आँखों के प्रमुख रोग, निकट दृष्टि दोष
नेत्र जब सामान्य अवस्था में होता है तो अनंत दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना पर स्पष्ट बन जाता है। जब वस्तु नेत्र के पास होती है तो नेत्र लेंस की मांसपेशियां स्वतः एक तनाव उत्पन्न करती है जिससे नेत्र लेंस बीच में से मोटा हो जाता है। इससे नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है एवं पास की वस्तु का प्रतिबिंब पुनः रेटिना पर बन जाता है। लेंस की फोकस दूरी में होने वाले इस परिवर्तन की क्षमता को नेत्र की समंजन क्षमता कहा जाता है। यदि हम बहुत निकट से किसी वस्तु को स्पष्ट देखना चाहे तो हमें स्पष्ट प्रतिबिंब देखने में कठिनाई का अनुभव होता है। वस्तु की नेत्र से वह न्यूनतम दूरी जहां से वस्तु को स्पष्ट देख सकते हैं नेत्र का निकट बिंदु कहलाता है। सामान्य व्यक्ति के लिए यह दूरी 25 सेंटीमीटर होती है। इसी प्रकार नेत्र से अधिकतम दूरी जहां तक वस्तु को स्पष्ट देखा जा सकता है नेत्र का दूर बिंदु कहलाता है। सामान्य नेत्रों की यह दूरी अनंत होती है। निकट बिंदु से दूर बिंदु के बीच की दूरी दृष्टि परास कहलाती है। दृष्टि दोष एवं उनका निराकरण उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों में समंजन क्षमता कम होने से, च...