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Showing posts from May, 2019

हीरे का अपेक्षित घनत्व होता है।

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मानव रक्त में स्वाभाविक रूप से होने वाली एंटी-कॉगुलेंट है? अ. हीरुडीन ब. हिपेरीन स. फाइब्रीनोजन द. सिरोटोनीन उत्तर - हिपेरीन हीरे का अपेक्षित घनत्व 3.52 होता है। हीरा की चतुष्फलकीय रचना होती है।  काले हीरे को कार्बोनेडो कहा जाता है। हीरा का प्राकृतिक स्रोत किम्बरलाइट पत्थर होता है। जीव विज्ञान एवं जन्तु विज्ञान का पिता अरस्तू को कहा जाता है। चिकित्सा विज्ञान के जनक हिप्पोक्रेट्स को कहा जाता है। मानव शरीर में कुल 206 हड्डियां होती है। थायरॉक्सिन हार्मोन में आयोडीन होती है। मानव शरीर में 22 प्रकार के अमीनो अम्ल पाये जाते हैं। मनुष्य के रक्त में हीमोग्लोबिन होता है। भारत में एड्स रोग का पहला रोगी 1986 में मिला था। तंत्रिका तंत्र की इकाई को न्यूरॉन कहते है। मानव शरीर में पाया जाने वाला सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत है।  मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिका न्यूरॉन है। मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका शियाटिक है। कोशिका की खोज 1665 में राबर्टहुक ने की थी। सबसे छोटी कोशिका माइकोप्लाज्म गैलिसेप्टिकम की होती है। सबसे छोटा बीज आर्किड का होता है।  सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमु...

डूंगरपुर को मिला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

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डूंगरपुर नगरपरिषद को नई दिल्ली में 24 मई को नीदरलैंड सरकार के राष्ट्रदूत मार्टिन वेन डेन बर्ग ने ठोस कचरा प्रबंधन एवं स्वच्छता कार्यक्रम को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नलिनी को मिला जोआन मिरो पुरस्कार भारतीय कलाकार नलिनी मालानी ने अंतरराष्ट्रीय जोआन मिरो पुरस्कार जीता है। उन्हें पुरस्कार राशि के तौर पर 70 हज़ार यूरो यानि करीब 49 लाख रुपये नकद पुरस्कार मिला है और इसे दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित कला पुरस्कारों में से एक माना जाता है। 1946 ई. में कराची में जन्मी नलिनी फ़िल्म, फोटोग्राफी, वीडियो, कला और परफॉर्मेंस आर्टिस्ट हैं। 1.इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के कितन पद स्वीकृत हैं? (क) 130 (ख) 140 (ग) 150 (घ) 160 2.इनमें सेकिस व्यक्ति का संबंध एडोब सिस्टम्स से है? (क) निकेश अरोड़ा (ख) शांतनु नारायण  (ग) विवेक मूर्ति (घ) प्रीति शिनॉय 3.सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन किस साहित्यकार  का पूरा नाम है? (क) अज्ञेय (ख) काका हाथरसी (ग) नागार्जुन (घ) निराला 4.इनमें से कौनसे एंजाइम्स हमारे ...

हाड़ी रानी

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हाड़ा राजवंश की राजकुमारी सहल कंवर का विवाह मेवाड़ महाराणा राजसिंह के प्रमुख सरदार रतनसिंह चूण्डावत से हुआ था। उसी समय किशनगढ़ के राजा रूपसिंह की पुत्री चारूमति ने महाराणा राजसिंह को पत्र लिखकर औरंगजेब से बचाकर विवाह कर ले जाने के लिए आमंत्रित किया था। राजसिंह ने अपने सरदारों से वार्तालाप कर औरंगजेब की सेना को रोकने का कार्यभार रतनसिंह चूण्डावत को दिया। युद्ध में जाने से पहले रतनसिंह अपनी नवविवाहित रानी से मिलने गया, जहां पर वह रानी द्वारा दिये गये सम्बल के कारण युद्ध भूमि में जाने को तैयार हो गया। परन्तु युद्धभूमि में जाने से पूर्व बार-बार रानी का चेहरा उसकी आंखों के साने मंडरा रहा था और रानी की याद विचलित कर रही थी और रानी के लिए वह व्याकुल हो रहा था।  रतनसिंह ने अपने विश्वासपात्र सेवक को रानी से कोई सेनाणी (निशानी) लेने के लिए भेजा ताकि वह युद्ध आसानी से जीत सके। रानी को जब सेवक से यह बात पता चली तो उसके सामने धर्म संकट खड़ा हो गया— एक ओर पति के प्रति प्यार था, तो दूसरी ओर चारूमति के सम्मान की रक्षा। परंतु रानी के लिए नारी सम्मान अधिक महत्त्वपूर्ण था। रानी ने तुरन्त निर्ण...

मंगोल आक्रमण

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मंगोल अत्यन्त शक्तिशाली थे तथा उनके आक्रमण से भारत के उत्तरी-पश्चिमी सीमा प्रान्त व पंजाब की शांति भंग हो गयी। अलाउद्दीन के शासक के प्रारम्भिक वर्षों में मंगोलों ने निरन्तर आक्रमण किये। पहला आक्रमण  अलाउद्दीन को राजसिंहासन पर आसीन हुए कुछ माह भी नहीं हुए थे कि 1296 ई. में कादर के नेतृत्व में मंगोलों ने आक्रमण किया। उनका सामना करने के लिए अलाउद्दीन ने जफरखां के नेतृत्व में सेना भेजी। जफरखा ने जालंधर के समीप मंगोलों को परास्त किया। दूसरा आक्रमण   1297 ई. में मंगोलों ने पुनः आक्रमण किया। इस बार उनका नेतृत्व देवा तथा साल्दी कर रहे थे। मंगोलों ने सीरी के किले पर अधिकार कर लिया। बड़ी संख्या में मंगोलों को बन्दी भी बनाया गया। इस विजय में जफरखां की लोकप्रियता में वृद्धि हुई। तीसरा आक्रमण  मंगोलों द्वारा तीसरा आक्रमण 1299 ई. में कुतलुग ख्वाजा के नेतृत्व में हुआ। यह आक्रमण अत्यन्त प्रबल था तथा इसकी उल्लेखनीय बात यह थी कि इस बार मंगोल लूटपाट करने नहीं वरन् अपना शासन स्थापित करने के उद्देश्य से आये थे। मंगोल दिल्ली के निकट तक पहुंच गये थे। अलाउद्दीन को उस...

मोनाजाइट किसका अयस्क है

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सिरका एसिटिक अम्ल का जलीय विलयन है। थर्माकोल को कृत्रिम रबड़ कहा जाता है।  कपूर को उर्द्धपातन विधि द्वारा शुद्ध किया जाता है। ‘त्रिक नियम’ का प्रतिपादन डोबेरनर ने किया था। मेण्डलीफ के आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण का आधार परमाणु द्रव्यमान है। आधुनिक आवर्त नियम का प्रतिपादन मोसले ने किया था। आवर्त सारणी का सबसे छोटा आवर्त पहला वर्ग है। आवर्त सारणी का सबसे बड़ा आवर्त छठा है। सोन के आभूषण बनाते समय कठोर बनाने के लिए उसमें तांबा धातु मिलाई जाती है।  तारपीन का तेल भाप आसवन विधि द्वारा शुद्ध किया जाता है।  ब्लीचिंग पाउडर (विरंजक चूर्ण) का रासायनिक नाम कैल्शियम हाइपोक्लोराइड होता है। वाशिंग सोडा का रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट है।  ओजोन परत के ह्रास के लिए उत्तरदायी गैस क्लोरोफ्लोरो कार्बन है। मोनाजाइट थोरियम का अयस्क है।  कार्बन डाइऑक्साइड गैस चूने के पानी को दूधिया कर देती है। तम्बाकू में विषैला तत्व निकोटिन पाया जाता है। पत्तियों का रंग पीला होने के कारण, उसमें कैरोटिन का निर्माण होना है। फलों के छिलके एवं फूलों में वर्णी लवक पाये जाते हैं।...

हाइड्रोजन बम क्या है

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  संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 1 मार्च, 1954 को सबसे पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया। यह विस्फोट मानव इतिहास का सबसे बड़ा घातक परीक्षण था। इसका परिक्षण प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित मार्शल द्वीपों के बिकिनी द्वीपसमूह में किए गए। इस विस्फोट से उत्पन्न दुष्प्रभावों का आकलन करने वाले यंत्र भी इसकी तीव्रता को मापने में असफल रहे और वैज्ञानिकों ने जो आकलन किया था उससे भी कहीं ज्यादा शक्तिशाली था।  क्या है हाइड्रोजन बम  हाइड्रोजन बम के जनक (फादर ऑफ हाइड्रोजन बॉम्ब) एडवर्ड टेलर है।  हाइड्रोजन बम का आविष्कार सबसे पहले अमेरिका में हुआ था। हाइड्रोजन बम को एच-बम (H-Bomb) भी कहा जाता है। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रुमैन ने हाइड्रोजन बम बनाने का आदेश दिया था। यह श्रृंखला अभिक्रिया Fusion और Fission पर ही काम करता है। इसमें हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटीरियम और ट्राइटीरियम का इस्तेमाल किया जाता है। परमाणुओ के संलयन करने से बम विस्फोट होता है। इस संलयन के लिए बहुत अधिक तापमान लगभग 5 लाख डिग्री सेल्सियस तक की आवश्यकता होती है।  हाइड्रोजन बम के व...

करतार सिंह सराभा जो भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के प्रेरणास्रोत बने

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आज 24 मई को क्रांतिकारी सरदार करतार सिंह सराभा की 123वीं जयंती है। वे ऐसे महान क्रांतिकारी थे, जिन्हें मात्र 19 साल की उम्र में अंग्रेजी सरकार ने फांसी पर इसलिए लटका दिया था कि आगे चलकर कहीं यह अंग्रेजी हुकूमत की नींव न हिला दे। वे भारत में क्रांतिकारी आदर्शवाद के अग्रदूत बन गये। जीवन परिचय    करतार सिंह सराभा का जन्म लुधियाना के सराभा नामक गांव में 24 मई, 1896 को हुआ था। इनसे पिता श्री मंगल सिंह और माता साहिब कौर का साया बचपन में ही उठ गया था। माता—पिता के देहांत के बाद इनके दादा जी ने इनका पालन—पोषण किया था। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में रह कर ही पूरी की। इसके बाद लुधियाना में स्थित मालवा खालसा हाई स्कूल से आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। बाद की शिक्षा उन्होंने अपने रिश्तेदार के पास उड़ीसा रह कर की। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके दादाजी ने आगे की शिक्षा के लिए उन्हें 1912 में अमरिका भेजा गया।  इस दौरान एक भारतीय होने के कारण उनको गुलाम की दृष्टि से देखा गया और गुलामों की तरह व्यवहार सहना पड़ा। उनके साथ हुए इस दुर्व्यवहार का किसी ने जबाव दिया कि 'क्योंकि तुम भारत द...

भारत ने किया 'RISAT-2B' उपग्रह का सफल प्रक्षेपण

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ओर कामयाबी 22 मई को तब दर्ज की, जब उसने हर मौसम में काम करने वाले रडार इमेजिंग निगरानी उपग्रह 'RISAT-2B' को सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में स्थापित किया।   इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पीएसएलवी-सी46 रॉकेट के 48वें अभियान के माध्यम से सुबह साढ़े पांच बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 615 किलोग्राम वजनी 'आरआईसैट-2बी' का सफल प्रक्षेपण किया गया। इसे प्रक्षेपण के करीब 15 मिनट बाद पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया।   यहीं नहीं भारत इससे पहले भी इस तरह के दो उपग्रह प्रक्षेपित कर चुका है। जिनके नाम RISAT-1 और RISAT-2 था। RISAT-1, 2017 से काम करना छोड़ दिया था, जिसके कारण उसे मृत घोषित कर दिया गया था। यही कारण रहा कि इससे बालाकोट स्ट्राइक के प्रभाव को रिकॉर्ड नहीं किया जा सका। इसरो के सूत्रों ने बताया, 'RISAT-2B को 15 महीने पहले ही रिलीज किया गया था और इसकी जिंदगी केवल 5  साल है। अगर सब कुछ सही रहा तो इसके 2 हमशक्ल RISAT-BR1 और RISAT-2BR2 आने वाले महीनों में प्रक्षेपित किए जाएंगे।' इसरो प...

नकदी फसलें कौनसी है?

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रुपये का पहली बार अवमूल्यन कब किया गया था? - 20 सितंबर, 1949 को रुपये का दूसरी बार अवमूल्यन कब किया गया था? - 6 जून, 1966 को रुपये का तीसरी बार अवमूल्यन कब किया गया था? - 1 जुलाई, 1991 को विदेशों में स्थित विदेशी बैंकों के साथ विदेशी मुद्रा में भारतीय बैंकों द्वारा रखे गए खाते को क्या कहते हैं? - नोस्ट्रो अकाउंट भारत में मुद्रास्फीति की गणना किस पर आधारित है? - थोक मूल्य सूचकांक किस स्थिति में मुद्रा के मूल्य में वृद्धि होती है और वस्तुओं तथा सेवाओं की कीमत में गिरावट होती है? - मुद्रा का संकुचन या अवस्फीति में मुद्रास्फीति के दुष्परिणामों को दूर करने के लिए जानबूझकर मुद्रा की मात्रा को कम करने को क्या कहते हैं? - मुद्रा अवस्फीति 1951-52 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान कितना था? - 52.2 प्रतिशत रबी की फसल की बुबाई कब की जाती है? - अक्टूबर-नवम्बर रबी की फसलों में शामिल हैं? - गेहूँ, चना, जौ, सरसों, मटर और आलू आदि। खरीफ की फसलों की बुबाई कब की जाती है? - जून-जुलाई खरीफ की फसलें कौन सी है? - बाजरा, मूंगफली, ग्वार, ज्वार, मक्का, तिल और अरहर आदि...

गुप्त साम्राज्य: आर्थिक स्थिति, कला, साहित्य एवं विज्ञान

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गुप्त साम्राज्य: आर्थिक स्थिति, कला, साहित्य एवं विज्ञान 240 ई से 550 ई. तक  गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी शताब्दी के अन्त में हुआ था। विष्णु पुराण, वायु पुराण और भागवत पुराण से ज्ञात होता है कि आरम्भिक गुप्त राज्य में मगध एवं उत्तर-पश्चिम बंगाल तक गंगा नदी के तटीय के प्रदेश सम्मिलित थे। श्री गुप्त - प्रभावती गुप्ता के पूना ताम्रपत्र अभिलेख में श्रीगुप्त का उल्लेख गुप्त वंश के ‘आदिराज’ के रूप में किया गया है। इन्होंने 240ई0 से 280 ई0 तक शासन किया। श्रीगुप्त ने महाराज की उपाधि धारण की। श्री गुप्त स्वतंत्र शासक न होकर संभवतः किसी शासन के अन्तर्गत सामन्त थे। घटोत्कच 280 ई. - 319 ई. - लगभग 280 ई0 में श्रीगुप्त ने घटोत्कच को अपना उत्तराधिकारी बनाया, इसने भी महाराज की उपाधि धारण की। प्रभावती गुप्त के पूना एवं रिद्धपुर ताम्रपत्र अभिलेखों में घटोत्कच को गुप्त वंश का प्रथम राजा बताया गया है, इसका राज्य सम्भवतः मगध के आस-पास तक ही सीमित था। इसने 319ई0 तक शासन किया। चन्द्रगुप्त प्रथम 319 ई. से 335 ई. तक - घटोत्कच के उत्तराधिकारी के रूप में शासक बना। चन्द्रगुप्त प्रथम ए...

शारदा कोरिडोर योजना किस देश से सम्बन्धित है?

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हाल ही में किस संस्था ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया है? अ. भारत ने ब. यूरोपीय संघ स. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द. संयुक्त राज्य अमेरिका उत्तर — स हाल ही में भारत सरकार ने आयात पर नियंत्रण लगाने और घरेलू उद्योग की सुरक्षा के लिए गेहूं पर आयत शुल्क 30% से बढ़ाकर कितने % कर दिया है?  अ. 35 % ब. 40 % स. 45 % द. 50 % उत्तर— ब भारती लिपि के लिए सरल ओसीआर सिस्टम (Optical Character Recognization) विकसित किया? अ.IIT Kharagpur ब.IIT Kanpur स.IIT Madras द.IIT Delhi उत्तर — स IIT मद्रास के अनुसंधानकर्ताओं ने भारती लिपि के लिए सरल ओसीआर सिस्टम विकसित किया, इस शोध कार्य का नेतृत्व प्रो. वी. श्रीनिवास चक्रवर्ती ने किया। इस प्रणाली के द्वारा भारती स्क्रिप्ट में लिखे गये दस्तावेजों को कंप्यूटर द्वारा पढ़ा जा सकता है। भारती स्क्रिप्ट एक एकीकृत लिपि है, इसमें नौ भारतीय भाषाएं शामिल हैं। इसमें देवनागरी, बंगाली, गुरुमुखी, गुजराती, ओड़िया, तेलुगू, कन्नड, मलयालम तथा तमिल शामिल है। इसमें उर्दू और अंग्रेजी को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि इनका ध्वन्यात्मक गठन काफी भि...

गवर्नर जनरल- I कार्नवालिस

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लॉर्ड कार्नवालिस 1786-93 ई. उसके समय में जिले के अधिकार कलेक्टर के हाथों में दे दिए गए।  पुलिस कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस अधिकार प्राप्त जमींदारों को इस अधिकार से वंचित कर दिया गया। कलकत्ता, मुर्शिदाबाद, ढाका तथा पटना में 4 प्रान्तीय न्यायालय की स्थापना की गई। भारतीय नागरिक सेवा का जनक कार्नवालिस को माना जाता है। न्यायिक क्षेत्र में ‘शक्ति के पृथक्कीकरण’ के सिद्धांत का जन्मदाता कार्नवालिस था। कार्नवालिस संहिता 1793 ई. एवं रेवेन्यू बोर्ड की स्थापना की। कम्पनी के कर्मचारियों के व्यक्तिगत व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रत्येक जिला में पुलिस थाना की स्थापना कर एक दरोगा को इसका इंचार्ज बनाया गया। कार्नवालिस ने प्रशासनिक व्यवस्था का यूरोपीयकरण किया। स्थायी भूमि बंदोबस्त 1793 ई. की योजना, जिसे ‘जॉन शोर’ ने बनाई थी, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, बनारस एवं मद्रास के उत्तरी जिलों में लागू की गई। इसमें जमींदार भू-राजस्व की दर तय करने के लिए स्वतंत्र थे। सर जॉन शोर 1793-98 ई. इसने अहस्तक्षेप की नीति अपनाई। लॉर्ड वेलेजली 1798-1805 ...

स्वराज पार्टी की स्थापना

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- स्थापनाः 1 मार्च 1923 - संस्थापकः चितरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू - स्थानः इलाहाबाद - असहयोग आन्दोलन की समाप्ति पर कांग्रेस के नेता दो भागों में बट गए। 1919 ई. के भारत शासन अधिनियम द्वारा घोषित विधान परिषदों के चुनाव में भाग लिया जाय या नहीं। - चितरंजन दास और मोतीलाल नेहरू ने इन सभाओं में प्रवेश कर असहयोग करने की बात रखी। ये लोग परिवर्तनवादी कहलाए। - 1919 के भारतीय शासन अधिनियम द्वारा स्थापित केन्द्रीय तथा प्रांतीय विधान परिषदों का कांग्रेस ने गांधीजी के निर्देशानुसार बहिष्कार किया था, 1920 के चुनावों में हिस्सा नहीं लिया। - 1918 में कांग्रेस से अलग हुए अति उदारवादी नेता जिसके मुखिया सुरेन्द्र नाथ बनर्जी थे, नेशनल लिबरल फेडरेशन की स्थापना की थी। - जून 1922 में कांग्रेस ने अपनी भावी रणनीति हेतु ‘सविनय अवज्ञा जांच समिति’ की स्थापना की जिसके सदस्यों में शामिल थे- पं. मोतीलाल नेहरू, डॉ. अंसारी, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, विट्ठलभाई पटेल और कस्तूरी रंगा, समिति के अध्यक्ष हकीम अजमल खां थे तथा प्रतिवेदन पं. मोतीलाल नेहरू ने तैयार किया था। - 1922 के गया में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन म...