असिस्टेंट प्रोफेसर, 2020 दर्शनशास्त्र प्रथम प्रश्न पत्र का हल
03 अक्टूबर,
2021
·
सभी
प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
·
एक
से अधिक उत्तर देने की दशा में प्रश्न को गलत माना जाएगा।
·
प्रत्येक
प्रश्न गलत के लिए प्रश्न अंक का 1/3 भाग काटा
जायेगा।
1. प्रमा के 'अनधिगतता'
लक्षण की आलोचना किस दार्शनिकने की है?
(1) वात्स्यायन
(2) शालिकनाथ
(3) धर्मोत्तराचार्य
(4) जयन्त
उत्तर- 4
2. रसेल के परिचयात्मक ज्ञान (Knowledge by acquaintance) की तुलना किस प्रमाण व्यवस्था से की जा सकती है?
(1) बौद्ध प्रमाण व्यवस्था
(2) जैन प्रमाण व्यवस्था
(3) चार्वाक प्रमाण व्यवस्था
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 1
3. न्याय-दर्शन के अनुसार ध्वनि का प्रत्यक्ष कौन से इन्द्रिय
सन्निकर्ष से होता है?
(1) संयोग
(2) समवाय
(3) संयुक्त - समवाय
(4) समवेत - समवाय
उत्तर- 2
4. ‘तत्रेन्द्रियाजन्यं सुखादि प्रत्यक्षम्’ कौन
सा दर्शन स्वीकार करता है?
(1) वेदान्त
(2) जैन
(3) बौद्ध
(4) योग
उत्तर- 2
5. जिन वाक्यों से स्तुति,
निंदा, प्रकृति
आदि अभिव्यक्त होती है, कहलाते हैं:
(1) विधि वाक्य
(2) सिद्धार्थक वाक्य
(3) अर्थवाक्य
(4) विधायक वाक्य
उत्तर- 3
6. माध्वाचार्य ने प्रामाण्यवाद को कितनी कोटियों में बाँटा है?
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार
उत्तर- 4
7. निम्न में से पद व वाक्य के संबंध का कौन सा सिद्धांत प्रभाकर
को मान्य है?
(1) अन्विताभिधानवाद
(2) अभिहितान्वयवाद
(3) समुच्यवाद
(4) तात्पर्यवाद
उत्तर- 1
8. कौन सा मत भाषा की इकाई 'पद' को स्वीकार करता है?
(1) प्रभाकर मत
(2) भाट्ट मत
(3) मुरारी मत
(4) ये सभी
उत्तर- 1
9. कुमारिल के अनुसार शुक्ति रजत के रूप में दृष्टिगोचर होती है, क्योंकि
(1) ऐसा विशुद्ध रूप से मनोवैज्ञानिक कारकों के कारण होता है।
(2) प्रतीतियाँ परम सत् से रहित हैं और सापेक्षिक हैं।
(3) ऐसा दो असम्बन्धित अपूर्ण संज्ञानों के सकारात्मक त्रुटिपूर्ण
संश्लेषण (संसर्ग) के कारण होता है।
(4) ऐसा अकसर तब होता है जब हम जल्दी में होते हैं।
उत्तर- 3
10. कौन सा दर्शन अनुपलब्धि को स्वतन्त्र प्रमाण स्वीकार करता है?
(1) चार्वाक
(2) न्याय
(3) बौद्ध
(4) शंकर - वेदान्त
उत्तर- 4
11. न्याय दर्शन के अनुसार पूर्णतः सिद्ध योगी जिन्हें शाश्वत व
सिद्ध ज्ञान है, कहलाते हैं:
(1) युक्त
(2) युञ्जान
(3) सिद्ध
(4) केवली
उत्तर- 1
12. धर्मकीर्ति के अनुसार अपने विषय के पश्चात् विषय के सहकारी, समनन्तर
प्रत्यय रूप ज्ञान से उत्पन्न होने वाले ज्ञान को कहते हैं?
(1) इन्द्रिय - -ज्ञान (2)
मनोविज्ञान
(3) आत्म संवेदन। (4)
यौगिक ज्ञान
उत्तर- 2
13. न्याय दर्शन के अनुसार यह अनुमान- अग्नि शीतल है क्योंकि यह
द्रव्य है - भ्रान्तिजनक है क्योंकि-
(1) हेतु विरुद्ध है।
(2) हेतु व्यभिचारी (अनैकान्तिक) है।
(3) हेतु आश्रयासिद्ध है।
(4) हेतु अनुमान से नहीं अन्य प्रमाण से बाधित है।
उत्तर- 4
14. ज्ञान के हेतु के रूप में अधिपति किसे कहा गया है?
(1) प्रकाश
(2) इन्द्रिय
(3) चित्त
(4) विज्ञान
उत्तर- 2
15. उपमान प्रमाण के लिए किसने कहा है “सादृश्यप्रमाकरणमुपमानम्'?
(1) कपिल
(2) वात्स्यायन
(3) शबर
(4) धर्मराज ध्वरीन्द्र
उत्तर- 4
16. विरोधी या व्याघाती वाक्य की व्याख्या हेतु किस अर्थापत्ति का
सहारा लिया जाता है?
(1) दृष्टार्थापत्ति
(2) अभिहितानुपपत्ति
(3) अभिधानानुपपत्ति
(4) श्रुतानुपपत्ति
उत्तर- 2
17. जैन दर्शन के अनुसार:
(1) चेतना गुण से संयुक्त शरीर ही आत्मा है।
(2) आत्मा संज्ञानों का एक प्रवाह है।
(3) आत्मा एक अपरिवर्तनशील एवं स्वप्रकाश्य चेतना है।
(4) आत्मा का अनिवार्य स्वभाव (स्वरूप) चेतना है।
उत्तर- 4
18. सांख्य दर्शन का ख्याति सिद्धान्त कौन सा बतलाया गया है?
(1) असतख्यातिवाद
(2) विवेकख्यातिवाद
(3) विपरीतख्यातिवाद
(4) सख्यातिवाद
उत्तर- 4
19. वेदान्त मत के अनुसार पद व अर्थ के संबंध को कहते हैं?
(1) वृत्ति
(2) गुण
(3) हेतु
(4) ये सभी
उत्तर- 1
20. न्याय दर्शन के अनुसार 'पद' सूचित करते हैं-
(1) व्यक्ति को
(2) आकृति को
(3) जाति को
(4) इन सभी को
उत्तर- 4
21. भारतीय तर्कशास्त्र की विषयवस्तु है-
(1) अनुमान
(2) प्रामाण्यवाद
(3) ख्यातिवाद
(4) ये सभी
उत्तर- 1
22. न्याय एवं बौद्ध दर्शन यह विश्वास करने में एक मत है कि-
(1) ज्ञान आन्तरिक दृष्टि से अवैध है और बाह्य दृष्टि से वैध।
(2) ज्ञान आन्तरिक और बाह्य दृष्टि से वैध है।
(3) ज्ञान बाह्य दृष्टि से वैध है।
(4) ज्ञान बाह्य दृष्टि से वैध है एवं आन्तरिक दृष्टि से न तो वैध
है और न ही अवैध।
उत्तर- 3
23. व्याप्ति स्मरण सहित हेतु ज्ञान अनुमान है, कथन
मिलता है-
(1) न्याय-सार (2) न्याय मंजरी
(3) न्याय बिन्दु (4)
तर्क - संग्रह
उत्तर- 2
24. बौद्ध तर्कशास्त्र के प्रणेता कहलाते हैं।
(1) दिंगनाग
(2) वसुबन्धु
(3) नागार्जुन
(4) धर्मकीर्ति
उत्तर- 1
25. अनुमान व अनुमिति में अन्तर को स्वीकार नहीं करते
(1) धर्मकीर्ति
(2) अन्नभट्ट
(3) दिंगनाग
(4) गंगेश
उत्तर- 3
26. जैन तर्कशास्त्र का आरम्भ किस दार्शनिक से माना जाता है?
(1) अकलंक (2) सिद्धसेन
(3) हेमचन्द्र (4) हेमभद्र
उत्तर- 2
27. व्याप्ति विशिष्ट पक्षधर्मता ज्ञान से उत्पन्न होने वाले ज्ञान
को कहते हैं?
(1) अनुमान
(2) अनुमिति
(3) पक्षधर्मता
(4) व्याप्ति
उत्तर- 2
28. भारतीय नीतिशास्त्र में संकल्प तीन सोपान माने गए हैं ।
निम्नलिखित में से किसमें इन सोपानों के घटित होने का सही क्रम दर्शाया गया है?
(1) कार्यताज्ञान, चिकीर्षा, कृति
(2) चिकीर्षा, कृति, कार्यताज्ञान
(3) कृति, चिकीर्षा, कार्यताज्ञान
(4) चिकीर्षा, कार्यताज्ञान, कृति
उत्तर- 1
29. किस दार्शनिक की व्याप्ति की परिभाषा को 'सिद्धान्त
-लक्षण व्याप्ति' कहा जाता है?
(1) गंगेश
(2) गौतम
(3) पार्थसारथी
(4) माणिक्य नन्दी
उत्तर- 1
30. बौद्ध दर्शन के अनुसार,
'पुद्गलनैरात्म्य' सिद्धान्त
का अर्थ है-
(1) केवल एक शाश्वत आध्यात्मिक द्रव्य की स्वीकारोक्ति एवं भौतिक
द्रव्य का निषेध
(2) शाश्वत द्रव्य का निषेध,
आध्यात्मिक के अतिरिक्त भौतिक भी
(3) भौतिक द्रव्य की स्वीकारोक्ति एवं आध्यात्मिक द्रव्य का निषेध
(4) परम सत्ता की स्वीकारोक्ति
उत्तर- 2
31. रामानुज के कारण सिद्धान्त को जाना जाता है-
(1) विवर्तवाद
(2) प्रकृति परिणामवाद
(3) ब्रह्म परिणामवाद
(4) असत् कार्यवाद
उत्तर- 3
32. 'भूयो दर्शन'
का तात्पर्य है-
(1) भूमि दर्शन
(2) बार-बार निरीक्षण
(3) भाव का होना
(4) अभाव का दर्शन
उत्तर- 2
33. व्याप्ति ग्रहण के साधन के रूप में किसने 'व्यभिचार
ज्ञान रहित सहचार दर्शन' को माना है?
(1) गौतम
(2) गंगेश
(3) ईश्वरकृष्ण
(4) उदयन
उत्तर- 2
34. मीमांसा दर्शन का मुख्य उद्देश्य है:
(1) ब्रह्मसूत्र की प्रामाणिकता स्थापित करना।
(2) वेदों की प्रामाणिकता स्थापित करना।
(3) त्रिपिटकों की प्रामाणिकता स्थापित करना।
(4) भगवद्गीता की प्रामाणिकता स्थापित करना।
उत्तर- 2
35. भारतीय नीतिशास्त्र के अनुसार जो पुरुषार्थ राजनीतिक मूल्यों
में सम्मिलित हैं, वे हैं-
(1) अर्थ तथा काम
(2) धर्म, अर्थ तथा काम
(3) धर्म तथा अर्थ
(4) धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष
उत्तर- 2
36. अर्थापत्ति वैध ज्ञान का एक स्वतंत्र प्रमाण है। क्योंकि-
(1) वेदों की ऐसी इच्छा है।
(2) यह अभाव (अनुपलब्धि) का ज्ञान कराता है
(3) प्रत्यक्षतः दो विरोधी दिखाई देने वाले तथ्यों में सामंजस्य
करता है।
(4) दो वस्तुओं के बीच सादृश्य का ज्ञान इसके द्वारा होता है।
उत्तर- 3
37. पक्ष की परिभाषा “संदिग्ध साध्यधर्मा धर्मी पक्षः” मिलती
है
(1) अद्वैतसिद्धी
(2) तर्कभाषा
(3) तर्क संग्रह
(4) तत्त्व चिन्तामणि
उत्तर- 2
38. “जहाँ-जहाँ धुआँ है वहाँ-वहाँ आग है" के उदाहरण में अग्नि
है
(1) पक्ष
(2) हेतु
(3) साध्य
(4) पक्ष धर्मी
उत्तर- 3
39. जो परोक्ष अर्थ (साध्य) का बोध कराता है उसे कहते है
(1) हेतु
(2) लिंगी
(3) व्याप्ति
(4) पक्ष
उत्तर- 1
40. किस दर्शन ने 'अन्यथानुपन्नत्व'
को हेतु का लक्षण माना है?
(1) चार्वाक
(2) जैन
(3) बौद्ध
(4) मीमांसा
उत्तर- 2
41. सम्यग्व्यायाम का तात्पर्य है:
(1) सुस्वास्थ्य के लिए सही व्यायाम
(2) अशुभ विचारों को मन से हटाने के लिए सही प्रयत्न
(3) शारीरिक शक्ति संवर्द्धन के लिए सही प्रयत्न
(4) मानसिक योग्यता संवर्द्धन के लिए सही प्रयत्न
उत्तर- 2
42. वैशेषिक दर्शन के अनुसार सामान्य (जाति) की सत्ता है क्योंकि-
(1) सत् (की सत्ता) मनस पर आधारित है।
(2) समानता के प्रत्यय का कोई स्वतन्त्र कारण होना चाहिए।
(3) यह ब्रह्म में अवस्थित है।
(4) यह शब्द प्रमाण पर आधारित हैं।
उत्तर- 2
43. कालातीत हेत्वाभास का अन्य क्या नाम है?
(1) प्रकरणसम
(2) बाधित
(3) साध्यसम
(4) असिद्ध
उत्तर- 2
44. शब्द गुण है,
चूँकि वह दृश्य है - इसमें दोष है-
(1) स्वरूप सिद्ध
(2) आश्रयासिद्ध
(3) साध्य-विशेषणासिद्ध
(4) सोपाधिक
उत्तर- 1
45. नागार्जुन ने हेत्वाभास के कितने प्रकार स्वीकार किए हैं?
(1) पाँच
(2) छ:
(3) सात
(4) आठ
उत्तर- 4
46. सांख्य दर्शन के अनुसार अनेक पुरुष है क्योंकि-
(1) जगत् में अनेक वस्तुएँ हैं।
(2) भिन्न भिन्न व्यक्तियों के जन्म-मृत्यु, ज्ञानेन्द्रियों और
कर्मेन्द्रियों में स्पष्ट अन्तर पाया जाता है।
(3) प्रकृति जड़ है।
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 2
47. 'धर्म' का वैदिक विचार,
रूपान्तरण हैं।
(1) ऋत का
(2) सत्य का
(3) इन दोनों का
(4) इनमें से किसी का नहीं
उत्तर- 3
48. किस संहिता में कहा गया है - 'ऋतू
की पृथ्वी, अंतरिक्ष,
घुलोर, दिशाओं
व स्वर्गलोक में सभी स्थानों पर विजय होती है?
(1) वाजसेनी
(2) तैत्तिरीय
(3) शुक्ल
(4) गौपथ
उत्तर- 2
49. किसमें कहा गया है- 'मैं अनृत से सत्य को प्राप्त करूँ?
(1) ऋग्वेद
(2) यजुर्वेद
(3) सामवेद
(4) अथर्ववेद
उत्तर- 2
50. वेदों में 'धियस्पति'
कहा गया है-
(1) शुभ का रक्षक
(2) सत्य का रक्षक
(3) भूमि का रक्षक
(4) ये सभी
उत्तर- 2
51. 'ऋषि-ऋण'
से उऋण होने के लिए किस 'आश्रम' में
प्रवेश की आज्ञा दी गई है?
(1) ब्रह्मचर्य
(2) गृहस्थ
(3) वानप्रस्थ
(4) संन्यास
उत्तर- 1
52. किस ग्रंथ के अनुसार केवल 'ब्राह्मणों' पर
ही 'तीन ऋणों'
को स्वीकार किया गया है?
(1) गौपथ ब्राह्मण
(2) शतपथ ब्राह्मण
(3) मनुस्मृति
(4) याज्ञवल्क्य स्मृति
उत्तर- 2
53. किस ग्रन्थ के अनुसार 'जन्म से प्रत्येक व्यक्ति शूद्र' होता है?
(1) गीता
(2) मनुस्मृति
(3) कठोपनिषद्
(4) ईशावास्योपनिषद्
उत्तर- 2
54. किस समकालीन विचारक के अनुसार, 'गीता
कर्मों से संन्यास की नहीं,
अपितु कर्मों में संन्यास की शिक्षा
देती है'?
(1) गांधी
(2) अरविन्द
(3) राधाकृष्णन
(4) विवेकानंद
उत्तर- 3
55. कर्म के लिए प्रेरित करने वाला पुरुषार्थ है-
(1) धर्म
(2) अर्थ
(3) काम
(4) ये सभी
उत्तर- 4
56. 'प्रवृत्ति और निवृत्ति'
का समन्वय इस ग्रन्थ में मिलता है-
(1) गीता
(2) विष्णु पुराण
(3) गरुड़ पुराण
(4) वाजसनेयी संहिता
उत्तर- 1
57. न्याय वास्तववादी (या यथार्थवादी) दार्शनिक तंत्र है क्योंकि
इसके अनुसार-
(1) मोक्ष जीवन का अन्तिम (चरम) लक्ष्य है।
(2) केवल वेद ही सर्वोत्तम है।
(3) सभी ज्ञान एवं अनुभव से स्वतंत्र जगत् की वस्तुओं की अपनी
स्वतंत्रता सत्ता है।
(4) ईश्वर सभी वस्तुओं का सृष्टा है।
उत्तर- 3
58. वेदों का वह भाग जो अज्ञात अर्थों का ज्ञान करवाता है, कहलाता
है -
(1) विधि
(2) निषेध
(3) विकल्प
(4) ख्याति
उत्तर- 1
59. वाक्यांश 'योग-क्षेम'
में 'क्षेम' का
तात्पर्य है-
(1) प्राप्ति
(2) क्षमा
(3) प्राप्त की संरक्षा
(4) उदात्तता
उत्तर- 3
60. 'श्रेय मार्ग'
को चुनने वाले व्यक्तियों की प्रेरणा
है-
(1) योग-क्षेम
(2) विवेक
(3) सुख
(4) अभ्युदय
उत्तर- 2
61. गीता के अनुसार 'स्वधर्म'
के निर्धारण का आधार है-
(1) वर्ण
(2) आश्रम
(3) पुरुषार्थ
(4) वर्णाश्रम
उत्तर- 4
62. गीता के अनुसार ईश्वर रचित 'वर्णव्यवस्था' का
आधार है-
(1) गुण और कर्म
(2) जन्म
(3) प्रेय
(4) श्रेय
उत्तर- 1
63. बौद्धमत में कर्म का प्रकार निम्न में से कौन सा नहीं है?
(1) कायिक
(2) वाचिक
(3) भाव
(4) मानसिक
उत्तर- 3
64. निम्न में से किस विचार में भौतिक व आध्यात्मिक सुख, दोनों
को महत्त्व प्रदान किया गया है?
(1) पुरुषार्थ
(2) आश्रम
(3) यम व नियम
(4) योग
उत्तर- 1
65. “धारणाद् - धर्मित्याहु,
धर्मोधारयते - प्रजाः किसके द्वारा कहा
गया है?
(1) जैमिनि
(2) मनु
(3) वेदव्यास
(4) वाल्मिकी
उत्तर- 3
66. योग-दर्शन में व्यक्ति के बाह्य आचरण पर नियंत्रण किसके द्वारा
किया जाता है?
(1) यम (2) नियम
(3) धारणा (4) ध्यान
उत्तर- 1
67. जैन दर्शन में 'सम्यक-चरित्र'
का आधार है-
(1) अहिंसा
(2) अस्तेय
(3) सत्य
(4) अपरिग्रह
उत्तर- 1
68. निम्न में से कौन सा बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग का अंग नहीं है?
(1) सम्यक् दृष्टि
(2) सम्यक् दर्शन
(3) सम्यक् आजीव
(4) सम्यक् संकल्प
उत्तर- 2
69. बौद्धमत में साधक की योग्यतानुसार साधनों का उपयोग व खोज, कहलाती
है?
(1) ब्रह्म-विहार
(2) आगम
(3) पारमिता
(4) उपाय-कौशल्य
उत्तर- 4
70. ब्रह्म-विहार में सुख से अवियोग कराने की भावना है-
(1) मैत्री
(2) करुणा
(3) मुदिता
(4) उपेक्षा
उत्तर- 3
71. समकालीन भारतीय दर्शन का प्रारंभ किसके साथ माना जाता है?
(1) स्वामी दयानंद
(2) राधाकृष्णन
(3) गांधी
(4) राजा राममोहन राय
उत्तर- 4
72. स्वतंत्रता के पश्चात्,
भारत में सबसे प्रबल दार्शनिक धारा रही
है?
(1) प्रत्ययवाद (2) अनुभववाद
(3) भौतिकवाद (4) विश्लेषणात्मक
उत्तर- 1
73. किसके अनुसार,
'वेदान्त बहुत्व में एकत्व की शिक्षा
देता है'?
(1) रामकृष्ण
(2) विवेकानंद
(3) गांधी
(4) टैगोर
उत्तर- 2
74. विवेकानंद के अनुसार 'माया' है-
(1) विशुद्ध विज्ञानवाद
(2) विशुद्ध वस्तुवाद
(3) आभासवाद
(4) घटनाओं का वर्णन
उत्तर- 4
75. विवेकानंद के अनुसार 'सार्वभौमधर्म'
का मूलमंत्र है-
(1) सहिष्णुता
(2) अहिंसा
(3) स्वीकृति
(4) अबोधता
उत्तर- 3
76. अरविन्द ने विकास प्रक्रिया को किसकी विपरीत प्रक्रिया कहा है?
(1) अवतरण
(2) आरोहण
(3) प्रति विकास
(4) उत्थान
उत्तर- 1
77. सत्ता के उच्चतर व निम्नतर स्तरों के बीच की अवस्था, अरविन्द
के अनुसार है-
(1) मानस (मनस)
(2) अतिमानस
(3) उच्चतर मानस
(4) प्रदीप्त मानस
उत्तर- 2
78. अरविन्द ने आंतरिक योग के कितने सोपानों की चर्चा की है?
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार
उत्तर- 3
79. राधाकृष्णन का आदर्शवाद है-
(1) प्रयोजनवादी
(2) यंत्रवादी
(3) भौतिकवादी
(4) रहस्यवादी
उत्तर- 1
80. राधाकृष्णन ने सत् के ज्ञान की प्राप्ति के कितने साधन स्वीकार
किए है?
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार
उत्तर- 3
81. राधाकृष्णन के अनुसार,
'अंतःप्रज्ञा' में
समाहित है-
(1) स्वयंसिद्धता
(2) स्वप्रकाशता
(3) स्वचेतना
(4) ये सभी
उत्तर- 4
82. गांधी की दृष्टि में,
इनमें से कौन 'पहाड़ों
से भी प्राचीन है'?
(1) सत्य और अहिंसा
(2) ईश्वर
(3) प्रकृति
(4) पुरुष
उत्तर- 1
83. गांधी मानते हैं कि 'सत्याग्रह'
द्वारा विरोधी के में परिवर्तन किया जा
सकता है।
(1) शरीर
(2) बुद्धि
(3) भावनाओं
(4) हृदय
उत्तर- 4
84. गांधी ने आधुनिक सभ्यता की आलोचना अपनी पुस्तक _________ में
की है।
(1) हिन्द- स्वराज
(2) सत्य के साथ मेरे प्रयोग
(3) आर्ट ऑफ लिविंग
(4) मेरी अहिंसा
उत्तर- 1
85. के. सी. भट्टाचार्य के अनुसार 'सैद्धान्तिक
चेतना' के स्तर हैं-
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार
उत्तर- 4
86. के. सी. भट्टाचार्य की दृष्टि में 'विषयी' का
संबंध हैं-
(1) विज्ञान-दर्शन से
(2) आत्म-दर्शन से
(3) चित्त-दर्शन से
(4) विषय-दर्शन से
उत्तर- 2
87. निम्न में से 'नव-बौद्धवादी'
है:
(1) गांधी
(2) टैगोर
(3) बी.आर. अम्बेडकर
(4) विनोबा भावे
उत्तर- 3
88. निम्न पुस्तकों में कौन सी, बी.
आर. अम्बेडकर द्वारा लिखित नहीं है?
(1) जाति का विनाश
(2) पाकिस्तान पर विचार
(3) शूद्र कौन और कैसे?
(4) बुद्ध - वाणी
उत्तर- 4
89. 'न्यू ऑरियेन्टेशन'
के लेखक हैं-
(1) के.सी. भट्टाचार्य
(2) एम. एन. राय
(3) जे. कृष्णामूर्ति
(4) डी.पी. चट्टोपाध्याय
उत्तर- 2
90. 'इंडियन मैटिरियलिज्म'
पुस्तक के लेखक हैं?
(1) एम. एन. राय
(2) डी.पी. चट्टोपाध्याय
(3) इकबाल
(4) एम. जी. रानाडे
उत्तर- 2
91. निम्न में से किस विचारक के दर्शन पर मार्क्सवादी दृष्टिकोण
प्रभावी है?
(1) रानाडे
(2) एम. एन. राय
(3) डी.पी. चट्टोपाध्याय
(4) गांधी
उत्तर- 3
92. निम्न में से कौन सी पुस्तक जे. कृष्णामूर्ति द्वारा लिखित
नहीं है?
(1) फ्रीडम फ्रॉम द नॉन
(2) द वण्डर ऑफ लाइफ
(3) हॉलनेस ऑफ लाइफ
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 2
93. किसके अनुसार 'दर्शन भौतिकवाद'
है?
(1) रानाडे
(2) एम. एन. राय
(3) के.सी. भट्टाचार्य
(4) बी. आर. अम्बेडकर
उत्तर- 2
94. एम. एन. राय मनुष्य को मानते हैं-
(1) स्वार्थी
(2) ईश्वरोन्मुख
(3) दोनों (1) और (2)
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 4
95. सच्ची स्वतंत्रता को जे. कृष्णामूर्ति क्या स्वीकार करते हैं?
(1) नवीन स्वरूप
(2) परम सत्ता
(3) स्वयं का स्वरूप
(4) ज्ञान
उत्तर- 3
96. रामानुज ब्रह्म,
जीव व जगत में सम्बन्ध मानते है -
(1) अभेद
(2) स्वगत भेद
(3) सजातीय भेद
(4) विजातीय भेद
उत्तर- 2
97. किसने ‘परम ब्रह्म'
को विष्णु कहा है?
(1) शंकर
(2) माध्वाचार्य
(3) वल्लभाचार्य
(4) चैतन्य महाप्रभु
उत्तर- 2
98. शंकर के अनुसार ईश्वर हैं जगत का
(1) सृष्टा
(2) पालक
(3) संहारक
(4) ये सभी
उत्तर- 4
99. शंकर के अनुसार माया विशिष्ट शक्ति है-
(1) ईश्वर की
(2) ब्रह्म की
(3) जीव की
(4) इन सभी की
उत्तर- 2
100. रामानुज ने 'माया' की कौन सी आपत्ति नहीं उठायी है?
(1) आश्रयानुपपत्ति
(2) स्वरूपानुपपत्ति
(3) विरोधानुपपत्ति
(4) प्रमाणानुपपत्ति
उत्तर- 3
101. उपनिषदों के अनुसार 'आत्मा' की विशुद्ध अवस्था है?
(1) जाग्रत
(2) स्वप्न
(3) सुषुप्ति
(4) तुरीय
उत्तर- 4
102. आत्मा मूलतः 'अचेतन है'
मानने वाला भारतीय दर्शन संप्रदाय है -
(1) जैन
(2) चार्वाक
(3) सांख्य
(4) वेदान्त
उत्तर- 2
103. जैन दर्शन में 'अर्थ-नय'
कितने माने गए हैं?
(1) दो
(2) तीन
(3) चार
(4) पाँच
उत्तर- 4
104. 'इसके होने पर उसका होना'
निम्न में से किस मत का मूल आधार है?
(1) बौद्ध प्रतीत्य समुत्पाद
(2) जैन सप्तभंगी नय
(3) न्याय असत्कार्यवाद
(4) वेदान्तीय विवर्तवाद
उत्तर- 1
105. सांख्य में प्रकृति पुरुष सम्बन्ध है-
(1) तादात्मय
(2) प्रयोजनात्मक
(3) संयोग
(4) समवाय
उत्तर- 2
106. किस दार्शनिक ने 'शब्द' को द्रव्य स्वीकार किया है?
(1) कुमारिल
(2) कपिल
(3) कणाद
(4) गौतम
उत्तर- 1
107. योग दर्शन में योगियों के कितने प्रकार स्वीकार किये हैं?
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार
उत्तर- 4
108. किसने मोक्ष की अवस्था को आनन्द रहित स्वीकार किया है?
(1) निम्बार्क
(2) रामानुज
(3) गौतम
(4) शंकर
उत्तर- 3
109. निम्न में से कौन सी सांख्य में 'प्रकृति
विकृति' है?
(1) मूल प्रकृति
(2) अहंकार
(3) आकाश
(4) पुरुष
उत्तर- 2
110. वैशेषिक के अनुसार परमाणुओं में पाया जाता है-
(1) संख्यात्मक भेद,
गुणात्मक अभेद
(2) संख्यात्मक भेद,
गुणात्मक भेद
(3) दोनों में अभेद
(4) संख्यात्मक अभेद,
गुणात्मक भेद
उत्तर- 2
111. कौन सा दर्शन आत्मा को देहपरिमाणी स्वीकार करता है?
(1) चार्वाक
(2) जैन
(3) मीमांसा
(4) विशिष्टाद्वैत
उत्तर- 2
112. मोक्ष हेतु पुष्टिमार्ग का समर्थन किसने किया है?
(1) रामानुज
(2) माध्वाचार्य
(3) वल्लभ
(4) भास्कराचार्य
उत्तर- 3
113. परमाणुओं में पित्तर-पाक प्रक्रिया को कौन स्वीकार करता है?
(1) न्याय
(2) वैशेषिक
(3) मीमांसा
(4) वेदान्त
उत्तर- 1
114. न्याय दर्शन में किसे पदार्थ नहीं माना गया है?
(1) प्रमाण
(2) तर्क
(3) प्रामाण्य
(4) शब्द
उत्तर- 4
115. जैन मत के अनुसार आत्मा का
(1) बन्धन सादि व सांत है और मोक्ष भी सादि व सांत है।
(2) बन्धन अनादि व अनंत है और मोक्ष भी अनादि व अनंत है।
(3) बन्धन सादि व अनंत है और मोक्ष अनादि व सांत है।
(4) बन्धन अनादि व सांत है और मोक्ष सादि व अनंत है।
उत्तर- 4
116. “कारण में कार्य अव्यक्त रूप में रहता है और बाह्य कारण से
कार्य की उत्पत्ति वास्तविक है।”
ये मत मान्य है -
(1) बौद्ध व न्याय सम्प्रदाय को
(2) मीमांसा व जैन मत को
(3) चार्वाक व वेदान्त मत को
(4) सांख्य व योग मत को
उत्तर- 4
117. योग दर्शन में ईश्वर विश्व का
(1) केवल उपादान कारण है।
(2) निमित्त व उपादान दोनों कारण है।
(3) केवल निमित्त कारण है।
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 3
118. ब्रह्म,
जीव व जगत में पंच भेद को स्वीकार किया
है -
(1) शंकर
(2) रामानुज
(3) भास्कराचार्य
(4) माध्वाचार्य
उत्तर- 4
119. शंकर वेदान्त के प्रस्थानत्रयी में नहीं है।
(1) ब्रह्म-सूत्र
(2) उपनिषद्
(3) गीता
(4) श्रीमद्भागवत
उत्तर- 4
120. कौन सा दर्शन देहात्मवाद को मानता है?
(1) चार्वाक
(2) बौद्ध
(3) मीमांसा
(4) शैव
उत्तर- 1
121. नासदीय सुक्त में अव्यक्त चेतन शक्ति को क्या कहा गया है?
(1) पुरुष
(2) इन्द्र
(3) असत्त
(4) तपस
उत्तर- 4
122. “जैसे पृथ्वी से औषधियाँ निकलती हैं या शरीर से रोये निकलते हैं
वैसे ही अविनाशी ब्रह्म से सब उत्पन्न होता है” लिखा
है-
(1) छान्दोग्य उपनिषद में
(2) मुण्डक उपनिषद में
(3) तैतिरीय उपनिषद में
(4) कठोपनिषद में
उत्तर- 2
123. आरण्यकों में ब्रह्म के कितने स्वरूप कहे गये हैं?
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार
उत्तर- 3
124. गीता में किस तत्त्व को प्रधान तत्त्व स्वीकार किया गया है?
(1) प्रकृति
(2) परा - प्रकृति
(3) अपरा प्रकृति
(4) पुरुषोत्तम
उत्तर- 4
125. जैन दर्शन में 'शब्द' किस द्रव्य का परिणाम माना गया है?
(1) आकाश
(2) पुद्गल
(3) दिक
(4) काल
उत्तर- 2
126. वैशेषिक दर्शन में नित्य द्रव्य स्वीकार किया गया है-
(1) पृथ्वी परमाणु
(2) आकाश
(3) अग्नि-परमाणु
(4) ये सभी
उत्तर- 4
127. योगाचारों को विज्ञानवादी भी कहा जाता है क्योंकि उनका मानना
है कि-
(1) चेतना के अतिरिक्त सभी धर्म असत् है।
(2) वस्तुओं का अध्ययन वैज्ञानिक पद्धति से किया जाना चाहिए।
(3) अनुमान ही ज्ञान का एकमात्र प्रमाण है।
(4) बाह्य वस्तुएँ क्षणिक हैं।
उत्तर- 1
128. किस दार्शनिक के अनुसार बुद्ध ने नित्य आत्मा के को स्वीकार
किया है?
(1) इकबाल
(2) गांधी
(3) विवेकानन्द
(4) राधाकृष्णन
उत्तर- 4
129. सांख्य दर्शन में 'ज्ञ' किसे कहा गया है?
(1) प्रकृति
(2) पुरुष
(3) व्यक्त
(4) महत्
उत्तर- 2
130. कारणता के सिद्धान्त को मूल रूप से कितने वर्गों में बाँटा गया
है?
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार
उत्तर- 2
131. न्याय के अनुसार धागों के बीच का संबंध कपड़े का है।
(1) निमित्त कारण
(2) समवायी कारण
(3) असमवायी कारण
(4) लक्ष्य कारण
उत्तर- 3
132. निम्न में से कौन सा युग्म सत्कार्यवाद के परिणामवाद का समर्थक
है?
(1) सांख्य - विशिष्टाद्वैत
(2) न्याय-सांख्य
(3) सांख्य शंकर
(4) न्याय-वैशेषिक
उत्तर- 1
133. सांख्य में दुःख का वस्तुगत प्रकार कहलाता है:
(1) आध्यात्मिक दुःख
(2) आधिभौतिक दुःख
(3) आधिदैविक दुःख
(4) ये सभी
उत्तर- 2
134. कौन से दर्शन में 'ईश्वर-प्रणिधान'
को मोक्ष प्राप्ति का साधन माना गया है?
(1) न्याय
(2) विशिष्टाद्वैत
(3) योग दर्शन
(4) अद्वैत वेदान्त
उत्तर- 3
135. मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक हेतु 'षट्
सम्पत्ति' को आवश्यक किसने माना है?
(1) शंकर
(2) सांख्य
(3) पतंजलि
(4) गौतम
उत्तर- 1
136. रामानुज ने मूर्ति में प्रकट ईश्वर को ईश्वर का कौन सा रूप कहा
है?
(1) व्यूह
(2) विभव
(3) अर्चावतार
(4) प्रकट
उत्तर- 3
137. उदयन ने किस ग्रंथ में ईश्वर के अस्तित्व के प्रमाण दिये हैं?
(1) न्याय कुसुमांजलि
(2) न्यायवार्तिक
(3) न्याय सूत्र
(4) तर्कभाषा
उत्तर- 1
138. शंकर के अनुसार ईश्वर सत्ता के किस स्तर का विषय है?
(1) पारमार्थिक
(2) व्यावहारिक
(3) प्रातिभासिक
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- 2
139. जब किसी वस्तु का संयोग किसी अन्य वस्तु के माध्यम से होता है
उसे कहते हैं?
(1) उभय कर्मज
(2) कर्मज
(3) संयोग
(4) प्रतिसंयोगज
उत्तर- 3
140. निम्न में 'अयुतसिद्ध'
संबंध कौन सा है?
(1) सामान्य व व्यक्ति
(2) द्रव्य व गुण
(3) अवयव व अवयवी
(4) ये सभी
उत्तर- 4
141. नित्य व अनित्य समवाय का भेद किसने माना है?
(1) प्रभाकर
(2) कणाद
(3) कुमारिल
(4) प्रशस्तपाद
उत्तर- 1
142. किसने काल को अनस्तिकाय द्रव्य बताया है?
(1) चार्वाक
(2) जैन
(3) बौद्ध
(4) मीमांसा
उत्तर- 2
143. जैन दर्शन आकाश के कितने भेद स्वीकार करते हैं?
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार
उत्तर- 2
144. चार्वाक दर्शन के अनुसार श्रुति (आप्तवाक्य) ज्ञान का प्रमाण
नहीं है क्योंकि:
(1) यह सुनने पर आधारित है।
(2) यह परोक्ष ज्ञान देती है।
(3) यह ऐसी सत्ताओं की चर्चा करती है जिन्हें इन्द्रिय - प्रत्यक्ष
से प्रमाणित नहीं किया जा सकता (अर्थात् उनका प्रत्यक्ष असम्भव है)
(4) यह विरोधी ज्ञान देती है।
उत्तर- 3
145. वैशेषिक दर्शन में 'दिक्' को माना है।
(1) द्रव्य
(2) गुण
(3) कर्म
(4) संयोग
उत्तर- 1
146. प्रशस्तपाद के अनुसार ज्ञान के दो प्रमुख प्रकार हैं-
(1) प्रमा व अप्रमा
(2) विद्या व अविद्या
(3) सम्यक व असम्यक
(4) अनुभव व स्मृति
उत्तर- 2
147. ज्ञान का भाव रूप व अभाव रूप में भेद कौन करता है?
(1) शंकर
(2) कुमारिल
(3) प्रभाकर
(4) पंचशिखाचार्य
उत्तर- 3
148. प्रभाकर ज्ञान को मानते हैं:
(1) द्रव्य
(2) गुण
(3) आगन्तुक गुण
(4) क्रिया
उत्तर- 4
149. 'अविसंवादित्व'
को प्रमा का लक्षण किसने स्वीकार किया
है?
(1) धर्मकीर्ति
(2) नागसेन
(3) वसुबन्धु
(4) दिंगनाग
उत्तर- 1
150. कौन सा दर्शन 'अनधिगत,
असंदिग्ध व अविपरीत' को
प्रमा का लक्षण मानता है?
(1) जैन
(2) बौद्ध
(3) सांख्य
(4) न्याय
उत्तर- 3
Post a Comment
0 Comments