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Showing posts from May, 2021

दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने शिक्षकों के 6 हजार से अधिक पदों पर मांगे आवेदन, पढ़ें सिलेबस

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दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) ने प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक, हैड क्लर्क आदि रिक्त 7236 पदों पर भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गये हैं। इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार इन पदों के लिए 24 जून, 2021 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया 25 मई से शुरू हो चुकी है। इन पदों पर योग्य उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। पदों का विवरण  टीजीटी — 6258 (हिंदी: महिला—551, पुरुष—556) (नेचुरल साइंस: महिला—1040, पुरुष—824) (गणित: महिला—1167, पुरुष—988) (हिंदी महिला—551, पुरुष—556) (सामाजिक विज्ञान: महिला—662, पुरुष—469) असिस्टेंट प्राइमरी टीचर— 554 असिस्टेंट नर्सरी टीचर— 74 लोअर डि​वीजन क्लर्क— 278 काउंसलर — 50 हैड क्लर्क— 12 पटवारी — 10 शैक्षिक योग्यता उम्मीदवारों ने मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक के साथ बीएड की डिग्री हासिल की हो। विभिन्न पदों के लिए हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए विभागी विज्ञापन देखें। आयु सीमा सामान्य वर्ग — न्यूनतम 18 और अधिकतम...

सहकारी बैंक क्या है

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Co-operative Banks  सहकारी बैंक का प्राथमिक लक्ष्य अधिक से अधिक लाभ कमाना नहीं होता, बल्कि अपेन सदस्यों को सर्वोत्तम उत्पाद एवं सेवाएं प्रदान करना होता है। सहकारी बैंकों का स्वामित्व और नियंत्रण सदस्यों द्वारा किया जाता है, जो लोकतांत्रिक रूप से निदेशक मंडल का चुनाव करते हैं। ये भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित किये जाते हैं एवं बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के साथ—साथ बैंकिंग कानून अधिनियम, 1965 के तहत आते हैं। भारत में सहकारी आंदोलन की शुरुआत किसानों, कारीगरों और समाज के अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के विकास में आर्थिक सहयोग करने हेतु बचत को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से की गई थी। सहकारी बैंकिंग की शुरुआत 1904 ई. में सहकारी समिति अधिनियम के पारित होने के साथ हुई।  छठी और सातवीं पंचवर्षीय योजना ने देश के सहकारी ढांचे के विस्तार और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सहकारी बैंकों का गठन तीन स्तरों वाला है।  राज्य सहकारी बैंक सम्बन्धित राज्य में शीर्ष संस्था होती है। इसके बाद केन्द्रीय या जिला सहकारी बैंक जिला स्तर पर कार्य करते हैं। तृतीय स्तर प्राथमिक ऋण समितियों का होता...

हल्दीघाटी के युद्ध में एकमात्र इतिहासकार उपस्थित थे

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  हल्दीघाटी के युद्ध को इतिहासकारों ने अलग अलग नामों से पुकारा, जो इस प्रकार है: अबुल फजल ने 'खमनोर का युद्ध'  बदायूँनी ने 'गोगुंदा का युद्ध' कर्नल जेम्स टॉड ने 'मेवाड़ की थर्मोपल्ली' नामों से। हल्दीघाटी के युद्ध में एकमात्र इतिहासकार उपस्थित थे- बदायूँनी महाराणा का पठान सेनानायक- हकीम खां सूर (हरावल) मुगल सेना नायक: मान सिंह कछवाहा प्रताप की सेना का जनरल: महाराणा प्रताप  कमांडर: शेरशाह का उत्तराधिकारी हकीम खां सूर  अकबर की सेना का जनरल: आसिफ खान    युद्ध में मौजूद हाथियों के नाम:- हल्दीघाटी में मानसिंह जिस हाथी पर सवार थे वह मर्दाना नामक हाथी था। अकबर के हाथी का नाम हवाई तथा अन्य प्रसिद्ध हाथी लूणा, रामप्रसाद गजमुक्त, गजराज। अकबर द्वारा महाराणा प्रताप से बातचीत हेतु भेजे गए दूतों का सही क्रम चुने- अ. जलाल खां, मानसिंह, भगवंत दास, टोडरमल ब. मानसिंह, जलाल खां, टोडरमल, भगवंत दास स. जलाल खां, टोडरमल, मानसिंह, भगवंत दास द. टोडरमल, जलाल खां, मानसिंह, भगवंत दास उत्तर- अ व्याख्या- अकबर ने महाराणा प्रताप से वार्ता करने के लिए चार शिष...

''रजिया इल्तुतमिश की योग्यतम उत्तराधिकारी थी।'' व्याख्या कीजिए, उसके पतन के क्या कारण थे?

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    अथवा   '' वह उन सभी प्रशंसनीय गुणों तथा योग्यताओं से परिपूर्ण थी , जो एक सफल शासक के लिए आवश्यक थे , किंतु दुर्भाग्य से वह एक स्त्री थी। '' उपर्युक्त कथन के संदर्भ में रजिया की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए ?   उत्तर-   रजिया का शासनकाल 1236-1240 ई.   रजिया योग्य पिता की योग्य पुत्री थी। इतिहासकार मिनहाज के शब्दों में '' वह एक महान शासक , बुद्धिमती , न्यायप्रिय , उदार , विद्वानों की आश्रयदाता , प्रजा शुभ चिंतक , सैनिक गुणसंपन्न तथा उन सभी श्लाघनीय गुणों से पूर्ण थी। जो एक शासक के लिए आवश्यक है। '' इल्तुतमिश ने रजिया का पालन - पोषण एवं उसकी शिक्षा - दीक्षा राजकुमारों के समान की थी। उसको घोड़े की सवारी करना , तीर - तलवार चलाना , युद्ध की कला , सैन्य संचालन आदि सैनिक प्रशिक्षण प्रदान किए गए। उसने अपनी सैनिक एवं प्रशासनिक प्रतिभा का परिचय अनेक अवसरों पर अपने पिता को दिया था। जब 1231-32 ई. में इल्तुतमिश ने ग्वालियर की विजय के लिए प्रस्थान किया , तो उसने रजिया को राजधानी दिल्ली के प्रशासन एवं सुरक्षा का भार सौंपा था। रजिया ने इस जिम्मेदारी ...

प्रथम अफीम युद्ध के कारण क्या थे?

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  ब्रिटेन और चीन के मध्य 1840 ई. में युद्ध लड़ा गया जो प्रथम अफीम युद्ध के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध का मूल कारण अफीम के व्यापार के अलावा और भी अनेक कारण थे जो निम्नलिखित हैं—  1. ब्रिटेन की साम्राज्यवादी लालसा 19वीं सदी के पूर्वार्द्ध तक एशिया के एक विशाल भू-भाग पर ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना हो चुकी थी और अब वह चीन पर भी अपना अधिकार स्थापित करने का प्रयत्न करने लगा क्योंकि चीन पर अधिकार हो जाने पर ब्रिटेन को कई लाभ हो सकते थे। इंगलैण्ड में औद्योगिक क्रान्ति के तीव्र प्रसार के फलस्वरूप बढ़ते हुए उत्पादनों के लिए विस्तृत मण्डियां तथा बाजार खोजना आवश्यक हो गया था। वहीं भारत पर अंग्रेजों को अभूतपूर्व सफलता मिली थी, उससे वह काफी प्रोत्साहित हुआ था। 2. को हांग के नियन्त्रण से मुक्ति की आकांक्षा मंचू वंश के शासनकाल में चीनी व्यापारियों को विदेशी व्यापारियों से अलग रखा जाता था। सरकार द्वारा प्रमाणित दलाल, व्यापारियों की निगरानी और उनसे कर वसूली करते थे। यूरोपीय व्यापार को संचालित करने वाले दलालों के दल में 6 से 12 फर्मे थीं और उन्होंने एक निगम बना रखा था, जिसे "को—हांग" कहते ...

मई माह का करंट अफेयर्स

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मिस यूनिवर्स 2020 का खिताब किसने जीता है? मैक्सिको की एंड्रिया मेजा ने मिस यूनिवर्स 2020 का खिताब अपने नाम किया है। मिस इंडिया एडलाइन कैस्टेलिनो ने भी टॉप 4 में जगह बनाई और वे तीसरी रनरअप रही। संवेदना हेल्पलाइन   राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कोविड—19 से प्रभावित बच्चों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए सेंसिटाइजिंग ऑन मेंटल हेल्थ वल्नरेबिलिटी थ्रू इमोशनल डेवलपमेंट एंड नेसेसरी एक्सेप्टेंस-संवेदना नाम से हेल्पलाइन शुरू की है। यह विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में भी बच्चों को सहायता प्रदान करेगी। सिमोर्ग क्या है? ईरान ने हाल ही में अपने सबसे शक्तिशाली सुपर कम्प्यूटर सिमोर्ग को दुनिया के सामने रखा है। इसकी क्षमता 0.56 पेटाफ्लॉप तक है। अभी यह और विकसित किया जाएगा और इसकी क्षमता 10 पेटाफ्लॉप तक पहुंचाई जाएगी। इसका नाम एक पौराणिक फारसी पक्षी के नाम पर रखा गया है। भारत का पहला कृषि निर्यात सुविधा केंद्र किसने बनाया है? महराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (MCCIA) ने नाबार्ड के साथ मिलकर देश का पहला कृषि निर्यात सुविधा केंद्र (AEFC) बनाया है। इस केन्द्र की मदद...

इल्तुतमिश की प्रारम्भिक कठिनाइयों की विवेचना कीजिये। उनका समाधान करने में वह कहां तक सफल रहा?

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अथवा ''इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत का प्रथम सम्प्रभु शासक था।'' विस्तृत विवेचना कीजिए?  अथवा '' इल्तुतमिश ने साम्राज्य को निर्बल और विभाजित पाया। उसने साम्राज्य को शक्तिशाली और संगठित छोड़ा।'' इस कथन की व्याख्या कीजिये? Ans. इल्तुतमिश का जन्म एक इल्बारी तुर्क परिवार में हुआ था। उसके भाइयों ने ईर्ष्यावश उसे बुखारा जाने वाले दासों के सौदागर को बेच दिया था। दो बार दास के रूप में बिकने के बाद वह गजनी लाया गया जहां कुतुबुद्दीन ऐबक ने उसे खरीद लिया। वह बाल्यावस्था से ही बड़ा बुद्धिमान तथा चतुर था, वह अपनी योग्यता और स्वामिभक्ति के कारण ऐबक का विश्वासपात्र बन गया। ऐबक ने प्रारंभ में इल्तुतमिश को 'सरजानदार' (अंगरक्षकों का प्रधान) के पद पर नियुक्त किया। उसने अपनी पुत्री का विवाह भी उसी के साथ कर दिया। बाद में वह 'अमीर-ए-शिकार' के महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त हुआ। तत्पश्चात् उसे ग्वालियर तथा बदायूं के सूबेदारों के पद प्रदान किए गए। मुहम्मद गोरी के आदेश पर ऐबक ने उसे दासता से मुक्ति दे दी। कुतुबुद्दीन की मृत्यु के समय वह बदायूं का सूबेदार था। दिल्ली का पहल...

रेलवे भर्ती बोर्ड के विभिन्न बोर्ड में आए भारतीय इतिहास के महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

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प्राचीन भारत का वह प्रसिद्ध शासक जिसने अपने जीवन के अंतिम दिनों मे जैन धर्म अपनाया था? — चंद्रगुप्त चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने जीवन के अंतिम समय में किस धर्म की दीक्षा ली?  — जैन धर्म भीमबेटका प्रसिद्ध है— अ. मंदिरों के लिए ब. मूर्तियों के लिए स. बौद्ध एवं जैन गुफाओं के लिए द. शैल चित्रों के लिए उत्तर- द भीमबेटका का चट्टानी शरणस्थल भोपाल से 45 किमी. पश्चिम में स्थित है। यूनेस्को ने भीमबेटका शैल चित्रों को विश्व विरासत सूची में सम्मिलित किया है। इन गुफाओं में जीवन के विविध रंगों को पेंटिंग के रूप में उकेरा शरणस्थलियों की पहचान की जा चुकी है, इनमें 243 भीमबेटका समूह में तथा 178 लाखा जुआर समूह में स्थित हैं। भागवत धर्म के विषय में प्रारंभिक जानकारी किस में मिलती है? - उपनिषद में भागवत धर्म के संस्थापक कौन थे? - वासुदेव कृष्ण श्री कृष्ण का उल्लेख सर्वप्रथम किस ग्रंथ में मिलता है? - छान्दोग्य उपनिषद में निम्नलिखित स्थलों में से कौन-सा स्थल प्रागैतिहासिक शैल चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है? अ. अजंता ब. बाघ स. भीमबेटका द. अमरावती उत्तर- स प्रागैतिहासिक चित्रकला का श्रेष्ठ उदाहरण म.प्र. ...

भागवत धर्म

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भागवत धर्म का उदय कब हुआ था? - मौर्योत्तर काल में भागवत धर्म के विषय में प्रारंभिक जानकारी किस में मिलती है? - उपनिषद में भागवत धर्म के संस्थापक कौन थे? - वासुदेव कृष्ण श्री कृष्ण का उल्लेख सर्वप्रथम किस ग्रंथ में मिलता है? - छान्दोग्य उपनिषद में श्री कृष्ण के गुरु थे? -ऋषि अंगिरस भागवत सम्प्रदाय के उदय का प्रमुख कारण था? - ब्राह्मण धर्म के जटिल कर्मकाण्ड एवं यज्ञीय व्यवस्था के विरोधात्मक प्रतिक्रिया के फलस्वरूप  विष्णु का उल्लेख सर्वोच्च देवता के रूप में किस ग्रंथ में किया गया है? - ऐतरेय ब्राह्मण में  भागवत धर्म के सिद्धांत किस धर्म ग्रंथ में मिलते हैं? - भगवद्गीता में नारायण के उपासक कहलाते हैं? - पांचरात्रिक वैष्णव धर्म नाम का प्रचलन समय कब था? - 5वीं शती ईस्वी में अवतारवाद का सर्वप्रथम स्पष्ट उल्लेख मिलता है? - भगवद्गगीता में  भागवत धर्म के प्रवर्तक कृष्ण, वृष्णि वंशीय यादव के थे, जिनका निवास स्थान मथुरा था। सर्वप्रथम छान्दोग्य उपनिषद में देवकी पुत्र एवं अंगिरस के शिष्य के रूप में कृष्ण का उल्लेख आया है। कृष्ण के समर्थक इन्हें भागवत कहते थे। मत्स्य पुराण में वि...

सल्तनत काल के इतिहास को जानने के प्रमुख फारसी स्रोतों के बारे विस्तृत विवरण लिखें?

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  अथवा दिल्ली सल्तनत कालीन ऐतिहासिक स्रोतों की विवेचना कीजिए?    उत्तर-   दिल्ली सल्तनत काल के इतिहास को जानने के लिए तत्कालीन इतिहासकारों द्वारा लिखे गए फारसी ग्रंथों का काफी महत्व है। इन स्रोतों में समकालीन मुस्लिम इतिहासकारों के फारसी ग्रंथ एवं सुल्तानों द्वारा रचित आत्मकथाएं प्रमुख है। सल्तनतकालीन ऐतिहासिक ग्रंथों से राजनैतिक , सामाजिक , आर्थिक तथा सांस्कृतिक स्थिति के बारे में पर्याप्त जानकारी मिलती है। ये ग्रंथ अरबी तथा फारसी भाषा में लिखे गये थे।   सल्तनतकालीन इतिहास को जानने के प्रमुख ऐतिहासिक ग्रन्थ निम्नलिखित हैं -   चचनामा   यह मूल रूप से अरबी भाषा में लिखा गया है। इसमें मुहम्मद- बिन- कासिम से पहले तथा बाद के सिंध के इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है। इसमें अरबों की सिंध विजय के बार में जानकारी मिलती है। फारसी भाषा में इसका अनुवाद मुहम्मद अली कूफी द्वारा किया गया था।   तारीख — उल — हिंद इस ग्रंथ की रचना अलबरूनी ने फारसी भाषा में की थी। वह अरबी एवं फारसी भाषाओं का विद्वान था। वही भारत में महमूद गजनवी के समय आय...