भारत रत्न 2019 से सम्मानित व्यक्ति


  • राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया। यह पुरस्कार आरएसएस के विचारक नानाजी देशमुख और गायक भूपेन हजारिका को भी मरणोपरांत प्रदान किया गया। कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी, भारत के 13 वें राष्ट्रपति थे और 2012 से 2017 तक, इंदिरा गांधी के कार्यकाल में सेवा प्रदान कर चुके हैं। वह मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री भी थे।
  • नानाजी देशमुख, जिनका 94 वर्ष की आयु में 2012 में निधन हो गया था, 1977 से 1979 तक लोकसभा के सदस्य रहे और उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1999 से 2005 तक राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में भी कार्य किया। ग्रामीण विकास में उनके योगदान ने गाँवों में रहने वालों को सशक्त बनाने के एक नए प्रतिमान की राह दिखाई।
  • भूपेन हजारिका, जिनकी मृत्यु 2011 में हुई, वह असम के प्रसिद्ध गायक व संगीतकार थे। जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, ‘‘भूपेन हजारिका के गीत और संगीत पीढ़ियों से लोगों द्वारा सराहे जाते रहे हैं। उनसे न्याय, सद्भाव और भाईचारे का संदेश जाता है।’’
भारत रत्न पुरस्कार के बारे में 
  • भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है जिसे 2 जनवरी, 1954 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के आदेश से स्थापित किया गया था।
  • भारत रत्न प्राप्त करने वाले भारतीय वरीयता क्रम में सातवें स्थान पर हैं, लेकिन संविधान पुरस्कार के नाम का उपयोग शीर्षक के रूप में किया जाना निषिद्ध करता है।
  • पुरस्कार को असाधारण सेवा या उच्चतम आदर्श के प्रदर्शन के लिए दिया जाता है, जो कि जाति, व्यवसाय, स्थिति या लिंग के भेद के बिना होता है।
  • यह पुरस्कार मूल रूप से कला, साहित्य, विज्ञान और सार्वजनिक सेवाओं में उपलब्धियों तक सीमित था लेकिन केंद्र सरकार ने 2011 में मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र को शामिल करने के लिए मानदंडों का विस्तार किया।
  • भारत रत्न की सिफारिशें प्रधान मंत्री द्वारा की जाती हैं, जिसमें प्रति वर्ष अधिकतम तीन व्यक्ति नामांकित होते हैं।
  • प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाणपत्र और एक पीपल-पत्र के आकार का पदक प्राप्त होता है और पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान नहीं होता है।
  • जनवरी 1966 में किये गए प्रावधान के अनुसार यह पुरस्कार मरणोपरांत भी दिया जा सकता है।
  • पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री 1966 में मरणोपरांत सम्मानित होने वाले पहले व्यक्ति थे।
  • भारत रत्न के पहले प्राप्तकर्ता 1954 में सी. राजगोपालाचारी, वैज्ञानिक सी. वी. रमन और सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे।


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