GK
क्यों होता है, फलों, सब्जियों का रंग और स्वाद अलग-अलग
- हम अपने दैनिक जीवन में फल, सब्जी में उपस्थित रंग व स्वाद के बारे में सोचते है कि इनका रंग व स्वाद कैसे बनता है या कौनसे तत्व इनके लिए जिम्मेदार है।
- किसी विशेष प्रकार के वर्णक तथा स्वाद किसी विशेष प्रकार के पदार्थ की उपस्थिति के कारण होता है।
- फलों के पकने पर उनका रंग बदल जाता है क्योंकि उनमें वर्णक का निर्माण हो जाता है।
- टमाटर में लाल रंग लाइकोपिन नामक वर्णक के कारण होता है, जो धीरे-धीरे टमाटर के पकने पर बढ़ता जाता है।
टमाटर का लाल रंग किस वर्णक के कारण होता है? |
- इसी तरह हल्दी में पीला रंग कुरकुमिन तत्व के कारण होता है।
- मिर्च के इतने तीखेपन का राज केप्सेसिन नामक तत्व है यानि यह तत्व न हो तो मिर्च बिल्कुल फीकी लगेगी।
- बेल फल में कड़वाहट मारमेलोत्सिन नामक तत्व की उपस्थिति के कारण ही होती है।
- मूली में तीखापन आइसोसाइनेट तत्व की उपस्थिति के कारण होता है।
फल, सब्जी
|
रंग व स्वाद
|
आंवले का कसैलापन
|
टैनिन
|
बादाम में कड़वाहट
|
एमाइलेडिन
|
टमाटर का लाल रंग
|
लाइकोपिन
|
मिर्च का तीखापन
|
केप्सेसिन
|
पपीता का पीला रंग
|
केरिक्जेन्थिन
|
गाजर का नारंगी रंग
|
कैरोटीन
|
आलू का हरा रंग
|
सोलेनिन
|
मिर्च का लाल रंग
|
कैप्सेनथिन
|
गाजर का लाल रंग
|
एन्थोसायनिन
|
तिलहनों के तेल का पीला रंग
|
कैराटिनाइज्ड
|
खीरे में कड़वाहट
|
कुकुर बिटेसी
|
करेले में कड़वाहट
|
मेमोर्डिकोसाइट
|
प्याज का लाल रंग
|
एन्थोसाइनिन
|
प्याज का पीला रंग
|
क्वेरसेटिन
|
हल्दी में पीला रंग
|
कुरकुमिन
|
मूली में तीखापन
|
आइसोसाइनेट
|
Post a Comment
0 Comments