Sanskrit
धातुरुप प्रकरणम्
धातु— क्रिया के मूल रूप को धातु कहते है।
जैस— भू, पठ्, गम्, नम्, दृश्, लभ् आदि।
क्रिया— धातु के साथ प्रत्यय लगाकर जो वाक्य में सहायक पद बनता है, उसे क्रिया कहते है।
जैसे— भव्+अ+ति : भवति
पठ्+अ+ति : पठति
धातुओं के रूप प्राय: दस लकारों में बनते हैं, परंतु उनमें से प्रमुख पांच लकार हैं—
लट् — वर्तमान काल
लड्. — भूतकाल
लृट् — भविष्यत् काल
विधिलिड्. — संभावना या चाहिए वाले प्ररेणार्थक वाक्य के लिए
लोट् — आज्ञा देने या मांगने तथा आशीर्वाद के लिए।
भू—धातु (होना) लट्लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम भवति भवत: भवन्ति
मध्यम भवसि भवथ: भवथ
उत्तम भवामि भवाव: भवाम:
लड्. लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम अभवत् अभवताम् अभवन्
मध्यम अभव: अभवतम् अभवत
उत्तम अभवम् अभवाव अभवाम
लृट् लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम भविष्यति भविष्यत: भविष्यन्ति
मध्यम भविष्यसि भविष्यथ: भविष्यथ
उत्तम भविष्यामि भविष्याव: भविष्याम:
लोट् लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम भवतु भवताम् भवन्तु
मध्यम भव भवतम् भवत
उत्तम भवानि भवाव भवाम
विधिलिड्. लकार
पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम भवेत् भवेताम् भवेयु:
मध्यम भवे: भवेतम् भवेत
उत्तम भवेयम् भवेव भवेम
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