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Showing posts from February, 2022

जैन धर्म

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Jain Dharm जैन धर्म जैन शब्द संस्कृत भाषा के ' जिन ' शब्द से बना है , जिसका अर्थ ' विजेता ' होता है अर्थात् जिसने अपनी इंद्रियों को जीत लिया हो। जैन अनुश्रुतियों और परम्पराओं के अनुसार जैन धर्म 24 तीर्थंकर माने गए हैं , परंतु पहले 22 तीर्थंकर की ऐतिहासिकता संदिग्ध है।  जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर एवं संस्थापक ऋषभदेव है और अंतिम 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव और 22वें तीर्थंकर अरिष्टनेमी का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। पार्श्वनाथ 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे। इनका जन्म इक्ष्वाकु वंशीय राजा अश्वसेन के घर हुआ था। जैन साहित्य के अनुसार इनका जन्म महावीर से लगभग 250 ईसा पूर्व 8वीं सदी ईसा पूर्व में हुआ था। इनकी माता का नाम वामा था। इनका विवाह कुशस्थल की राजकन्या प्रभावती के साथ हुआ था। 30 वर्ष की अवस्था में वैभव - विलास पूर्ण जीवन का त्याग कर दिया। 83 दिन की घोर तपस्या के बाद सम्मेद पर्वत पर इन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ।   पार्श्वनाथ द्वारा प्रतिपादित मार्ग का अनुसशरण करने वाले अनुयायी ' निर्ग्रन्थ ' कहलाये , क्योंकि वे सांसारिक बंधनों यान...

निगंठ नातपुत्त किसे कहा जाता है?

  नास्तिक सम्प्रदायों का उद्भव तथा विकास  ईसा पूर्व छठी शताब्दी का काल धार्मिक दृष्टि से क्रांति अथवा महान परिवर्तन का काल माना जाता है। इस समय परम्परागत वैदिक धर्म एवं समाज में व्याप्त कुरीतियों , पाखण्डों , कुप्रथाओं ,  छुआछूत, ऊंच—नीच आदि के विरुद्ध आन्दोलन हुए। यह आन्दोलन कोई आकस्मिक घटना नहीं थी बल्कि यह चिरकाल से संचित हो रहे असंतोषों की ही परिणति थी। वैदिक धर्म के कर्मकाण्डों तथा यज्ञीय विधि - विधानों के विरुद्ध प्रतिक्रिया वस्तुत: उत्तरवैदिक काल में ही प्रारंभ हो चुकी थी। वैदिक धर्म की व्याख्या एक नये सिरे से की गयी तथा यज्ञ एवं कर्मकाण्डों की निन्दा करते हुए धर्म के नैतिक पक्ष पर बल दिया गया। संसार को मिथ्या बताकर आत्मा की अमरता के सिद्धांत का प्रतिपादन हुआ शरीर को आत्मा के लिए बन्धन बताया गया। बौद्ध साहित्य से ज्ञात होता है कि महात्मा बुद्ध के जन्म से पूर्व समाज में 6 बौद्धेतर आचार्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण थे- निगंठनातपुत्त:   यह जैन आन्दोलन के प्रवर्तक महावीर का नाम था। पूरन कस्सप:  ये अक्रियावाद अथवा अकर्म के प्रचारक थे जिन्होंने यह म...

assistant professor 2020 drawing 2nd solved paper

    असिस्टेंट प्रोफेसर 2020 ड्राइंग और पेंटिंग पेपर 2nd का हल   Exam date: 2 अक्टूबर , 2021   1. अभिकथन ( A) किसी रूप को प्रभाविता प्रदान करने के लिए उसे अलंकृत पृष्ठभूमि में चित्रित करना चाहिये। कारण ( R) : क्योंकि अलंकृत स्थान का आकर्षण रिक्त स्थान से अधिक होता है। (1) (A) सत्य और ( R) असत्य है। (2) (A) असत्य और ( R) सत्य है। (3) (A) और ( R) दोनों सत्य हैं। (4) (A) आंशिक सत्य और ( R) सत्य है। उत्तर- 2   2. आकृति की आवृत्ति द्वारा चित्र में क्या प्रभाव उत्पन्न होता है ? (1) प्रवाह (2) विरोधाभास (3) बेचैनी (4) इनमें से कोई नहीं उत्तर- 1   3. माइकल ऐंजिलो ने मानव देहाकृति को कितने भागों में बाँटा है ? (1) 6 (2) 7 (3) 7.5 (4) 8 उत्तर- 4   4. दृष्टि के कोण के कारण आकारों में छोटापन आता है उसे कहते हैं ? (1) स्थितिजन्य लघुता (2) प्रमाण (3) वातावरणीय क्षय वृद्धि (4) इनमें से कोई नहीं उत्तर- 1   5. सीधी लम्बवत रेखा का प्रयोग चित्र में कौन सा भाव लाता है ? (1) विश्राम (2) स्थाय...