समेकित बंजरभूमि विकास कार्यक्रम
समेकित बंजरभूमि विकास कार्यक्रम (आई.डब्ल्यू.डी.पी.) केन्द्र द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है। इसका वर्ष 1989-90 से संचालन किया जा रहा है। 1 अप्रैल, 1995 से इस कार्यक्रम को जलग्रहण पद्धति के जरिए कार्यान्वित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत बंजरभूमि और अवक्रमित भूमि के विकास से सभी स्तरों पर लोगों की भागीदारी को बढ़ाए जाने के अलावा ग्राकनफ़क़्क़कनवफकनक़्क़नमीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों के सृजन में वृद्धि होने की आशा की जाती है जिससे भूमि के सतत विकास और लाभों के समान वितरण में सहायता मिलती है। बंजर भूमि में होने वाले परिवर्तनों पर नजर रखने के लिए वर्ष 2003 में राष्ट्रीय बंजरभूमि अद्यतनीकरण मिशन (एन.डब्ल्यू.यू.एम.) की शुरूआत की गई थी। एनडब्ल्यूयूएम ने एक ही समय में एकत्रित आईआरएस आंकडों (वर्ष 2003 के आंकडों) का प्रयोग करते हुए वर्ष 2003-05 के दौरान दो वर्षों की अवधि में पूरे देश में बंजरभूमि के नक्शे तैयार करने का कार्य किया। भारत की बंजरभूमि संबंधी एटलस-2005 प्रकाशित किया गया। देश में बंजरभूमि का कुल क्षेत्रफल 55.27 मिलियन हैक्टेयर है। इन नक्शों से बंजरभूमि/जलग्रह...