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अनुस्मारक-पत्र क्या है, लिखें
- पूर्व में लिखे गये किसी पत्र की अनुपालना न होने पर पत्र प्राप्त करने वाले को जब प्रेषक की ओर से पुनः स्मरण कराया जाता हे अर्थात् प्रत्युत्तर देने हेतु याद दिलाया जाता है तो ऐसे पत्रों को अनुस्मारक पत्र कहते हैं।
- इसका प्रारूप सरकारी पत्र का ही होता है किन्तु विषय सामग्री संक्षिप्त होती है। इसमें विषय के नीचे संदर्भ शीर्षक लगाकर पूर्व पत्र के क्रमांक एवं दिनांक का उल्लेख अवश्य करना चाहिए।
राजस्थान सरकार
कार्यालय: जिला एवं सेशन न्यायालय, जोधपुर।
स्मरण-पत्र
क्रमांकः जिसेन्या/जोध/2017-18/57 दिनांक 10 अक्टूबर, 2018
प्रेषक:
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश,
अपर जिला एवं सेशन न्यायालय,
फलोदी।
विषय: लेखन एवं मुद्रण सामग्री के मांग पत्र बाबत।
संदर्भ: इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 27 दिनांक 2 सितम्बर 2018
महोदय,
- उपर्युक्त विषय एवं संदर्भान्तर्गत लेख है कि आपके कार्यालय से मुद्रण व लेखन सामग्री के मांग पत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।
- अतः उक्त मांग पत्र जल्द से जल्द इस कार्यालय को प्रेषित करावें अन्यथा विलम्ब के लिए इस कार्यालय की कोई जिम्मेवरी नहीं होगी।
भवदीय
हस्ताक्षर
जिला एवं सेशन न्यायाधीश नं. 1 के लिए
जिला एवं सेशन न्यायालय, जोधपुर
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