व्यक्तिगत सत्याग्रह
- अगस्त प्रस्ताव के विरोध में द्वितीय विश्व युद्ध से अपने को अलग सिद्ध करने के लिए कांग्रेस ने गांधीजी के नेतृत्व में व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू किया।
- कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में मौलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में 11 अक्टूबर, 1940 को व्यक्तिगत सत्याग्रह करने की अनुमति प्रदान की
व्यक्तिगत सत्याग्रह की निम्न मुख्य बातें थी-
- इसमें वही व्यक्ति सत्याग्रह करेगा जिसे गांधीजी नामित करेंगे।
- जो व्यक्ति सत्याग्रह शुरू करेगा, उसे सत्याग्रह प्रारंभ करने के एक सप्ताह पहले इसकी सूचना संबंधित जिलाधिकारी को देना होगा कि वह कहां से कहां तक सत्याग्रह यात्रा करेगा।
- यदि सत्याग्रही गिरफ्तारी से बच जाता है तो निश्चित स्थान पर जाकर तिरंगा झंडा फहरायेगा।
- व्यक्तिगत सत्याग्रह 17 अक्टूबर, 1940 को पवनार से प्रारंभ हुआ।
- पहले व्यक्तिगत सत्याग्रही के रूप में विनोबा भावे को चुना गया। उन्होंने महाराष्ट्र के पवनार आश्रम से इसकी शुरूआत की। ब्रिटिश हुकूमत ने 21 अक्टूबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
- दूसरे सत्याग्रही पंडित जवाहर लाल नेहरू और तीसरे सत्याग्रही ब्रह्मदत्त चुने गए।
- इस सत्याग्रह का जनता पर सीमित प्रभाव पड़ा।
- दिसंबर, 1941 को आंदोलन समाप्त कर दिया गया।
प्रथम व्यक्तिगत सत्याग्रही कौन थे?
अ. पं. जवाहर लाल नेहरू
ब. महात्मा गांधी
स. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
द. आचार्य विनोबा भावे
उत्तर- द
व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन के समय कांग्रेस का अध्यक्ष कौन था?
अ. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
ब. पं. जवाहर लाल नेहरू
स. सुभाष चन्द्र बोस
द. मौलाना अबुल कलाम आजाद
उत्तर- द
व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन कब प्रारंभ हुआ?
अ. वर्ष 1930 में
ब. वर्ष 1938 में
स. वर्ष 1940 में
द. वर्ष 1942 में
उत्तर- स
निम्न में से कौन व्यक्तिगत सत्याग्रह के दौरान सत्याग्रही नहीं चुना गया?
अ. पं. जवाहर लाल
ब. विनोबा भावे
स. सुभाष चंद्र बोस
द. ब्रह्म दत्त
उत्तर- स
व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन का उद्देश्य था
- द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लेने के विरुद्ध प्रचार के लिए सत्याग्रहियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त करना।
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