मनुस्मृति का टीकाकार कौन था?
सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, मन्वंतर और
वंशानुचरित संकेतक हैं—
अ. वेदों के
ब. पुराणों के
स. उपनिषदों के
द. सूत्रों के
उत्तर— ब
निम्नलिखित में से मनुस्मृति का टीकाकार कौन था?
अ. असहाय
ब. विश्वरूप
स. भट्टस्वामी
द. मेधातिथि
उत्तर— द
'कौसेय' शब्द का प्रयोग किया गया है?
अ. कपास के लिये
ब. सन के लिये
स. रेशम के लिये
द. ऊन के लिये
उत्तर— स
व्याख्या: कौसेय शब्द का प्रयोग रेशम के लिए किया जाता था। इससे
निर्मित उत्तरीय वस्त्र जिसे साधु या संन्यासी धारण करते थे उसे दुकूल, कौसेय कहा जाता था।
निम्नलिखित में से किसने आर्कटिक क्षेत्र को आर्य भाषा—भाषियों के मूल स्थान होने के सिद्धांत का
प्रतिपादन किया?
अ. मैक्समूलर
ब. एडवर्ड मेयर
स. बाल गंगाधर तिलक
द. हर्जफील्ड
उत्तर— स
निम्नलिखित में से कौन मुनस्मृति के भाष्यकार नहीं हैं?
अ. भारुचि
ब. मेधातिथि
स. गोविन्दराज
द. असहाय
उत्तर— द
निम्नलिखित युग्मों में से कौन सुमेलित नहीं है?
ग्रंथ लेखक
अ. बालचरित — भास
ब. सारिपुत्रप्रकरण — अश्वघोष
स. कलिन्कट्टुपरनी — जयमकोण्डार
द. त्रिषष्ठीलक्षण महापुराण — नेमिनाथ
उत्तर— द
निम्नलिखित कथनों को पढ़िए तथा सही विकल्प को चुनिए—
कथन क : कपिल सांख्य पद्धति के सबसे पुराने प्रणेता हैं।
कथन ख : कपिल यह बताते हैं कि किसी व्यक्ति का जीवन प्रकृति की
शक्तियों द्वारा गढ़ा जाता है, किसी दैवी
सत्ता द्वारा नहीं।
अ. कथन क एवं कथन ख दोनों ही सही है
ब. कथन क गलत है, लेकिन कथन ख
सही है
स. कथन क एवं कथन ख दोनों ही गलत है
द. कथन क सही है, लेकिन कथन ख
गलत है
उत्तर— अ
मृच्छकटिकम — इस संस्कृत
ग्रंथ की रचना शूद्रक ने की। इसमें चौथी—पांचवी शती
ईस्वी की सामाजिक दशा का वर्णन किया गया है।
मुद्रा राक्षस— विशाखदत्त कृत
संस्कृत नाटक है। इसकी रचना चौथी सदी में की।
तिलकमंजरी — धनपाल
पाणिनी
पाणिनी का जन्म तत्कालीन उत्तर—पश्चिम भारत के गंधार के श्लावुर नामक ग्राम में
हुआ था। इनके पिता का नाम पाणिन और माता का नाम दाक्षी था। इनके गुरु उपवर्ष था।
ग्रंथ : अष्टाध्यायी नामक संस्कृत भाषा का व्याकरण ग्रंथ था।
निम्नलिखित में मिलिंद पन्हो का लेखक कौन है?
अ. नागसेन
ब. अश्वघोष
स. धर्मपाल
द. देवर्धि
उत्तर— अ
चीनी यात्री, जिसने गुप्तकाल
में भारत की दशा का वर्णन किया है?
अ. य्वानचांग
ब. फाह्यान
स. फन—ये
द. इत्सिंग
उत्तर— ब
दामोदरपुर ताम्रपत्र लेख, जो स्थानीय
प्रशासन का विवरण देता है, किसके शासनकाल
से संबद्ध है?
अ. रामगुप्त
ब. समुद्रगुप्त
स. कुमारगुप्त प्रथम
द. स्कन्दगुप्त
उत्तर— स
कौन सा गुप्तकालीन अभिलेख आर्य उदिताचार्य का भागवत कुशिक के वंशज के
रूप में उल्लेख करता है?
अ. दुर्जनपुर स्थित रामगुप्त का जौन प्रतिमा अभिलेख
ब. चन्द्रगुप्त द्वितीय का मथुरा स्तम्भ अभिलेख
स. स्कन्दगुप्त का जूनागढ़ अभिलेख
द. चन्द्र का मेहरौली स्तम्भ अभिलेख
उत्तर— ब
मुथरा स्तंभ शिलालेख के अनुसार, उदिताचार्य ने दा शिव लिंगों को किन नामों से
प्रतिष्ठापित किया?
अ. गट्टेश्वर एवं कदम्बेश्वर
ब. नागेश्वर एवं नागनाथ
स. कपिलेश्वर एवं उपमितेश्वर
द. नंजुन्देश्वर एवं श्रीशैलेश्वर
उत्तर— स
फाह्यान के यात्रा विवरण का नाम है?
अ. सि—यू—की
ब. येन—तु
स. फो—क्यो—की
द. फा—चिएन
उत्तर— स
व्याख्या: फाह्यान चीन के शेन्सी प्रांत की राजधानी चांग—गान का निवासी था। उसने बौद्ध धर्म ग्रंथों के
अध्ययनार्थ एवं बौद्ध तीर्थस्थलों की यात्रा करने के उद्देश्य से भारत की यात्रा
की। वह चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में भारत आया। हालांकि उसने गुप्त राजाओं
से संबंधित विवरण नहीं दिया है। फाह्यान के यात्रा वृतांत का नाम 'फो—क्यो—की' है।
सी—यू—की
ह्वेनसांग का यात्रा वृतांत है। ह्वेनसांग के एक सहयोगी ह्ली—ली ने 'ह्वेनसांग की जीवनी' नामक एक ग्रंथ की रचना की।
नालन्दा विश्वविद्यालय के संस्थापक कौन थे?
अ. चन्द्रगुप्त् विक्रमादित्य
ब. कुमारगुप्त
स. धर्मपाल
द. पुष्यगुप्त
उत्तर— ब
निम्नलिखित में से किस अभिलेख से प्रकट होता है कि प्राचीन श्रेणियां, बैंक का भी काम करती थी?
अ. हुविष्क के काल का मथुरा अभिलेख
ब. कुमारगुप्त का मन्दसौर अभिलेख
स. बुधगुप्त का एरण अभिलेख
द. मिहिर भोज का ग्वालियर अभिलेख
उत्तर— ब
निम्न में किसने अपने बारबरा गुफा अभिलेख में अपने पिता को सामंत—चूड़ामणि के नाम से उद्धृत किया है?
अ. प्रवरसेन द्वितीय
ब. भानगा
स. प्रभाकरवर्द्धन
द. अनंतवर्मन
उत्तर— द
भारत के दार्शनिक विचार के इतिहास के सम्बन्ध में, सांख्य सम्प्रदाय से सम्बन्धित निम्नलिखित कथनों
पर विचार कीजिए—
1. सांख्य
पुनर्जन्म या आत्मा के आवागमन के सिद्धांत को स्वीकार नहीं करता है।
2. सांख्य की
मान्यता है कि आत्म—ज्ञान ही मोक्ष
की ओर ले जाता है न कि कोई बाह्य प्रभाव अथवा कारक।
उपर्युक्त कथनों में से कौन—सा/से सही
है/हैं?
अ. केवल 1
ब. केवल 2
स. 1 और 2 दोनों
द. न तो 1 और न ही 2
उत्तर— ब
सांख्य अद्वैत वेदांत से सर्वथा विपरीत मान्यताएं रखने वाला दर्शन है।
इसके प्रतिपादक कपिल मुनि थे। सांख्य का शाब्दिक अर्थ 'संख्या संबंधी विश्लेषण' होता है।
इस दर्शन के वर्तमान में दो मौलिक ग्रंथ ही उपलब्धक है— पहला, छह अध्यायों
वाला 'सांख्य प्रवचन
सूत्र' और दूसरा, सत्तर कारिकाओं वाला 'सांख्यकारिका'।
सांख्य दर्शन में पुर्नजन्म एवं आत्मा के आवागमन के सिद्धांत को माना
जाता था, सांख्य दर्शन
में मोक्ष के ज्ञान मार्ग पर विशेष बल दिया गया है।
437—38 ई. के मंदसौर अभिलेख में निम्नलिखित में से किस श्रेणी द्वारा एक भव्य सूर्य मंदिर के निर्माण का उल्लेख मिलता है?
अ. बढ़इयों की
ब. तेलियों की
स. रेशम बुनकरों की
द. शिल्पियों की
उत्तर— स
बुनकरों की श्रेणी ने एक सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया था तथा उसकी
देखरेख के लिए अक्षयनीवी की स्थापना की थी, जिसके ब्याज से व्यापार आदि चलाये जाते थे। इसका
विवरण मंदसौर अभिलेख में मिलता है।
भारतीय इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन—सा/से सामंती व्यवस्था का/के अनिवार्य तत्व
है/हैं?
1. अत्यंत सशक्त
केन्द्रीय राजनीतिक सत्ता और अत्यंत दुर्बल प्रांतीय अथवा स्थानीय राजनीतिक सत्ता
2. भूमि के
नियंत्रण तथा स्वामित्व पर आधारित प्रशासनिक संरचना का उदय
3. सामंत तथा उसके
अधिपति के बीच स्वामी—दास संबंध का
बनना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए?
अ. केवल 1 और 2
ब. केवल 2 और 3
स. केवल 3
द. 1,2 और 3
उत्तर— ब
निम्न कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़िये—
1. गुप्त सम्राट
स्वयं के लिए दैवीय अधिकारों का दावा करते थे।
2. उनका प्रशासन
नितांत केन्द्रीकृत था।
3. उन्होंने भूमिदान
की परम्परा को विस्तारित किया।
उत्तर निम्न कूटों के आधार पर दीजिए—
अ. 1, 2 एवं 3 सही है
ब. 1 एवं 2 सही है
स. 1 एवं 3 सही है
द. 2 एवं 3 सही है
उत्तर— स
निम्नलिखित ऐतिहासिक व्यक्तियों के नाम कालक्रमानुसार संयोजित कर नीचे
दिये गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
1. नागभट्ट
द्वितीय
2. महीपाल
3. महेन्द्रपाल
4. वत्सराज
कूट:
अ. 2,3,1,4
ब. 4,1,3,2
स. 1,2,3,4
द. 3,1,4,2
उत्तर— ब
गुर्जर प्रतिहार शासकों में से किसकी उपाधि 'आदि वराह' थी?
अ. वत्सराज
ब. नागभट्ट द्वितीय
स. मिहिर भोज
द. नागभट्ट प्रथम
उत्तर— स
बंगाल में कैवर्त विद्रोह किसके राज्यकाल में हुआ था?
अ. देवपाल
ब. विग्रहपाल
स. महीपाल द्वितीय
द. रामपाल
उत्तर— द
'निरालम्बा
सरस्वती' (सरस्वती अब
निराश्रय हो गयी) एक कवि द्वारा किसकी मृत्यु पर कहा गया?
अ. चाहमान बीसलदेव
ब. चन्देल कीर्तिवर्मा
स. मिहिर भोज
द. भोज परमार
उत्तर— द
निम्नलिखित में से किस राष्ट्रकूट शासक ने सल्लेखणा को ग्रहण किया?
अ. दंतिदुर्ग
ब. अमोघवर्ष
स. कृष्ण तृतीय
द. इन्द्र चतुर्थ
उत्तर— ब
अमोवर्ष का वास्तविक नाम शर्व था। प्रारम्भ में वह हिन्दू शाक्त
धर्मावलम्बी था। परंतु वृद्धावस्था में पहुंच कर वह जैन धर्मावलम्बी हो गया। 64 वर्ष तक राज्य करने के उपरांत 880 ई. के लगभग उसने उपवास द्वारा (सल्लेखणा) अपने
प्राण त्याग दिये।
कलिंग नरेश खारवेल निम्न में से किस वंश से सम्बन्धित है?
अ. मौर्य
ब. कदम्ब
स. चेदि
द. हर्यंक
उत्तर— स
वे उत्तर भारतीय राजवंश, जिन्होंने
राष्ट्रकूटों का मुकाबला किया था, थे—
अ. प्रतिहार एवं परमार
ब. पाल एवं चन्देल
स. प्रतिहार एवं पाल
द. चालुक्य एवं चाहमान
उत्तर— स
सार्वभौम गुप्त वंश के बाद किस वंश ने 'गरुड़' को अपना
राजचिह्न बनाया था?
अ. राष्ट्रकूट
ब. पश्चिमी चालुक्य
स. शिलाहार
द. चेदि
उत्तर— अ
निम्नलिखित में से कौन त्रिकोणात्मक संघर्ष का हिस्सा नहीं था?
अ. प्रतिहार
ब. पाल
स. राष्ट्रकूट
द. चोल
उत्तर— द
लक्ष्मण संवत का प्रारंभ निम्नलिखित किस वंश द्वारा किया गया था?
अ. प्रतिहारों द्वारा
ब. पालों द्वारा
स. चौहानों द्वारा
द. सेनों द्वारा
उत्तर— द
निम्न में से कौन चन्देल शासक जो महमूद गजनवी से पराजित नहीं हुआ था—
अ. धंग
ब. विद्याधर
स. जयशक्ति
द. डंग
उत्तर— ब
निम्नलिखित में से कौन अपने को 'ब्रह्म—क्षत्रिय' कहते थे?
अ. पाल
ब. सेन
स. प्रतिहार
द. चाहमान
उत्तर— ब
देवपाल के काल में नालन्दा विहार बनवाने वाले बालपुत्रदेव कौन थे?
अ. शैलेन्द्र राजा
ब. शिलाहार राजा
स. पाल राजा
द. भीमकर राजा
उत्तर— अ
जावा के शैलेन्द्र वंशीय राजा बालपुत्रदेव के अनुरोध पर पाल शासक
देवपाल ने उसे नालन्दा में विहार बनवाने की अनुमति प्रदान की।
इसके लिए देवपाल ने 5 गांव दान में
दिये। देवपाल भी बौद्ध मतानुयायी था। उसने परमसौगात की उपाधि धारण की थी।
जेजाकभुक्ति प्राचीन नाम था—
अ. बघेलखंड का
ब. बुंदेलखंड का
स. मालवा का
द. विदर्भ का
उत्तर— ब
विक्रमशिला महाविहार की स्थापना का श्रेय किसे दिया जाता है?
अ. हर्ष
ब. भास्करवम्रन
स. धर्मपाल
द. विजयसेन
उत्तर— स
धर्मपाल एक उत्साही बौद्ध था। उसके लेखों में उसे परमसौगात कहा गया
है। उसने विक्रमशिला तथा सोमपुरी (पहाड़पुर) में प्रसिद्ध विहारों की स्थापना की।
उसकी राजसभा में प्रसिद्ध बौद्ध लेखक हरिभद्र निवास करता था।
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