भारत का नेपोलियन
गुप्तकाल के महत्वपूर्ण तथ्य
गुप्त वंश से संबंधित महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न
गुप्त शासकों को शूद्र या निम्नजाति का
बताने वाले इतिहासकार है?
— काशी प्रसाद जायसवाल
गुप्त शासकों को वैश्य जाति का मानने
वाले इतिहासकार हैं?
— रोमिला थापर, अल्तेकर, आरएस शर्मा, एलन, एसके आयंगर आदि
गुप्त शासकों को क्षत्रिय प्रमाणित करने
वाले इतिहासकार हैं?
— गौरी शंकर हीराचंद ओझा,
रमेशचन्द्र मजूमदार, सुधाकर चट्टोपाध्याय, प्रो. गोयल, वासुदेव उपाध्याय
गुप्त शासकों को ब्राह्मण मानने वाले
इतिहासकार है?
— हेमचन्द्र राय चौधरी
गुप्त वंश का संस्थापक कौन था?
— श्रीगुप्त (275 से 300 ई.)
श्रीगुप्त ने कौनसी उपाधि धारण की थी?
— महाराज की उपाधि
गुप्तों की प्रारम्भिक राजधानी थी?
— अयोध्या
गुप्त वंश किनके सामंत थे?
— कुषाणों के
वह गुप्त शासक जिसने सर्वप्रथम 'महाराजाधिराज' की
उपाधि धारण की थी?
— चन्द्रगुप्त प्रथम (319—335 ई)
चन्द्रगुप्त प्रथम के बारें में सही
कथन:
— गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक था
— 319—20 ई. में गुप्त संवत् का प्रचलन किया
— उसने एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की और सर्वप्रथम 'महाराजाधिराज' की उपाधि धारण की
— उसने लिच्छवी राजकुमारी कुमारदेवी से विवाह किया था, उसे लिच्छवियों से
वैशाली का राज्य प्राप्त हुआ था।
— उसने सर्वप्रथम रजत मुद्राओं का प्रचलन करवाया था।
गुप्त संवत् किस गुप्त शासक ने चलाया?
— चन्द्रगुप्त प्रथम ने 319—20 में
गुप्त संवत् व शक संवत् के मध्य कितने
वर्षों का अंतर है?
— 241 वर्षों का
पूना ताम्रपत्र में गुप्त वंश के शासकों
का गोत्र बताया गया है?
— धारण गोत्र के ब्राह्मण,
यह ताम्रपत्र चन्द्रगुप्त द्वितीय की
पुत्री प्रभावती गुप्ता का है।
पूना ताम्रपत्र के संदर्भ में सत्य कथन:
- यह चन्द्रगुप्त द्वितीय की पुत्री प्रभावती द्वारा लिखवाया गया
था।
- उसका विवाह वाकाटक नरेश रुद्रसेन द्वितीय से हुआ था, जो विष्णुवृद्धि
गोत्र के ब्राह्मण थे
- इसमें समुद्रगुप्त को 'अनेक
अश्वमेघ यज्ञ करने वाला' कहा गया है।
समुद्रगुप्त 350-375
ई. के बारे में सत्य कथन
चन्द्रगुप्त प्रथम के बाद उसका पुत्र
समुद्रगुप्त शासक बना।
हरिषेण समुद्रगुप्त का दरबारी कवि और
सेनानायक एवं संधिविग्रहिक था।
जिसने प्रयाग प्रशस्ति की रचना की।
इसमें समुद्रगुप्त की सामरिक विजयों का उल्लेख किया गया है।
हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग प्रशस्ति में
चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा समुद्रगुप्त को उत्तराधिकारी घोषित करने का वर्णन है।
प्रयाग प्रशस्ति निम्न वर्णन मिलता है
इसके रचनाकार : हरिषेण है जो
समुद्रगुप्त का दरबारी कवि था।
इसमें समुद्रगुप्त की सामरिक विजयों का
उल्लेख किया गया है।
इसमें चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा
समुद्रगुप्त को उत्तराधिकारी घोषित करने का वर्णन है।
समुद्रगुप्त के बारे में जानकारी देने
वाले प्रमुख स्रोत:
— प्रयाग प्रशस्ति
— ऐरण अभिलेख
— गया व नालन्दा के ताम्रपत्र अभिलेख
— समुद्रगुप्त की मुद्राएं
प्रयाग प्रशस्ति के रचनाकार है?
— हरिषेण
प्रयाग प्रशस्ति की शैली है?
— चम्पू शैली
समुद्रगुप्त ने आर्यावर्त (उत्तर भारत)
के कितने शासकों को पराजित किया?
— नौ शासकों को पराजित किया जिनमें अच्युत, नागसेन, रुद्रदेव, मतिल, चन्द्रवर्मन, नन्दिन, बलवर्मा तथा गणपतिनाग
प्रमुख थे।
समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के शासकों को
हराकर किस नीति तहत उनका विलय साम्राज्य में किया?
— प्रसयोद्धरण (बलपूर्वक जीतकर) के तहत प्रत्यक्ष रूप से
समुद्रगुप्त ने अपने पहले अभियान में
मथुरा (अच्युत) और पद्मावती (नागसेन) के नागवंशी राजाओं को जो पाटलिपुत्र के
कोटकुल के संबंधी थे, पराजित किया।
गुप्तों की राजधानी पाटलिपुत्र कब बनी?
— समुद्रगुप्त के समय
प्रयाग प्रशस्ति के अनुसार समुद्रगुप्त
द्वारा दक्षिण अभियान में पराजित पहला शासक कौन था?
— दक्षिण कोसल का शासक महेन्द्र
किस इतिहासकार ने समुद्रगुप्त को ‘भारतीय
नेपोलियन’ कहा है?
— विन्सेंट स्मिथ
ने
समुद्रगुप्त ने दक्षिणापथ के 12 शासकों को पराजित
किया, इन राज्यों को अपने अधीन करने के लिए उसने तीन नीतियों का
पालन किया—
ग्रहण — शत्रु पर अधिकार
मोक्ष — शत्रु को मुक्त करना
अनुग्रह — राज्य को लौटाकार शत्रु पर दया करना।
समुद्रगुप्त की दक्षिणापथ विजय को रायचौधरी
ने 'धर्मविजय' की संज्ञा प्रदान की
है।
शक,
कुषाण तथा मुरुण्ड आदि शासकों ने
समुद्रगुप्त की अधीनता स्वीकार करते हुए तीन विधियां अपनाई—
आत्म निवेदन — सम्राट के सामने
स्वयं हाजिर होना।
कन्योपायन— अपनी पुत्रियों का
गुप्त राजाओं से विवाह करना।
गुरुत्मंदक — स्वविषय—भुक्ति शासन याचना
(अपने विषय या भुक्ति के लिए शासनादेश प्राप्त करना)
समुद्रगुप्त का समकालीन लंकानरेश
मेघवर्ण ने उसके पास उपहारों सहित एक दूत मण्डल भेजा था तथा गया में मठ बनाने की
अनुमति मांगी थी।
समुद्रगुप्त के शासनकाल में कांची का
शासक कौन था?
अ. विष्णुगोप
ब. स्वामीदत्त
स. हस्तिवर्मन
द. उग्रसेन
उत्तर—
अ
वह गुप्त शासक जिसे 'धरणी बंध' कहा
गया है?
— समुद्र गुप्त
गुप्तों की राजधानी थी?
— पाटलिपुत्र
प्रभावती गुप्ता के पूना ताम्रपत्र लेख
में 'अनेक यज्ञों का अनुष्ठान करने वाला' कहा
गया है?
— समुद्रगुप्त को
समुद्रगुप्त के किस अभिलेख में कहा गया
है कि वह स्वर्ण—दान में 'पृथु और राघव'
से भी बढ़कर कहा था?
— एरण अभिलेख
वह गुहालेख जिसमें चन्द्रगुप्त द्वितीय
को 'सम्पूर्ण पृथ्वी का विजेता' कहा
गया है?
— उदयगिरि गुहालेख
‘भारत
का नेपोलियन’ कहा जाता है?
— गुप्त शासक समुद्रगुप्त को
सती प्रथा का अभिलेखीय साक्ष्य कहां से मिलता है?
अ. भितरी अभिलेख
ब. एरण अभिलेख
स. जूनागढ़ अभिलेख
द. देवगांव अभिलेख
उत्तर— ब
सती प्रथा का सर्वप्रथम कालांकित स्मारक किस स्थान पर मिला है?
अ. मास्की
ब. सुपिक
स. कांची
द. एरण
उत्तर— द
निम्न में से कौन एक अभिलेख लौह—स्तम्भ पर पाया जाता है?
अ. प्रयाग प्रशस्ति
ब. मेहरौली प्रशस्ति
स. एरण प्रशस्ति
द. जूनागढ़ प्रशस्ति
उत्तर— ब
निम्न में किसने अपने बारबरा गुफा अभिलेख में अपने पिता को सामंत चूड़ामणि के नाम से उद्धृत किया है?
अ. प्रवरसेन द्वितीय
ब. भागना
स. प्रभाकरवर्द्धन
द. अनंतवर्मन
उत्तर— द
नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना किस गुप्त शासक द्वारा की गई थी?
अ. कुमारगुप्त द्वितीय
ब. कुमार गुप्त प्रथम
स. चन्द्रगुप्त् द्वितीय
द. समुद्रगुप्त
उत्तर— ब
किसके सोने के सिक्कों में हीन धातु के मिश्रण का प्रतिशत सर्वाधिक है?
अ. चन्द्रगुप्त प्रथम
ब. काच
स. चन्द्रगुप्त द्वितीय
द. स्कन्दगुप्त
उत्तर— द
'प्राचीन भारत का नेपोलियन' किसे कहा जाता है?
अ. चन्द्रगुप्त मौर्य
ब. पुष्यमित्र
स. कनिष्क
द. समुद्रगुप्त
उत्तर— द
निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक ने हूणों पर विजय प्राप्त की?
अ. चन्द्रगुप्त द्वितीय
ब. कुमारगुप्त प्रथम
स. स्कन्दगुप्त
द. भानुगुप्त
उत्तर— स
किस गुप्त सम्राट को 'लिच्छवी दौहित्र' बताया गया है?
अ. श्रीगुप्त
ब. चन्द्रगुप्त प्रथम
स. चन्द्रगुप्त द्वितीय
द. समुद्रगुप्त
उत्तर— द
समुद्रगुप्त द्वारा उत्तर भारत में
अपनाई गई नीति को प्रसभेद्धरण तथा दक्षिणापथ में ग्रहण मोक्षानुग्रह कहा गया है।
अपनी विजय के बाद समुद्रगुप्त ने 'अश्वमेध' यज्ञ किया।
वह उच्च कोटि का विद्वान और विद्या का
उदार संरक्षक था। उसने ‘कविराज’ की उपाधि धारण की थी।
समुद्रगुप्त वीणावादक था, उसकी मुद्राओं पर उसे
वीणा बजाते हुए चित्रित किया गया है।
इलाहाबाद स्तम्भ लेख में समुद्र गुप्त 'धर्म
प्रचार बंधु'
उपाधि का उल्लेख मिलता है।
समुद्रगुप्त ने बौद्ध भिक्षु वसुबंधु को
संरक्षण दिया था।
श्रीलंका के राजा मेघवर्ण ने समुद्र
गुप्त से गया में बौद्ध मन्दिर बनाने की अनुमति मांगी थी और इसे समुद्रगुप्त ने
अनुमति दे दी थी।
ताम्रपत्र में समुद्रगुप्त की ‘परमभागवत’ उपाधि मिलती है।
समुद्रगुप्त ने किस शैली की मुद्राएं
बनवाई?
— गरुड शैली की
नगर प्रशासन के प्रसंग में नगर श्रेष्ठी
एवं सार्थवाह का उल्लेख निम्नांकित से प्राप्त गुप्त अभिलेखों में हुआ है?
अ. मध्य प्रदेश
ब. पुंड्रवर्धन
स. अवन्ति
द. सौराष्ट्र
उत्तर—
ब
व्याख्या: कुमारगुप्त प्रथम के उत्तरी
बंगाल अर्थात पुंड्रवर्धन से प्राप्त दामोदरपुर ताम्रलेख में नगरश्रेष्ठी एवं
सार्थवाहों का उल्लेख मिलता है।
सती प्रथा का सर्वप्रथम साक्ष्य किस
अभिलेख में मिलता है?
— एरण अभिलेख में
व्याख्या: भानुगुप्त
के शासनकाल में 510 ई. में सती प्रथा का पहला साक्ष्य मिला।
प्राचीन भारत में किस वंश का शासनकाल 'स्वर्ण युग' कहा जाता है?
1. मौर्य
2. शुंग
3. गुप्त
4. मगध
उत्तर - 3
गुप्तकाल में सिंचाई के लिए प्रयोग होता
था?
— रहट या घंटी यंत्र से
गुप्तकाल में वेश्यावृत्ति करने वाली
महिलाएं कहलाती थी?
— गणिका एवं वृद्ध वेश्यावृत्ति करने वाली महिलाएं कुट्टनी
कहलाती थी।
गुप्तकाल में सबसे बड़ी प्रादेशिक इकाई
कौनसी थी?
— देश
गुप्तकाल में सबसे छोटी प्रादेशिक इकाई
कौनसी थी?
— ग्राम
गुप्तकाल में ग्राम सभा के मुखिया को
क्या कहा जाता था?
— ग्रामिक
ग्राम सभा के अन्य सदस्यों को क्या कहा
जाता था?
— महत्तर
ग्राम समूहों की छोटी इकाई क्या कहलाती
थी?
— पेठ
गिरनार पर्वत पर स्थित सुदर्शन झील का
पुनरूद्धार किसके समय करवाया था?
— स्कन्धगुप्त के समय में सौराष्ट्र के गवर्नर पर्णदत्त ने
करवाया
किस वंश के शासनकाल में भारत में 'सामंतवाद' का
उदय हुआ था?
— गुप्तकाल में
गुप्लकाल में राजसभा के सदस्य को कहा
जाता था?
— सभेय
गुप्तकालीन 'अंत:पुर
का रक्षक' कहा जाता था?
— प्रतिहार
गुप्तकाल में वह पदाधिकारी जो राजमहल के
रक्षकों का प्रधान होता था,
कहलाता था?
— महाप्रतिहार
शिव के अर्द्धनारीश्वर रूप की कल्पना
एवं शिव-पार्वती की एक साथ मूर्तियों का निर्माण किस वंश के शासनकाल में हुआ था?
— गुप्तकाल में
मंदिर निर्माण कला का जन्म हुआ किस वंश
के शासनकाल में हुआ था?
— गुप्तकाल में
गुप्तकाल में उच्च श्रेणी के पदाधिकारी
को कहा जाता था?
— कुमारामात्य
गुप्तकालीन 'सेना
के प्रधान' को कहा जाता था?
— महादण्डनायक
गुप्तकालीन राजकीय भोजनालय के अध्यक्ष
को कहा जाता था?
— खाद्यपाटिक
त्रिमूर्ति पूजा के अन्तर्गत ब्रह्मा, विष्णु
और महेश की पूजा किस वंश के शासनकाल में आरम्भ हुई थी?
— गुप्तकाल में
किस काल में
भगवान शिव के एकमुखी एवं चतुर्मुखी शिवलिंग का निर्माण हुआ था?
— गुप्तकाल में
अजन्ता की गुफाओं में चित्रकारी किस काल
की देन है?
— गुप्तकाल की
अजन्ता गुफा में कौन से गुफाएं गुप्त
काल से संबंधित है?
— संख्या 16 और 17 गुप्तकाल की हैं
गुप्त वंश का राजचिह्न क्या था?
— विष्णु का वाहन गरुड
गुप्त साम्राज्य की 'राजभाषा' थी?
— संस्कृत
'भारत का शेक्सपीयर'
कहा जाता है?
— कालिदास को
कालिदास द्वारा रचित विरह की अत्यंत
उत्कृष्ट रचना है?
— मेघदूत
पंचतंत्र के रचनाकार कौन थे?
— विष्णु शर्मा
संस्कृत व्याकरण ग्रंथ 'चान्द्र
व्याकरण' के रचनाकार थे?
— चन्द्रगोमिन ने
अमरकोश के लेखक थे?
— अमरसिंह
वह शैली जिसमें गद्य एवं पद्य दोनों का
प्रयोग साथ—साथ किया जाता है?
— चम्पूशैली, प्रयाग प्रशस्ति इस शैली में लिखी गई है, जिसके रचनाका हरिषेण
था।
वत्सभट्टि ने किस प्रशस्ति की रचना की
थी?
— मन्दसौर प्रशस्ति
वत्सभट्टि किसके दरबार में कवि था?
— कुमारगुप्त प्रथम
गुप्त काल के शासक किस धर्म के मतानुयायी थे?
— वैष्णव धर्म के
गुप्तकाल में उपासना का प्रमुख केन्द्र
था?
— मंदिर
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