किसान कब होंगे ऋण मुक्त
भारत में इन दिनों चुनावों में सबसे ज्यादा चर्चित कोई मुद्दा है तो वह किसानों की ऋण माफी। समझ नहीं आता आखिर यह मुद्दा केवल चुनावी वादा है या वास्तविक अर्थों में किसानों के ऋण माफी। आखिर पिछली यूपीए सरकार के समय से यही किस्सा देखने व सुनने में आ रहा है। उस समय किसानों के कर्ज के 64 हजार करोड़ माफ किये गये थे और वर्तमान केन्द्र सरकार भी हर साल बजट में हजारों करोड़ों रुपये किसानों के कर्ज के माफ करती है। फिर भी किसानों के कर्ज माफ नहीं होते हैं और कई किसान इस कर्ज माफी में आत्महत्या तक कर चुके हैं। आखिर किस किसान के कर्ज माफ हो रहे हैं? यह किसानों के नाम पर भुलभूलैया खेल है। जो चुनावों के समय राजनीतिक दलों के लिए बांये हाथ का खेल है। हां, इसमें राजनीतिक दलों को दोहरे लाभ होते हैं। किसान भी बंट गया है राजनीतिक दलों के साथ जो वादों के साथ सही व्यक्तित्व के चयन को नदारद कर देते हैं। उन्हें लगता है कि हर किसान का कर्ज माफ होगा, पर किसान के नाम पर किसान छला जाता है क्यों? अजी आप नहीं जानते? पर शायद इन राजनीतिक पार्टियों को पता है कि किसान कर्ज माफी ...