Science
आनुवंशिकी
- आनुवांशिकी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम में ‘डब्ल्यू वाटसन’ द्वारा किया गया।
- वंशागति एवं विविधताओं का अध्ययन आनुवांशिकी कहलाता है।
- समान लक्षण यदि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित होते हैं तो इसे वंशागति कहा जाता है।
- जैसे - लम्बी से लम्बी एवं बौने से बौनी संतति उत्पन्न होना।
- कोशिका की खोज - रॉबर्ट हुक (मृत) व ल्यूवेनहॉक ने सजीव कोशिका खोज की।
- केन्द्रक की खोज - रॉबर्ट ब्राउन
- गुणसूत्र की खोज - स्ट्रॉस बर्गर
- जीन की खोज - जोहन्सन
- डीएनए - मेस्चर
जीन:-
- वह आनुवांशिक पदार्थ जो आनुवंशिक लक्षणों को एक-पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचाता है। जीन कहलाता है।
- मेंडल ने जीन को कारक कहा।
विपर्यासी लक्षण
- एक जीन के दो विपरीत लक्षण विपर्यासी लक्षण कहलाते हैं।
- उदाहरण - ऊंचाई (लम्बा व बौना)
- आंख - भूरी व काली
- त्वचा का रंग - काला व फेयर
समयुग्मी - यदि एक जीन के दोनों युग्मक (अक्षर) समान हो तो उसे इसे समयुग्मकी कहा जाता है।
विषमयुग्मकी - यदि एक जीन के दोनों एलीली या युग्मक असमान हो तो इसे विषम युग्मकी कहा जाता है।
उदाहरण -
लक्षण प्रारूप / फिनोटाइप
- किसी भी जीव का वह बाह्यतम स्वरूप जोकि नग्न आंखों से स्पष्ट दिखाई देता है लक्षण प्रारूप कहलाता है।
जीन प्रारूप
- लक्षण प्रारूप को लाने के लिए उत्तरदायी जीन उसका जीन प्रारूप कहलाता है।
ग्रेगर जॉन मेण्डल
- आनुवांशिकी के जनक - मेंडल
- प्रायोगिक पादप - उद्यान मटर (वानस्पतिक नाम पाइसम सेटाइवम)
- जन्म - 22 जुलाई, 1822 ई. में, ऑस्ट्रिया के ब्रुन शहर में।
- मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए ‘उद्यान मटर’ का चयन किया।
- इन पर आठ वर्षों तक प्रयोग किये गये।
- मटर के वंश परम्परागत विभिन्नताओं के अध्ययन के लिए 7 लक्षणों का चयन किया गया।
आनुवांशिक रोग
हिमोफिलिया
- रक्त का थक्का नहीं बन पाता।
- X - सहलग्न अप्रभावी रोग।
- यह रॉयल डिजीज है।
- यदि वाहक मादा की शादी सामान्य नर से होती है, तो संतानों की स्थिति ज्ञात करो?
वर्णान्धता
- यह भी एक सहलग्न अप्रभावी रोग है। इसमें व्यक्ति हरे एवं लाल रंगों में विभेद (अंतर) नहीं कर पाता है।
- यह वंशागति रोग है।
- इसका सर्वप्रथम होरनर ने 1876 ई. में पता लगाया।
- एक वर्णान्ध नर और सामान्य मादा की पहली पीढ़ी की संतान से केवल पुत्रियों में ही वर्णान्धता का जीन पाया जाता है।
- यह पुरुष के X गुणसूत्र में स्थित है। इन पुत्रियों में वर्णान्धता विकसित नहीं होगी। क्योंकि ये संकर है। अतः ये वाहक का कार्य करेगी।
- यदि इनका विवाह सामान्य पुरुष से होता है तो उनकी आधी संतानों में वर्णान्धता का जीन होगा।
डाउन सिन्ड्रोम
- खोज - Longdon Down द्वारा 1866 ई. में
- 21वीं जोड़ी के गुणसूत्र की अधिकता यानि दो के बजाय तीन होते हैं। अतः गुणसूत्र समूह 47 होता है।
- इस सिन्ड्रोम वाला व्यक्ति छोटे कद और मन्द बुद्धि वाला होता है।
- सिर गोल गरदन मोटी, त्वचा खुरदरी, जीभ मोटी, अंगुलियां ठूंठदार, मुख खुलाख् आंखें तिरछी और पलक मंगोलों की तरह फॉल्ड होती है।
- इसलिए इन्हें मंगोली जड़ता भी कहते हैं।
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