Geography
ज्वार-भाटा
- सूर्य तथा चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति के कारण सागर के जल में उठाव ज्वार तथा गिरना भाटा कहलाता है।
- सूर्य तथा चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति का अनुपात 5:11 है।
- चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति सूर्य की आकर्षण शक्ति से 2.17 गुना ज्यादा है।
- सामान्यत: किसी स्थान पर एक दिन में दो ज्वार तथा दो भाटा आते हैं।
- एक ज्वार चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति से तथा एक बार अपकेन्द्रीय बल द्वारा आता है।
- एक ज्वार के पश्चात् दूसरा ज्वार 26 मिनट की देरी से आता है।
- कारण- चन्द्रमा के पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमण के कारण।
- एक ज्वार के पश्चात् भाटा 6 घण्टे 13 मिनट बाद आता है।
- चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति द्वारा आने वाला ज्वार प्रत्यक्ष ज्वार तथा अपकेन्द्रीय बल द्वारा आने वाला ज्वार अप्रत्यक्ष ज्वार कहलाता है।
दीर्घ ज्वार
- जब सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी तीनों एक सीध में होते हैं तो आने वाला ज्वार सामान्य ज्वार की अपेक्षा लगभग 20 प्रतिशत ऊंचा होता है।
- दीर्घ ज्वार हमेशा पूर्णिमा तथा अमावस्या को ही आता है।
लघु ज्वार
- जब सूर्य, चन्द्रमा तथा पृथ्वी तीनों समकोण स्थिति पर होते हैं, तो आने वाला ज्वार सामान्य ज्वार से लगभग 20 प्रतिशत नीचा होता है।
- लघु ज्वार सप्तमी/अष्टमी को आते हैं।
- साउथम्पटन (इंग्लैण्ड) में एक दिन में चार ज्वार आते हैं। दो बार इंग्लिश चैनल से होकर और दो बार उत्तरी सागर से होकर।
- फण्डी की खाड़ी में सबसे ऊंचे ज्वार आते हैं। (15 से 18 मीटर तक)
दैनिक ज्वार
- जहां दिन में एक बार ज्वार आता है। इसमें एक ज्वार के पश्चात् दूसरा ज्वार 24 घण्टे 52 मिनट बाद आता है।
Objective
महासागरों में ज्वार-भाटा की उत्पत्ति के क्या कारण हैं?
अ. सूर्य के प्रभाव से
ब. पृथ्वी की घूर्णन गति से
स. सूर्य और चन्द्रमा के संयुक्त प्रभाव से
द. गुरुत्वाकर्षण, अभिकेन्द्रीय बल तथा अपकेन्द्रीय बल से
उत्तर- स
अ. सूर्य के प्रभाव से
ब. पृथ्वी की घूर्णन गति से
स. सूर्य और चन्द्रमा के संयुक्त प्रभाव से
द. गुरुत्वाकर्षण, अभिकेन्द्रीय बल तथा अपकेन्द्रीय बल से
उत्तर- स
विश्व में सर्वोच्च ज्वार .... में आते हैं।
(1) बंगाल की खाड़ी
(2) हडसन की खाड़ी
(3) फंडी की खाड़ी
(4) बिस्के की खाड़ी
उत्तर- 3
- फण्डी की खाड़ी में सबसे ऊंचे ज्वार आते हैं। (15 से 18 मीटर तक)
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