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मूल अधिकार किस देश से लिये गए हैं
- भारतीय संविधान के निर्माण के लिए हमारे संविधान निर्माताओं ने 10 देशों के संविधान के अध्ययन कर उनमें से प्रमुख तत्वों को लेकर बनाया है। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत के संविधान के निर्माण में निम्नलिखित प्रमुख देशों के संविधान से सहायता ली गई है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका - मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वाेच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात, न्यायपालिका की स्वतंत्रता
- ब्रिटेन - संसदात्मक शासन प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि निर्माण प्रक्रिया, विधि का शासन, मंत्रिमंडल प्रणाली, परमाधिकार लेख, संसदीय विशेषाधिकार और द्विसदनवाद
- आयरलैंड - नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन
- ऑस्ट्रेलिया - प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्यों के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
- जर्मनी - आपातकाल के प्रवर्तन के दौरान राष्ट्रपति को मौलिक अधिकारों से सम्बन्धित शक्तियां, आपातकाल के समय मूल अधिकारों का स्थगन
- कनाडा - संघात्मक विशेषताएं, अवशिष्ट शक्तियां केंद्र के पास
- दक्षिण अफ्रीका - संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान, राज्यसभा में सदस्यों का निर्वाचन
- सोवियत संघ (रूस) - मौलिक कर्त्तव्यों का प्रावधान, मूल कर्तव्यों और प्रस्तावना में न्याय (सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक) का आदर्श
- जापान - विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।
- फ्रांस - गणतंत्रात्मक शासन पद्धति और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता, बंधुता के आदर्श
- भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्रोत हैं, लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव ‘भारतीय शासन अधिनियम- 1935’ का है। भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से लगभग 250 अनुच्छेद ऐसे हैं, जो 1935 ई० के अधिनियम से या तो शब्दशः लिए गए हैं या फिर उनमें बहुत थोड़ा परिवर्तन किया गया है।
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