राजस्थान की जन कल्याणकारी योजनाएं
आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना
योजना का शुभारंभ: 1 सितंबर, 2019 से
योजना की पात्रता
- योजना में राज्य के खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत आने वाले परिवार के सदस्यों एवं आर्थिक, सामाजिक एवं जाति आधारित जनगणना (SECC) के आधार पर पात्र लाभार्थी परिवार के सदस्य को शामिल किया गया है।
- इसके लिए जन आधार कार्ड होना जरूरी है, जिन्होंने नहीं बनवाया है वे ई—मित्र के माध्यम से बनवा सकते हैं। साथ ही उन्हें SECC का हाउस होल्ड नंबर सीड़ कराना होगा ताकि जन आधार कार्ड के माध्यम से लाभार्थी परिवार की पहचान हो सके तथा सभी लाभार्थी परिवारों का वॉलेट जन आधार कार्ड पर ही संभाला (मेन्टेन) जा सके।
योजना में बीमा कवर
- इस योजना के माध्यम से प्रदेश के लाभार्थी परिवारों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस योजना से प्रदेश के 1 करोड़ 33 लाख परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।
1574 बीमारियों के उपचार पैकेज में शामिल
- इस योजना के माध्यम से प्रदेश के आमजन सरकारी अस्पतालों के साथ ही राज्य सरकार द्वारा चयनित प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज करवा सकते हैं। इस योजना में कोविड एवं हीमोडायलिसिस सहित विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए 1574 पैकेज शामिल किए गए हैं।
जन कल्याण पोर्टल
- मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के द्वारा 18 दिसम्बर, 2020 को राज्य सरकार के गठन के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रदेशवासियों को कई सौगातें दी गईं। उनके द्वारा प्रदेश में सुशासन को बढ़ावा देने के लिए जन कल्याण पोर्टल (पब्लिक वेलफेयर पोर्टल) लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा जनहित में चलाई जा रही सभी योजनाओं, कार्यक्रमों, नीतियों, और दस्तावेजों को एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाया जाना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा आमजन इन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें।
- jankalyan.rajasthan.gov.in पोर्टल के माध्यम से आमजन तक राज्य सरकार की योजनाएं डिजिटल माध्यम से उपलब्ध हों।
जन सूचना पोर्टल
- राजस्थान सरकार ने सूचना के अधिकार से एक कदम और आगे बढ़ाते हुए 'जन सूचना पोर्टल' की शुरुआत की है। इस पोर्टल को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 13 सितंबर, 2019 को लॉन्च किया। इससे राज्य सरकार के कार्यों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही बढ़ेगी।
- जन सूचना पोर्टल पर वर्तमान में आमजन को सरकार के 60 विभागों की 105 विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है, जिन्हें धीरे—धीरे बढ़ाया जा रहा है। लोगों द्वारा इस पोर्टल के माध्यम से घर बैठे ही सरकार के कार्यों, उसकी योजनाओं एवं सेवाओं की विस्तृत जानकारी हासिल की जा रही है। उन्हें अब किसी विभाग या दफ्तर के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। इस पोर्टल को सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा तैयार किया गया है।
जन सूचना पोर्टल की शुरूआत कब की गई?
— 13 सितंबर, 2019 को
निरोगी राजस्थान अभियान एवं जन-आधार कार्ड का शुभारम्भ कब हुआ?
— राजस्थान में 'निरोगी राजस्थान' एवं 'जन-आधार कार्ड' योजना का शुभारंभ 18 दिसंबर, 2019 को किया गया।
'निरोगी राजस्थान'
- राज्य सरकार इस अभियान को योजनाबद्ध रूप से घर-घर तक पहुंचाकर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरूक करेगी ताकि लोग लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों सहित अन्य गंभीर रोगों से खुद को बचा सकें।
- राजस्थान में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरूआत की गई।
जनता क्लिनिक
- शुभारंभ: मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 18 दिसंबर, 2019 को
- प्रदेश का पहला जनता क्लिनिक का शुभारंभ जयपुर के वाल्मीकि नगर में किया गया।
- गरीब लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधाएं उनके घर के नजदीक ही मिल सकें, इसके लिए राज्य सरकार ने जनता क्लिनिक खोलें हैं, जिन पर नि:शुल्क दवाएं एवं जांचों की सुविधा उपलब्ध है।
इंदिरा रसोई योजना
- मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 'कोई भूखा ना सोए' के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम 'इंदिरा रसोई योजना' के रूप में बढ़ाया है। इस योजना का शुरूआत 20 अगस्त, 2020 को की गई। यह योजना देश की महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी को समर्पित है जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था। यह योजना प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में संचालित की जा रही है। जिससे गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रुपए में शुद्ध और पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा।
सस्ता एवं पौष्टिक भोजन
- इंदिरा रसोई योजना में सुबह और शाम का भोजन रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा, जो प्रति थाली 8 रुपए निर्धारित है। इस योजना में राज्य सरकार प्रति थाली 12 रुपए का अनुदान देगी। भोजन में प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं अचार का मेन्यू निर्धारित किया गया है। इसमें स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप मैन्यू व भोजन के चयन की स्वतंत्रता भी रहेगी।
'इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना'
- 19 नवंबर, 2020 को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की जयंती मनाई गई। इस खास मौके पर प्रदेश में दूसरे बच्चे के जन्म के समय गर्भवती महिलाओं और बच्चों को उचित पोषण उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 'इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना' का शुभारंभ किया। यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं बच्चे को उचित पोषण उपलब्ध करवाना है। साथ ही उन्हें आर्थिक सहयोग प्रदान करना है।
- इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना को महिला एवं बाल विकास के निर्देशन में शुरू किया गया है। इस योजना से प्रदेश की गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं तथा तीन वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ एवं पोषण की स्थिति में सुधार लाया जाएगा।
- इस योजना के तहत दूसरी संतान के जन्म पर लाभार्थी महिलाओं को पांच चरणों में 6 हजार रुपए की राशि सीधा लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। यह राशि निम्न पांच चरणों में दी जाएगी—
- पहली किश्त: 1000 रुपए गर्भावस्था जांच व पंजीकरण होने पर
- दूसरी किश्त: 1000 रुपए कम से कम दो प्रसव पूर्व जांचें पूरी होने पर
- तीसरी किश्त: 1000 रुपए संस्थागत प्रसव होने पर
- चौथी किश्त: 2000 रुपए बच्चे के जन्म के 105वें दिन तक सभी नियमित टीके लगने तथा बच्चे का जन्म पंजीकरण होने पर
- पांचवी एवं अंतिम किश्त: 1000 रुपए दंपती की दूसरी संतान पैदा होने के तीन माह के भीतर परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर दी जाएगी।
- इस योजना में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और खान एवं भूविज्ञान विभाग मिलकर कार्य करेंगे। हर साल प्रदेश की करीब 77 हजार से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। इस योजना पर राशि पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा खर्च की जा रही है। इसके तहत पर 43 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च होंगे।
- इस योजना के तहत 1 नवम्बर, 2020 एवं इसके बाद जन्मे दूसरे बच्चे के समय गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलेगा। आंगनबाड़ी केन्द्रों द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एएनएम एवं आशा सहयोगिनी लाभार्थी महिलाओं को उचित पोषण एवं शिशु की देखभाल के संबंध में परामर्श देंगी।
- यह योजना प्रदेश की माताओं एवं बच्चों में कुपोषण को कम करने के साथ-साथ बच्चे के सम्पूर्ण विकास में, मां के पोषण के महत्व के संबंध में जागरूकता भी बढ़ाएगी।
'मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा'
- मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कोरोना काल में प्रदेश के उन शोक संतप्त परिवार जिनके मृतक परिजनों की अस्थियों को धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार हरिद्वार आदि स्थानों पर जाकर गंगा नदी में विसर्जित करने के लिए नि:शुल्क बसें चलाई। उनके प्रयासों से 25 मई, 2020 से प्रदेश में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के माध्यम से हरिद्वार तक 'मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा' शुरू की गई। इस नि:शुल्क बस सेवा से प्रदेश के हजारों परिवारों को लाभ मिला है।
'पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र' की निदेशक पद पर श्रीमती किरण सोनी गुप्ता नियुक्ति
- राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने भारत सरकार के पूर्वानुमोदन से 15 जनवरी, 2021 को भारतीय प्रशासनिक सेवा की पूर्व अधिकारी और सुप्रसिद्ध कलाकार श्रीमती किरण सोनी गुप्ता को 'पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र' का निदेशक नियुक्त किया है। वे तीन साल के लिए पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र की निदेशक पद पर अपनी सेवाएं देंगी।
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष पद पर की नियुक्ति
- राजस्थान के राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अध्यक्ष पद पर राजस्थान उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधिपति श्री बनवारी लाल शर्मा को नियुक्त किया है।
- अध्यक्ष पद पर नियुक्ति 4 वर्ष की अवधि के लिए अथवा 65 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक के लिए की गई है। अगर इनमें से जो पहले होगी तब तक नियुक्ति रहेगी।
स्कॉच सिल्वर अवॉर्ड
- प्रदेश में कोविड-19 के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के सार्थक प्रयासों के लिए समेकित बाल विकास सेवाएं (आई.सी.डी.एस.) को 'स्कॉच सिल्वर अवार्ड' वर्ष 2020-21 से सम्मानित किया गया। सरकारी एवं गैर-सरकारी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य एवं नवाचार हेतु प्रतिवर्ष 'स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट अवॉर्ड' दिये जाते हैं।
- 'स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट' अवॉर्ड के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा विभिन्न विषयों पर ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण दिये गये थे, जिसमें 'रेसपोंस टू कोविड' श्रेणी में कोविड-19 के दौरान प्रदेश में ई.सी.ई. के अन्तर्गत किये गये नवाचारों एवं नवीन ई.सी.ई. सामग्री को पीपीटी व वीडियोज के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
"विशेष निरोधात्मक अभियान" शुरू
- राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा 14 जनवरी को राज्य में अवैध व हथकढ़ शराब के विरुद्ध जिला प्रशासन, पुलिस व आबकारी विभाग के संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
- भरतपुर जिले में हुई शराब दुखांतिका को राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से लिया और सम्पूर्ण राज्य में अवैध व हथकड़ शराब पर रोक लगाने की प्रभावी कार्यवाही के लिए 16 जनवरी से अवैध व हथकढ़ मदिरा की धरपकड़ एवं इसे रोकने का 15 दिवसीय "विशेष निरोधात्मक अभियान" शुरू किया गया। जिसमें संयुक्त रुप से जिला प्रशासन, पुलिस एवं आबकारी विभाग की भागीदारी होगी।
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