History
मराठा साम्राज्य : शिवाजी
- शिवाजी का जन्म 20 अप्रैल, 1627 ई. में पूना के निकट शिवनेर के दुर्ग में हुआ।
- पिता - शाहजी भोंसले।
- (पहले अहमदनगर की सेवा में, शाहजहाँ द्वारा 1633 ई. में अहमदनगर की विजय के पश्चात् बीजापुर की सेवा में चले गये)
- उन्होंने पूना की जागीर शिवाजी को सौंप दी।
- माता - जीजाबाई और उनके संरक्षक दादोजी कोंडदेव थे।
- शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु रामदास थे।
- विवाह 1640 ई. में साईबाई निम्बालकर से हुआ।
- 1646 ई. में शिवाजी ने पूना के पास स्थित तोरण के किला जीत लिया।
- 1646 ई. में बीजापुर के सुल्तान से रायगढ़, चाकन और 1647 ई. में बारामती, इन्द्रपुर, सिंहगढ़ तथा पुरंदर का दुर्ग भी जीत लिया।
- 1656 ई. में मराठा सरदार चंद्रराव मोर से जावली का किला जीता।
- 1656 ई. में ही शिवाजी ने अपनी राजधानी रायगढ़ बनाई।
- इस समय मुगलों का बीजापुर से संघर्ष चल रहा था। अतः शिवाजी ने मुगलों के साथ मैत्री करने का प्रयास किया, किंतु औरंगजेब ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। बीजापुर से संधि करने के पश्चात् औरंगजेब ने बीजापुर को शिवाजी की अधीन आने वाले क्षेत्रों को वापस लेने की सलाह दी।
- बीजापुर शासक ने अपने सेनापति अफजल खाँ को शिवाजी को कैद करने या मार डालने के लिये भेजा। किंतु, शिवाजी ने चतुराई से उसकी हत्या कर दी और बीजापुर के कई अन्य क्षेत्रों को भी जीत लिया जैसे- ‘पन्हाला का किला’, ‘कोल्हापुर’ और ‘उत्तरी कोंकण’।
- इसके पश्चात् औरंगजेब ने शिवाजी के अधीन आने वाले उन क्षेत्रों को वापस लेने का निश्चय किया जो अहमदनगर की संधि के तहत बीजापुर को दे दिये गए थे। इसके लिये मुगल गवर्नर शाइस्ता खाँ को भेजा गया। प्रारंभिक रूप से शाइस्ता खाँ ने पूना, कल्याण और चाकन इत्यादि के किले पर अधिकार कर लिया तथा शिवाजी को वहाँ से हटने के लिये विवश किया।
- शिवाजी ने शाइस्ता खाँ के शिविर पर छापामार हमला किया तथा शाइस्ता खाँ को घायल कर दिया।
- इसके पश्चात् औरंगजेब ने शाइस्ता खाँ को वापस बुला लिया और आमेर के मिर्जा जयसिंह को शिवाजी से निपटने का दायित्व सौंपा। शाइस्ता खाँ को बंगाल का गवर्नर बनाकर भेज दिया गया।
- जयसिंह ने शिवाजी से निपटने के लिये एक नई नीति तैयार की, जिसके तहत शिवाजी को चारों तरपफ से घेरा जाना था। इसके लिये जयसिंह ने बीजापुर के साथ समझौता करने का प्रयास किया तथा बीजापुर ने अपनी सेना की एक टुकड़ी को जयसिंह की तरफ से भेजा।
- 1665 में शिवाजी को पुरंदर में घेर लिया गया। विवश होकर शिवाजी को 1665 में पुरंदर की संधि करनी पड़ी।
संधि के तहत प्रावधान
- शिवाजी को अपने 23 किले, जिनकी आय 4 लाख हूण प्रति वर्ष थी, मुगलों को सौंपने थे। इसके अतिरिक्त 12 किले, जिसकी वार्षिक आमदनी 1 लाख हूण थी, शिवाजी को अपने पास रखने थे।
- औरंगजेब द्वारा शिवाजी के पुत्रा शंभाजी को मुगल दरबार में भेजा जाना था। उसे 5 हजार का मनसब प्रदान किया गया।
- इसके पश्चात् बीजापुर के विरुद्ध अभियान प्रारंभ हुआ, किंतु औरंगजेब का सही से समर्थन न मिल पाने की वजह से इस अभियान में विशेष सफलता नहीं प्राप्त हुई।
- इसके पश्चात् जयसिंह ने शिवाजी को व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिये आगरा भेजा, किंतु वहाँ औरंगजेब से विवाद हो गया और शिवाजी को कैद कर लिया गया।
- 1666 में वे औरंगजेब की कैद से फरार हो गए।
- इसके बाद शिवाजी ने पुनः मुगलों के किले जीतने का फैसला किया। 1670 में उन्होंने पुनः सूरत को लूटा।
- शिवाजी ने 5 जून, 1674 में अपना राज्याभिषेक रायगढ़ के किले में किया। राज्याभिषेक काशी के पंडित गंगाभट्ट द्वारा संपन्न करवाया गया। इस अवसर पर शिवाजी ने छत्रपति, हैंदव धर्मोद्धारक, गौब्राह्मण प्रतिपालक की उपाधि धारण की।
- 12 अप्रैल, 1680 ई. में शिवाजी की मृत्यु हो गई।
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