संविधान सभा में राजस्थान के सदस्य
संविधान सभा के गठन के समय, राजस्थान अनके रियासतों में विभाजित था।
अजमेर-मेरवाड़ा प्रांत सीधे ही ब्रिटिश शासन के अधीन था।
संविधान सभा में, राजस्थान से कुछ सदस्य यहां के मूल निवासी थे।
कुछ सदस्य अन्य राज्यों के निवासी थे, लेकिन राजस्थान की रियासतों में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्यरत थे।
संविधान सभा के सदस्य
क्र.सं. नाम सदस्य रियासत
01. मुकुट बिहारी लाल भार्गव अजमेर-मेरवाड़ा
02. माणिक्य लाल वर्मा उदयपुर
03. जयनारायण व्यास जोधपुर
04. बलवंत सिंह मेहता उदयपुर
05. रामचंद्र उपाध्याय अलवर
06. दलेल सिंह कोटा
07. गोकुल लाल असावा शाहपुरा (भीलवाड़ा)
08. जसवंत सिंह बीकानेर
09. राज बहादुर भरतपुर
10. हीरा लाल शास्त्री जयपुर
11. सरदार सिंह खेतड़ी
12. सर वी.टी. कृष्णमाचारी जयपुर
- संविधान सभा में राजस्थान से हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति उदयपुर के बलवंत सिंह मेहता थे। इनके साथ ही प्रदेश से 12 सदस्य भेजे गए थे जिसमें 11 सदस्य देशी रियासतों से और एक चीफ कमिश्नर अजमेर-मेरवाड़ा क्षेत्र से थे।
- इनके अतिरिक्त राजस्थान मूल के प्रवासी, राजस्थानी प्रभुदयाल हिम्मत सिंह का पश्चिम बंगाल से, बनारसी दास झुंझुनवाला बिहार से, पदमपत सिंघानिया उत्तर प्रदेश से, संविधान सभा के सदस्य चुने गए।
संविधान सभा में राजस्थान के सदस्य
मुकुट बिहारी लाल भार्गव
- जन्म: 30 जनवरी, 1903 को उदयपुर रियासत में हुआ था।
- पेशे से वकील थे, सी. आर. दास, मोतीलाल नेहरू और महात्मा गांधी के प्रभाव से प्रेरित होकर वे राजबंदियों के मुकदमों की पैरवी करते थे।
- 'व्यक्तिगत सत्याग्रह' और 'भारत छोड़ो आंदोलन' में जेल भी गए।
- संविधान सभा में इन्होंने अजमेर-मेरवाड़ा प्रांत का प्रतिनिधित्व किया।
- स्वतंत्रता के बाद तीन बार अजमेर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य रहे।
माणिक्य लाल वर्मा
- जन्म: 4 दिसंबर, 1897 बिजौलिया, भीलवाड़ा में
- उन्होंने अक्टूबर, 1938 में प्रजामंडल पर लगी रोक हटाने के लिए हुए सत्याग्रह आंदोलन का अजमेर में संचालन किया।
- उन्होंने वर्ष 1941 में मेवाड़ प्रजामंडल के पहले अधिवेशन की अध्यक्षता की।
- उनका लिखा गीत 'पंछिड़ा' गीत बहुत लोकप्रिय हुआ।
- वे 1948 में वृहत्तर राजस्थान के प्रधानमंत्री व 1963 में राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष रहे।
- वर्मा को उदयपुर से संविधान सभा का प्रतिनिधित्व दिया गया।
सर वी.टी. कृष्णमाचारी
- तमिलनाडु के रहने वाले थे
- ये जयपुर रियासत के दीवान थे। डी.पी. खेतान के निधन के बाद, इन्हें संविधान की प्रारूप समिति में जगह दी गई थी।
- 1961 मे राज्य सभा के लिए चुने गए।
- जन्म: 18 फरवरी, 1899 में जोधपुर में
- वर्ष 1927 में 'तरुण राजस्थान' के प्रधान संपादक तथा 1936 में 'अखंड भारत' के प्रकाशक रहे।
- ये वर्ष 1951 से 1956 की अवधि में दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे।
- ये जोधपुर से संविधान सभा के सदस्य बने।
हीरा लाल शास्त्री
- जन्म: 24 नवम्बर, 1899 में जयपुर के जोबनेर में
- अर्जुनलाल सेठी के संपर्क में आने के बाद, इन्होंने राजकीय सेवा से त्याग पत्र दे दिया।
- संविधान सभा में इन्होंने सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार की वकालत की थी।
- शास्त्रीजी ने टोंक जिले की निवाई तहसील के वनस्थली ग्राम में 'जीवन कुटीर' नामक संस्था की स्थापना की।
- वे जयपुर प्रजामंडल से जुड़े रहे।
- ये अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद के प्रधानमंत्री और राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बने।
बलवंत सिंह मेहता
- जन्म: 8 फरवरी, 1900 में उदयपुर में
- वर्ष 1938 में प्रजामंडल के पहले अध्यक्ष बने।
- उन्होंने 1943 ई. में उदयपुर में वनवासी छात्रावास की स्थापना की।
- ये संविधान सभा के सदस्य के रूप में मूल संविधान पर हस्ताक्षर करने वाले पहले राजस्थानी थे।
लेफ्टिनेंट कर्नल दलेल सिंह
- जन्म: 18 मार्च, 1909 को कोटा में
- ये कोटा के महाराव भीम सिंह के निजी सचिव थे।
- वे कानून के जानकार थे।
- 1946 से 1950 तक संविधान सभा में कार्य किया।
- इन्होंने संविधान की प्रति पर हस्ताक्षर किये।
सरदार सिंह
- खेतड़ी राजा सरदार सिंह, संविधान सभा के सदस्य रहे।
- वे 1950 से 1952 के बीच अस्थायी संसद के सदस्य रहे।
- फिर 195 से 1956 के बीच राज्यसभा सदस्य रहे।
- वर्ष 1958 से 1961 के बीच भारत ने उनको लाओस में राजदूत बनाकर भेजा।
- निधन: 30 अक्टूबर, 1985 को
- भारत के संविधान की मूल प्रति में भारत के वैभवशाली इतिहास, परम्परा और संस्कृति को दर्शान वाले 22 चित्र हैं। इन चित्रों का निर्माण चित्रकार नन्दलाल बोस ने किया।
- राजस्थान के चित्रकार कृपाल सिंह शेखावत ने भी इनमें अपना प्रमुख योगदान दिया।
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