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Showing posts from December, 2020

समेकित बंजरभूमि विकास कार्यक्रम

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  समेकित बंजरभूमि विकास कार्यक्रम (आई.डब्ल्यू.डी.पी.) केन्द्र द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम  है। इसका वर्ष 1989-90 से संचालन किया जा रहा है। 1 अप्रैल, 1995 से इस कार्यक्रम को जलग्रहण पद्धति के जरिए कार्यान्वित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत बंजरभूमि और अवक्रमित भूमि के विकास से सभी स्तरों पर लोगों की भागीदारी को बढ़ाए जाने के अलावा ग्राकनफ़क़्क़कनवफकनक़्क़नमीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों के सृजन में वृद्धि होने की आशा की जाती है जिससे भूमि के सतत विकास और लाभों के समान वितरण में सहायता मिलती है। बंजर भूमि में होने वाले परिवर्तनों पर नजर रखने के लिए वर्ष 2003 में राष्ट्रीय बंजरभूमि  अद्यतनीकरण मिशन (एन.डब्ल्यू.यू.एम.) की शुरूआत की गई थी। एनडब्ल्यूयूएम ने एक ही समय में एकत्रित आईआरएस आंकडों (वर्ष 2003 के आंकडों) का प्रयोग करते हुए वर्ष 2003-05 के दौरान दो वर्षों की अवधि में पूरे देश में बंजरभूमि के नक्शे तैयार करने का कार्य किया। भारत की बंजरभूमि संबंधी एटलस-2005 प्रकाशित किया गया। देश में बंजरभूमि का कुल क्षेत्रफल 55.27 मिलियन हैक्टेयर है। इन नक्शों से बंजरभूमि/जलग्रह...

माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई क्या है?

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दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई नेपाल और चीन ने संयुक्त रूप से जारी की जो 8848.86 मीटर बताई गई है। नेपाल सरकार ने एवरेस्ट की सटीक ऊंचाई मापने का निर्णय किया था । एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर पिछले कुछ सालों से बहस हो रही थी और ऐसा माना जा रहा था कि वर्ष 2015 में आए विनाशकारी भूकंप के साथ ही कई अन्य कारणों से संभवत: चोटी की ऊंचाई में बदलाव आया है। नेपाल ने एवरेस्ट की ऊंचाई 8848. 86 मीटर मापी है। नई ऊंचाई, पिछली बार मापी गई ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर अधिक है। भारत सर्वेक्षण द्वारा 1954 में किए गए मापन के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर है।

उत्तरकालीन मुगल सम्राट

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बहादुरशाह 1707—1712 मुगल बादशाह औरंगजेब की मृत्यु के बाद उसके तीन पुत्रों मुहम्मद मुअज्जम, मुहम्मद आजम और कामबख्श के बीच उत्तराधिकार को लेकर युद्ध शुरू हो गया, जिसमें औरंगजेब के सबसे बड़े पुत्र मुहम्मद मुअज्जम ने 18 जून, 1707 को 'जजाओ (जाजू)' नामक स्थान पर आजम को और हैदराबाद के समीप 13 जनवरी, 1709 को कामबख्श को पराजित करके उनकी हत्या कर दी। इन विजयों के बाद मुहम्मद मुअज्जम ने 63 वर्ष की आयु में 'बहादुरशाह' की उपाधि धारण की और मुगल बादशाह बना। बहादुरशाह ने मराठों और राजपूतों से मैत्रीपूर्ण नीति अपनाई।  1689 से मुगलों की कैद से शिवाजी के पौत्र शाहू को उसने मुक्त कर दिया। बहादुरशाह 'शाह बेखबर' के नाम से मशहूर था। उसने औरंगजेब द्वारा लगाए गए घृणित जजिया कर की वसूली बंद करवा दी।   जहांदारशाह 1712—13 मुगल दरबार में ईरानी दल के नेता जुल्फिकार खां के सहयोग से जहांदारशाह ने उत्तराधिकार का युद्ध जीता और अजीम—उस—शान, रफी—उस—शान और जहानशाह को मौत के घाअ उतार दिया। जहांदारशाह पर उसकी रखैल लाल कुंवर का पूर्ण नियंत्रण था। उसने जुल्फिकार खां को वजीर के सर्वोच्च पद पर नियुक्त कि...