विश्व इतिहास में अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का एक अपना महत्त्वपूर्ण स्थान है।
लगभग आठ वर्षों तक लड़े गये इस संघर्ष का सामरिक दृष्टि से विशेष महत्त्व नहीं है क्योंकि दोनों ही पक्षों ने इस संघर्ष में अधिक स्फूर्ति तथा युद्ध कौशल का परिचय नहीं दिया। परन्तु राजनैतिक दृष्टि से इस संघर्ष का अत्यधिक महत्त्वपूर्ण स्थान है।
इंग्लैण्ड के निरंकुश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध अमेरिकन जनतंत्र की यह शानदार विजय थी।
यदि इंग्लैण्ड ने प्रतिनिधिसत्तात्मक प्रथा को जन्म दिया था तो अमेरिका के स्वतंत्रता संघर्ष के परिणामस्वरूप जनतंत्रात्मक प्रथा का जन्म हुआ जिसमें पहली बार सर्वसाधारण को मताधिकार प्राप्त हुआ।
पहली बार सही अर्थों में आधुनिक ढंग से प्रजातंत्र की स्थापना हुई।
इससे दूसरे देशों को भी प्रेरणा मिलती रही और अमेरिकी स्वतंत्रता संघर्ष उनके लिए एक प्रेरणादायक आदर्श बन गया। निरंकुश और साम्राज्यवाद की शिकार जनता को एक नया सहारा मिल गया। आयरलैण्ड और फ्रांस के लोगों को इससे विशेष प्रेरणा मिली।
फ्रांसीसी क्रान्ति के मुख्य सिद्धान्तों-स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व का मूल अमेरिकी संघर्ष में ही निहित है।
इस संघर्ष से प्रेरणा पाकर दक्षिणी अमेरिका के लोग भी स्पेन तथा पुर्तगाल के शासन से मुक्त होने में सफल रहे।
संघात्मक शासन पद्धति का प्रयोग एवं विकास भी इसी क्रान्ति की देन मानी जाती है।
लिखित संविधान का व्यवहार और धर्म तथा शासन का अलगाव भी इसी क्रान्ति की विशेषता है।
इसके परिणामस्वरूप इंग्लैण्ड की पुरानी औपनिवेशिक नीति और वाणिज्यवादी सिद्धान्तों में महान परिवर्तन आया और केबिनेट प्रथा का पुनः विकास हुआ।
इस प्रकार, प्रजातंत्र के विकास में अमेरिका के स्वतंत्रता संघर्ष का विशेष स्थान रहा है।
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