीनकर उससे विवाह करना।
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