Posts

Showing posts from December, 2021

भीमबेटका किसके लिये प्रसिद्ध है?

Image
  1. बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रायः चित्रित चित्रकारी है, जो   IAS, 2017  (a) अजंता में है (b) बादामी में है (c) बाघ में है (d) एलोरा में है  उत्तर— (a)  2. विंध्य क्षेत्र के किस शिलाश्रय से सर्वाधिक मानव कंकाल मिले हैं? UPPSC (Pre), 2016 (a) मोरहना पहाड़ (b) घघरिया (c) बघही खोर (d) लेखहिया उत्तर— (d) 3. एक ही कब्र से तीन मानव कंकाल निकले हैं? UPPSC (Pre), 2016  (a) सराय नाहर राय से  (b) दमदमा से (c) महदहा से (d) लंघनाज से उत्तर— (b) 4. हड्डी से निर्मित आभूषण भारत में मध्य पाषाण काल के संदर्भ में कहाँ से प्राप्त हुए हैं?  (a) सराय नाहर राय से  (b) महदहा से (c) लेखहिया से (d) चोपानी मांडो से   उत्तर— (b) 5. भीमबेटका कहां स्थित है? MPPSC, 2013 (a) भोपाल   (b) पंचमढ़ी (c) सिंगरौली (d) अब्दुल्लागंज रायसेन उत्तर— (d) 6. भीमबेटका किसके लिये प्रसिद्ध है? UPPSC (Pre), 2016 (a) गुफाओं के लिये शैलचित्र (b) खनिज (c) बौद्ध प्रतिमाएं      (d) सोन नदी का उपागम स्थल उत्तर— (a) 7. निम्नलिखित में...

राजस्थान के वन संसाधन

Image
राजस्थान के वन संसाधनः एक परिचय  भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून अनुसार 23°40' एवं 30°11' उत्तरी अक्षांश तथा 69°29' एवं 78°17' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित 3,42,239 वर्ग किमी भौगोलिक क्षेत्रफल पर विस्तृत राजस्थान, क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है।  राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल के 9.60 प्रतिशत भू-भाग पर वन क्षेत्र है तथा अभिलेखित वन क्षेत्र की दृष्टि से 15वें स्थान पर है।  राज्य का उत्तरी-पश्चिमी भाग मरूस्थलीय या अर्द्धमरूस्थलीय है, जो कुल क्षेत्रफल का लगभग 61 प्रतिशत है। राज्य के लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र पर अरावली पर्वत श्रृंखलाएं यत्र-तत्र विद्यमान है। अरावली पर्वत श्रृंखला राज्य के मरूस्थलीय एवं गैर मरूस्थलीय भागों को अलग करती है। वैधानिक दृष्टि से राज्य में वनों की स्थिति प्रदेश में कुल अभिलेखित वन क्षेत्र (Recorded Forest Area) 32862.50 वर्ग किमी है। राजस्थान वन अधिनियम 1953 के प्रावधानों के अनुरूप वैधानिक दृष्टि से आरक्षित वन (Reserve Forest) का क्षेत्रफल 12176.24 वर्ग किमी. है, जो प्रतिशत कुल वन क्षेत्र का 37.05 प्रतिशत है।  रक्षित वन (Protected F...

कनिष्क

Image
कनिष्क कुषाण वंश का महान और प्र​तापी राजा था। वह विम के लगभग 20 वर्षों के बाद कनिष्क कुषाण उत्तराधिकारी बना।   कनिष्क का भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है।  उसने 78 ई. में अपना राज्यारोहण किया तथा इसके उपलक्ष्य में शक संवत् चलाया। इसे वर्तमान में भारत सरकार द्वारा प्रयोग में लाया जाता है। यह चैत्र (22 मार्च अथवा 21 मार्च) से प्रारंभ होता है। ह्वेनसांग के विवरण एवं चीनी ग्रंथों से प्रकट होता है कि गंधार कनिष्क के अधीन था।  कश्मीर पर उसका अधिकार कल्हण की राजतंरगिणी से ज्ञात होता है। उसने कश्मीर जीतकर वहां 'कनिष्कपुर' नामक नगर बसाया।  'सुई विहार' लेख से सिंध पर एवं 'मनिक्याल अभिलेख' से पंजाब पर कनिष्क का अधिकार ज्ञात होता है। उसने काशगर, यारकन्द व खोतान पर भी विजय प्राप्त की। कनिष्क की प्रथम राजधानी 'पेशावर' (पुरुषपुर) एवं दूसरी राजधानी 'मथुरा' थी।  कनिष्क ने बौद्ध धर्म का मुक्त हृदय से संपोषण एवं संरक्षण किया।  कनिष्क के समय में ही कश्मीर के कुंडलवन में वसुमित्र की अध्यक्षता में चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन हुआ, इसमें अश्वघोष उपाध्यक्ष थे। इस स...

"बन्दी जीवन" पुस्तक की रचना किसने की थी

Image
  "बन्दी जीवन" पुस्तक की रचना किसने की थी? अ. रामप्रसाद बिस्मिल ब. भगतसिंह  स. सचिन्द्र नाथ सान्याल द. रोशन लाल उत्तर सहित व्याख्या:- स 'बंदी जीवन' नामक पुस्तक की रचना महान क्रांतिकारी सचिन्द्र नाथ सान्याल द्वारा की गई थी। सान्याल हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के संस्थापकों में से एक थे। जिसे वर्ष 1928 में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन नाम से गठन, अंग्रेजों को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से किया गया था। इसकी स्थापना भगत सिंह, सचिंद्र नाथ सान्याल, चंद्र शेखर आज़ाद और सुखदेव थापर ने की थी। HSRA को 'फिलॉसफी ऑफ ए बम' नामक घोषणा पत्र से लिया गया था जिसके लेखक भगवती चंद्र बोहरा थे।

राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2020-21 में कितनी अनुमानित की गई है

Image
  राजस्थान की अर्थव्यवस्था  2019-20 के ₹9.99 लाख करोड़ से 4.11 प्रतिशत की कमी को दर्शाते हैं। वर्ष 2020-21 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार, स्थिर (2011-12) कीमतों पर, सकल राज्य घरेलू उत्पाद अनुमान ₹6.43 लाख करोड़ अनुमानित किए गए हैं, जो कि वर्ष 2019-20 के ₹6.89 लाख करोड़ से 6.61 प्रतिशत की कमी को दर्शाते हैं। वर्ष 2020-21 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार, प्रचलित कीमतों पर शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद अनुमान ₹8.63 लाख करोड़ अनुमानित किए गए हैं, जो कि गत वर्ष 2019-20 के ₹8.99 लाख करोड़ से 4.06 प्रतिशत की कमी को दर्शाते हैं। वर्ष 2020-21 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार, स्थिर (2011-12) कीमतों पर, शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद अनुमान ₹5.70 लाख करोड़ अनुमानित किए गए हैं, जो कि वर्ष 2019-20 के ₹6.10 लाख करोड़ से 6.58 प्रतिशत की कमी को दर्शाते हैं। प्रचलित कीमतों पर (अग्रिम अनुमानों के अनुसार), प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2020-21 में ₹1,09,386 अनुमानित की गई है, जो कि गत वर्ष 2019-20 की ₹1,15,492 से 5.29 प्रतिशत की कमी को दर्शाती है। स्थिर (2011-12) कीमतों पर (अग्रिम अनुमानों के अनुसार), प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2020...

दादू सम्प्रदाय

Image
  राजस्थान के संत दादूदयाल दादू सम्प्रदाय संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य व्यक्तित्व परिचय दादूदयाल जी जन्म 1544 ईस्वी (वि.सं. 1601 में) में अहमदाबाद में हुआ। ये 1568 ई. में सांभर आ गए।  ये आमेर के राजा मानसिंह और मुगल बादशाह अकबर के समकालीन थे। दादू सम्प्रदाय की स्थापना दादू दयाल जी ने 1574 ई. में की थी। इस सम्प्रदाय की प्रमुख गद्दी नरैना (नरायणा, जयपुर) में है।  इनके गुरु वृद्धानंद थे। वे भक्तिकालीन ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रमुख संत कवि थे। निर्गुण भक्ति परंपरा में उनका महत्वपूर्ण स्थान है।  निर्गुण पंथियों के समान दादूपंथी लोग भी अपने को निरंजन, निराकार उपासक मानते हैं। 1585 ई. में फतेहपुर सीकरी की यात्रा के दौरान दादू की भेंट मुगल सम्राट अकबर से भेंट कर उसे अपने विचारों से प्रभावित किया। इनके शिष्यों में बखनाजी, रज्जबजी, सुन्दरदास माधोदास आदि अनेक प्रसिद्ध सत हुए  साहित्य के क्षेत्र में योगदान दादू दयाल जी ने 'हिन्दी मिश्रित सधुकडी' भाषा में दादूजी री वाणी तथा दादूजी रा दूहा रचनाएं लिखीं।  52 स्तम्भ  दादू दयल के 152 शिष्य थे जिनमें 100 ग्रहस्थ थे एवं 52 साधु थ...