History
प्रथम विश्व युद्ध
- प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण बोस्निया के एक छात्र गेबरीली प्रिंसिंप द्वारा आस्ट्रिया के युवराज आर्कड्यूक फ्रांसिस फर्डीनेण्ड और उसकी पत्नी सोफिया की हत्या 28 जून 1914 ई. को माना जाता है।
- 28 जुलाई, 1914 ई. को आस्ट्रिया ने सर्विया के विरुद्ध युद्ध की घोषण कर दी थी।
- 1 अगस्त, 1914 ई. को जर्मनी ने सर्विया और रूस के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी थी।
- जर्मनी ने 3 अगस्त 1914 ई. को फ्रांस के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी थी।
- बेल्जियम पर जर्मन आक्रमण से क्रुद्ध ब्रिटिश जनता ने ब्रिटेन को 4 अगस्त, 1914 ई. को जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा करने के लिए विवश कर दिया था।
- 11 नवम्बर, 1918 ई. को पहला विश्व युद्ध समाप्त हुआ था।
- 1917 ई. के प्रारम्भ में दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जिनका प्रथम विश्व युद्ध की प्रगति और अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों पर गहरा प्रभाव पड़ा था:-
- 15 मार्च, 1917 ई. को रूसी क्रांति प्रारम्भ,
- 6 अप्रैल, 1917 ई. को मित्र राष्ट्रों की ओर से संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रथम विश्व युद्ध में प्रवेश करना।
- प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात् 18 जनवरी 1919 ई. को मित्र राष्ट्रों के प्रतिनिधि यूरोप तथा विश्व के भावी मानचित्र की रचना के उद्देश्य से पेरिस में एकत्रित हुए थे।
- पेरिस शांति सम्मेलन की कार्यवाहियों को मूर्त्त रूप देने के लिए मार्च 1919 ई. में चार सदस्यों की परिषद् नियुक्त हुई थी, इसके सदस्य थे:-
- संयुक्त राज्य अमेरिका के राषट्रपति विल्सन,
- ब्रिटिश प्रधानमंत्री लॉयड जॉर्ज,
- फ्रांस के प्रधानमंत्री क्लेमेन्सो
- इटली के प्रधनमंत्री ओरलैण्डो।
- पेरिस सम्मेलन में मित्रराष्ट्रों तथा पराजित राष्ट्रों के मध्य ‘पांच शांति संधियां सम्पन्न हुईं थीं।:-
- 28 जून, 1919 ई. में जर्मनी के साथ वर्साय की संधि,
- 10 सितम्बर 1919 ई. को आस्ट्रिया के साथ सेंट जर्मन की संधि,
- 27 नवम्बर 1919 ई. को बल्गारिया के साथ न्यूली की संधि,
- 4 जून 1920 ई. को हंगरी के साथ ट्रियनो की संधि
- 10 अगस्त, 1920 ई. को टर्की के साथ सेव्र की संधि।
- 23 जुलाई, 1923 ई. को टर्की के साथ सेव्र की संधि को रद्द करते हुए एक नई, उदार संधि ‘लुसाने की संधि’ मित्रराष्ट्रों ने सम्पन्न की थी।
- पेरिस शांति सम्मेलन की व्यवस्थाओं के फलस्वरूप यूरोप में सात नए राष्ट्रों का निर्माण हुआ था - इस्टोनिया, लैटविया, लिथुआनिया, फिनलैण्ड, पोलैण्ड, चैकोस्लोवाकिया और यूगोस्लाविया।
- 8 जनवरी, 1918 ई. को कांग्रेस के समक्ष विल्सन ने 14 सूत्रों की घोषणा की थी।
- मार्शल फौच ने कहा - ‘वर्साय की संधि शांति नहीं अपितु बीस वर्ष के लिए युद्ध विराम है।’
- काउन्सलर पेसकियर ने कहा था - ‘जनाब, यह बच्चों का खेल नहीं है, जिस दिन पहली बार फ्रांस, एस्टेट्स जनरल की सभा देखेगा, उसी दिन उसे एक भयंकर क्रांति भी देखनी होगी।’
- 5 मई, 1789 ई. को एस्टेट्स जनरल का अधिवेशन वर्साय में हुआ, सभा में कुल 1200 सदस्य थे।
- 16 जून, 1789 ई. को सर्वसाधारण वर्ग के प्रतिनिधियों ने अपने आपको ‘राष्ट्रीय सभा’ घोषित करके एक क्रांतिकारी कदम बढ़ाया।
- 20 जून, 1789 ई. को राष्ट्रीय सभा ने टेनिस कोर्ट में एकत्रित होकर यह शपथ ग्रहण की कि वे राष्ट्रीय सभा के सदस्यगण जब तक अपने देश के लिए एक संविधान निर्मित नहीं कर लेते, अलग नहीं होंगे।
- 14 जुलाई, 1789 को भीड़ ने शस्त्र लूटने के लिए पेरिस के समीप किला ‘बास्तील’ पर धावा बोला। वहां के किलेदार द लोने ने गतिरोध उत्पन्न किया परन्तु भीड़ ने पूरा किला ध्वस्त कर दिया।
- इस घटना का राष्ट्रीय महत्त्व है फ्रांस अपना राष्ट्रीय दिवस 14 जुलाई को मनाता है।
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