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हाइड्रोजन बम क्या है
- संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 1 मार्च, 1954 को सबसे पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया। यह विस्फोट मानव इतिहास का सबसे बड़ा घातक परीक्षण था। इसका परिक्षण प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित मार्शल द्वीपों के बिकिनी द्वीपसमूह में किए गए। इस विस्फोट से उत्पन्न दुष्प्रभावों का आकलन करने वाले यंत्र भी इसकी तीव्रता को मापने में असफल रहे और वैज्ञानिकों ने जो आकलन किया था उससे भी कहीं ज्यादा शक्तिशाली था।
क्या है हाइड्रोजन बम
- हाइड्रोजन बम के जनक (फादर ऑफ हाइड्रोजन बॉम्ब) एडवर्ड टेलर है।
- हाइड्रोजन बम का आविष्कार सबसे पहले अमेरिका में हुआ था।
- हाइड्रोजन बम को एच-बम (H-Bomb) भी कहा जाता है।
- अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रुमैन ने हाइड्रोजन बम बनाने का आदेश दिया था।
- यह श्रृंखला अभिक्रिया Fusion और Fission पर ही काम करता है। इसमें हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटीरियम और ट्राइटीरियम का इस्तेमाल किया जाता है।
- परमाणुओ के संलयन करने से बम विस्फोट होता है। इस संलयन के लिए बहुत अधिक तापमान लगभग 5 लाख डिग्री सेल्सियस तक की आवश्यकता होती है।
- हाइड्रोजन बम के विस्फोट के दौरान सूर्य के अधिकतम ताप के बराबर तक तापमान पैदा हो सकता है।
- पहला हाइड्रोजन बम Marshall Island पर टेस्ट किया गया था जिसने आइलैंड और आसपास के पूरे क्षेत्र में सभी प्रकार के जीवन को खत्म कर दिया था।
- हाइड्रोजन बम के अब तक 5 आधिकारिक परीक्षण किए जा चुके हैं।
- 1955 में सोवियत संघ ने भी हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया। उसके बाद चीन और फ्रांस ने भी इस इस बम का परीक्षण किया।
- अभी तक आधिकारिक तौर पर सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और भारत के पास ही हाइड्रोजन बम है।
- हाइड्रोजन बम का पहला परीक्षण सन 1951 में किया गया था।
- हाइड्रोजन बम का आज तक किसी भी जंग में इस्तेमाल नहीं हुआ है।
- हाइड्रोजन एक्सप्लोजन के दौरान निकलने वाली रोशनी अंधा बनाने के लिए काफी है।
- दुनिया के पहले हाइड्रोजन बम टेस्ट में करीब 10,000,000 टन TNT ऊर्जा पैदा हुई थी।
- यह सच है कि हाइड्रोजन बम से जहां कही भी विस्फोट किया जाता है वहां पर जीवन के रहने की संभावना शून्य हो जाती है।
- भारत ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण 1998 में किया था।
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