गंगनहर

राजस्थान की पहली सिंचाई परियोजना
राजस्थान की पहली सिंचाई परियोजना

राजस्थान में सिंचाई एवं नदी घाटी परियोजनाएं
सिंचाई के प्रमुख साधन - 

  1. नलकूप व कुआं - 66 प्रतिशत,
  2. नहर - 31 प्रतिशत, 
  3. तालाब-12 प्रतिशत,
  4. अन्य साधन - 1.4 प्रतिशत। 
  • कुओं व नलकूपों से सर्वाधिक सिंचाई जयपुर जिले में होती है।
  • नहरों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई गंगानगर जिले में होती है।
  • तालाबों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई भीलवाड़ा जिले में की जाती है।
  • राज्य में झरनों में सर्वाधिक सिंचाई बांसवाड़ा जिले में होती है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई क्रमशः गंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में तथा न्यूनतम राजसमंद जिले में होती है।
  • सिंचित क्षेत्रों के प्रतिशत के आधर पर चुरू जिले में सबसे कम सिंचित क्षेत्रफल है
गंग नहर 

  • 26 अक्टूबर, 1927 को बीकानेर में तत्कालीन महाराजा श्री गंगासिंह ने गंगनहर का निर्माण करवाया था।
  • यह नहर फिरोजपुर (पंजाब) के हुसैनीवाला नामक स्थान से सतलज नदी से निकलती है। 
  • गंगनहर की कुल लम्बाई 292 किमी. है। गंगानगर जिले में खक्खा के पास प्रवेश करती है। 

इसकी मुख्य शाखाएँः 

  • लक्ष्मीनारायण जी, लालगढ करणजी और समिया। 
  • यह नहर गंगानगर को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराती है। 

गंगनहर लिंक चैनल - 

  • गंगनहर लिंक चैनल का उदगम हरियाणा में लोहागढ़ नामक स्थान से होता है। साधुवाली के निकट गंगनहर लिंक चैनल को गंगनहर से जोड़ा गया है। 
  • इसकी लम्बाई 80 किमी है। 
  • लिंक चैनल के निर्माण का उद्देश्य जर्जर हो चुके गंगनहर के पुननिर्माण के दौरान श्रीगंगानगर जिले में सिंचाई एवं पीने के पानी आवश्यकता पूरा करना है।

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