भारतीय शास्त्रीय नृत्य
भारत में नृत्य की 2000 वर्ष पुरानी अक्षुण्ण परंपरा रही है। इसकी विषयवस्तु, पुराणों, आख्यानों और प्राचीन साहित्य पर आधारित है। भारतीय नृत्य के दो प्रमुख प्रकार हैं - शास्त्रीय और लोक नृत्य। शास्त्रीय नृत्य प्राचीन ग्रंथों पर आधारित है और उसके विभिन्न रूपों की प्रस्तुति के संबंध में काफी कड़े नियम हैं। भरतनाट्यम - भरतनाट्यम तमिलनाडु का प्रसिद्ध नृत्य है। यह भरतमुनि के नाट्यशास्त्र के सिद्धांतों पर आधारित है। इसका विकास और आविर्भाव दक्षिण भारत के मंदिरों में देवदासियों द्वारा हुआ था। भरतनाट्यम का वर्तमान रूप पोन्नैया पिल्लै बंधुओं ने विकसित किया। यह महिलाओं द्वारा प्रदर्शित गायन नृत्य है। भाव, राग और ताल इस नृत्य के तीन तत्त्व है। यह अक्सर एक गायन के साथ प्रारंभ किया जाता है। इसके प्रारूप है - अलारिप्पु (वंदना), जाति स्वरूप (स्वर सम्मिश्रण), शब्दम (स्वर एवं गीत), जावलियां (श्रृंगारिक) और तिल्लाना (शुद्ध नृत्य)। भरतनाट्यम से संबंधित व्यक्ति - रूक्मिणी देवी, बाला सरस्वती, यामिनी कृष्णमूर्ति, इन्द्रानी रहमान, सोनल मानसिंह, पद्मा सुब्रह्मण्यम, स्वप्न स...