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Showing posts from August, 2019

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2019

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पैरालंपिक रजत पदक विजेता दीपा मलिक को मिला राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार , क्रिकेटर रवींद्र जडेजा , बैंडमिटन खिलाडी बी साई प्रणीत समेत 19 खिलाड़ियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया अर्जुन पुरस्कार , 6 खिलाडियों को द्रोणाचार्य और 5 को ध्यानचंद्र पुरस्कार. पैरालंपिक रजत पदक विजेता दीपा मलिक राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार हासिल करने वाली पहली भारतीय पैरा एथलीट और सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गईं। इसी पुरस्कार को हासिल करने वाले पहलवान बजरंग पूनिया ट्रेनिंग प्रतिबद्धताओं के कारण यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शिरकत नहीं कर पाये।  दीपा ने 2016 रियो पैरालंपिक में गोला फेंक एफ53 में रजत पदक जीता था। उन्हें एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन पूनिया के साथ संयुक्त विजेता घोषित किया गया था जो कजाखस्तान में होने वाली आगामी चैम्पियनशिप की तैयारियों में जुटे हैं। इस तरह दीपा इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को हासिल करने वाली दूसरी पैरा एथलीट बन गई, क्योंकि पैरालंपिक का दोहरा स्वर्ण पदक जीतने वाले भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झझारिया को 2017 में इससे सम्मानित किया गया था। वह 49 साल की ...

इलावेनिल वलारिवन ने जीता विश्व कप निशानेबाजी में स्वर्ण पदक

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ब्राजील के रियो डी जनेरियों में 20 वर्षीय भारतीय निशानेबाज इलावेनिल वलारिवन ने अपने पहले सीनियर आईएसएसएफ शूटिंग विश्व कप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। वह 10 मीटर एयर राइफल श्रेणी में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली अपूर्वी चंदेला और अंजली भागवत के बाद तीसरी भारतीय निशानेबाज बन गईं है।  वलारिवन ने बुधवार को 10 मीटर शूटिंग में सटीक निशाना लगाते हुए 251.7 अंक हासिल किए और गोल्ड मेडल पर कब्जा किया, जबकि ग्रेट ब्रिटेन के सियोनाड मैकिंटोश ने 250.6 अंकों के साथ रजत पदक जीता।  इस टूर्नामेंट में भाग ले रही भारत ही दो अन्य निशानेबाज अंजुम मौदगिल और अपूर्वी चंदेला पदक जीतने में नाकाम रही। जहां वलारिवन ने स्वर्ण पर निशाना साधा वहीं अंजुम मौदगिल छठे स्थान पर तो अपूर्वी 11वें स्थान पर रहीं।   मानसी जोशी ने पैरा विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में जीता गोल्ड मानसी जोशी ने स्विट्जरलैंड के बेसल में हुई पैरा विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने महिला एकल वर्ग के फाइनल मुकाबले में हमवतन पारुल परमान क...

22 अगस्त के दिन घटित इतिहास की महत्त्वपूर्ण झलकियां

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भारत में घटित प्रमुख घटनाएं दिल्ली के सुल्तान नसीरूद्दीन खुसरो को गाजी मलिक ने 1320 ई. को पराजित कर दिल्ली का नया सुल्तान बना और तुगलक वंश की स्थापना की। 1639 – दक्षिण भारत के शहर चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) से ही ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपने विस्तार की नींव रखी। 1894 - नेटाल भारतीय कांग्रेस की स्थापना महात्मा गाँधी द्वारा 22 अगस्त को की गई थी। 2008 - मध्य प्रदेश सरकार ने बनवासियों के लिए साधारण वन अपराध मामले और मुआवजा वसूली खत्म करने का निर्णय लिया। 2009 – 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण भारत में दिखाई दिया। 2012 – प्रणव मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। विश्व इतिहास में घटित महत्त्वपूर्ण घटनाएं 1627 – फ़्रांस के कैथोलिक और प्रोटेस्टेन्ट ईसाइयों के बीच अंतिम युद्ध हुआ। 1698 – रुस, डेनमार्क और पोलैंड के बीच त्रिकोणीय संधि हुई जो स्वीडन के विरोध में थी। 1707 -  स्वीडन और प्रशिया ने सैन्य संधि पर हस्ताक्षर किया। 1717 -  स्पेनिश सैनिकों ने सर्दीनिया पर उतारा गया। 1762 – एन. फ्रेंकलिन अमेरिकी अखबार न्यूपोर्ट आर आई, मर्करी की पहली महि...

किस रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे कम होती है?

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किस इकाई द्वारा वायुमण्डल के ओजोन परत की मोटाई नापी जाती है? अ. बोरोमीटर ब. मैक्सवेल स. डॉबसन द. इनमें से कोई नहीं उत्तर - स निम्नलिखित में से जीवन की मूलभूत इकाई कौनसी है? अ. रक्त ब. कोशिका स. केन्द्रक द. अंग उत्तर - ब धान का ‘खैरा’ रोग किस तत्व की कमी से होता है? अ. नाइट्रोजन ब. जिंक स. मैग्नीशियम द. लोहा उत्तर - ब ऑक्टोपस के खून का रंग कैसा होता है? अ. नीला ब. लाल स. गुलाबी द. काला उत्तर - अ खाने के सोडा का रासायनिक नाम क्या है? अ. सोडियम सल्फेट ब. सोडियम क्लोराइट स. सोडियम बाइकार्बोनेट द. सोडियम कार्बोनेट उत्तर - स क्रायोलाइट किस धातु का अयस्क है? अ. एंटीमनी ब. एल्यूमिनियम स. बेरियम द. आर्सेनिक उत्तर - ब सर्वप्रथम मानव ने किस धातु का उपयोग किया? अ. लोहे का ब. तांबे का स. सोने का द. चांदी का उत्तर - ब एक शुष्क सेल में कौन सी ऊर्जा पायी जाती है? अ. विद्युत चुम्बकीय ब. यांत्रिक स. विद्युत द. रासायनिक उत्तर - द किस रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे कम होती है? अ. लाल ब. बैंगनी स. पीला द. नीला उत्तर - ब इलेक्ट्रॉन का एंटी-पार्टिकल क्या है? अ. प्रोटॉन ब. पॉजीट्रॉन स. एल्फा...

प्रतिवादी धर्मसुधार आन्दोलन

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प्रतिरोधी सुधार आंदोलन प्रोटेस्टेंटवाद के बढ़ते प्रभाव से चिंतित होकर कैथोलिक चर्च ने भी अपनी व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास किया। इसे ही प्रतिरोधी सुधार आंदोलन कहा जाता है। इसे ‘कैथोलिक प्रतिक्रिया’ भी कहा जाता है।  पोप पॉल तृतीय (1534-1549) के समय से पोप अधिक योग्य होने लगे तथा चर्च के पदों पर भी चरित्रवान व्यक्तियों की नियुक्तियां की जाने लगीं। इससे प्रतिरोधी सुधार आंदोलन को बल मिला।  16वीं शताब्दी के धर्मसुधार आन्दोलन तथा प्रोटेस्टेण्टों की सफलता ने यह स्पष्ट कर दिया कि अपने स्थायीत्व के लिए रोमन कैथोलिक चर्च में भी सुधार आवश्यक हैं। अतः अपनी सुरक्षा की दृष्टि से कैथोलिक मतावलम्बियों ने भी सुधार आन्दोलन को सूत्रपात किया, जिसे प्रतिवादी या प्रतिवादात्मक धर्मसुधार आन्दोलन कहा गया है। इस आन्दोलन का प्रमुख उद्देश्य चर्च के संगठन एवं कार्यविधि संबंध सिद्धान्तों में परिवर्तन लाना, धर्म सिद्धान्तों की व्याख्या और धर्मप्रचार का कार्य करना था इसके विविध उपाय काम में लाये गये- क. ट्रेण्ट कौन्सिल 1545-64 इटली के ट्रेण्ट नामक स्थान पर 1545 ई. में चर्च की एक परिषद् बुल...

समाजशास्त्र परीक्षा में पूछे गए प्रश्न

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राजनीतिक दन एवं मजदूर संघ किस प्रकार के समूह के उदाहरण है? — द्वितीयक समूह 'भूमिका एक समूह में एक विशिष्ट पद से संबंधित सामाजिक प्रत्याशाओं एवं व्यवहार प्रतिमानों का एक योग है जिसमें कर्त्तव्यों एवं सुविधाओं दोनों का समावेश होता है।' यह परिभाषा किस समाजशास्त्री ने दी है? — आगबर्न व निमकाफ यदि एक स्त्री पत्नी, बहू, माता तथा किसी विभाग की अधिकारी के रूप में अपनी भूमिकाओं में सामंजस्य स्थापित करने में कठिनाई महसूस करती है, तो इस स्थिति को क्या कहते है? — भूमिका संघर्ष समुदाय के लिए 'टॉनीज' ने किस शब्द का प्रयोग किया? — जेमिन्ससाफ्ट सामाजिक अन्त:क्रिया की दो दशाएं कौन—सी हैं? — सामाजिक संपर्क और संचार समाजीकरा किस सामाजिक प्रक्रिया के तहत आता है? — सहयोग जब दो भिन्न सांस्कृतिक समूह परस्पर घुल—मिल जाते हैं और एक—दूसरे के मूल्यों, रीति—रिवाजों, प्र​​थाओं, आदर्शों एवं सांस्कृतिक प्रतिमानों को अपना लेते हैं, तो उसे क्या कहते हैं? — सात्मीकरण समनर के अनुसार संस्था का उद्विकास किससे प्रारंभ होता है? — जनरीतियों से सामाजिक संरचना की अवधारणा का उल्लेख सर्वप्रथम ...

धुर्मसुधार आन्दोलन के कारण

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प्रोटेस्टेंट आंदोलन कोई अचानक से नहीं हुआ, बल्कि इसके कारण सदियों से उत्पन्न एकत्रित रूढ़ियां और कर्मकांड थे। इनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित थे- धार्मिक, आर्थिक, राजनीतिक और बौद्धिक। धार्मिक कारण कैथोलिक चर्च की प्रतिगामी नीतियां- चर्च की नीतियां रूढ़िवादी और प्रतिक्रियावादी थीं। वह पुरानी परंपराओं और मान्यताओं को बनाए रखना चाहता था। वह सुधार और प्रगति का विरोधी था। तर्क, ज्ञान-विज्ञान और बौद्धिक चिंतन का विकास वह नहीं चाहता था ताकि उसका प्रभाव बना रहे। पुनर्जागरण काल में जब नया चिंतन आरंभ हुआ तो चर्च की प्रतिक्रियावादी नीतियों पर प्रश्न उठने लगे। पोप का विलासितापूर्ण जीवन- रोमन चर्च का प्रधान पोप होता था। आरंभिक पोपों ने अपनी सच्चरित्रता और सादगीपूर्ण जीवन से ईसाई धर्म का प्रभाव बढ़ाया, परंतु बाद के अनेक पोप अयोग्य, पथभ्रष्ट और विलासी हो गए। उनके पास अपार संपत्ति जमा हो गई जिससे वे विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने लगे। इससे पोप के प्रति लोगों की श्रद्धा घटने लगी। पादरियों का नैतिक एवं चारित्रिक पतन- पोप के समान पादरी भी भ्रष्ट हो गए थे। उनका चारित्रिक पतन हो गया था। चर्च ...

धर्मसुधार आंदोलन के प्रमुख सुधारक

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14वीं शताब्दी से ही सुधारवादियों का यूरोपीय धार्मिक मंच पर आगमन हो गया था। उन्होंने चर्च के संगठन के दोषों एवं पादरी जीवन में विद्यमान अनैतिकता का विरोध किया तथा परिवर्तन की मांग की।प्रारम्भिक सुधारकों ने आगे चलकर मार्टिन लूथर जैसे सुधारकों के लिए सशक्त पृष्ठभूमि तैयार की। जान वाइक्लिफ 1320-84 वाइक्लिफ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का एक प्राध्यापक था उसने कैथोलिक धर्म की बहुत सी परम्पराओं तथा चर्च के क्रियाकलापों की आलोचना की। उसने घोषित किया, ' पोप पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि नही है तथा भ्रष्ट एवं विवेकहीन पादरियों द्वारा दिये जाने वाले धार्मिक उपेदश व्यर्थ है।' उसका कहना था कि प्रत्येक ईसाई को बाइबिल के सिद्धान्तों के अनुसार काम करना चाहिए और इसके लिए चर्च या पादरियों के मार्ग निर्देशन की आवश्यकता नहीं है। कैथोलिक चर्च की भाषा अब तक लैटिन थी, जिसे आम लोग नही समझते थे। वह जन भाषाओं में धर्मग्रंथों के अनुवाद के पक्ष में था। उसने मांग की कि चर्च की विपुल धन-सम्पत्ति पर राज्य को अधिकार कर लेना चाहिए। उसके विचार एक सीमा तक क्रांतिकारी थे, जिन्हें रूढिवादी धर्माधिका...

वर्ल्ड पैरा निशानेबाजी में निशा कंवर ने साधा स्वर्ण पर निशाना

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क्रोएशिया मं आयोजित वर्ल्ड पैरा निशानेबाजी में राजस्थान के सीकर जिले के महरौली गांव निवासी निशा कंवर ने स्वर्ण पदक जीत कर देश का मान बढ़ाया है। 23 वर्षीय निशा ने 29 जुलाई को 10 मीटर पिस्टल स्पर्द्धा में 230.7 अंकों के साथ स्वर्ण पदक पर निशाना साधा।  मिक्स टीम स्पर्द्धा में जीता स्वर्ण 30 जुलाई को आयोजित क्रो​एशिया में निशा ने मिक्स टीम स्पर्द्धा में स्वर्ण पदक जीता है।  बता दें कि निशा कंवर बचपन से सेरबल पाल्सी (मांसपेशियों में खिंचाव) की बीमारी से ग्रसित है। निशा ने तीन साल पहले ही निशानेबाजी शुरू की थी।  निशा को निशानेबाजी की प्रेरणा अपने जीजा नेशनल शूटर डॉ. रघुवीर सिंह राठौड़ से मिली। उन्होंने मार्च 2018 में उसे अजमेर की करणी शूटिंग रेंज एकेडमी अजमेर में दाखिला ​दिलाया। वहां अभ्यास करते हुए निशा कंवर ने जुलाई 2018 में आयोजित करणी शूटिंग रेंज अजमेर जिला स्तरीय प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण पदक जीता। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक पद का कार्य भार किसने संभाला? राकेश अस्थाना किस भारतीय मूल की डॉक्टर ने मिस इंग्लैंड का खिताब जीता है, ...